Friday, 23 March 2018

वाटर स्ट्राइडर की नई प्रजाति की खोज (नगालैंड में)


जूलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (ZSI) के वैज्ञानिकों ने नगालैंड से वाटर स्ट्राइडर (Water strider) की एक नई प्रजाति की खोज की है। प्टिलोमेरा नगालैंडा जेहामलर (Ptilomera nagalanda Jehamalar) और चंद्रा (Chandra) नामक इन प्रजातियों को पेरेन (Peren) जिले की इन्तंकी (Intanki) नदी में पाया गया।

विशेषताएँ

➤ यह पानी की सतह पर पाए जाने वाले अनुकूलित कीड़ों का एक समूह है।

➤ पृष्ठ तनाव की अवधारणा जल की सतह पर इनकी गतिशीलता सुनिश्चित करती है। इनकी उपस्थिति पानी की गुणवत्ता के एक संकेतक के रूप में कार्य करती है।

➤ नारंगी रंग की इस प्रजाति के पृष्ठ भाग पर काले रंग की धारियाँ होती हैं और इनका उदर पीले भूरे रंग का होता है। इसके पैर लंबे और पतले होते हैं। इसका आकार लगभग 11.79 मिमी है।

➤ पृष्ठ भाग पर मौजूद काले रंग की धारियाँ इस प्रजाति को वाटर स्ट्राइडर की अन्य ज्ञात प्रजातियों से  अलग करती हैं।

वर्तमान में भारत में विभिन्न जल निकायों में वाटर स्ट्राइडर की तकरीबन 100 प्रजातियाँ पाई जाती हैं। तथापि वाटर स्ट्राइडर की उप-प्रजाति प्टिलोमेरा की यहाँ केवल पाँच प्रजातियां ही पाई जाती हैं, जो कि निम्नलिखित हैं- 

➤ प्रायद्वीपीय भारत में प्टिलोमेरा एग्रीयोड्स (Ptilomera agriodes) 
➤ पूर्वोत्तर भारत में प्टिलोमेरा असामेनसिस (Ptilomera assamensis) 
➤ उत्तरी एवं पूर्वोत्तर भारत में प्टिलोमेरा लेटीक्यूडाटा (Ptilomera laticaudata) 
➤ उत्तराखंड में प्टिलोमेरा ओक्सिडेंटालिस (Pltilomera occidentalis) 
➤ अंडमान द्वीप में प्टिलोमेरा टिग्रीना (Ptilomera tigrina) 

Thursday, 22 March 2018

Current Affairs in Hindi (भाग-86)


  • केंद्र सरकार ने 20 मार्च 2018 को झारखंड के जिस जिले में प्लास्टिक पार्क की स्थापना को मंजूरी दे दी हैं- देवघर
  • विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने देशभर के जितने शैक्षणिक संस्थानों को स्वायत्तता प्रदान करने का फैसला लिया है-60
  • केंद्र सरकार ने 20 मार्च 2018 को झारखंड के जिस जिले में प्लास्टिक पार्क की स्थापना को मंजूरी दे दी हैं- देवघर
  • विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने देशभर के जितने शैक्षणिक संस्थानों को स्वायत्तता प्रदान करने का फैसला लिया है-60
  • स्वास्थ्य मंत्रालय ने अधिसूचना जारी कर बताया है कि सरकार को तपेदिक (टीबी) के मामलों की जानकारी नहीं देने पर चिकित्सकों, स्वास्थ्य कर्मचारियों और फार्मासिस्टों को जितने साल तक की जेल हो सकती है- दो साल
  • भारतीय रेल ने जिस देश की रेलवे को 18 माइक्रोप्रोसेसर नियंत्रित भारतीय रेल इंजन सौंपा है- म्यांमार
  • जिस राज्य के राज्यपाल सत्यपाल मलिक को ओड़िशा के राज्यपाल का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है- बिहार
  • भारतीय रेल प्रतिष्ठानों में कार्यरत रहते हुए अप्रेंटिस पूरी कर चुके हितधारकों के लिए रेलवे में नौकरी के लिए जितने प्रतिशत पद आरक्षित किए गए हैं-20 प्रतिशत
  • राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 20 मार्च 2018 को राष्ट्र पति भवन में आयोजित एक समारोह में विभिन्न क्षेत्रों की जितने शख्सियतों को वर्ष 2018 के पद्म पुरस्कारों से सम्मानित किया-43
  • जिस देश के राष्ट्रपति और देश की चांसलर आंग सान सू ची के करीबी हतिन क्याव ने खराब स्वास्थ्य का हवाला देते हुए इस्तीफा दे दिया है- म्यांमार
  • जिस देश के सरकार ने स्कूली लड़कियों के बॉक्सिंग और रग्बी खेलने पर प्रतिबंध लगा दिया है- टोंगा
  • कैपिटलाइन के आंकड़ों और सालाना रिपोर्टों के विश्लेषण में भारत में सीईओ और कर्मचारियों की सैलरी में इतना अंतर बताया गया – 243 गुना
  • भारत और फ्रांस के मध्य गोवा में आयोजित नौसेनिक युद्धाभ्यास का नाम है – वरुण-2018
  • कविता संग्रह 'अकाल में सारस' के रचयिता का नाम जिनका हाल ही में निधन हो गया – केदारनाथ सिंह
  • निदहास ट्रॉफी टी-20 सीरीज में प्रदर्शन के बाद इस गेंदबाज को आईसीसी रैंकिंग में दूसरा स्थान प्राप्त हुआ है – यजुवेंद्र चहल
  • वह देश जहां आईएस आतंकियों द्वारा 39 भारतीयों के मारे जाने की पुष्टि की गई है – इराक
  • कर्नाटक के लिंगायत की भांति झारखंड के इस समुदाय ने अलग धर्म की मान्यता दिए जाने के लिए मांग रखी है – सरना
  • सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गये एक निर्णय में इस अधिनियम के तहत अपराध की स्थिति में पब्लिक सर्वेंट की जांच से पहले तत्काल गिरफ्तारी नहीं होगी – एससी/एसटी अधिनियम-1989 
  • ब्रेक्सिट के बाद ट्रांजिशन पीरियड के लिए यूरोपियन यूनियन तथा ब्रिटेन में इतने माह के लिए समझौता किया गया है – 21 माह
  • वह सरकारी ईकाई जिसने हाल ही में एसएटीएच-शिक्षा रोडमैप 2018-2020 जारी किया – नीति आयोग
  • वह देश जहां उबर द्वारा बनाई गई पहली ड्राईवरलेस कार से देश में दुर्घटना हुई है – अमेरिका
  • बाजार नियामक सेबी ने आयकर जानकारी देने में नियमों का उल्लंघन करने पर मीडिया कंपनी एनडीटीवी पर कितने लाख रुपये का जुर्माना लगाया है- 10 लाख
  • जिस देश ने सांप्रदायिक हिंसा के बाद देशभर में लगाए गए आपातकाल को 18 मार्च 2018 को हटा लिया- श्रीलंका
  • जिस देश के अटॉर्नी जनरल ने रोहिंग्या मसले को लेकर म्यांमार की नेता आंग सान सू ची पर मानवता के खिलाफ अपराध का मुकदमा चलाए जाने की वकीलों की मांग खारिज कर दी है- ऑस्ट्रेलिया
  • वह बैंक जिसने अपने एटीएम कार्डधारकों को कार्ड ऑन-ऑफ करने की सुविधा प्रदान करने की घोषणा की – एसबीआई
  • हाल ही में 7वीं महिला विज्ञान कांग्रेस का इस स्थान पर उद्घाटन किया गया – इंफाल
  • हाल ही में इस संशोधन विधेयक के तहत राजनीतिक दलों को विदेशी चंदा मिल सकेगा - फॉरन कॉन्ट्रिब्यूशन (रेग्युलेशन) एक्ट-2010
  • वह राज्य जहां सबजेनुस टिलोमेरा जलीय कीटों की नई प्रजाति खोजी गई है – नागालैंड
  • वह समुदाय जिसे कर्नाटक सरकार ने अलग धर्म की मान्यता के सुझाव को मंजूरी दी – लिंगायत
  • संयुक्त राष्ट्र ने बांग्लादेश में लगभग कितने लाख रोहिंग्या शरणार्थियों की जरूरतों को पूरा करने हेतु 95.1 करोड़ डॉलर अर्थात 6200 करोड़ रुपये की अपील की है- नौ लाख
  • जिस बल्लेबाज ने श्रीलंका में 18 मार्च 2018 को बांग्लादेश के खिलाफ फाइनल में टी-20 क्रिकेट में 7000 रन बनाने वाले तीसरे भारतीय बल्लेबाज बन गया- रोहित शर्मा
  • नैशनल क्राइम रिकार्ड्स ब्यूरो (एनसीआरबी) के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, वर्ष 2015 से 2016 के बीच देश में बच्चों के खिलाफ होने वाले अपराधों में जितने प्रतिशत का इजाफा हुआ है-11%
  • केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, जो राज्य देश का सबसे बड़ा बायोमेडिकल कचरा उत्पादक राज्य है- महाराष्ट्र

Wednesday, 21 March 2018

जानें क्या है 'एक जिला, एक उत्पाद' योजना

पृष्ठभूमि

‘एक जिला, एक उत्पाद’ योजना की अवधारणा मूल रूप से जापान सरकार द्वारा वर्ष 1979 में प्रारंभ की गई थी। इसके उपरांत इस योजना को थाईलैंड सरकार द्वारा भी क्रियान्वित किया गया। इसके अतिरिक्त इस तरह की योजना का मॉडल इंडोनेशिया, फिलीपींस, मलेशिया और चीन द्वारा भी अपनाया गया। 24 जनवरी, 2018 को ‘उत्तर प्रदेश दिवस’ के अवसर पर उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा ‘एक जिला, एक उत्पाद’ (One District, One Product) योजना का शुभारंभ किया गया। इस योजना के माध्यम से जिले के छोटे, मध्यम और परंपरागत उद्योगों का विकास संभव हो पाएगा।

उद्देश्य

उत्तर प्रदेश में लघु और मध्यम उद्योगों को बढ़ावा देने और स्वरोजगार को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से ‘एक जिला, एक उत्पाद’ योजना का शुभारंभ किया गया है। इस योजना के माध्यम से राज्य में स्थानीय कौशल विकास तो होगा ही साथ ही साथ स्थानीय वस्तुओं का निर्यात भी अधिक मात्रा में संभव होगा।

योजना का क्रियान्वयन

➤ योजना का क्रियान्वयन सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम तथा निर्यात प्रोत्साहन विभाग द्वारा किया जाएगा तथा इस हेतु निर्यात भवन लखनऊ में अलग से एक ओडीओपी (ODOP) प्रकोष्ठ की स्थापना की जाएगी।

➤ यह प्रकोष्ठ अपर आयुक्त निर्यात प्रोत्साहन ब्यूरो के दिशा-निर्देशन एवं प्रमुख सचिव, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम तथा निर्यात प्रोत्साहन/निर्यात आयुक्त के नियंत्रणाधीन कार्य करेगा।

➤ योजना का अनुश्रवण (Observation) जनपद स्तर पर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में मासिक आधार पर, राज्य स्तर पर प्रमुख सचिव, सूक्ष्म, लघु एवं औद्योगिक विकास आयुक्त की अध्यक्षता में समिति द्वारा त्रैमासिक आधार पर किया जाएगा।

➤ योजना के सुचारू एवं सफल क्रियान्वयन हेतु संचालित योजनाओं की जानकारी, उत्पादकों की जिज्ञासाओं के समाधान परामर्श, उत्पादन तकनीक, प्रशिक्षण, मार्केटिंग आदि से संबंधित समस्त जानकारियां एक ही स्थान पर उपलब्ध कराने हेतु एक वेब पोर्टल/हेल्पलाइन का विकास किया जाएगा।

➤ साथ ही राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर के शीर्ष टेक्निकल, रिसर्च एंड डेवलपमेंट तथा प्राविधिक शिक्षण संस्थानों के नेटवर्क को विकसित करके इस पोर्टल से जोड़ा जाएगा। ताकि संबंधित क्षेत्र में हुए नए अविष्कारों के लाभों को व्यवहारिक रूप में उत्पादकों तक पहुंचाया जा सके।

योजना के क्रियान्वयन हेतु बजटीय सहायता निर्यात आयुक्त के माध्यम से ओडीओपी (ODOP) प्रकोष्ठ को उपलब्ध कराई जाएगी।

अन्य महत्वपूर्ण तथ्य

➤ ‘एक जनपद, एक उत्पाद’ योजना के क्रियान्वयन से प्रदेश की अर्थव्यवस्था के विकास में न केवल महत्वपूर्ण सहयोग प्राप्त होगा, अपितु प्रतिवर्ष लगभग 5 लाख नए लोगों को रोजगार के अवसर भी प्राप्त होने की संभावना है।

➤ प्रथम चरण में इस योजना के अंतर्गत उत्तर प्रदेश दिवस (24 जनवरी) के अवसर पर 24, 25 एवं 26 जनवरी, 2018 को आयोजित किए जाने वाले कार्यक्रमों के साथ ही प्रत्येक उत्पाद से संबंधित दुकान, ‘अवध शिल्प ग्राम’ में प्रदेश स्तरीय विपणन केंद्र में प्रारंभ कराई गई, जो वर्ष पर्यंत विभाग द्वारा निर्धारित कार्यक्रमों के अनुरूप संचालित कराई जाएगी।

 ➤‘एक जिला, एक उत्पाद’ योजनांतर्गत प्रदेश के प्रत्येक जनपद से एक उत्पाद विशेष का चिह्नांकन संबंधित उत्पाद की विशष्टिता, विपणन सामर्थ्य, विकास संभाव्यता तथा रोजगार सृजनशीलता के आधार पर किया जाएगा।

➤ ‘एक जिला, एक उत्पाद’ को राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय बाजारों में लोकप्रिय बनाने एवं प्रतिष्ठित करने हेतु ‘लोगो’ (Logo) विकसित किया जाएगा।

➤ इस योजना के अंतर्गत स्थापित होने वाली इकाइयों हेतु वित्तपोषण केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं जैसे मुद्रा योजना, स्टार्ट-अप इंडिया, स्टैंड-अप इंडिया, प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम, मुख्यमंत्री रोजगार योजना एवं विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना आदि के माध्यम से कराया जाएगा।

➤ सामान्य तकनीकी प्रशिक्षण, क्राफ्ट की बेसिक एडवांस ट्रेनिंग एवं उद्यमिता विकास प्रशिक्षण हेतु उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन, उद्यमिता विकास संस्थान एवं उत्तर प्रदेश इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन के प्रशिक्षण कार्यक्रमों का उपयोग किया जाएगा तथा इन संस्थानों द्वारा यथावश्यक प्रचलित प्रशिक्षण कार्यक्रमों को योजना की आवश्यकता के अनुरूप नए सिरे से डिजाइन किया जाएगा।

➤ योजना के अंतर्गत उत्पादित की जाने वाली वस्तुओं की राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतिस्पर्धी सामर्थ्य के विकास हेतु उत्पादन तकनीक/प्रणाली में उन्नयन अथवा सुधार केंद्र/राज्य सरकार के विभिन्न विभागों के मध्य पारस्परिक समन्वय एवं उनके द्वारा संचालित योजनाओं के माध्यम से किया जाएगा।

➤ विपणन सुविधाओं के विकास हेतु समस्त आद्युनान्त विशिष्टियों से युक्त एक ई-पोर्टल का विकास कराया जाएगा। साथ ही ई-मार्केटिंग के अन्य पोर्टल/साइट्स के माध्यम से उत्पादों के मार्केटिंग हेतु उत्पादक इकाइयों को आवश्यक सहयोग प्रदान किया जाएगा।

➤ ‘एक जिला, एक उत्पाद’ को एक ब्रांड के रूप में स्थापित किए जाने हेतु उत्तर प्रदेश निर्यात प्रोत्साहन ब्यूरो, उत्तर प्रदेश व्यापार प्रोत्साहन प्राधिकरण, उत्तर प्रदेश इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन एवं उत्तर प्रदेश निर्यात संवर्धन परिषद के माध्यम से राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रदर्शनियों एवं मेलों में प्रतिभाग सुनिश्चित किया जाएगा।

महत्व

इस योजना के सुचारू रूप से लागू हो जाने के बाद राज्य में विगत 5 वर्षों में लगभग 25 लाख बेरोजगारों को रोजगार प्राप्त हो सकेगा। स्थानीय, कारीगरों, उद्यमियों को बढ़ावा देने हेतु अगले 5 वर्षों  में 25000 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता दिलाने का प्रस्ताव है जिससे राज्य में उद्योगों का विकास तथा रोजगार में वृद्धि होगी। 25 लाख लोगों को रोजगार प्राप्त होने के साथ ही प्रदेश की सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में 2 प्रतिशत के वृद्धि की उम्मीद है। इस योजना के माध्यम से सरकार जिलों में फैले छोटे, मझोले और परंपरागत उद्योगों की लुप्त होती पहचान को पूरी दुनिया तक फैला सकेगी। सरकारी सहायता से प्राप्त नई तकनीक की सुविधा होने से उत्पाद की गुणवत्ता बाजार में प्रतिस्पर्धा करने लायक होगी। इससे न सिर्फ जिले व क्षेत्र विशेष तक सीमित उत्पाद एक ब्रांड के रूप में अंतरराष्ट्रीय स्तर तक पहचान बना पाएंगे, बल्कि ब्रांड यू.पी. की पहचान भी बनेगा।

जिला उत्पाद

आगरा चमड़ा

फिरोजाबाद    कांच की चूड़ियां

मथुरा    बाथरूम फिटिंग

मैनपुरी तारकशी

अलीगढ़ ताले और हार्डवेयर

हाथरस एशिंग प्रोसेसिंग

कासगंज जरी और जरदोजी

इलाहाबाद फल प्रसंस्करण (पेरू)

प्रतापगढ़ फलों के प्रसंस्करण (गूसबेरी)

कौशाम्बी फल प्रसंस्करण (केले)

आजमगढ़ में काले पैतारी

बलिया में बिंदी

मऊ में विद्युत से चलने वाला करघा

बरेली में जरी का काम

बदायूं में जरी का काम

पीलीभीत में बांसुरी

शाहजहांपुर में जरी का काम

कानपुर नगर में चर्म उत्पाद

इटावा में खाद्य प्रसंस्करण (आलू उत्पाद)

औरैया में देशी घी

फर्रुखाबाद में ब्लॉक प्रिंटिंग

कन्नौज में इत्र और चिकन

उन्नाव में जरी

रायबरेली लकड़ी के शिल्प

सीतापुर दरी

लखीमपुर खीरी जनजातीय शिल्प

हरदोई डेयरी उत्पाद

मेरठ खेल सामान

बागपत हथकरघा

गाजियाबाद   इंजीनियरिंग सामान

बुलंदशहर पतरी (खुर्जा)

गौतमबुद्ध नगर तैयार किए गए उत्पाद

हापुड़ घर का फर्नीचर

मुरादाबाद धातु शिल्प

रामपुर पृष्ठ का काम

बिजनौर लकड़ी पर नक्काशी

अमरोहा संगीत वाद्ययंत्र

संभल सींग और हड्डी

मिर्जापुर दरी और कालीन

सोनभद्र कालीन

भदोही दरी और कालीन

सहारनपुर लकड़ी पर नक्काशी

मुजफ्फरनगर गुड़ उत्पाद

शामली हब और एक्सेल

वाराणसी रेशम उत्पाद

गाजीपुर परदा

जौनपुर प्रेशर कुकर

चंदौली गुड़ उत्पाद

जानें कौन हैं लिंगायत और कर्नाटक की राजनीति में क्या है लिंगायत समुदाय का महत्व


कर्नाटक सरकार ने लिंगायत को अलग धर्म का दर्जा देने का अहम फैसला किया है।

अब बात करते हैं उस समुदाय की जिसको सिद्घारमैया सरकार ने अलग धर्म का दर्जा देने का फैसला किया है। सवाल लाजिमी है कि आखिर क्यों राज्य सरकार ने लिंगायत को अलग धर्म देने का फैसला किया और आने वाले विधानसभा चुनाव में लिंगायत कितनी अहम भूमिका निभा सकते हैं।


लिंगायत समुदाय क्या है और कर्नाटक के लिए यह क्यों महत्वपूर्ण है? 

➤ दरअसल लिंगायत को कर्नाटक की अगड़ी जातियों में गिना जाता है। यहाँ के 18 फीसदी लोग लिंगायत समाज से आते हैं।  

➤ बात 12वीं सदी की है जब समाज सुधारक बासवन्ना ने हिंदुओं में जाति व्यवस्था में दमन के खिलाफ आंदोलन छेड़ा था। बासवन्ना मूर्ति पूजा नहीं मानते थे और वेदों में लिखी बातों को भी खारिज करते थे। 

➤ लिंगायत समुदाय के लोग भी शिव की पूजा भी नहीं करते बल्कि अपने शरीर पर ही इष्टलिंग धारण करते हैं जोकि एक गेंद की आकृति के समान होती है। 

एक दशक से हो रही मांग

समुदाय के भीतर लिंगायत को हिंदू धर्म से अलग मान्यता दिलाने की मांग समय-समय पर होती रही है। लेकिन पिछले दशक से यह मांग जोरदार तरीके से की जा रही है. 2011 की जनगणना के वक्त लिंगायत समुदाय के संगठनों ने अपने लोगों के बीच यह अभियान चलाया कि वे जनगणना फर्म में अपना जेंडर न लिखें।

केंद्र के पास अंतिम अधिकार

➤ अलग धर्म का दर्जा देने का अंतिम अधिकार केंद्र सरकार के पास है। राज्य सरकारें इसको लेकर सिर्फ अनुशंसा कर सकती हैं। लिंगायत को अलग धर्म का दर्जा मिलने पर समुदाय को मौलिक अधिकारों (अनुच्छेद 25-28) के तहत अल्पसंख्यक का दर्जा भी मिल सकता है। 

➤ इसके बाद लिंगायत समुदाय अपना शिक्षण संस्थान भी खोल सकता है। फिलहाल मुस्लिम, सिख, ईसाई, बौद्ध, पारसी और जैन को अल्पसंख्यक का दर्जा हासिल है।

Monday, 19 March 2018

मौलिक कर्तव्य, मौलिक अधिकार, नागरिकता जो हर भारतीय नागरिक को पता होना जरुरी है (GK Q & A, भाग-121)



  • नागरिकता सम्बन्धि प्रावधान भारतीय संविधान के किस अनुच्छेद में है - अनुच्छेद 5 से 11 में
  • भारतीय संविधान कौन-सी नागरिकता प्रदान करता है - एकल नागरिकता
  • भारतीय संविधान में शामिल एकल नागरिकता किस देश के संविधान से प्रेरित है - इंग्लैण्ड के
  • किस अनुच्छेद के अन्तर्गत संसद को नागरिकता के सम्बन्ध में कानून बनाने का अधिकार प्रदान किया गया है - अनुच्छेद 11 में
  • संविधान द्वारा प्रदत्त नागरिकता के सम्बन्ध में संसद ने एक व्यापक नागरिकता अधिनियम कब बनाय - 1955 ई. में
  • भारत के नागरिक को कितने प्रकार की नागरिकता प्राप्त है - एक
  • जम्मू - कश्मीर के नागरिकों को कितने प्रकार की नागरिकता प्राप्त है - दोहरी नागरिकता
  • भारत की नागरिकता किस प्रकार प्राप्त की जा सकती है - जन्म, वंशानुक्रम एवं देशीयकरण से
  • भारतीय संविधान के अनुसार किस तरह भारतीय नागरिकता समाप्त हो सकती है - त्यागने, पर्यावसान एवं वंचित किये जाने पर
  • भारत में नागरिकता प्राप्त करने के लिए आवेदन करने से पूर्व किसी व्यक्ति को कितने समय तक भारत में निवास करते हुए होना चाहिए - दस वर्ष (Condition Apply)
  • कितने वर्ष तक बाहर रहने पर नागरिकता समाप्त हो जाती है - 7 वर्ष 
  • नागरिकता प्राप्त करने एवं खाने के विषय में विस्तार से चर्चा कहाँ की गई है - 1955 के नागरिकता कानून में
  • भारतीय संविधान के किस भाग में मौलिक अधिकार वर्णित है -  भाग तीन में
  • मौलिक अधिकारी को सर्वप्रथम किस देश में सवैधानिक मान्यता प्रदान की गई - संयुक्त राज्य अमेरिका में
  • भारतीय संविधान के किस अनुच्छेदों मे मौलिक अधिकारों का वर्णन है - अनुच्छेद 12 से 35 तक
  • डाॅ. भीमराव अम्बेडकर ने भारतीय संविधान के किस भाग को सर्वाधिक आलोकित भाग कहा है - भाग तीन को
  • भारतीय संविधान द्वारा भारतीय नागरिकों को कुल कितने मौलिक अधिकार प्रदान किये गये थें - सात
  • वर्तमान में भारतीय नागरिकों को कितने मौलिक अधिकार प्राप्त हैं - छः
  • भारतीय संविधान में न्यायालय में प्रवर्तनीय है - मूल अधिकार
  • कौन मौलिक अधिकारों का निलम्बन कर सकता है - राष्ट्रपति
  • मौलिक अधिकारों के बारे में सुनवाई करने का अधिकार किसे प्रदान किया गया है - सर्वोच्च न्यायालय को
  • भारतीय संविधान में उद्घोषित मौलिक अधिकारों में संशोधन किसके द्वारा किया जा सकता है - संसद द्वारा
  • मूल अधिकारों का संरक्षक किसे माना जाता है - उच्चतम न्यायालय को
  • मूल अधिकारों पर आवश्यक प्रतिबंध लगाने का अधिकार किसे है - संसद को
  • मौलिक अधिकारों का प्रमुख उद्देश्य क्या है - न्यायापालिका की स्वतंत्रता को सुनिश्चित करना
  • मूल अधिकारों को प्रवर्तित करने की शक्ति किसे प्राप्त है - उच्चतम व उच्च न्यायालयों को
  • भारतीय संविधान के किन अनुच्छेदों में समानता का अधिकार दिया गया है - अनुच्छेदों 14 से 18 तक में
  • विधि के सामने समानता का अधिकार कौन-सा अधिकार है - नागरिक अधिकार
  • भारतीय संविधान की अस्पृश्यता उन्मूलन से सम्बन्धित अनुच्छेद है - अनुच्छेद 17
  • 1995 में पारित ‘अश्पृश्यता अपराध अधिनियम’ को वर्तमान में किस नाम से जाना जाता है - सिविल अधिकार संरक्षण अधिनियम
  • भारतीय संविधान में स्वतंत्रता का अधिकार किस अनुच्छेंदों में वर्णित है - अनुच्छेद 19 से 22 तक में
  • भारतीय संविधान का अनुच्छेद - 21 किसके विरूद्ध संरक्षण प्रदान करता है - कार्यपालिका तथा विधायिका दोनों को
  • भारतीय संविधान का कौन-सा अनुच्छेद व्यक्ति के विदेश यात्रा के अधिकार को संरक्षण प्रदान करता है - अनुच्छेद 21
  • भारतीय संविधान के किन अनुच्छेदों में शोषण के विरुद्ध अधिकार वर्णित है - अनुच्छेद 23 से 24
  • मौलिक अधिकारों के अन्तर्गत कौन-सा अनुच्छेद बच्चों के शोषण से सम्बन्धित है - अनुच्छेद 24
  • किस अनुच्छेद में कहा गया है कि किसी भी व्यक्ति को एक ही अपराध के लिए एक बार से अधिक अभियोजित एवं दंडित नही किया जायेगा - अनुच्छेद 20 में
  • धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार संविधान के किन अनुच्छेंदो में वर्णित है - अनुच्छेंद 25 से 30 तक
  • संविधान के किस अनुच्छेद में सिखों द्वारा कृपाण धारण करना धार्मिक स्वतंत्रता का अंग माना गया है - अनुच्छेद 25
  • भारतीय संविधान के किस अनुच्छेंद मे संवैधानिक उपचारों का अधिकार दिया गया है - अनुच्छेद 32 में
  • मौलिक अधिकारों में से किसे डाॅ. बी. आर. अम्बेडकर ने संविधान का हदय एवं आत्मा की संज्ञा दी - संवैधानिक उपचारों का अधिकार को
  • मौलिक अधिकारों को लागू करने के लिए किसी न्यायालय द्वारा जारी किया जा सकता है - समादेश (रिट)
  • किस याचिका (writ) का शाब्दिक अर्थ होता है, ‘‘हम आदेष देते है’’ - परमादेष (Mandamus)
  • 44वें संविधान संषोधन विधेयक द्वारा किस मौलिक अधिकार को सामान्य वैधानिक अधिकार बना दिया गया - सम्पत्ति का अधिकार
  • भारत में सम्पत्ति के अधिकार को अब कौन-सा अधिकार माना जाता है - कानूनी अधिकार
  • भारत में मत देने का अधिकार होता है - एक राजनीतिक अधिकार
  • भारतीय संविधान में मूल कर्तव्यों को शामिल करने का विचार किस देश के संविधान से लिया गया है - पूर्व सोवियत संघ से
  • संविधान में मूल कर्तव्य से सम्बन्धित प्रावधान किस समिति की संस्तुतियों के आधार पर सम्मिलित किया गया है - स्वर्ण सिंह समिति
  • भारतीय संविधान में मूल कर्तव्य कब समाविष्ट किये गये - 1976 ई. में
  • किस संवैधानिक संशोधन अधिनियम द्वारा संविधान मे मूल कर्तव्यों को सम्मिलित किया गया - 42वें संवैधानिक संशोधन अधिनियम, 1976
  • 1976 में 42वे संशोधन द्वारा संविधान में नागरिकों के लिए कितने मौलिक कर्तव्य निश्चित किये गये - दस
  • संविधान के किस भाग में मूल कर्तव्यों के अध्याय को जोड़ा गया है - भाग-4 (क) में
  • वर्तमान में संविधान के किस अनुच्छेंद में मौलिक कर्तव्य की चर्चा की गई - अनुच्छेंद 51 (क) में
  • वर्तमान में संविधान में कुल कितने कुल मूल कर्तव्यों का उल्लेख है - 11
  • भारतीय संविधान में राज्य नीति निर्देषक तत्व ग्रहण किये गये हैं - आयरलैंड से
  • राज्य के नीति निर्देषक तत्वों का उल्लेख भारतीय संविधान के किस भाग में है - भाग 4 में
  • भारतीय संविधान के किस अनुच्छेंद में राज्य के नीति निर्देषक तत्वों का उल्लेख है - अनुच्छेंद 36 से 51
  • संविधान का वह कौन-सा भाग है जो संविधान के निर्माताओं के मस्तिष्क और उद्देष्यों को प्रतिबिम्बित करता है  - राज्य के नीति निर्देषक तत्व
  • भारतीय संविधान में राज्य के नीति निर्देषक सिद्धांतों को शामिल करने के पीछे मुख्य उद्देष्य क्या था - कल्याणकारी राज्य की स्थापना करना
  • संविधान में राज्य के नीति निर्देषक तत्वों को शामिल करने के पीछे क्या उद्देष्य है - सामाजिक आर्थिक लोकतंत्र की स्थापना
  • राज्य की नीति निर्देषक तत्व एक ऐसा चेक है जो बैंक की सुविधानुसार अदा की जायेगी ये कथन है  - के  टी. शाह की
  • भारतीय संविधान का कौन-सा अंग समाजवादी व्यवस्था स्थापित करने की प्रेरणा देता है - नीति निर्देषक तत्व
  • भारत के संविधान मं अन्तर्राष्ट्रीय सुरक्षा को प्रोत्साहन देना सन्निहित है - राज्य के नीति निर्देषक तत्व में
  • समान कार्य के लिए समान वेतन भारत के संविधान में सुनिश्चित किया गया - राज्य के नीति निर्देशक तत्व
  • भारतीय संविधान के किस भाग में न्यायपालिका तथा कार्यपालिका के प्रार्थक्य प्रावधान है - राज्य के नीति निर्देशक सिद्धांत
  • संविधान का कौन-सा अंश भारत के नागरिकों को आर्थिक न्याय प्रदान करने का संकेत करता है - राज्य के नीति निर्देशक तत्व
  • भारत के किस राज्य में समान संहिता लागू है - गोवा में
  • राज्य के नीति निर्देशक सिद्धांतों के अनुसार किस आयु तक के बच्चों को निःशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा देने की आशा की जाती है - 14 वर्ष
  • भारतीय नागरिकों के लिए एक समान सिविल संहिता प्राप्त कराने की बात कही गई है - अनुच्छेद 44 में
  • संविधान के किस अनुच्छेद में न्यायपालिका का कार्यपालिका से पृथ्क्करण का उल्लेख किया गया है - अनुच्छेद 50 में 
  • राज्य के नीति निर्देशक सिद्धांतों में से किस अनुच्छेद का सम्बन्ध अन्तर्राष्ट्रीय शांति एवं सुरक्षा के संवर्द्धन से है - अनुच्छेद 51 में
  • भारतीय संविधान के किस अनुच्छेद द्वारा निम्न दुर्बल वर्गो को शिक्षा सम्बन्धी सुरक्षा प्रदान की गई है - अनुच्छेद 46
  • काम करने के अधिकार को राज्य के नीति निर्देशक तत्वों मे किस अनुच्छेद के अन्तर्गत रखा गया है - अनुच्छेद 41 में

➤ 2002 में 86वें संविधान संशोधन द्वारा 11वाँ मूल कर्त्तव्य शामिल किया गया! संविधान में उल्लिखित मौलिक कर्त्तव्य(fundamental duties) की संख्या 11 है, जो इस प्रकार है:
(1) भारत के प्रत्येक नागरिक का यह कर्त्तव्य होगा कि वह संविधान का पालन करें तथा राष्ट्रीय प्रतीकों व आदर्शों का सम्मान करें।
(2) स्वतंत्रता संग्राम के आदर्शों के प्रति सम्मान रखें और उनका पालन करें।
(3) भारत की एकता, संप्रभुता और अखंडता की रक्षा करें और उसे अक्षुण्ण रखें।
(4) देश की रक्षा करें और जब कभी भी राष्ट्र की सेवा के लिए बुलाया जाए तो राष्ट्र की सेवा के लिए तत्पर रहें।
(5) प्रत्येक प्रकार की भेदभाव से दूर रहकर भाईचारे की भावना रखें तथा ऐसी प्रथाओं का त्याग करें जो स्त्रियों के सम्मान के विरुद्ध हो।
(6) हमारी सामाजिक संस्कृति का गौरवशाली परंपरा का महत्व समझें तथा उसकी रक्षा करें।
(7) प्राकृतिक पर्यावरण(वन, झील, नदी) एवं वन्य-जीवों की रक्षा करें और उनका संवर्धन करें तथा प्राणीमात्र के प्रति दयाभाव रखें।
(8) वैज्ञानिक दृष्टिकोण, मानवतावाद और ज्ञानार्जन तथा सुधार की भावना का विकास करें।
(9) सार्वजनिक संपत्ति की सुरक्षा करें तथा हिंसा से दूर रहें।
(10) व्यक्तिगत और सामाजिक प्रयासों द्वारा राष्ट्र को उन्नति के शिखर पर ले जाएं।
(11) माता-पिता व संरक्षकों का कर्तव्य है कि अपने 6-14 वर्ष तक के बच्चों को निशुल्क शिक्षा का अवसर प्रदान करें।

Objective Questions of Fundamental duties For Civil Services, SSC CGL, CHSL EXAMS
(1) भारतीय संविधान में मौलिक कर्त्तव्य ग्रहण किए गए हैं। 
(a)ब्रिटेन से (b)फ्रांस से (c)आयरलैंड से (d)रूस से 
Ans-d (रूस से)

(2) संविधान के किस भाग में मूल कर्तव्यों के अध्याय को जोड़ा गया है? 
(a)भाग-III (b)भाग-III(क) (c)भाग-IV (d)भाग-IV(क) 
Ans-d (भाग-IV(क)

(3) भारतीय संविधान के किस अनुच्छेद में भारतीय नागरिकों के मूल कर्त्तव्य शामिल हैं? 
(a)अनुच्छेद-50(क) (b)अनुच्छेद-50(ख) (c)अनुच्छेद-51(क) (d)अनुच्छेद-51
Ans-c(अनुच्छेद-51(क)

(4) निम्नलिखित में से किस वर्ष संविधान में मूल कर्तव्यों को अंत:स्थापित किया गया? 
(a)1972 ई. (b)1976 ई. (c)1977 ई. (d)1978 ई. 
Ans-b (1976 ई)

(5) मौलिक कर्तव्यों को निर्धारित किया गया- 
(a)40वें संविधान संशोधन द्वारा (b)43वें संविधान संशोधन द्वारा (c)42वें संविधान संशोधन द्वारा (d)39वें संविधान संशोधन द्वारा 
Ans-c(42वें संविधान संशोधन द्वारा)

(6) 1976 में 42वें संशोधन द्वारा संविधान में नागरिकों के लिए कितने मौलिक कर्त्तव्य निश्चित किए गए? 
(a)8 (b)10 (c)11 (d)12 
Ans-b(10)

(7) निम्नलिखित में से कौन-सी एक समिति ने नागरिकों के मूल कर्तव्य को 1976 में सम्मिलित करने की अनुशंसा की थी? 
(a)कोठारी समिति (b)बलवंत राय मेहता समिति (c)अशोक मेहता समिति (d)स्वर्ण सिंह समिति 
Ans-d (स्वर्ण सिंह समिति)

(8) भारत के संविधान के अनुसार भारतीय नागरिकों के मूल कर्तव्य निम्नलिखित में से क्या हैं?
(a)राष्ट्रगान, ध्वज आदि का सम्मान (b)वैज्ञानिक प्रवृत्ति का विकास (c)राष्ट्रीय एवं सांस्कृतिक विरासत का संरक्षण एवं परिरक्षण (d)उपर्युक्त सभी
Ans-d (उपर्युक्त सभी)

(9) निम्नलिखित में से कौन-सा एक मौलिक कर्त्तव्य नहीं है? 
(a)संविधान का पालन करना (b)देश की एकता और अखंडता की रक्षा करना (c)धर्मनिरपेक्षता का पालन करना (d)सार्वजनिक संपत्ति को सुरक्षित रखना 
Ans-c (धर्मनिरपेक्षता का पालन करना)

(10) संविधान में उल्लिखित मौलिक मौलिक कर्त्तव्य किसके लिए है? 
(a)सभी व्यक्तियों के लिए (b)सभी नागरिकों के लिए (c)केवल गैर नागरिकों के लिए (d)केवल केंद्रीय व राज्य के कर्मचारियों के लिए 
Ans-b (सभी नागरिकों के लिए)

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थाई सीट की खोज में भारत के समक्ष आने वाली बाधाओं पर चर्चा कीजिए? (UPSC-2015)


भारत काफी समय से संयुक्त राष्ट्र संघ की सुरक्षा परिषद में स्थाई सीट के लिए दावेदारी पेश करता आया है। यद्यपि भारत अपनी आर्थिक सक्षमता, विशाल जनसंख्या, लोकतांत्रिक प्रणाली, तथा शांति सेना में भागीदारी के कारण सुरक्षा परिषद की स्थाई सदस्यता का पात्र है तथापि इसमें अनेक अड़चनें हैं।

एक तरफ जहां फ्रांस और ब्रिटेन जैसे देश भारत की सदस्यता का समर्थन करते हैं तथापि अमेरिका और चीन आमतौर पर इसका विरोध करते आए हैं। क्योंकि यह सभी देश सुरक्षा परिषद के स्थाई सदस्य हैं अतः किसी भी निर्णय पर सारे स्थाई सदस्यों की सहमति होना आवश्यक है अतः सुरक्षा परिषद का सन्निकट विस्तार दूर की कौड़ी नजर आती है। 

भारत के द्वारा प्रस्तावित टेक्ट आधारित समझौता वार्ता को चीन और रूस पहले ही खारिज कर चुके हैं। दूसरी तरफ यूएफसी देश पाकिस्तान मेक्सिको इटली और मिस्र भी इसे स्वीकार करने को तैयार नहीं है।

सुरक्षा परिषद में स्थाई सदस्यता के दावेदार अन्य देश जैसे इटली मेक्सिको अर्जेंटीना तथा पाकिस्तान भी भारत की स्थाई सदस्यता का विरोध करते हैं। हालांकि जी4 देश (भारत जर्मनी ब्राजील तथा जापान) ने एक दूसरे का समर्थन किया है। अगर कोई विस्तार भी होता है तो अफ्रीका महादेश से किसी भी देश का स्थाई सदस्य ना होना तथा एशिया से चीन का स्थाई सदस्य होना भारत की दावेदारी को कमजोर करता है।

भारत की स्थाई सदस्यता के मार्ग में बाधक तत्व में भारत का परमाणु अप्रसार संधि पर हस्ताक्षर ना करना तथा चीन और पाकिस्तान के साथ काफी समय से उलझा हुआ सीमा विवाद भी है।

अगर भारत सुरक्षा परिषद की स्थाई सदस्यता चाहता है तो जल्द से जल्द इन मुद्दों को सुलझाने का प्रयास इसे करना चाहिए।

भारत में करीब 6.25 लाख बच्चे प्रतिदिन करते हैं धूम्रपान


ग्लोबल टोबैको एटलस रिपोर्ट के मुताबिक भारत में 6.25 लाख से ज्यादा बच्चे रोजाना धूम्रपान करते हैं, जो जन स्वास्थ्य के लिए एक गंभीर चेतावनी है। 

रिपोर्ट मुताबिक तंबाकू के सेवन से देश में हर हफ्ते 17,887 जानें जाती हैं।  हालांकि यह आंकड़े मध्यम मानव विकास सूचकांक( एचडीआई) वाले देशों में होने वाली औसत मौतों से कम है। 

रिपोर्ट से संबंधित मुख्य तथ्य:

➤ अमेरिकन कैंसर सोसायटी और वाइटल स्ट्रैटजीज द्वारा तैयार रिपोर्ट में दावा किया गया है कि भारत में धूम्रपान की आर्थिक लागत 18,18,691 मिलियन रुपये है। 

➤ ग्लोबल टोबैको एटलस रिपोर्ट के मुताबिक भारत में 6.25 लाख से ज्यादा बच्चे रोजाना धूम्रपान करते हैं, जो जन स्वास्थ्य के लिए एक गंभीर चेतावनी है। 

➤ रिपोर्ट मुताबिक तंबाकू के सेवन से देश में हर हफ्ते 17,887 जानें जाती हैं।  हालांकि यह आंकड़े मध्यम मानव विकास सूचकांक( एचडीआई) वाले देशों में होने वाली औसत मौतों से कम है। 

रिपोर्ट से संबंधित मुख्य तथ्य:

➤ अमेरिकन कैंसर सोसायटी और वाइटल स्ट्रैटजीज द्वारा तैयार रिपोर्ट में दावा किया गया है कि भारत में धूम्रपान की आर्थिक लागत 18,18,691 मिलियन रुपये है। 

➤ रिपोर्ट के अनुसार मध्य मानव विकास सूचकांक वाले देशों के मुकाबले भारत में कम बच्चे सिगरेट पीते हैं। भारत में मौजूदा समय में 4,29,500 से ज्यादा लड़के और 1,95,000 से ज्यादा लड़कियां प्रतिदिन धूम्रपान करती हैं। इन आंकड़ों के बाद नीति निर्माताओं को इसके खिलाफ कदम उठाने के लिए कहा गया है। 

➤ यह उद्योग एक ताकतवर बल है जिसे छोटे राष्ट्र-राज्यों की कार्रवाई का डर नहीं होता क्योंकि उनके पास अत्यधिक संसाधन और वैश्विक बाजार की ताकत है।  बड़ी अर्थव्यवस्थाओं और राष्ट्रों के पास मौका है कि वे छोटे सहयोगियों की इस खतरे से निपटने में मदद करें। 

➤ इस रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2016 में भारत में 82.12 अरब सिगरेट का उत्पादन हुआ। 

➤ इसमें बताया गया कि विश्व की छह प्रमुख तंबाकू कंपनियों का संयुक्त राजस्व 346 अरब डॉलर से ज्यादा था जो भारत की कुल राष्ट्रीय आय के 15 प्रतिशत हिस्से के बराबर है। 

महासागरों का अम्लीकरण : प्रवाल भित्तियों के लिये संकट


चर्चा में क्यों?

➤ ‘साइंस’ जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार महासागरों की अम्लीयता बढ़ने से प्रवाल भित्तियों का निर्माण करने वाले तलछटों (Sediments) का इस शताब्दी के अंत तक घुलना (Dissolving) शुरू हो सकता है।

➤ इस अध्ययन के आधार पर शोधकर्त्ताओं की टीम ने वर्तमान में कोरल निर्माण और तलछट विघटन के मौजूदा दर सहित कई कारकों को शामिल करते हुए प्रवालों में होने वाले परिवर्तनों की भविष्यवाणी की है।

क्या है प्रवाल भित्तियाँ?

➤ प्रवाल भित्तियाँ या मूंगे की चट्टानें (Coral reefs) समुद्र के भीतर स्थित प्रवाल जीवों द्वारा छोड़े गए कैल्सियम कार्बोनेट से निर्मित होती हैं। प्रवाल कठोर संरचना वाले चूना प्रधान जीव (सिलेन्ट्रेटा पोलिप्स) होते हैं।

➤ इन प्रवालों की कठोर सतह के अंदर सहजीवी संबंध से रंगीन शैवाल जूजैंथिली (Zooxanthellae) पाए जाते हैं।

➤ आमतौर पर प्रवाल भित्तियाँ उष्ण एवं उथले जल वाले सागरों, विशेषकर प्रशांत महासागर में स्थित, अनेक उष्ण अथवा उपोष्ण देशीय द्वीपों के सामीप्य में बहुतायत से पाई जाती हैं।

➤ प्रवाल भित्तियों को विश्व के सागरीय जैव विविधता का उष्णस्थल (Hotspot) माना जाता है तथा इन्हें समुद्रीय वर्षावन भी कहा जाता है।

प्रवालों के निर्माण के लिये निम्नलिखित परिस्थितियाँ सहायक होती हैं-

➤ प्रवाल मुख्य रूप से उष्णकटिबंधों में पाए जाते हैं, क्योंकि इनके जीवित रहने के लिये 20°C - 21°C तापक्रम की आवश्यकता होती है।

➤ प्रवाल कम गहराई पर पाए जाते हैं क्योंकि अधिक गहराई पर सूर्य के प्रकाश व ऑक्सीजन की कमी होती है।

➤ प्रवालों के विकास के लिये स्वच्छ एवं अवसाद रहित जल आवश्यक है क्योंकि अवसादों के कारण प्रवालों का मुख बंद हो जाता है और वे मर जाते हैं।

➤ सागरीय धाराएँ प्रवालों के लिये लाभदायक होती हैं क्योंकि ये प्रवालों के लिये भोजन उपलब्ध कराती हैं। इसी कारण बंद सागरों में कम प्रवाल पाए जाते हैं।

➤ प्रवाल भितियों का निर्माण कोरल पॉलिप्स नामक जीवों के कैल्शियम कार्बोनेट से निर्मित अस्थि-पंजरों के अलावा कार्बोनेट तलछट से भी होता है जो इन जीवों के ऊपर हज़ारों वर्षों से जमा हो रही है।

महासागरीय अम्लीकरण (Ocean Acidification)

➤ महासागरीय अम्लीकरण को समुद्री जल की pH में होने वाली निरंतर कमी के रूप में परिभाषित किया जाता है।

➤ महासागरों में प्रवेश करने के बाद कार्बन डाइऑक्साइड जल के साथ संयुक्त होकर कार्बोनिक अम्ल का निर्माण करती है जिससे महासागर की अम्लता बढ़ जाती है और समुद्र के पानी की pH कम हो जाती है।

➤ महासागरीय अम्लीकरण प्रवाल जीवों को उनके कठोर कंकाल को निर्मित करने से रोकता है। ऐसा महासागरों द्वारा मानव-जनित कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन की अधिक मात्रा को अवशोषित करने से होता है।

➤ ऑस्ट्रेलिया में दक्षिणी क्रॉस विश्वविद्यालय सहित कई संस्थानों के वैज्ञानिकों ने प्रशांत और अटलांटिक महासागरों के पाँच प्रवालों में 57 स्थानों पर तलछट विघटन के उपेक्षित पहलू का अध्ययन किया।

➤ उन्होंने पाया कि अम्लीकरण और तलछट विघटन के बीच संबंध प्रवाल गठन और अम्लीकरण की तुलना में अधिक मजबूत है।

➤ उनके अनुमानों के मुताबिक़ 2050 तक प्रवाल तलछट घुलने शुरू हो जाएंगे और 2080 तक इनके निर्माण की तुलना में इनके घुलने की दर अधिक होगी।

➤ यह अध्ययन दर्शाता है कि महासागरीय अम्लीकरण की वज़ह से कोरल रीफ सिस्टम बढ़ने की बजाय कम हो रहा है।

प्रवाल भित्तियों के अस्तित्व के लिये अन्य चुनौतियाँ

➤ वर्तमान में प्रवाल निर्माण की प्रक्रिया भी खतरे में है। 1998 में लक्षद्वीप के प्रवालों में प्रवाल विरंजन की घटना देखी गई थी।

➤ जब तापमान, प्रकाश या पोषण में किसी भी परिवर्तन के कारण प्रवालों पर तनाव बढ़ता है तो वे अपने ऊतकों में निवास करने वाले सहजीवी शैवाल जूजैंथिली को निष्कासित कर देते हैं जिस कारण प्रवाल सफेद रंग में परिवर्तित हो जाते हैं। इस घटना को कोरल ब्लीचिंग या प्रवाल विरंजन कहते हैं।

➤ 2010 और 2016 में विरंजन की दो और घटनाएँ हुई थी। बार-बार होने वाले विरंजन, जलवायु परिवर्तन की वजह से आने वाले चक्रवातों और अब महासागर अम्लीकरण, जो प्रवाल-निर्माण को धीमा करने के अलावा तलछट विघटन का कारण बनता है, के कारण लक्षद्वीप में प्रवालों को एक साथ तीन-तीन बाधाओं का सामना करना पड़ सकता है।

➤ हिंद महासागर, प्रशांत महासागर और कैरिबियाई महासागर में कोरल ब्लीचिंग की घटनाएँ सामान्य रूप से घटित होती रही हैं परंतु वर्तमान समय में ग्लोबल वार्मिंग के कारण लगातार समुद्र के बढ़ते तापमान व अल-नीनो के कारण प्रवाल या मूंगे का बढ़े पैमाने पर क्षय हो रहा है।

➤ इसके अतिरिक्त अति-मत्स्यन (Over-Fishing) जैसे स्थानीय कारक भी प्रवालों को प्रभावित करते हैं।

भारत में प्रवाल भित्तियाँ

➤ भारत में प्रवाल भितियाँ 3,062 वर्ग किमी. क्षेत्रफल में विस्तृत हैं।

➤ कई प्रवाल प्रजातियों को बाघों के समान ही वन्यजीव संरक्षण अधिनियम,1972 की अनुसूची-I में शामिल कर संरक्षण प्रदान किया गया हैं।

➤ एक तरफ जहाँ प्रवाल भितियाँ मछलियों की प्रजातियों की विविधता को बनाए रखने में सहायता करती हैं वहीं उन पर स्थानीय समुदाय अपनी आजीविका के लिये निर्भर रहते हैं।

➤ लक्षद्वीप में ये चक्रवातों के लिये अवरोधक का कार्य कर तटीय कटाव की रोकथाम में भी सहायता करते हैं।

➤ लक्षद्वीप द्वीप समूह के प्रवाल तंत्रों का अध्ययन करने वाले वैज्ञानिकों का कहना है कि महासागरीय अम्लीकरण काफी चिंता का विषय है क्योंकि हिंद महासागर में बहुत से प्रवाल पहले से ही निवल रूप से नष्ट होने की अवस्था में हैं।