Friday 5 April 2019

फीफा रैंकिंग में भारत 101वें स्थान पर


फीफा द्वारा 04 अप्रैल 2019 को जारी विश्व रैंकिंग में भारत को 101वां स्थान प्राप्त हुआ है भारतीय टीम के कुल अंक 1219 हैं और वह एशियाई देशों में 18वें स्थान पर है

भारतीय टीम ने सात फरवरी को पिछली रैकिंग जारी होने के बाद कोई मैच नहीं खेला है ईरान (विश्व रैकिंग में 21वें स्थान) एशियाई रैंकिंग में शीर्ष पर है। उसके बाद जापान (26वें स्थान), दक्षिण कोरिया (37वें स्थान), आस्ट्रेलिया (41 वेंस्थान) और कतर (55वें स्थान) का नंबर आता है। फीफा रैंकिंग में टॉप-3 टीमों के स्थान में कोई परिवर्तन नहीं हुआ है। बेल्जियम 1737 अंको के साथ पहले स्थान पर, फ्रांस 1734 अंको के साथ दूसरे स्थान पर और ब्राजील 1676 अंको के साथ तीसरे नंबर पर है


फीफा द्वारा मार्च 2018 में जारी रैंकिंग में भारत

फीफा द्वारा मार्च 2018 में जारी रैंकिंग में भारत 100वें स्थान के भीतर 99 पर पहुँच गया था लेकिन भारत का यह स्थान ज्यादा समय तक बरकरार नहीं रह सका और अगली ही रैंकिंग में 103 पर पहुँच गया


भारत की सर्वश्रेष्ठ रैकिंग

भारत की सर्वश्रेष्ठ रैकिंग 94 है जो उसने 1996 में हासिल की थी स्टीफन कांस्टेनटाइन की कोचिंग वाली टीम वर्ष 2017 में 96वें स्थान पर पहुंची थी, लेकिन वह अपने इस स्थान को बरकरार रखने में नाकाम रही थी


फीफा रैंकिंग में टॉप 10 टीमें:

रैंक      टीम            कुल अंक

1        बेल्जियम      1737

2        फ्रांस           1734

3        ब्राज़ील         1676

4        इंग्लैंड          1647

5        क्रोएशिया     1621

6        उरुग्वे          1613

7        पुर्तगाल        1607

8        स्विट्जरलैंड 1604

9        स्पेन            1601

10     डेनमार्क        1586


फीफा विश्व रैंकिंग

•    यह पुरुषों की फुटबॉल स्पर्धा के लिए दिए जाने वाली रैंकिंग है

•    वर्तमान रैंकिंग प्रक्रिया में टीम द्वारा पिछले चार वर्षों में किये गये प्रदर्शन को आधार बनाकर किया जाता है

•    फीफा के प्रतिभागी देशों को उनके परिणाम के आधार पर चयनित किया जाता है

•    फीफा रैंकिंग की प्रक्रिया दिसंबर 1992 में आरंभ हुई थी

Thursday 4 April 2019

विश्वभर में 11 करोड़ 13 लाख लोग भुखमरी से प्रभावित


विश्वभर में करीब 11 करोड़ 13 लाख लोगों को पिछले वर्ष घोर भुखमरी जैसी स्थिति का सामना करना पड़ा था. संयुक्त राष्ट्र और यूरोपीय संघ की एक नई रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है

रिपोर्ट के अनुसार युद्ध, जलवायु से जुड़ी आपदाओं और आर्थिक अशांति जैसे कारणों से पैदा हुए खाद्य संकट की वजह से दुनिया के 53 देशों के लोगों को पिछले साल घोर भुखमरी जैसी स्थिति का सामना करना पड़ा था


मुख्य बिंदु

खाद्य एवं कृषि संगठन (एफएओ), विश्व खाद्य कार्यक्रम (डब्ल्यूएफपी) और यूरोपीय संघ की ‘ग्लोबल रिपोर्ट ऑन फूड क्राइसिस 2019’ रिपोर्ट में बताया गया है कि एक करोड़ से ज्यादा लोग पिछले तीन साल से लगातार भुखमरी का सामना कर रहे हैं

रिपोर्ट के मुताबिक करीब 11 करोड़ 13 लाख से ज्यादा लोग 53 देशों में घोर भुखमरी का सामना कर रहे हैं और उन्हें जल्द से जल्द खाद्य पदार्थ, पोषक आहार और आजीविका की जरूरत है

खाद्य पदार्थ का सबसे भयावह संकट का सामना अफगानिस्तान, इथियोपिया, सीरिया, यमन, डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो, सूडान, दक्षिणी सूडान और उत्तरी नाइजीरिया जैसे देश कर रहे हैं इन देशों में कुल सात करोड़ 20 लाख लोग खाद्य संकट का सामना कर रहे हैं

रिपोर्ट में कहा गया है कि बच्‍चों को उचित भोजन नहीं मिल पा रहा, जिसकी वजह से कुपोषण के शिकार बच्‍चों की संख्‍या लगातार बढ़ रही है

रिपोर्ट के अनुसार भुखमरी की वजह से महिलाओं के स्‍वास्‍थ्‍य पर भी इन देशों में बेहद प्रतिकूल प्रभाव पड़े हैं

रिपोर्ट में इसके अलावा संघर्षों की रोकथाम और शांति को टिकाऊ बनाने की महत्व को बताया गया है जिससे आजीविका बचाने, संरचनात्मक कमजोरियों को कम करने एवं भुखमरी के मूल कारणों दूर करने में मदद मिल सके

रिपोर्ट के अनुसार पिछले साल जलवायु और प्राकृतिक आपदाओं ने 2.9 करोड़ लोगों को खाद्य असुरक्षा की दिशा में धकेल दिया

यह रिपोर्ट प्रत्येक साल अंतरराष्ट्रीय मानवीय राहत और विकास से जुड़े साझेदार संगठनों के नेटवर्क ‘ग्लोबल नेटवर्क अगेंस्ट फूट क्राइसिस’ द्वारा तैयार किया जाता है


विश्व खाद्य कार्यक्रम (डब्ल्यूएफपी)

विश्व खाद्य कार्यक्रम संयुक्त राष्ट्र की खाद्य-सहायता शाखा है और दुनिया की सबसे बड़ी मानवीय संस्था है जो भूख को संबोधित करती है और खाद्य सुरक्षा को बढ़ावा देती है। डब्ल्यूएफपी के अनुसार, यह प्रत्येक वर्ष 83 देशों में औसतन 91.4 मिलियन लोगों को भोजन सहायता प्रदान करता है


खाद्य एवं कृषि संगठन (एफएओ)

खाद्य और कृषि संगठन (एफएओ) खाद्य और कृषि संगठन (एफएओ) संयुक्‍त राष्‍ट्र संघ तंत्र की सबसे बड़ी विशेषज्ञता प्राप्त एजेंसियों में से एक है एफएओ की स्‍थापना साल 1945 में कृषि उत्‍पादकता और ग्रामीण आबादी के जीवन निर्वाह की स्‍थिति में सुधार करते हुए पोषण तथा जीवन स्‍तर को उन्‍नत बनाने के अधिदेश के साथ की गई थी


संयुक्त राष्ट्र के बारे में

संयुक्त राष्ट्र (यूएन) एक अंतरराष्ट्रीय संगठन है. इसका उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय कानून को सुविधाजनक बनाने के सहयोग, अन्तर्राष्ट्रीय सुरक्षा, आर्थिक विकास, सामाजिक प्रगति, मानव अधिकार और विश्व शांति के लिए कार्यरत है संयुक्त राष्ट्र की स्थापना 24 अक्टूबर 1945 को संयुक्त राष्ट्र अधिकारपत्र पर 50 देशों के हस्ताक्षर होने के साथ हुई

वर्तमान में संयुक्त राष्ट्र में 193 देश है, विश्व के लगभग सारे अंतरराष्ट्रीय मान्यता प्राप्त देश हैं. इस संस्था की संरचन में आम सभा, सुरक्षा परिषद, आर्थिक व सामाजिक परिषद, सचिवालय और अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय सम्मिलित है

भारत और ऑस्ट्रेलिया के मध्य तीसरा नौसैनिक युद्धाभ्यास ऑसीइंडैक्स-19 आरंभ


भारत और ऑस्ट्रेलिया की नौसेनाओं के बीच तीसरा नौसैनिक युद्धाभ्यास ऑसीइंडैक्‍स-2019 विशाखापतनम के नौसैनिक अड्डे पर 02 अप्रैल 2019 को शुरू हुआ। ऑसीइंडैक्‍स के तीसरे संस्करण में भाग लेने के लिये आस्ट्रेलियाई नौसेना के हेलिकॉप्टर पोत कैनबरा, फ्रिगेट न्यू कैसल और पारामाट्टा, पनडुब्बी कोलिंस और एक तेलवाहक पोत विशाखापतनम अड्डे पर पहुँच चुके हैं

इस अभ्‍यास का मुख्य उद्देश्‍य भारतीय नौसेना और रॉयल ऑस्ट्रेलियन नौसेना के बीच सम्‍पर्क और व्‍यवसायिक विचारों के आदान-प्रदान के अवसर उपलब्‍ध कराने के माध्‍यम से दोनों नौसेनाओं के बीच परस्‍पर सहयोग और अंतर-संचालन को मजबूती देना और उसमें वृद्धि करना है। भारत  के प्रधानमंत्री और ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री द्वारा 2014 में घोषित सुरक्षा सहयोग के लिए फ्रेमवर्क (एफएससी) की परिकल्‍पना के अनुरूप दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय और रक्षा सहयोग को मजबूत करने के संकेत के रूप में विशाखापत्तनम में सितंबर 2015 में अभ्यास का पहला संस्करण आयोजित किया गया था

अभ्यास के दूसरे संस्करण की मेजबानी ऑस्ट्रेलिया ने जून 2017 में फ्रीमैंटल में की थी, जिसमें भारतीय नौसेना के पूर्वी बेड़े के जहाजों ने रॉयल ऑस्ट्रेलियाई नौसेना के जहाजों और पनडुब्बियों के साथ अभ्यास किया


मुख्य बिंदु

➤ पिछले चार वर्षों में द्विवार्षिक सामुद्रिक अभ्‍यास की जटिलता निरंतर बढ़ती गई है। तीसरे संस्‍करण में एएसडब्‍ल्‍यू पर केन्द्रित तीनों आयामों वाले अभ्‍यास शामिल किये जाएंगे

➤ द्विप‍क्षीय अभ्‍यास में दोनों देशों की नौसेनाओं द्वारा अब तक की सर्वाधिक इकाइयां भाग ले रही हैं

➤ दोनों देशों द्वारा भागीदारी के पैमाने में वृद्धि इस अभ्‍यास को दिये जा रहे महत्‍व को दर्शाती है, जबकि बढ़ी हुई जटिलता दोनों नौसेनाओं के बीच अंतर-संचालन का संकेत है

यह अभ्‍यास भारत के विजन सागर (क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और प्रगति) और सामुद्रिक क्षेत्र में अच्‍छी व्‍यवस्‍था सुनिश्चित करने के प्रति दोनों देशों के साझा उद्देश्‍यों को रेखांकित करता है तथा मित्र एवं सामंजस्यपूर्ण देशों के साथ एकजुटता प्रकट करता है


पृष्ठभूमि

पहले विश्‍व युद्ध के दौरान गैलीपोली की खाइयों और पश्चिमी मोर्चे के साथ साझा अनुभवों सहित सहयोग के लंबे इतिहास पर आधारित भारत और ऑस्‍ट्रेलिया के बीच सकारात्‍मक रक्षा संबंध रहे हैं, जिन्‍हें साल 2006 के रक्षा सहयोग के ज्ञापन तथा साल 2009 के सुरक्षा सहयोग पर संयुक्‍त घोषणा-पत्र के माध्यम से नया आधार प्रदान किया गया हालांकि साल 2014 में द्विपक्षीय एफएससी के बाद दोनों देशों के बीच रक्षा और सुरक्षा के मामलों को महत्‍वपूर्ण गति मिली और इस प्रकार सचेत और केन्द्रित वृद्धि देखी गई

प्रधानमंत्री मोदी को मिला यूएई का सर्वोच्च नागरिक सम्मान


संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने 04 अप्रैल 2019 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को अपने सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'जायेद मेडल' से नवाजने का फैसला किया है प्रधानमंत्री मोदी को यह सम्मान भारत और यूएई के आपसी संबंधों को मजबूत करने के लिए दिया गया है

यूएई के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन जायेद ने ट्वीट कर इसका घोषणा किया है। उन्होंने अपने ट्वीट में कहा की दोनों देशों के संबंधों को मजबूत बनाने के उनके प्रयासों की सराहना करते हुए यूएई के राष्ट्रपति ने उन्हें जायेद मेडल से सम्मानित करने का फैसला लिया हैं


सम्‍मान पाने वाले पहले भारतीय

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी यह सम्‍मान पाने वाले पहले भारतीय हैं इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी को सियोल शांति पुरस्‍कार से सम्मानित किया गया था


इससे पहले यह सम्मान किसे मिला?

इससे पहले यह सम्मान महारानी एलिजाबेथ, जॉर्ज डब्ल्यू बुश, व्लादिमीर पुतिन, निकोलस सरकोजी, शी जिनपिंग और एंजेला मर्केल को मिल चुका है। यूएई का यह अहम सम्मान ज्यदातार पी-5 देशों के राष्ट्राध्यक्षों को मिला है लेकिन पीएम मोदी का नाम अब इस महत्वपूर्ण लीग में शामिल हो गया है। यह सम्मान दोनों देशों के रिश्तों में आई मजबूती और विश्वास को दर्शाता है

संयुक्त अरब अमीरात का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है, जो बादशाहों, प्रेसिडेंट और हेड ऑफ स्टेट को दिया जाता है


प्रधानमंत्री मोदी द्वारा यूएई का दौरा

प्रधानमंत्री मोदी ने हाल ही में संयुक्त अरब अमीरात का दौरा किया था इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने अबुधाबी में पहले हिन्दू मंदिर का शिलान्यास भी किया था मोदी की इस यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच कई समझौतों पर हस्ताक्षर हुए थे संयुक्त अरब अमीरात के क्राउन प्रिंस ने भी साल 2017 में भारत का दौरा किया था

Monday 1 April 2019

भारतीय निर्वाचन आयोग क्या है - कार्य और शक्तियां


भारत निर्वाचन आयोग (Election Commission of India) – भारत निर्वाचन आयोग (ECI) एक स्थायी और स्वतंत्र निकाय है। इसका गठन देश में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित कराने के उद्देश्य से किया गया था। भारतीय संविधान का अनुच्छेद 324 यह वर्णित करता है कि संसद, राज्य विधानसभाओं, राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के चुनावों के अधीक्षण, निर्देशन और नियंत्रण की शक्ति ECI में निहित होगी। अत: ECI एक अखिल भारतीय संस्था है एवं यह केंद्र एवं राज्य दोनों के लिए समान है।

बतादें कि भारत निर्वाचन आयोग राज्यों के पंचायतों और नगर पालिकाओं के चुनाव से संबंधित नहीं है। संविधान में अनुच्छेद 243K के तहत इस उद्देश्य के लिए अलग से राज्य निर्वाचन आयोग की व्यवस्था की गयी है।

भारत निर्वाचन आयोग की संरचना और नियुक्ति
संविधान के अनुच्छेद 324 के तहत निर्वाचन आयोग का गठन एक मुख्य निर्वाचन आयुक्त और अन्य निर्वाचन आयुक्तों से मिलकर होता है। अन्य निर्वाचन आयुक्तों की संख्या का निर्धारण राष्ट्रपति द्वारा किया जाता है। निर्वाचन आयोग की सलाह पर राष्ट्रपति द्वारा प्रादेशिक आयुक्तों की नियुक्ति का भी प्रावधान किया गया है।

भारतीय संविधान में मूल रूप से निर्वाचन आयोग में केवल मुख्य निर्वाचन आयुक्त का प्रावधान किया गया था। परंतु वर्तमान में यह तीन सदस्यीय निकाय है। इसमें एक मुख्य निर्वाचन आयुक्त और दो अन्य निर्वाचक आयुक्त हैं।

पहली बार 2 अतिरिक्त निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्ति 16 अक्टूबर, 1989 को हुई थी। उनका कार्यकाल 1 जनलवरी 1990 तक के अल्प समय के लिए ही था। कालांतर में 1 अक्टूबर, 1993 को पुन: 2 अतिरिक्त निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्ति की गयी। उसी समय में आयोग के बहु सदस्यीय होने की व्यवस्था प्रचलन में है। इस व्यवस्था में कोई भी निर्णायन आयोग के सदस्यों के बहुमत द्वारा होता है।


मुख्य निर्वाचन आयुक्त और दो अन्य निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है। निर्वाचन आयुक्तों की शक्तियां समान होती है। उन्हें समान वेतन और भत्ता प्राप्त होता है। ये वेतन एवं भत्ते उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के समान होते हैं।

निर्वाचन आयुक्तों और प्रादेशिक आयुक्तों के कार्यकाल की शर्तों के निर्धारण राष्ट्रपति द्वारा किया जाता है। वर्तमान में ये 6 वर्ष की अवधि के लिए या 65 वर्ष की आयु (दोनों में से जो भी पहले पूरो हो) तक पद धारण करते हैं।

भारत निर्वाचन आयोग की स्वतंत्रता
अपने कार्यों के निष्पादन के संदर्भ में, निर्वाचन आयोग कार्यकारी हस्तक्षेपों से मुक्त होता है। आयोग ही आम चुनाव या उप-चुनाव के चुनाव कार्यक्रम की समय सामग्री को निर्धारित करता हे। आयोग द्वारा निम्नलिखित विषयों यथा –
(i) किन स्थलों को मतदान केंद्र चुना जाना चाहिए।
(ii) मतदाताओं के लिए मतदान केंद्र किस प्रकार से निर्धारित हो।
(iii) मतगणना केंद्रों की अवस्थिति तथा,
(iv) मतदान केंद्रों एवं मतगणना केद्रों की प्रशासन व्यवस्था एवं अन्य सभी संबंधित मामलों में निर्णय लिया जाता है।
आयोग के स्वतंत्र कामकाज को सुनिश्चित करने के लिए संविधान में निम्नलिखित प्रावधान प्रदान किए गए हैं –
मुख्य निर्वाचक आयुक्त को कार्यकाल की सुरक्षा प्रदान की गई है। उसकी नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है किंतु वह राष्ट्रपति के प्रसादपर्यंत पद धारण नहीं करता है। उसे उसके पद से उसी रीति व उन्हीं आधारों पर हटाया जा सकता है, जिस रीति एवं आधारों पर उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशों को हटाया जाता है। अर्थात अक्षमता या सिद्ध कदाचार के आधार पर संसद के दोनों सदनों द्वारा विशेष बहुमत से प्रस्ताव पारित कर राष्ट्रपति द्वारा उसे पद से हटाया जा सकता है। अन्यथा नहीं।
मुख्य निर्वाचन आयुक्त की नियुक्ति के बाद उसकी सेवा शर्तों में कोई अलाभकारी परिवर्तन नहीं किया जा सकता है।
मुख्य निर्वाचन आयुक्त की सिफारिश के बिना किसी अन्य निर्वाचन आयुक्त या क्षेत्रीय आयुक्त को नहीं हटाया जा सकता है। (सिफारिश संबंधी यह नियम तब विवादों में आया, जब श्री एन गोपालस्वामी ने नवीन चावला को हटाने की सिफारिश की किंतु सरकार ने इसे स्वीकार करने से मना कर दिया था।)
आयोग के ​सचिवालय का अपना एक स्वतंत्र बजट होता है जिसे आयोग और संघ सरकार के वित्त मंत्रालय के परामर्श से अंतिम रूप दिया जाता है। उच्चतम न्यायालय, CAG आदि जैसे अन्य निकायों के समान इसका व्यय भारत की संचित निधि पर भारित नहीं है। हाल ही में आयोग ने अपने समस्त व्यय को संचित निधि पर भारित किये जाने की मांग की है।

निर्वाचन आयोग को स्वतंत्र और निष्पक्ष काम करने के लिए संविधान के तहत दिशा निर्देश प्रदान किए गए हैं लेकिन इसमें कुछ कमिया भी प्राप्त हैं–
1. संविधान में ECI के सदस्यों की योग्यता निर्धारित नहीं की गई है।
2. संविधान में ECI के सदस्यों का कार्यकाल निर्धारित नहीं किया गया है।
3. संविधान में निर्वाचन आयुक्तों को सेवानिवृत्ति के पश्चात सरकार द्वारा दिए गए किसी पद को लेने से वंचित नहीं किया गया है।
4. हाल ही में यह मांग की गई है कि मुख्य निर्वाचक आयुक्त की नियुकित एक द्विपक्षीय कॉलेजियम (bipartisan collegium) द्वारा की जानी चाहिए क्योंकि सरकार द्वारा की गयी एकपक्षीय नियुक्ति सामान्यतया इस निकाय को सत्तारूढ़ दल की राजनीति से प्रभावित होने के प्रति सम्भाव्य बना देती है।

भारत निर्वाचन आयोग की शक्तियां और कार्य
भारत निर्वाचन आयोग की शक्तियां और कार्य प्रशासनिक, सलाहकारी और अर्द्धन्यायिक प्रकृति के हैं–

(a) प्रशासनिक :
(i) संसद के परिसीमन आयोग अधिनियम के आधार पर संपूर्ण देश में निर्वाचन क्षेत्र के प्रादेशिक क्षेत्रों का निर्धारण करना।
(ii) मतदाता सूची में संशोधन करना एवं सभी पात्र मतदाताओं का नाम दर्ज करना।
(iii) चुनाव की तारीख और समय-सारणी के संबंध में अधिसूचना जारी करना और नामांकन पत्रों की जांच करना।
(iv) राजनीतिक दलों को मान्यता प्रदान करना और उन्हें चुनाव चिनहों का आवंटन करना।
(v) चुनावी व्यवस्था से संबंधित विवादों की जांच के लिए अधिकारियों की नियुक्ति करना।
(vi) चुनाव के ​दौरान दलों और उम्मीदवारों द्वारा पालन करने हेतु आदर्श आचार संहिता निर्धारित करना।
(vii) चुनाव परिणामों को प्रभावि करने के उद्देश्य से हेर-फेर करने, बूथ कैप्चरिंग, हिंसा एवं अन्य अनियमिताओं की स्थिति में चुनाव रद्द करना।
(viii) राष्ट्रपति या राज्यपाल से चुनाव के संचालन के लिए आवश्यक कर्मचारियों की उपलब्धता सुनिश्चित कराने हेतु अनुरोध करना।
(ix) राष्ट्रपति को इस संबंध में सलाह देना कि राष्ट्रपति शासन वाले राज्य में 1 वर्ष की समाप्ति के पश्चात् चुनाव का आयोजन कराया जाए अथवा नहीं।
(x) चुनावों के प्रयोजन के लिए राजनीतिक दलों को पंजीकृत करना और उन्हें चुनाव में प्रदर्शन के आधार पर राष्ट्रीय या राज्य दलों का दर्जा देना।
(xi) मतदाता जागरूकता और चुनावी भागीदारी से संबंधित कार्य करना।

(b) सलाहकारी और अर्द्धन्यायि
संविधान द्वारा निर्वाचन आयोग को, संसद और राज्य विधानमंडल के सदस्यों की अयोग्यता (निर्हरता) से संबंधित सलाहकारी अधिकार भी प्रदान किये गए हैं। इसके अतिरिक्त उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत कई मामले चुनाव में भ्रष्ट आचरण के दोषी पाए गए व्यक्तियों से संबंधित होते हैं। ऐसे मामले में भी आयोग के पास इसकी राय जानने के लिए प्रेपित किए जाते हैं। आयोग इस संबंध में अपनी राय व्यक्त करता है कि क्या ऐसे व्यक्ति को अयोग्य घोषित किया जाए और यदि हां तो कितनी अवधि के लिए। उन सभी मामलों में राष्ट्रपति अथवा राज्यपाल (जिनके समक्ष आयोग द्वारा अयोग्यता और उसकी अवधि के संबंध में राय प्रस्तुत की गई हो) आयोग की राय के अनुसार ही कार्य करते है।

आयोग के पास ऐसे किसी भी उम्मीदवार को अयोग्य घोषित करने का अधिकार है, जो समय सीमा के भीतर और कानून द्वारा निर्धारित तरीके से अपने चुनावी खर्च का लेखा-जोखा दर्ज कराने में विफल रहा हे। आयोग के पास इस प्रकार अयोग्य ठहराए गए व्यक्ति की अयोग्यता की अवधि तय करने एवं कानून के तहत अन्य अयोग्यता संबंधित मामले को न्यून करने या समाप्त करेन का अधिकार भी है। यह राजनीतिक दलों को मान्यता प्रदान करने और उन्हें चुनाव चिह्न प्रदान करने से संबंधित किसी विवाद के निपटारे हेतु एक न्यायालय की भांति कार्य करता है। 

निर्वाचन आयोग/चुनाव आयुक्त से सम्बंधित प्रश्न उत्तर


 भारतीय चुनाव आयोग का गठन कब हुआ? – 25 जनवरी 1950
● भारत के प्रथम मुख्य चुनाव आयुक्त कौन थे? – सुकुमार सेन (Sukumar Sen) [RRB, SSC]
● भारत का दूसरा मुख्य चुनाव आयुक्त कौन था? – आर. के. त्रिवेदी [Constable]
● भारत के वर्तमान मुख्य चुनाव आयुक्त का नाम क्या है? – ओम प्रकाश रावत (Om Prakash Rawat)
● मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति कौन करता है? – राष्ट्रपति
● मुख्य चुनाव आयुक्त का वेतन कितना है? – 250,000 प्रति माह
● भारत के 22वें मुख्य चुनाव आयुक्त कौन है? – ओम प्रकाश रावत (Om Prakash Rawat)
● निर्वाचन आयोग का प्रमुख होता है? – मुख्य निर्वाचन आयुक्त [B.Ed.]
● निर्वाचन आयोग का चेयरमैन कौन होता है? – मुख्य निर्वाचन आयुक्त [GIC]
● मुख्य चुनाव आयुक्त के कार्यकाल कितना होता है? – 6 वर्ष या 65 वर्ष की आयु तक, जो भी पहले हो होता है।
● मुख्य चुनाव आयुक्त को वेतन कौन देता है? – भारत की संचित निधि से
● निर्वाचन आयोग में कुल कितने मुख्य पदाधिकारी हैं? – 3 (तीन-सदस्यीय निकाय)
● परिसीमन आयोग का अध्यक्ष होता है? – मुख्य चुनाव आयुक्त [Force]
● अन्य निर्वाचन आयुक्त अपना त्यागपत्र किसको देते हैं? – राष्ट्रपति [Force]
● किसी जिले में निर्वाचन कार्य की देख रेख कौन करता है? – जिला निर्वाचन अधिकारी
● किसी संसदीय या विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र की निर्वाचक नामावलियों को तैयार करने का उत्तरदायित्व किस पर होता है? – निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी
● किसी संसदीय या विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र के निर्वाचनों के संचालन के लिए कौन उत्तरदायी होता है? – रिटर्निंग अधिकारी
● कौन सा प्राधिकरण भारत के राष्ट्रपति एवं उपराष्ट्रपति के पदों के लिए निर्वाचनों का संचालन करता है? – भारत निर्वाचन आयोग
● कौन सा प्राधिकरण राज्य विधान सभाओं और विधान परिषदों के निर्वाचनों का संचालन करता है? – भारत निर्वाचन आयोग
● कौन सा प्राधिकरण संसद के निर्वाचनों का संचालन करता है? – भारत निर्वाचन आयोग
● जिला निर्वाचन अधिकारी की नियु‍क्ति कौन करता है? – भारत निर्वाचन आयोग
●निगमों, नगरपालिकाओं और दूसरे स्थानीय निकायों के लिए निर्वाचनों का प्राधिकार किसे है? – राज्य निर्वाचन आयोग
● निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी की नियुक्ति कौन करता है? – भारत निर्वाचन आयोग
● निर्वाचन आयुक्तों (मुख्य निर्वाचन आयुक्त को छोड़ कर) की संख्या कौन निश्चित करता है? – राष्ट्रपति
● पीठासीन अधिकारियों और मतदान अधिकारियों की नियुक्ति कौन करता है? – जिला निर्वाचन अधिकारी
●प्रादेशिक निर्वाचन आयुक्त को किसकी सिफारिस के आधार पर हटाया जा सकता है? – मुख्य चुनाव आयुक्त
● प्रेक्षकों की नियुक्ति कौन करता है? – भारत निर्वाचन आयोग
● भारत के विभिन्न राजनीतिक दलों को राष्ट्रीय या क्षेत्रीय दल का दर्जा देने का अधिकार किसको है? – चुनाव आयोग [BPSC (Pre)]
● भारत में मतदान की आयु सीमा को 21 वर्ष से घटाकर 18 वर्ष कब किया गया? – 1989 ई.  [SSC mat.]
● मतदाताओं के पंजीयन का उत्तरदायित्व किस पर है? – निर्वाचन आयोग [ITI]
● मतदान केन्द्र पर मतदान का संचालन कौन करता है? – पीठासीन अधिकारी
● मुख्य निर्वाचन अधिकारी को कौन नियुक्त करता है? – भारत निर्वाचन आयोग
● मुख्य निर्वाचन आयुक्त और निर्वाचन आयुक्तों की नियु‍क्ति कौन करता है? – राष्ट्रपति
● मुख्य निर्वाचन आयुक्त की नियुक्ति तथा उसको पदच्युत करने का अधिकार किसको है? – राष्ट्रपति [Police (SI)]
● रिटर्निंग आफिसर की नियु‍क्ति कौन करता है? – भारत निर्वाचन आयोग
● दिनेश गोस्वामी समिति का संबंध किससे था? – निर्वाचन सुधारों से [IAS (Pre)]

121+ प्रसिद्ध पुस्तकों के लेखकों की सूची

  अंबेडकर गांधी एंड पटेल : राजा शेखर बिंद्रु  अ बिलियन इज इनफ : अशोक गुप्ता  अ सुटेबल ब्वॉय : विक्रम सेठ  अनब्रेकेबल : मेरीकॉम  अनस्टॉपेबल: माई लाइफ सो फार : मारिया शारापोवा  आई एम एचआईवी पॉजिटिव, सो व्हाट? : जयंत कलिता  आई डू व्हाट आई डू : रघुराम जी. राजन   इंडिया 2017 ईयर बुक : राजीव महर्षि  इंडिया ए रिस्क : जसवंत सिंह  इंडिया टर्न्स ईस्ट : फ्रेडरिक ग्रारे  इंडिया ट्रांसफार्मड: 25 इयर्स ऑफ़ इकोनॉमिक रिफॉर्म्स : राकेश मोहन  इंदिरा गाँधी: ए लाइफ इन नेचर : जयराम रमेश  इंदिरा: इंडियाज मोस्ट पावरफुल प्राइम मिनिस्टर : सागरिका घोष  इकोनॉमिक नाइटमेयर ऑफ इंडिया: चौधरी चरण सिंह  इन आल सीजंस, फॉर ऑल रीजंस: प्रेयिंग थ्रूआउट द ईयर : जेम्स मार्टिन एसजे  इन टू द वाटर : पाउला हॉकिंग  इनसाइड आईबी एंड रॉ: द रोलिंग स्टोन दैट गेदर्ड मास : के शंकरन नायर  इनसाइड पार्लियामेंट: न्यूज़ फ्रॉम द फ्रंट रो : डेरेक ओ’ ब्रायन  इम्परफेक्ट : संजय मांजरेकर  एंड देन वन डे : नसीरुद्दीन शाह  ए गाइट टू प्राइवेट इक्विटी : नेहा भुवानिया  ए टू जेड ऑफ फाइनेंसियल मैनेजमेंट इन ऑटोनॉमस इंस्टिट्यूशंस : रजत भार्गव एवं दीनानाथ पाठक  ए लाइफ ऑफ माई ओन : क्लेअर टॉमलिन  ए हिस्ट्री ऑफ़ इंडियन सपोर्ट थ्रू 100 आटेफैक्ट्स : बोरिया मजूमदार  ए हैंडफुल ऑफ़ सनसाईंज : विक्रम भट्ट  एज ऑफ एंगर: ए हिस्ट्री ऑफ द प्रेजेंट : पंकज मिश्रा  एडवाइज एंड डिसेंट: माई लाइफ इन पुब्लिक सर्विस : वाई. वी. रेड्डी  ऑल आउट वार: द प्लॉट टू डिस्ट्रॉय ट्रंप : एडवर्ड क्लेइन  ओबामा: एन इंटीमेट पोर्ट्रेट : पीट सूजा  ओरिजिन: ए नावेल : डैन ब्राउन  कांफ्लिक्टस ऑफ इंटरेस्ट: माय जर्नी थ्रू इंडियाज ग्रीन मूवमेंट : सुनीता नारायण  कॉफी टेबल : के. गिरि प्रकाश  कॉर्पोरेट कबूतर : शान  गीता रहस्य : बाल गंगाधर तिलक  गीता रिविजेटेड : हृदय नारायण दीक्षित (उत्तर प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष)  गुरुदेव: ऑन द प्लेटो ऑफ द पीक : भानुमती नरसिम्हा  गॉडमैन टू टाइकून: द अनटोल्ड स्टोरी ऑफ बाबा रामदेव : प्रियंका पाठक  गो निट्रो: राइज ऑफ़ द ब्लेड्स : जेरेमी एन. डूले  चरित्रहीन : शरतचंद्र चट्टोपाध्याय  चेंजिंग लाइट: मिशेल ओबामा थ्रू द लेंस ऑफ ए व्ह्वाइट हाउस फोटोग्राफर : अमांडा लूसिडॉन  जजमेंट डिटॉक्स : गेब्रियल बर्नस्टीन  टू द ब्रिंक एंड बैक: इंडियाज 1991 स्टोरी : जयराम रमेश  टू लाइट ऑफ फायर ऑन द अर्थ : रॉबर्ट बैरन, जॉन एल. एलेन जूनि.  ट्रम्प: द आर्ट ऑफ़ द डील : डोनाल्ड जे. ट्रम्प और टोनी श्वार्ट्ज  ट्रम्प: हाउ टू गेट रिच : डोनाल्ड जे. ट्रम्प एवं मेरेदिथ मेक्लेवर  ट्राइब ऑफ़ मेंटर्स:- शॉर्ट लाइफ एडवाइजर फ्रॉम द बेस्ट इन द वर्ल्ड : टिमोथी फेरिस  ट्रेन टू पाकिस्तान : खुशवंत सिंह  डार्क हॉर्स: एक अनकही दास्तां : नीलोत्पल मृणाल  डेथ ऑफ ए सिटी : अमृता प्रीतम  थिंक बिग: मेक इट हैपेन इन बिजनेस एंड लाइफ : डोनाल्ड जे. ट्रम्प एवं बिल जैन्कर  द इमरजेंसी: इंडियन डेमोक्रेसीज डार्केस्ट ऑवर : ए.सूर्य प्रकाश  द एंड ऑफ़ अल्जाइमर्स : डेल ब्रेड़ेसेन  द एक्सीडेंट्ल प्राइम मिनिस्टर : संजय बारू  द कैंडिडेट : अनिरूद्ध भट्टाचार्य  द कोएलिशन इयर्स (1996- 2012) : प्रणब मुखर्जी  द टीबी12 मेथड : टॉम ब्रैडी  द ट्रम्प प्राफिसीज : मार्क टेलर, मेरी कल्बर्ट  द डूम्सडे मशीन : डेनियल एल्सवर्ग  द डेंजरस केस ऑफ डोनाल्ड ट्रंप : बैंडी एक्स. ली  द डेमांन क्राउन : जेम्स रोलिंग  द नेशनलिस्ट : मिन्हाज मर्चेंट  द प्रिंस ऑफ बींग मॉडरेटेली : सोहा अली खान  द बाबा रामदेव फेनोमेनन: फ्रॉम मोक्ष टू मार्केट : कौशिक डेका  द बिग लाई: एक्सपोसिंग द नाजी रूट्स ऑफ़ द अमेरिकन लेफ्ट : दिनेश डीसूजा  द बुक ऑफ गोल्ड लीव्स : मिर्जा वाहिद  द बुक ऑफ़ डस्ट : फिलिप पुलमैन67. द ब्रोकन लैडर : द पैराडॉक्स एंड द पोटेंशिअल ऑफ इंडियाज वन बिलियन : अनिरुद्ध कृष्णा  द मांक हू बिकेम चीफ मिनिस्टर: द डेफिनेटिव बायोग्राफी ऑफ योगी आदित्यनाथ : शांतनु गुप्ता  द मिनिस्ट्री ऑफ़ अटमोस्ट हेप्पीनेस : अरुन्धंती रॉय  द मेकिंग ऑफ़ ए लीजेंड : बिंदेश्वर पाठक  द रिंग ऑफ़ टूथ: एंड अदर मिथ्स ऑफ़ सेक्स एंड जेवेलरी : वेंडी डोनिगर  द रूस्टर बार : जॉन ग्रिशम  द लाइंग गेम: ए नॉवेल : रूथ वेयर  द लास्ट बैटल ऑफ सराय घाट : रजत सेठी शुभ्रास्था  द विंड फॉल : दीक्षा बसु  द विस्डेम ऑफ़ संडेज : ओपराह विनफ्रे  द वीमेन इन द विंडो : ए.जे.फिन  द व्हिसलर: ए नॉवेल : जॉन ग्रिशम  द सन एंड हर फ्लावर्स : रूपी कौर  हिट रिफ्रेश- सत्या नडेला  द हैंडमेड ‘स टेल : मार्गरेट एटवुड  दास्तान-ए-ग़दर: द टेल ऑफ द म्युटिनी- जहीर देहलवी, अनुवादक : राणा सफवी  दो लोग : गुलजार  नीम के पेड़ : राही मासूम रजा  नेचुरल डिजास्टर: आई कवर देम. आई. एम. वन. : गिंजर जी  नो फ्री लेफ्ट: द फ्यूचर्स ऑफ़ इंडिया कम्युनिज्म : विजय प्रसाद  पैराडाइज वैली: ए नॉवेल : सी.जे. बॉक्स    पुस्तक और लेखक करंट अफेयर्स 2018 की सूची यहाँ देंखे:- :-     पैसेज टु इंग्लैंड : नीरद सी चौधरी  प्रेसिडेंट ‘स लेडी (प्राणबेर प्रेयोसी) : संगीता घोस  प्लेइंग इट माइ वे : सचिन तेंदुलकर  फॉर्म लेहमन टू डिमोनेटाइजेशन : तमाल बंदोपाध्याय  फ्यूचर ऑफ़ इंडियन युनिवर्सिटीज: कम्पेरेटिव एंड इंटरनेशनल पर्स पेक्टिवेब्स : डॉ. सी. राजकुमार  फ्लड ऑफ फायर : अमिताव् घोष  बर्थ ऑफ सिनेमा: गोपाल कृष्ण 5. अ बंच ऑफ ओल्ड लेटर्स : जवाहरलाल नेहरू  बैटलफ्रांट 2: इन्फेर्नो स्काएड (स्टार वार्स) : क्रिस्टी गोल्डन  बॉबी केनेडी: ए रेजिंग स्पिरिट : क्रिस मैथ्यूज  भ्रष्टाचार भारत छोड़ो : किरण बेदी  मन की बात: रेडियो पर सामाजिक क्रांति : राजेश जैन  माई एक्सपेरिमेंट विद ट्रुथ : महात्मा गांधी  मातोश्री : सुमित्रा महाजन (लोक सभा अध्यक्ष)  मार्चिंग विद बिलियन: एनालाईजिंग नरेन्द्र मोदी जी गवर्नमेंट एट मिड टर्म : उदय माहुरकर  योगी आदित्यनाथ: द राइज ऑफ़ एंड सैफ़्रन सोशलिस्ट : प्रवीण कुमार  राइजिंग टाइड्स: क्लाइमेट रिफ्युजीस इन द ट्वेंटी-फर्स्ट सेंचुरी : जॉन आर. वेनस्ट्रेन और डेनिस रॉबिन्स  राजलनीति : राजल गुप्ता  रिबूटिंग इंडिया: रियालाइजिंग ए बिलियन एसपिरेशंस : नंदन नीलेकणि  लिंकन इन द बार्डो : जॉर्ज सॉन्डर्स  लेट ट्रंप बी ट्रंप : कोरी आर. लेवडोव्सकी, डेविड एंन. बोसी  लेस: ए नॉवेल : एंडू सीन ग्रीर  वन पार्ट वुमेन : अनिरुद्ध वासुदेवन  वन लाइफ इज नोट इनफ : नटवर सिंह  वाई इज फॉर यस्टरडे (ए किन्से मिलहोन नॉवेल) : सू ग्रैफ्टोंन  वायरलेस वॉयस, रिलेंटलेस जर्नी : वैकेया नायडू के भाषण एवं लेखों का संग्रह  वूमेन & पावर : मैरी बीयर्ड  व्हाई बुद्धिज़्म इस टू : रॉबर्ट राईट  व्हाट हैपेंड : हिलेरी क्लिंटन  सब्सटांस एंड द शैडो : दिलीप कुमार  सीता: वारियर ऑफ़ मिथिला : अमीष त्रिपाठी  स्नाफिंग आउट द मून : ओसामा सिद्दीकी  स्लीप नो मोर : जोनाथन टी गिलियम  हाउ द BJP विंस : प्रशांत झा  हाफ गर्लफ्रेंड : चेतन भगत  हैप्पीनेस इन दिस लाइफ: पोप फ्रांसिस ओनाघ स्ट्रेंसकी (अनुवादक)

अंबेडकर गांधी एंड पटेल : राजा शेखर बिंद्रु
अ बिलियन इज इनफ : अशोक गुप्ता
अ सुटेबल ब्वॉय : विक्रम सेठ
अनब्रेकेबल : मेरीकॉम
अनस्टॉपेबल: माई लाइफ सो फार : मारिया शारापोवा
आई एम एचआईवी पॉजिटिव, सो व्हाट? : जयंत कलिता
आई डू व्हाट आई डू : रघुराम जी. राजन
 इंडिया 2017 ईयर बुक : राजीव महर्षि
इंडिया ए रिस्क : जसवंत सिंह
इंडिया टर्न्स ईस्ट : फ्रेडरिक ग्रारे
इंडिया ट्रांसफार्मड: 25 इयर्स ऑफ़ इकोनॉमिक रिफॉर्म्स : राकेश मोहन
इंदिरा गाँधी: ए लाइफ इन नेचर : जयराम रमेश
इंदिरा: इंडियाज मोस्ट पावरफुल प्राइम मिनिस्टर : सागरिका घोष
इकोनॉमिक नाइटमेयर ऑफ इंडिया: चौधरी चरण सिंह
इन आल सीजंस, फॉर ऑल रीजंस: प्रेयिंग थ्रूआउट द ईयर : जेम्स मार्टिन एसजे
इन टू द वाटर : पाउला हॉकिंग
इनसाइड आईबी एंड रॉ: द रोलिंग स्टोन दैट गेदर्ड मास : के शंकरन नायर
इनसाइड पार्लियामेंट: न्यूज़ फ्रॉम द फ्रंट रो : डेरेक ओ’ ब्रायन
इम्परफेक्ट : संजय मांजरेकर
एंड देन वन डे : नसीरुद्दीन शाह
ए गाइट टू प्राइवेट इक्विटी : नेहा भुवानिया
ए टू जेड ऑफ फाइनेंसियल मैनेजमेंट इन ऑटोनॉमस इंस्टिट्यूशंस : रजत भार्गव एवं दीनानाथ पाठक
ए लाइफ ऑफ माई ओन : क्लेअर टॉमलिन
ए हिस्ट्री ऑफ़ इंडियन सपोर्ट थ्रू 100 आटेफैक्ट्स : बोरिया मजूमदार
ए हैंडफुल ऑफ़ सनसाईंज : विक्रम भट्ट
एज ऑफ एंगर: ए हिस्ट्री ऑफ द प्रेजेंट : पंकज मिश्रा
एडवाइज एंड डिसेंट: माई लाइफ इन पुब्लिक सर्विस : वाई. वी. रेड्डी
ऑल आउट वार: द प्लॉट टू डिस्ट्रॉय ट्रंप : एडवर्ड क्लेइन
ओबामा: एन इंटीमेट पोर्ट्रेट : पीट सूजा
ओरिजिन: ए नावेल : डैन ब्राउन
कांफ्लिक्टस ऑफ इंटरेस्ट: माय जर्नी थ्रू इंडियाज ग्रीन मूवमेंट : सुनीता नारायण
कॉफी टेबल : के. गिरि प्रकाश
कॉर्पोरेट कबूतर : शान
गीता रहस्य : बाल गंगाधर तिलक
गीता रिविजेटेड : हृदय नारायण दीक्षित (उत्तर प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष)
गुरुदेव: ऑन द प्लेटो ऑफ द पीक : भानुमती नरसिम्हा
गॉडमैन टू टाइकून: द अनटोल्ड स्टोरी ऑफ बाबा रामदेव : प्रियंका पाठक
गो निट्रो: राइज ऑफ़ द ब्लेड्स : जेरेमी एन. डूले
चरित्रहीन : शरतचंद्र चट्टोपाध्याय
चेंजिंग लाइट: मिशेल ओबामा थ्रू द लेंस ऑफ ए व्ह्वाइट हाउस फोटोग्राफर : अमांडा लूसिडॉन
जजमेंट डिटॉक्स : गेब्रियल बर्नस्टीन
टू द ब्रिंक एंड बैक: इंडियाज 1991 स्टोरी : जयराम रमेश
टू लाइट ऑफ फायर ऑन द अर्थ : रॉबर्ट बैरन, जॉन एल. एलेन जूनि.
ट्रम्प: द आर्ट ऑफ़ द डील : डोनाल्ड जे. ट्रम्प और टोनी श्वार्ट्ज
ट्रम्प: हाउ टू गेट रिच : डोनाल्ड जे. ट्रम्प एवं मेरेदिथ मेक्लेवर
ट्राइब ऑफ़ मेंटर्स:- शॉर्ट लाइफ एडवाइजर फ्रॉम द बेस्ट इन द वर्ल्ड : टिमोथी फेरिस
ट्रेन टू पाकिस्तान : खुशवंत सिंह
डार्क हॉर्स: एक अनकही दास्तां : नीलोत्पल मृणाल
डेथ ऑफ ए सिटी : अमृता प्रीतम
थिंक बिग: मेक इट हैपेन इन बिजनेस एंड लाइफ : डोनाल्ड जे. ट्रम्प एवं बिल जैन्कर
द इमरजेंसी: इंडियन डेमोक्रेसीज डार्केस्ट ऑवर : ए.सूर्य प्रकाश
द एंड ऑफ़ अल्जाइमर्स : डेल ब्रेड़ेसेन
द एक्सीडेंट्ल प्राइम मिनिस्टर : संजय बारू
द कैंडिडेट : अनिरूद्ध भट्टाचार्य
द कोएलिशन इयर्स (1996- 2012) : प्रणब मुखर्जी
द टीबी12 मेथड : टॉम ब्रैडी
द ट्रम्प प्राफिसीज : मार्क टेलर, मेरी कल्बर्ट
द डूम्सडे मशीन : डेनियल एल्सवर्ग
द डेंजरस केस ऑफ डोनाल्ड ट्रंप : बैंडी एक्स. ली
द डेमांन क्राउन : जेम्स रोलिंग
द नेशनलिस्ट : मिन्हाज मर्चेंट
द प्रिंस ऑफ बींग मॉडरेटेली : सोहा अली खान
द बाबा रामदेव फेनोमेनन: फ्रॉम मोक्ष टू मार्केट : कौशिक डेका
द बिग लाई: एक्सपोसिंग द नाजी रूट्स ऑफ़ द अमेरिकन लेफ्ट : दिनेश डीसूजा
द बुक ऑफ गोल्ड लीव्स : मिर्जा वाहिद
द बुक ऑफ़ डस्ट : फिलिप पुलमैन67. द ब्रोकन लैडर : द पैराडॉक्स एंड द पोटेंशिअल ऑफ इंडियाज वन बिलियन : अनिरुद्ध कृष्णा
द मांक हू बिकेम चीफ मिनिस्टर: द डेफिनेटिव बायोग्राफी ऑफ योगी आदित्यनाथ : शांतनु गुप्ता
द मिनिस्ट्री ऑफ़ अटमोस्ट हेप्पीनेस : अरुन्धंती रॉय
द मेकिंग ऑफ़ ए लीजेंड : बिंदेश्वर पाठक
द रिंग ऑफ़ टूथ: एंड अदर मिथ्स ऑफ़ सेक्स एंड जेवेलरी : वेंडी डोनिगर
द रूस्टर बार : जॉन ग्रिशम
द लाइंग गेम: ए नॉवेल : रूथ वेयर
द लास्ट बैटल ऑफ सराय घाट : रजत सेठी शुभ्रास्था
द विंड फॉल : दीक्षा बसु
द विस्डेम ऑफ़ संडेज : ओपराह विनफ्रे
द वीमेन इन द विंडो : ए.जे.फिन
द व्हिसलर: ए नॉवेल : जॉन ग्रिशम
द सन एंड हर फ्लावर्स : रूपी कौर
हिट रिफ्रेश- सत्या नडेला
द हैंडमेड ‘स टेल : मार्गरेट एटवुड
दास्तान-ए-ग़दर: द टेल ऑफ द म्युटिनी- जहीर देहलवी, अनुवादक : राणा सफवी
दो लोग : गुलजार
नीम के पेड़ : राही मासूम रजा
नेचुरल डिजास्टर: आई कवर देम. आई. एम. वन. : गिंजर जी
नो फ्री लेफ्ट: द फ्यूचर्स ऑफ़ इंडिया कम्युनिज्म : विजय प्रसाद
पैराडाइज वैली: ए नॉवेल : सी.जे. बॉक्स

यह भी पढ़े : पुस्तक और लेखक करंट अफेयर्स 2018 की सूची

पैसेज टु इंग्लैंड : नीरद सी चौधरी
प्रेसिडेंट ‘स लेडी (प्राणबेर प्रेयोसी) : संगीता घोस
प्लेइंग इट माइ वे : सचिन तेंदुलकर
फॉर्म लेहमन टू डिमोनेटाइजेशन : तमाल बंदोपाध्याय
फ्यूचर ऑफ़ इंडियन युनिवर्सिटीज: कम्पेरेटिव एंड इंटरनेशनल पर्स पेक्टिवेब्स : डॉ. सी. राजकुमार
फ्लड ऑफ फायर : अमिताव् घोष
बर्थ ऑफ सिनेमा: गोपाल कृष्ण 5. अ बंच ऑफ ओल्ड लेटर्स : जवाहरलाल नेहरू
बैटलफ्रांट 2: इन्फेर्नो स्काएड (स्टार वार्स) : क्रिस्टी गोल्डन
बॉबी केनेडी: ए रेजिंग स्पिरिट : क्रिस मैथ्यूज
भ्रष्टाचार भारत छोड़ो : किरण बेदी
मन की बात: रेडियो पर सामाजिक क्रांति : राजेश जैन
माई एक्सपेरिमेंट विद ट्रुथ : महात्मा गांधी
मातोश्री : सुमित्रा महाजन (लोक सभा अध्यक्ष)
मार्चिंग विद बिलियन: एनालाईजिंग नरेन्द्र मोदी जी गवर्नमेंट एट मिड टर्म : उदय माहुरकर
योगी आदित्यनाथ: द राइज ऑफ़ एंड सैफ़्रन सोशलिस्ट : प्रवीण कुमार
राइजिंग टाइड्स: क्लाइमेट रिफ्युजीस इन द ट्वेंटी-फर्स्ट सेंचुरी : जॉन आर. वेनस्ट्रेन और डेनिस रॉबिन्स
राजलनीति : राजल गुप्ता
रिबूटिंग इंडिया: रियालाइजिंग ए बिलियन एसपिरेशंस : नंदन नीलेकणि
लिंकन इन द बार्डो : जॉर्ज सॉन्डर्स
लेट ट्रंप बी ट्रंप : कोरी आर. लेवडोव्सकी, डेविड एंन. बोसी
लेस: ए नॉवेल : एंडू सीन ग्रीर
वन पार्ट वुमेन : अनिरुद्ध वासुदेवन
वन लाइफ इज नोट इनफ : नटवर सिंह
वाई इज फॉर यस्टरडे (ए किन्से मिलहोन नॉवेल) : सू ग्रैफ्टोंन
वायरलेस वॉयस, रिलेंटलेस जर्नी : वैकेया नायडू के भाषण एवं लेखों का संग्रह
वूमेन & पावर : मैरी बीयर्ड
व्हाई बुद्धिज़्म इस टू : रॉबर्ट राईट
व्हाट हैपेंड : हिलेरी क्लिंटन
सब्सटांस एंड द शैडो : दिलीप कुमार
सीता: वारियर ऑफ़ मिथिला : अमीष त्रिपाठी
स्नाफिंग आउट द मून : ओसामा सिद्दीकी
स्लीप नो मोर : जोनाथन टी गिलियम
हाउ द BJP विंस : प्रशांत झा
हाफ गर्लफ्रेंड : चेतन भगत
हैप्पीनेस इन दिस लाइफ: पोप फ्रांसिस ओनाघ स्ट्रेंसकी (अनुवादक)

पुस्तक और लेखक करंट अफेयर्स 2018 की सूची

Latest Books & Authors 


परमवीर परवेन
लेखक: प्रभाकरन जैन
ट्रिविया: पुस्तक 1947 से 1965 तक परमवीर चक्र अवॉर्डियों की बहादुरी को दर्शाती है।

बेंच के पार – भारतीय सैन्य न्यायिक प्रणाली में अंतर्दृष्टि
लेखक: ज्ञान भूषण
ट्रिविया: यह माननीय सर्वोच्च न्यायालय और पदोन्नति को कवर करने वाले विषयों की एक विस्तृत श्रृंखला पर एएफटी के ऐतिहासिक निर्णयों और निर्णयों का एक संक्षिप्त सटीक रिकॉर्ड है।

द डायरी ऑफ़ अ डोमेस्टिक दिवा
लेखक: शिल्पा शेट्टी
ट्रिविया: इस पुस्तक में, अभिनेता और उद्यमी आपको पचास सबसे विशेष व्यंजनों के बारे में बताती है – इनमें से कुछ इंस्टाग्राम पर अपने लोकप्रिय रविवार बिंग वीडियो में शामिल हैं।

इम्पेर्फेक्ट
लेखक: संजय मांजरेकर
ट्रिविया: यह पुस्तक लेखक के क्रिकेट करियर, उनके जीवन के बारे में है। उनकी ताकत और कमजोरियों, सफलताओं और असफलताओं।

बॉलीवुड: “फिल्म्स”, “द सॉन्ग्स”, “द स्टार्स”
लेखक: अमिताब बच्चन
ट्रिविया: पुस्तक मुंबई में उत्पादित आकर्षक फिल्मों के बारे में है, जिन्होंने न सिर्फ भारतीयों बल्कि दुनिया भर के लोगों के दिल पर कब्जा कर लिया है। बॉलीवुड आपको हिंदी सिनेमा की कई हाइलाइट्स, शुरुआती फिल्मों से लेकर आधुनिक-दिन की रचनाओं के दौरे पर ले जाता है।

आई डू व्हाट आई डू
लेखक: रघुराम राजन
ट्रिविया: पुस्तक सितंबर 2013 में आरबीआई में शामिल होने पर आर्थिक संकट के दौरान सामना करने वाले संघर्ष के बारे में है।

इम्मोर्टल इंडिया
लेखक: अमिश त्रिपाठी
ट्रिविया: लेखक आपको भारत को इस तरह पहले कभी नहीं, तेज लेखों, नाचुक भाषणों और बुद्धिमान बहसों की एक श्रृंखला के माध्यम से समझने में मदद करता है।

भारत कैसे दुनिया को देखता है
लेखक: श्याम सरन
ट्रविया: किताब पाठकों को बंद दरवाजे के पीछे की  प्रसिद्ध नेताओं के शीर्ष-स्तर पर बातचीत के बारे में बताती है।

अनस्टोपेबल: माय लाइफ सो फार
लेखक: मारिया शारापोवा
ट्रिविया: किताब सफलता के लिए अपने असाधारण वृद्धि की कहानी बताती है, जिसमें एक ही नो-होल्ड-अवरुद्ध, भयंकर उत्तेजक रवैया है जो उसके टेनिस गेम को दर्शाती है।

कारगिल के शेरशाह
लेखक: दीपक सुराना
ट्रिविया: कारगिल के शेरशाह आपको दिवंगत कप्तान बिक्रम  बत्रा पी.वी. वी के जीवन और समय के माध्यम से ले जाता है, जो कारगिल युद्ध के सबसे महान भारतीय सैनिकों में से एक थे।

कडवे वचन
लेखक: तरूण सागर महाराज
ट्रिविया: लेखक की महान शिक्षाओं पर एक पुस्तक।

मैं एचआईवी पॉजिटिव हूँ। तो क्या?
लेखक: जयंत ललिता
ट्रिविया: पुस्तक इस बारे में बात करती है कि कैसे एक एचआईवी पॉजिटिव व्यक्ति ने अपने असफल स्वास्थ्य में सुधार किया, मनोवैज्ञानिक आघात को खत्म कर दिया, एक अंतरराष्ट्रीय बॉडीबिल्डिंग चैंपियन बनने के लिए कलंक और भेदभाव से लड़ा।

कैप्टोकोर्रेंसी फॉर बिगिनर्स
लेखक: अमित भारद्वाज
ट्रिविया: यह पुस्तक क्रिप्टोकुरस के बारे में सबसे महत्वपूर्ण पहलुओं को बताती है।

मेकिंग ऑफ़ अ लीजेंड
लेखक: बिंदेश्वर पाठक
ट्रिविया: पुस्तक प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के जीवन पर लिखी गई है।

डलहौज़ी थ्रू माय आईज
लेखक: किरण चढ़ा
ट्रिविया: यह लगभग दो शताब्दियों के चित्रमय इतिहास का एक टुकड़ा है। पांच पहाड़ियों पर फैला हुआ डेलहौसी लंबा पाइन पेड़ों के साथ, बर्फ से घिरे पहाड़ों से घिरे हरे घास के मैदान।

प्लेयिंग विथ फायर
लेखक: केटी प्राइस
ट्रिविया: लेखकों के जीवन की मुख्य विशेषताएं।

द मिनिस्ट्री ऑफ़ अटमोस्ट हैप्पीनेस
लेखक: अरुंधति रॉय
ट्रिविया: सबसे ज्यादा खुशहाली मंत्रालय हमें भारतीय उपमहाद्वीप में पुरानी दिल्ली के घिरे इलाकों से नए शहर की सड़कों तक घनिष्ठ यात्रा पर ले जाता है।

क्राइसिस वीथिन
लेखक: गणेश देवी
ट्रिविया: भारत में ज्ञान और शिक्षा के बारे में बात करते हैं।

इंदिरा गांधी – एक जीवन
लेखक: जयराम रमेश
ट्रविया: मध्य एशियाई देशों के साथ भारत के समय के आर्थिक पहलुओं पर चर्चा करता है।

बेरेन और लुथियन
लेखक: जेआरआर टॉकियन
ट्रविया: पुस्तक बेरेन और लुथियन की महाकाव्य कथा के बारे में बात करती है जो द हॉबिट और द लॉर्ड ऑफ द रिंग्स विद एल्व्स एंड ह्यूमन के प्रशंसकों को एकजुट करती है।

“युग पुरष, भारत रत्न, अटल जी”
लेखक: रमेश पोखरियाल
ट्रिविया: अटल बिहारी वाजपेयी जी के तहत तेजी से बदलते क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय परिदृश्य में भारत की चुनौतियों का विश्लेषण।

एक जीवन पर्याप्त नहीं है
लेखक: नटवर सिंह
ट्रविया: विभिन्न समाचार पत्रों में प्रकाशित जीवन और अनुभवों पर लेखन का संकलन

उत्थान: प्रमुख स्वामीजी के साथ मेरे आध्यात्मिक अनुभव
लेखक: डॉ एपीजे अब्दुल कलाम और अरुण तिवारी
ट्रिविया: स्वामीजी की आंखों के माध्यम से आत्म अहसास की यात्रा

रेड टेप टू रेड कार्पेट … और फिर कुछ
लेखक: गीना रेनहार्ट
ट्रिविया: चर्चा करता है कि कैसे नियम और लाल टेप प्रतिकूल रूप से किसी देश के विकास को प्रभावित कर सकते हैं

संदेह से परे: गांधी की हत्या पर एक दस्तावेज
लेखक: तीस्ता सेटलवाड
ट्रिविया: गांधी के हत्या से संबंधित मराठी, हिंदी और गुजराती में अभिलेखीय दस्तावेजों का संग्रह

स्लीपिंग ऑन जुपिटर
लेखक: अनुराधा रॉय
ट्रविया: आधुनिक दुनिया में धर्म, प्रेम और हिंसा के बारे में, यह एक वर्तनीबाज़ी कहानीकार द्वारा एकउपन्यास है।

फ्लड ऑफ़ फायर
लेखक: अभिनव घोष
ट्रिविया: आईबीएस ट्राइलॉजी की अंतिम मात्रा

हाउ टू बी बोथ
लेखक: अली स्मिथ
ट्रिविया: हाउ टू बी बोथ, कला की बहुमुखी प्रतिभा के बारे में एक उपन्यास है। यह रूपों, समय, सत्य और कथाओं के बीच एक तेजी से चलती शैली-झुकाव बातचीत है।

मोदी – एक स्टार का अविश्वसनीय उद्भव
लेखक: तरूण विजय
ट्रिविया: पुस्तक नरेंद्र मोदी के जीवन और आर्थिक दृष्टि के आधार पर एक जीवनी है।

सौरव गांगुली: क्रिकेट, कप्तान और विवाद
लेखक: सप्तर्षि सरकार
ट्रिविया: पूर्व भारतीय क्रिकेट कप्तान की जीवनी

रेड साड़ी
लेखक: जेवियर मोरो
ट्रिविया: रेड साड़ी’ एक ऐसी असाधारण महिला की कथा है जिसने प्रधानमंत्री पद को भी ठुकरा दिया हो और उसके घर—परिवार व बेनाम सपनों को नियति ने कुचल कर रख दिया।

फरिश्ता
लेखक: कपिल इस्पुरी
ट्रिविया: फरिश्ता एक पिछली आघात से आगे बढ़ने के लिए संघर्ष कर रही एक महिला की गहरी गतिशील और तेज गति वाली कहानी है, और इस प्रक्रिया में एक नया समुदाय, एक नया प्यार और स्वयं की एक नई भावना खोज रही है।