ट्रेड वॉर को हिंदी में कारोबार के जरिए युद्ध कह सकते हैं। किसी दूसरे युद्ध की तरह इसमें भी एक देश दूसरे पर हमला करता है और पलटवार के लिए तैयार रहता है। लेकिन इसमें हथियारों की जगह करों का इस्तेमाल करके विदेशी सामान को निशाना बनाया जाता है। ऐसे में जब एक देश दूसरे देश से आने वाले सामान पर टैरिफ यानी कर बढ़ाता है तो दूसरा देश भी इसके जवाब में ऐसा ही करता है और इससे दोनों देशों में टकराव बढ़ता है। इससे देशों की अर्थव्यवस्थाएं प्रभावित होती हैं जिससे दोनों देशों के बीच राजनीतिक तनाव बढ़ता है।
अमरीकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप मानते हैं कि ट्रेड वॉर आसान और बेहतर हैं और वह कर बढ़ाने के मुद्दे से भी नहीं पीछे हटेंगे।
लेकिन टैरिफ आखिर क्या है?
➽ टैरिफ टैक्स यानी कर का वो रूप होता है जो विदेशों में बनने वाले सामान पर लगता है।
➽ सैद्धांतिक रूप से, विदेशी सामान पर कर बढ़ाने का मतलब ये होता है कि वह सामान महंगे हो जाएंगे और लोग उन्हें खरीदना कम कर देंगे।
➽ ऐसा करने के पीछे मंशा ये होती है कि लोग विदेशी सामान की कमी या उनके दाम ज्यादा होने की स्थिति में स्वदेशी सामान खरीदेंगे जिससे घरेलू अर्थव्यवस्था को फायदा होता है।