अम्ब्रेला स्कीम महिलाओं के लिए सुरक्षा और सशक्तिकरण मिशन है। 22 नवंबर, 2017 को प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने अम्ब्रेला स्कीम मिशन को महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की योजनाओं के विस्तार के लिए वर्ष 2017-18 से लेकर 2019-20 की अवधि के लिए अपनी मंजूरी प्रदान की। इतना ही नहीं सीसीईए ने ‘ प्रधानमंत्री महिला शक्ति केंद्र’ नामक नई स्कीम को भी मंजूरी प्रदान की है, जो सामुदायिक भागीदारी के माध्यम से ग्रामीण महिलाओं को सशक्त करेगी, जिससे कि एक ऐसा परिवेश बनाया जा सके, जिसमें वह अपनी पूर्ण क्षमता का उपयोग कर सके। साथ ही बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ के अंतर्गत विस्तार को भी 161 जिलों में सफल कार्यान्वयन के आधार पर मंजूरी प्रदान की गई है।
अम्ब्रेला स्कीम से होने वाले फायदे
यह स्कीम विशेषकर महिलाओं की देखभाल, सुरक्षा और विकास की योजना हैं। इसका लक्ष्य घटते हुए लिंगानुपात में सुधार करना, नवजात कन्या की उत्तरजीविता और सुरक्षा को सुनिश्चित करना, उसकी शिक्षा को सुनिश्चित करना और उसकी क्षमता को पूर्ण करने के लिए उसे सशक्त बनाना है। यह ग्रामीण महिलाओं को उनके अधिकारों को प्राप्त करने हेतु सरकार से संपर्क करने के लिए इंटरफेस प्रदान करेगा, यह परिक्षण और क्षमता निर्माण के माध्यम से उन्हें सशक्त बनाएगी। स्वेच्छाकर्मी विधार्थी स्वैच्छिक सामुदायिक सेवा और लैंगिक समानता की भावना को प्रोत्साहित करेंगे।
प्रधानमन्त्री महिला शक्ति केंद्र स्कीम के बारे में
इसकी परिकल्पना विभिन्न स्तरों पर कार्य करने के लिए की गई है, जबकि राष्ट्रीय स्तर (क्षेत्र आधारित ज्ञान सहायता) और राज्य स्तर (महिलाओं के लिए राज्य संसाधन केंद्र) संरचनाएं महिलाओं से सम्बंधित मुद्दों पर सम्बंधित सरकार को तकनीकी सहायता प्रदान करेगी, जिला और ब्लॉक-स्तरीय केंद्र एम.एस.के को सहायता प्रदान करेंगे और यह चरणबद्ध तरीके से कवर किए जाने वाले 640 जिलों में बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ को आधार प्रदान करेंगे।
हिंसा से पीड़ित महिलाओं को समावेशी सहायता प्रदान करने के लिए इस अवधि के दौरान 150 अतितिक्त जिलों में वन स्टॉप सेंटरों की स्थापना की जाएगी. इन वन स्टॉप सेंटरों को महिला हेल्प लाइन के साथ जोड़ा जाएगा और देशभर में सार्वजनिक और निजी दोनों स्थानों पर हिंसा से पीड़ित महिलाओं को 24 घंटे का आपातकालीन एवं गैर आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रदान की जाएगी. राज्यों और संघ राज्य क्षेत्रों में स्वेच्छिक आधार पर महिला पुलिस स्वेच्छाकर्मियों को सलंग्न करके एक अद्वितीय फल शुरू की जाएगी, जिससे कि जनता-पुलिस संपर्क स्तापित किया जा सके। सभी राज्यों और संघ राज्य क्षेत्रों को कवर करते हुए 65 जिलों में इसका विस्तार किया जाएगा।
योजना की निगरानी और मूल्यांकन
एक आम टास्क फोर्स राष्ट्रीय, राज्य और जिला स्तर पर सभी उप-योजनाओं की योजना बनाने, समीक्षा करने और निगरानी करने के लिए तैयार किए जाएंगे, ताकि कार्रवाई और लागत दक्षता सुनिश्चित करने के उद्देश्य को सुनिश्चित किया जा सके। प्रत्येक योजना के पास एसडीजी के साथ गठबंधन के दिशा निर्देशों में निर्धारित स्पष्ट, ध्यान केंद्रित लक्ष्य का एक सेट होगा। नीती आयोग द्वारा सुझाए गए सभी उप-योजनाओं के लिए परिणाम आधारित संकेतकों की निगरानी के लिए क्रियाविधि को जगह दी जाएगी। ये योजनाएं राज्यों/संघ शासित प्रदेशों और कार्यान्वयन एजेंसियों के माध्यम से लागू की जाएंगी। सभी उप-योजनाओं में केंद्रीय स्तर, राज्य, जिला और ब्लॉक स्तर पर इनबिल्ट निगरानी संरचना को शामिल किया गया है।
उपरोक्त लेख से उम्ब्रेला स्कीम क्या है, इससे महिलाओं को क्या फायदे होंगे अर्थार्त प्रधानमन्त्री महिला शक्ति केंद्र स्कीम के तहत क्या-कया प्रावधान दिए गए है के बारें में ज्ञात होता हैं।