Tuesday 7 April 2020

हनुमान के पुत्र मकरध्वज का जन्म कैसे हुआ

Hanuman Ji Ka Putra Makardhwaj


वनवास काल के दौरान जब  रावण सीता का अपहरण कर लेता हैं, तब सीता की खोज में श्री राम की मुलाकात हनुमान जी से होती है और वे सीता के खो जाने की कथा हनुमान को सुनाते हैं तब हनुमान और उनके सखा सुग्रीव और उसकी वानर सेना सीता की खोज में श्री राम एवम लक्ष्मण की मदद करते हैं बहुत प्रयासो के बाद जब श्री राम और उनके साथियों को यह पता चलता हैं कि सीता का अपहरण लंका पति रावण ने किया हैं तब वे हनुमान को समुद्र पार सीता की खोज में भेजते हैं। हनुमान मायावी थे वे अपनी शक्ति की सहायता से आकाश मार्ग से लंका पहुँचते हैं और लंका की अशोक वाटिका में बैठी सीता से मुलाकात करते हैं जिसके लिए वे सीता को श्री राम के दूत होने के प्रमाण के रूप में श्री राम द्वारा दी हुई मुद्रिका दिखाते हैं जिसे देखते ही सीता समझ जाती हैं और उन्हें यकीन हो जाता हैं कि उनके पति श्री राम उन्हें लेने आ चुके हैं हनुमान सीता की खबर लेने के बाद अशोक वाटिका में लगे वृक्षों के फल खाकर अपना पेट भरते हैं और पूरी अशोक वाटिका को उजाड़ देते हैं तब रावण के सेना के राक्षस हनुमान से युद्ध करते हैं लेकिन कोई उन्हें पकड़ नहीं पाता तब उन्हें रावण का पुत्र मेघनाद पकड़ने जाता हैं और पकड़ कर दरबार में रावण के सामने बंधी बनाकर लाता हैं तब हनुमान..........आगे पढ़ने के लिए लिए गए लिंक पर क्लिक करें:- हनुमान के पुत्र मकरध्वज का जन्म कैसे हुआ




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