प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल ने 01 मार्च 2018 को संसद में भगौड़ा आर्थिक अपराधी विधेयक, 2018 को मंजूरी प्रदान की। इस विधेयक में भारतीय न्यायालयों के कार्यक्षेत्र से बाहर रहकर भारतीय कानूनी प्रक्रिया से बचने वाले आर्थिक अपराधियों की प्रवृत्ति को रोकने के लिए कड़े उपाय करने में मदद मिलेगी।
यह विधेयक वर्तमान कानूनों में भारतीय न्यायालयों के कार्यक्षेत्र से बाहर रहकर भारतीय कानूनों की प्रक्रिया से बचने वाले आर्थिक अपराधियों की प्रवृत्ति को रोकने के लिए लाया जा रहा है। इस विधेयक में किसी व्यक्ति को भगौड़ा आर्थिक अपराधी के रूप में घोषित करने के लिए एक न्यायालय (धन-शोधन रोकथाम अधिनियम, 2002 के अंतर्गत विशेष न्यायालय) का प्रावधान किया गया है।
विधेयक की मुख्य बातें
- विधेयक के पारित होते ही यह कानून ऐसे मामलों में लागू होगा, जहाँ अपराध 100 करोड़ रुपए से अधिक के हो।
- किसी व्यक्ति के भगौड़ा आर्थिक अपराधी घोषित होने पर विशेष न्यायालय के समक्ष आवेदन करना इसमें शामिल है।
- इसके लागू होने पर अपराध के जरिए भगौड़ा आर्थिक के रूप में घोषित व्यक्ति की संपत्ति को जब्त किया जा सकेगा।
- भगौड़ा आर्थिक अपराधी होने के आरोपित व्यक्ति को विशेष न्यायालय द्वारा नोटिस जारी किया जाएगा।
- अपराध के फलस्वरूप व्युतपन्न संपत्ति के चलते भगौड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किए गए व्यक्ति की संपत्ति को जब्त किया जा सकेगा।
- ऐसे अपराधी की बेनामी संपत्ति सहित भारत और विदेशों में अन्य संपत्ति को जब्त किया जा सकता है।
- भगौड़े आर्थिक अपराधी को किसी सिविल दावे का बचाव करने से अपात्र बनाना, और अधिनियम के अंतर्गत जब्त की गई संपत्ति के प्रबंधन व निपटान के लिए एक प्रशासन की नियुक्ति की जाएगी।