भारत लगभग 39000 करोड़ रुपए की लागत वाली पाँच S-400 Triumf नामक एयर डिफेंस मिसाइल प्रणालियों को खरीदने की योजना बना रहा है।
भारत और रूस के बीच 2016 में इससे संबंधित करार हुआ था। भारत-रूस के बीच अब तक के सबसे बड़े रक्षा सौदों में से एक इस डील को 31 मार्च, 2018 तक अंतिम रूप दिया जा सकता है।
प्रमुख बिंदु
➤ इस S-400 Triumf एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम को दुनिया का सबसे सक्षम सतह से हवा में मार करने वाला मिसाइल सिस्टम माना जाता है।
➤ सतह से हवा में प्रहार करने में सक्षम S-400 Triumf रूस की नई एयर डिफेंस मिसाइल प्रणाली का हिस्सा है जिसे 2007 में रूसी सेना में तैनात किया गया था।
➤ रूस ने इस प्रणाली को सीरिया में तैनात किया है।
➤ S-400 मिसाइल प्रणाली S-300 का उन्नत संस्करण है, जो इसके 400 किमी. की रेंज में आने वाली मिसाइलों एवं पाँचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमानों को नष्ट कर सकता है।
➤ इस प्रणाली में एक साथ तीन मिसाइलें दागी जा सकती हैं।
➤ इसमें अमेरिका के सबसे उन्नत फाइटर जेट F-35 को भी गिराने की क्षमता है।
➤ इस रक्षा प्रणाली से विमानों सहित क्रूज और बैलिस्टिक मिसाइलों तथा ज़मीनी लक्ष्यों को भी निशाना बनाया जा सकता है।
महत्त्व
➤ भारत के लिये S-400 की तैनाती का मतलब है कि जब पाकिस्तानी विमान अपने हवाई क्षेत्र में उड़ रहे होंगे तब भी उन्हें ट्रैक किया जा सकेगा।
➤इसे भारतीय वायुसेना (IAF) द्वारा संचालित किया जाएगा तथा इससे भारत के हवाई क्षेत्र में सुरक्षा को सुदृढ़ किया जा सकेगा।
➤ इससे पहले चीन ने 2014 में छह S-400 प्रणालियों के लिये $3 बिलियन के सौदे पर हस्ताक्षर किये थे और चीन को अब इनकी आपूर्ति भी होने लगी है।
➤ दिसंबर 2017 में तुर्की ने ऐसी दो प्रणालियों के लिये एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।