ग्लोबल फायरपावर सूची 2017 में दुनिया की सबसे ताकतवर शीर्ष पांच सेनाओं में भारतीय सेना भी शामिल हो चुकी है। सूची में शामिल 133 देशों में भारत चौथे पायदान पर है। हमसे आगे सिर्फ अमेरिका, रूस और चीन ही हैं। इस सूचकांक को तैयार करने के लिए पचास मानकों को शामिल किया गया। इनमें सैन्य संसाधन, प्राकृतिक संसाधन, उद्योग और भौगोलिक स्थिति और उपलब्ध मानव संसाधन प्रमुख हैं। सूची में देशों की परमाणु ताकत को नहीं गिना गया है लेकिन परमाणु हथियारों की क्षमता को अंक जरूर दिए गए हैं।
सैन्य ताकत के लिहाज से 133 देशों की इस सूची में पहले 10 स्थानों पर ब्रिटेन, फ्रांस, जापान, तुर्की और जर्मनी भी शामिल हैं।
भारत के पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान को इस सूची में 13वें स्थान पर जगह मिली है। इस सूची में यह भी कहा गया है कि चीन जिस रफ्तार से अपनी सैन्य क्षमताओं में इजाफा कर रहा है उसे देखते हुए कुछ ही समय में वह रूस को पीछे छोड़कर दूसरे स्थान पर काबिज हो जाएगा।
भारत बनाम चीन
भारत और चीन इस सूचकांक में अपने सर्वाधिक सैनिकों की संख्या के दम पर हैं। ताकत का अंदाजा बयान करने के साथ इस सूची में विभिन्न मुल्कों की सैन्य क्षमताओं की भी तुलना की गई है।इस आकलन के मुताबिक भारतीय सशस्त्र बलों में चीन के मुकाबले सैनिकों की संख्या ज्यादा है। चीन के मुकाबले भारत के विमानवाहक पोत भी अधिक हैं, लेकिन रक्षा बजट के लिहाज से भारत चीन से बहुत पीछे है। चीन का रक्षा खर्च भारत से तीन गुना अधिक है। इसके अलावा लड़ाकू विमानों, हैलीकॉप्टरों, पनडुब्बियों के लिहाज से भी चीन कहीं आगे है। कुल सैनिकों की संख्या के मामले में भारत चीन को पीछे छोड़ता है। भारत के पास कुल 42,07,250 सैनिक हैं जबकि चीन के पास 37,12,500 ही हैं।
- हालांकि सक्रिय सैनिकों की संख्या के मामले में चीन आगे है। उसके पास 22.60 लाख ऐसे सैनिक हैं जबकि भारत का यह आंकड़ा 13,62,500 ठहरता है।
- भारत के पास रिजर्व सैनिक 28,44,750 हैं, वहीं चीन के पास सिर्फ 14,52,500 ही हैं। रक्षा बजट के मामले में भारत चीन के कहीं पीछे छूटता दिखता है।