ग्लोबल टोबैको एटलस रिपोर्ट के मुताबिक भारत में 6.25 लाख से ज्यादा बच्चे रोजाना धूम्रपान करते हैं, जो जन स्वास्थ्य के लिए एक गंभीर चेतावनी है।
रिपोर्ट मुताबिक तंबाकू के सेवन से देश में हर हफ्ते 17,887 जानें जाती हैं। हालांकि यह आंकड़े मध्यम मानव विकास सूचकांक( एचडीआई) वाले देशों में होने वाली औसत मौतों से कम है।
रिपोर्ट से संबंधित मुख्य तथ्य:
➤ अमेरिकन कैंसर सोसायटी और वाइटल स्ट्रैटजीज द्वारा तैयार रिपोर्ट में दावा किया गया है कि भारत में धूम्रपान की आर्थिक लागत 18,18,691 मिलियन रुपये है।
➤ ग्लोबल टोबैको एटलस रिपोर्ट के मुताबिक भारत में 6.25 लाख से ज्यादा बच्चे रोजाना धूम्रपान करते हैं, जो जन स्वास्थ्य के लिए एक गंभीर चेतावनी है।
➤ रिपोर्ट मुताबिक तंबाकू के सेवन से देश में हर हफ्ते 17,887 जानें जाती हैं। हालांकि यह आंकड़े मध्यम मानव विकास सूचकांक( एचडीआई) वाले देशों में होने वाली औसत मौतों से कम है।
रिपोर्ट से संबंधित मुख्य तथ्य:
➤ अमेरिकन कैंसर सोसायटी और वाइटल स्ट्रैटजीज द्वारा तैयार रिपोर्ट में दावा किया गया है कि भारत में धूम्रपान की आर्थिक लागत 18,18,691 मिलियन रुपये है।
➤ रिपोर्ट के अनुसार मध्य मानव विकास सूचकांक वाले देशों के मुकाबले भारत में कम बच्चे सिगरेट पीते हैं। भारत में मौजूदा समय में 4,29,500 से ज्यादा लड़के और 1,95,000 से ज्यादा लड़कियां प्रतिदिन धूम्रपान करती हैं। इन आंकड़ों के बाद नीति निर्माताओं को इसके खिलाफ कदम उठाने के लिए कहा गया है।
➤ यह उद्योग एक ताकतवर बल है जिसे छोटे राष्ट्र-राज्यों की कार्रवाई का डर नहीं होता क्योंकि उनके पास अत्यधिक संसाधन और वैश्विक बाजार की ताकत है। बड़ी अर्थव्यवस्थाओं और राष्ट्रों के पास मौका है कि वे छोटे सहयोगियों की इस खतरे से निपटने में मदद करें।
➤ इस रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2016 में भारत में 82.12 अरब सिगरेट का उत्पादन हुआ।
➤ इसमें बताया गया कि विश्व की छह प्रमुख तंबाकू कंपनियों का संयुक्त राजस्व 346 अरब डॉलर से ज्यादा था जो भारत की कुल राष्ट्रीय आय के 15 प्रतिशत हिस्से के बराबर है।