Thursday, 7 March 2019

रक्षा मंत्रालय का फैसला महिलाओं को सेना के 10 ब्रांच में मिलेगा स्थायी कमीशन


रक्षा मंत्रालय की ओर से शॉर्ट सर्विस कमीशन (एसएससी) से जुड़ा अहम फैसला आया, जिसमें भारतीय सेना की उन सभी दस ब्रांच में महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन दिए जाने की घोषणा की गई इससे पहले सेन्य बलों में महिलाओं की नियुक्ति शॉर्ट सर्विस कमीशन में होती थी। स्थायी कमीशन दिये जाने का मतलब है, अब महिलाएं रिटायरमेंट की उम्र तक सेना में काम कर सकती हैं। वे अपनी मर्जी के अनुसार या फिर रिटायरमेंट की उम्र खत्म होने पर नौकरी छोड़ सकती हैं


स्थायी कमीशन से क्या बदलेगा

शार्ट सर्विस कमीशन की तरफ से महिला अधिकारियों को सेवा के आखिरी चार साल पूरे करने से पहले उन्हें स्‍थाई कमीशन विकल्‍प दिया जाएगा। महिला अधिकारियों को जिन शाखाओं में पर्मानेंट कमीशन दिया जाएगा 

उनमें सिग्नल, इंजीनियर, आर्मी एविएशन, आर्मी एयर डिफेंस, इलेक्ट्रॉनिक्स और मैकेनिकल इंजीनियर, आर्मी सर्विस कॉर्प्स, आर्मी ऑर्डिनेंस कॉर्प्स और इंटेलिजेंस शामिल हैं


इन शाखाओं में थी स्थायी कमीशन की इजाजत

अब तक महिला अधिकारियों को सिर्फ दो शाखाओं (न्यायाधीश एडवोकेट जनरल (JAG) और सेना शिक्षा कोर) में स्थायी कमीशन की अनुमति थी। वर्तमान में भी सेनाओं में महिलाओं को जहां स्थाई कमीशन दिया जाता है वह कुछ ही गैर युद्धक ब्रांचों तक सीमित है


क्या है शॉर्ट सर्विस कमीशन

भारतीय जल सेना, थल सेना और वायु सेना में महिला अफसरों की भर्ती एसएससी यानी 'शार्ट सर्विस कमीशन' के जरिये भी की जाती है। एसएससी के जरिये भर्ती अफसर 14 साल तक सेवाएं दे पाते हैं। फिर ये महिलाएं 14 साल बाद रिटायर हो जाती हैं, जबकि कोई भी अधिकारी 20 साल की नौकरी करने के बाद पेंशन लेने का हक़दार बनाता है


साल 14 के बाद रोजगार में मुश्किल

14 साल की सेवा में महिलाएं लगभग 40 की उम्र, या उससे भी ज्यादा पार कर चुकी होती, जिसके बाद उन्हें रोजगार मिलना मुश्किल होता है। एसएससी के जरिए भर्ती हुई महिलाएं सिर्फ 14 साल तक सेना में काम कर पाने की वजह से पेंशन और दूसरे फायदे लेने योग्य नहीं होतीं। हमारी तीनों सेनाओं 'शार्ट सर्विस कमीशन' के जरिये भर्ती हुई करीब साढ़े तीन हजार महिला अधिकारी कार्यरत हैं


शार्ट सर्विस कमीशन का मकसद

शार्ट सर्विस कमीशन शुरू करने का मकसद सैन्य बलों में बीच के स्तर पर अफसरों की कमी दूर करना था

रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण शार्ट सर्विस कमीशन में महिलाओं को पुरुषों के समान स्थायी कमीशन मिलने की बात कह चुकी हैं


शार्ट सर्विस कमीशन में आए बदलाव
पहले सेना में शार्ट सर्विस कमीशन (एसएससी) के जरिए जो अधिकारी भर्ती होते थे, वह केवल 10 साल तक सेवा दे पाते थे। लेकिन सातवें वेतन आयोग के बाद इसे बढ़ाया गया है। अब वे 14 साल तक सेवा दे पाते हैं इसके साथ ही सातवें वेतन आयोग में यह विकल्प दिया गया है कि अगर कोई सात साल के बाद सेवा छोड़ना चाहता है, तो उसे गोल्डन हैंडसेक दिया जाएगा

महिला अधिकारियों के एक समूह ने स्थाई कमीशन का दायरा बढ़ाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में रिट फाइल की थी। जिसके बाद सरकार ने दायरा बढ़ाने के फैसले पर विचार किया


कब हुआ था स्थाई कमीशन का ऐलान

पीएम मोदी ने 15 अगस्त को लाल किले से सेनाओं में शार्ट सर्विस कमीशन (एसएससी) के जरिए भर्ती होने वाली महिला अफसरों को स्थाई कमीशन दिए जाने की घोषणा की थी


दुनिया भर में सेनाओं में महिलाओं को हासिल पद और कई ऐसे देश ऐसे हैं जहाँ लड़ाई को लीड करती हैं:- 

अमेरिका: अमेरिकी सेना में महिलाएं इराक और अफगानिस्तान में युद्धों के परिणामस्वरूप, 2002 से प्रत्यक्ष युद्ध महिलाओं में अधिक सक्रिय भूमिका निभा रही हैं। जनवरी 2013 में अमेरिकी सेना ने आधिकारिक तौर पर युद्ध की भूमिका में सेवा करने वाली महिला सैनिकों पर प्रतिबंध हटा लिया और कहा कि किसी को भी योग्यता प्राप्त करने के लिए अपने लिंग के बावजूद युद्ध की अगली पंक्तियों पर लड़ने का मौका मिलेगा

स्वीडन: 1989 से स्वीडिश सेना में किसी भी पद पर कोई लिंग प्रतिबंध नहीं रहा है। ब्रिटिश सर्वेक्षण के अनुसार, युद्ध सहित सभी सेवाओं और भूमिकाओं में महिलाओं को अनुमति है

स्पेन: मई 1999 में सशस्त्र बलों के कर्मियों के कानून ने लिंग भेदभाव को समाप्त कर दिया और महिलाओं को किसी भी सेवा में सभी पदों में शामिल होने की अनुमति दी गई

नीदरलैंड्स: डच महिलाओं को करीबी मुकाबला भूमिकाओं में अनुमति देता है

इजराइल: 1995 में इजरायली रक्षा बल ने महिलाओं को युद्ध की स्थिति में शामिल करना शुरू किया था

जर्मनी: यूरोपीय न्यायालय के न्यायमूर्ति के फैसले के बाद महिलाएं 2001 में जर्मन युद्ध इकाइयों में शामिल हो गईं, जिसमें कहा गया कि महिलाओं को युद्ध की भूमिका से रोकना लिंग समानता के सिद्धांतों के खिलाफ था

फ्रांस: महिलाएं पनडुब्बियोंऔर दंगा-नियंत्रण गेंडमेरी में छोड़कर फ्रांसीसी सेना में सेवा दे सकती हैं। 2006 के एक ब्रिटिश सर्वेक्षण में पाया गया कि युद्ध में 1.7% महिलाएं शामिल थीं और 19% फ्रांसीसी सैन्य कर्मी महिलाएं थीं

फिनलैंड: फिनलैंड महिलाओं को करीबी मुकाबला भूमिकाओं में अनुमति देता है। फिनिश रक्षा बलों और फिनिश सीमा गार्ड की सभी सेवाएं और इकाइयां महिलाओं को स्वीकार करती हैं

डेनमार्क: रक्षा मंत्रालय के 2010 के एक सर्वेक्षण के मुताबिक, 1985 और 1987 में परीक्षणों के बाद युद्ध में महिलाओं की क्षमताओं की खोज के बाद 1988 में दानों को कुल समावेशन की नीति अपनाई। सर्वेक्षण में कई यूरोपीय देशों को सूचीबद्ध किया गया

कनाडा: 1989 से सभी सैन्य व्यवसाय महिलाओं के लिए खुले रहे हैं। पनडुब्बी सेवा 2000 में शुरु हुई थी कनाडा में सशस्त्र बलों में महिलाओं का प्रतिनिधित्व 2001 में 11.4% से बढ़कर फरवरी 2017 तक 15.1% हो गया है

ऑस्ट्रेलिया: 1 जनवरी, 2013 से, देश ने एडीएफ में सेवा करने वाली महिलाओं को ऑस्ट्रेलियाई रक्षा बल में सभी रोजगार श्रेणियों को खोला

मनुष्यों के कारण 1700 जीव प्रजातियों के विलुप्त होने का खतरा


मनुष्य अपने स्वार्थ हेतु भूमि प्रयोग लगातार बढ़ाकर अन्य जीवों का प्राकृतिक आवास छीन रहा है और इसके कारण 1700 जीव प्रजातियों पर आगामी 50 वर्षों में विलुप्त होने का खतरा मंडरा सकता है

पत्रिका ‘नेचर क्लाइमेट चेंज’ में प्रकाशित एक अध्ययन में यह बात कही गई है कि मनुष्य द्वारा लगातार बढ़ रहे भूमि इस्तेमाल का खामियाजा अन्य जीवों को भुगतना पड़ सकता है

मुख्य बिंदु

📖 दरअसल, इसके कारण अन्य जीवों का प्राकृतिक आवास कम हो रहा है और इसी वजह से जीवों की 1700 प्रजातियों के विलुप्त होने का खतरा है

📖 अमेरिका स्थित येल विश्वविद्यालय में प्रोफेसर वाल्टर जेट्स ने कहा की हमें अपने विश्लेषण से यह पता चला कि वैश्विक भूमि प्रयोग से जुड़े राजनीतिक एवं आर्थिक निर्णयों के कारण विश्वभर में जीवों का प्राकृतिक आवास कितना कम होने की आशंका है

📖 अध्ययन में यह पाया गया कि मनुष्यों द्वारा भूमि प्रयोग बढ़ाए जाने से आगामी 50 वर्ष में 1700 प्रजातियों पर विलुप्त होने का खतरा बढ़ने की आशंका है

📖 अनुसंधानकर्ताओं ने बताया कि वर्ष 2070 तक इन प्रजातियों का करीब 30 से 50 प्रतिशत प्राकृतिक आवास छिन सकता है


नेचर पत्रिका के बारे में

📖  यह ब्रिटिश की एक प्रमुख वैज्ञानिक पत्रिका है जो पहली बार 04 नवम्बर 1869 को प्रकाशित की गयी थी

📖  दुनिया की अंतर्विषय वैज्ञानिक पत्रिकाओं में इस पत्रिका का उल्लेख सबसे उच्च स्थान पर किया जाता है

📖  अब तो अधिकांश वैज्ञानिक पत्रिकाएं अति-विशिष्ट हो गयीं हैं और नेचर उन गिनी-चुनी पत्रिकाओं में से है जो आज भी, वैज्ञानिक क्षेत्र की विशाल श्रेणी के मूल अनुसंधान लेख प्रकाशित करती है

📖  वैज्ञानिक अनुसंधान के ऐसे अनेक क्षेत्र हैं जिनमें किये जाने वाले नए और महत्वपूर्ण विकासों की जानकारी तथा शोध-सम्बन्धी मूल-लेख या पत्र नेचर' में प्रकाशित किये जाते हैं

Wednesday, 6 March 2019

अमेरिका ने पाक नागरिकों के लिए वीजा अवधि घटाई


पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद दुनियाभर में घिरे पाकिस्तान को एक और बड़ा झटका लगा है। अमेरिका ने उनके देश में आने वाले पाकिस्तानी नागरिकों को मिलने वाले वीजा की अवधि घटा दी है। पाकिस्तानी अखबार द ट्रिब्यून के अनुसार, पाकिस्तान में मौजूद अमेरिकी राजदूत ने इस बात की सूचना सरकार को दे दी है। अमेरिका की सरकार ने फैसला किया है कि वह पाकिस्‍तान के नागरिकों को तीन महीने से ज्‍यादा का वीजा नहीं देगी


पुलवामा आतंकी हमला

पुलवामा में 14 फरवरी 2018 को हुए एक आत्‍मघाती हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थें। 14 फरवरी को सीआरपीएफ का काफिला जम्मू से श्रीनगर जा रहा था। इस काफिले में करीब 78 गाड़ियां थीं और 2500 जवान शामिल थे। उसी दौरान विस्फोटक से लदी एक कार आई और उसने सीआरपीएफ की बस में टक्कर मार दी। आतंकवादी ने जिस कार से टक्कर मारी थी, उसमें करीब 60 किलो विस्फोटक थे। इसकी वजह से विस्फोट इतना घातक हुआ कि इसमें करीब 40 जवान शहीद हो गए


मुख्य बिंदु

➤ अमेरिकी दूतावास के प्रवक्ता के हवाले से बताया गया है कि अमेरिका ने पाकिस्तानी नागरिकों के लिए वीजा की अवधि पांच साल से घटाकर तीन महीने कर दिया है

 इतना ही नहीं अमेरिका ने वीजा की अवधि घटाने के साथ-साथ वीज़ा के लिए दी जाने वाली फीस भी बढ़ा दी है। यानी अगर कोई पाकिस्तानी नागरिक अमेरिका जाना चाहता है तो वह एक बार में 12 महीने से अधिक वहाँ नहीं रह सकता है, अगर उसे अधिक समय तक वहाँ रहना हुआ तो उसे वापस पाकिस्तान आना होगा और वीज़ा को रिन्यू करवाना होगा

 नए आदेश के अनुसार, वर्क वीजा, जर्नलिस्ट वीजा, ट्रांसफर वीजा, धार्मिक वीजा के लिए फीस में बढ़ोतरी की गई है। इनके लिए जो भी वीजा अभी है उसमें 32 से 38 डॉलर तक की बढ़ोतरी की गई है

गौरतलब है कि पुलवामा आतंकी हमले के बाद से ही पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काफी झटके लगे हैं अमेरिका पहले ही पाकिस्तान की दी जाने वाली मदद पर रोक लगा चुका है

भारत के कूटनीतिक प्रयासों से पाकिस्तान के ऊपर किस तरह के संकट आ चुके हैं और पाकिस्तान किस तरह की समस्याओं से गुजर रहा है


जम्मू कश्मीर में पुलवामा हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच सम्बन्ध और भी ख़राब दौर से गुजर रहे हैं। भारत ने इस गर्म माहौल में पाकिस्तान को निर्यात की जाने वाली बहुत सी वस्तुओं के निर्यात पर रोक लगा दी है और उसको दिए गए 'वरीयता वाले देश' (MFN) का दर्जा भी वापिस ले लिया है। इसके अलावा पाकिस्तान के ऊपर संयुक्त राष्ट्र संघ सहित सुरक्षा परिषद् के सभी परमानेंट सदस्यों के द्वारा दबाव ने तो जैसे उसकी सासें ही रोक दी हैं

आइये इस लेख में विस्तार से जानते हैं कि भारत के कूटनीतिक प्रयासों से पाकिस्तान के ऊपर किस तरह के संकट आ चुके हैं और पाकिस्तान किस तरह की समस्याओं से गुजर रहा है

पाकिस्तान मुख्य रूप से निम्न संकटों में फंस रहा है;- 

1. खाद्य संकट

2. महंगाई में वृद्धि

3. रुपये की वैल्यू में गिरावट

4. कर्ज में वृद्धि 

5. अंतरराष्ट्रीय दबाव

6. देश की इमेज ख़राब

7. फाइनेंसियल एक्शन टास्क फ़ोर्स की ग्रे लिस्ट में शामिल

8. गृह युद्ध के आसार


आइये अब इनके बारे में विस्तार से जानते हैं;

1. खाद्य संकट: आकंड़ों में मुताबिक भारत और पाकिस्तान के बीच व्यापार लगभग 2 अरब डॉलर का है भारत, पाकिस्तान को मुख्य रूप से सब्जियां, मसाले, फल, कॉटन, टायर, जैविक रसायन, प्लास्टिक,  रबर, खाद्य नट, पलस्तर सामग्री और खनिज ईंधन निर्यात करता है

भारत ने पाकिस्तान के भारत द्वारा आयात की जाने वाली वस्तुओं पर 200% कस्टम ड्यूटी लगा दी है जिससे पाकिस्तान का आयात प्रभावित होगा जो की अभी US$490 मिलियन डॉलर का है भारत के इस कदम से पाकिस्तान में खाने की चीजों के साथ अन्य चीजों की भी कमी हो गयी है

2. महंगाई में वृद्धि:  भारत ने पाकिस्तान को निर्यात को जाने वाली वस्तुओं पर कर की दरें बढ़ा दी हैं जिससे पाकिस्तान जाने वाली कई वस्तुओं के दाम बढ़ गये हैं और ऐसी अपुष्ट खबरें आ रहीं हैं कि पाकिस्तान में टमाटर 200 रुपये किलो बिक रहा है। पाकिस्तान के अफगानिस्तान, बांग्लादेश जैसे  पडोसी देशों के साथ भी रिश्ते ठीक नहीं हैं जिसके कारण पाकिस्तान में महंगाई में कमी आने की कोई संभावना नजर नहीं आती है

3. पाकिस्तानी रुपये की वैल्यू में गिरावट: वर्तमान में एक अमेरिकी डॉलर और पाकिस्तानी रुपये के बीच विनिमय दर 1 डॉलर =140 पाकिस्तान रुपये है जो कि एक एक साल पहले केवल 1 डॉलर =110 पाकिस्तान रुपये थी इससे पता चलता है की पाकिस्तान के रुपये की हालत पतली होती जा रही है ध्यान रहे कि डॉलर और भारतीय रुपये के बीच विनिमय दर अभी 70 रुपये के आस पास है

4. पाकिस्तान के कर्ज में वृद्धि: दिसम्बर 2018 तक पाकिस्तान के ऊपर कुल 97 अरब डॉलर का विदेशी कर्ज था जो कि उसकी जीडीपी का 87% है। इसका मतलब है की पाकिस्तान के हर व्यक्ति के ऊपर लगभग 15 लाख रुपये का कर्ज है  पाकिस्तान के कुल कर्ज का 20% चीन से लिया गया है पाकिस्तान में जिस तरह के हालात हैं उसे देखते हुए लग रहा है कि यह देश चीन का गुलाम जल्दी बनेगा

5. अंतरराष्ट्रीय दबाव: जैसा कि पूरा विश्व जान गया है की पाकिस्तान की विदेश नीति ही आतंकबाद को बढ़ावा देना है। इसी कारण इसके ऊपर पूरे विश्व के बड़े देशों और संस्थाओं का दबाव बढ़ता जा रहा है। अभी अमेरिका ने पाकिस्तान के नागरिकों को दी जाने वाली वीजा अवधि को 5 वर्ष से घटाकर 1 वर्ष कर दिया है अमेरिका ने पाकिस्तान को पिछले 15 सालों में 33 अरब डॉलर की सैन्य सहायता दी है लेकिन अब यह अमेरिकी मदद केवल 150 मिलियन डॉलर रह गयी है

6. देश की ख़राब इमेज: आतंकबाद को बढ़ावा देने के कारण पूरे विश्व समुदाय में पाकिस्तान की छवि बहुत खराब हो चुकी है। अब विश्व के हर देश में पाकिस्तान के नागरिकों को शक की नजर से देखा जाता है। यही कारण है कि विश्व की कोई भी क्रिकेट टीम पाकिस्तान में मैच नहीं खेलती है और ये मैच सऊदी अरब या दुबई में कराये जाते हैं

7. फाइनेंसियल एक्शन टास्क फोर्स की ग्रे लिस्ट में शामिल: पाकिस्तान द्वारा आतंकी गतिविधियों की फंडिंग पर रोक नही लगायी गयी है इस कारण फाइनेंसियल एक्शन टास्क फोर्स ने इसे ग्रे लिस्ट में डाल दिया है। इससे पाकिस्तान को विश्व की संस्थाओं जैसे विश्व बैंक और IMF से लोन मिलने में आसानी नहीं होगी और इसके अलावा विश्व के अन्य अमीर देश भी इसे लोन देने से कतराने लगे हैं

8. गृह युद्ध के आसार: पाकिस्तान के कुछ लोग देश में चीन के बढ़ते प्रभाव का विरोध कर रहे हैं कुछ लोग समर्थन, बहुत से लोग आतंक से तंग हैं और इसका विरोध कर रहे हैं और पूरी जनता महंगाई की मार से पीड़ित हैं देश में गरीबी बढती जा रही है कुल मिलाकर जिस तरह के आसार पाकिस्तान में बन रहे हैं उससे यह लगता है की पाकिस्तान गृह युद्ध की तरफ बढ़ रहा है

सारांश के तौर यह कहना ठीक होगा कि पाकिस्तान को अपनी आतंकी नीति, आर्थिक नीति और विदेश नीति को बदलने की जरूरत है, नहीं तो हालात बहुत जल्दी ही बेकाबू होने वाले हैं मुझे लगता है कि पाकिस्तान चीन की गुलामी की तरफ बढ़ रहा है जिसके कारण वहाँ पहले आर्थिक गुलामी आएगी और फिर राजनीतिक गुलामी

प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना का शुभारंभ


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 05 मार्च 2019 को गुजरात के गांधीनगर से 'प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना' का शुभारंभ किया। असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों और मजदूरों के लिए राष्ट्रीय पेंशन योजना की घोषणा फरवरी 2019 में अंतरिम बजट में की गई थी

इस योजना के तहत 60 वर्ष की आयु के बाद असंगठित क्षेत्र के कर्मचारियों को 3000 रुपये की मासिक पेंशन प्रदान करने का प्रावधान है. योजना से असंगठित क्षेत्र के 10 करोड़ श्रमिकों को लाभ मिलेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना' का शुभारंभ कर 11,51,000 लाभार्थियों तक 13,58,31,918 रुपये की धनराशि सीधे पेंशन खातों में ट्रांसफर की


योजना के लाभार्थी

रिक्शा-ठेला चलाने वाले, फेरी लगा कर सामान बेचने वाले, दिहाड़ी मजदूरी करने वाले, घरों में काम करने वाली जैसे असंगठित क्षेत्र के मजदूरों को 60 साल के बाद 3000 रुपये की मासिक पेंशन देने की योजना है


योजना से संबंधित खास बातें

➽ श्रम मंत्रालय के मुताबिक 18 साल से 40 साल तक के कामगार इस योजना के लिए रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं

 60 साल की उम्र पूरी होने के बाद रजिस्टर्ड व्यक्ति को तीन हजार रुपए की पेंशन हर महीने मिलेगी

 इस योजना का फायदा ऐसे मजदूरों को मिलेगा जिनकी मासिक आमदनी 15 हजार रुपये से कम है. यानी, ऐसे लोग जो मासिक आधार पर 15 हजार से कम कमा पाते हैं, उनको इस दायरे में लाया जाएगा

 अगर कोई 18 साल की उम्र में इससे जुड़ता है तो उसे हर महीने सिर्फ 55 रुपए जमा करते हैं वहीं 40 साल के व्यक्ति को हर महीने 200 रुपए की रकम जमा करनी होगी। 29 साल की उम्र वाले को इस योजना से जुड़ने के लिए 100 रुपए प्रति महिना जमा करवाने होंगे. यह रकम 60 साल की उम्र तक देनी है

 इनमें मजदूरों को हर महीने एक निश्चित राशि का प्रीमियम देना होगा. जितना प्रीमियम होगा, उतने रुपये की सब्सिडी सरकार की तरफ से भी दी जाएगी

 इस योजना से जो भी व्यक्ति जुड़ेगा उसके पास आधार कार्ड और बैंक में अकाउंट होना जरूरी है

 इस योजना के तहत, जो लोग राष्ट्रीय पेंशन योजना, कर्मचारी राज्य बीमा निगम योजना या फिर कर्मचारी भविष्य निधि योजना में आते हैं वो इसके पात्र नहीं होंगे. इनकम टैक्स भरने वाले भी अपात्र होंगे

 इस स्कीम के लिए सरकार एक पेंशन फंड बनाएगी। इस फंड के जरिए ही सभी को पेंशन दी जाएगी

 अगर किसी कामगार की योजना के दौरान निधन हो जाता है तो उसकी पत्नी स्कीम में योगदान देकर इसको जारी रख सकती है। यदि कामगार के निधन पर उसकी पत्नी या पति योजना से बाहर होना चाहता है तो वो उनकी दी गई कुल रकम पर ब्याज के साथ इसे वापस ले सकते हैं

 यदि किसी की पेंशन शुरू हो गई है और उसके बाद उसका निधन होता है तो उसके पति या पत्नी का पेंशन की 50 फीसदी रकम मिलेगी

राष्ट्रीय सैंपल सर्वे संगठन (एनएसएसओ) के आंकड़ों के मुताबिक देश में 40 करोड़ से ज्यादा मजदूर असंगठित क्षेत्र में काम करते हैं। इनमें से आधे से भी ज्यादा मजदूर कृषि क्षेत्र में काम करते हैं। करीब पांच करोड़ लोग भवन निर्माण क्षेत्र में काम कर रहे हैं

प्रधानमंत्री मोदी ने वन नेशन, वन कार्ड योजना जारी की


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 04 मार्च 2019 को स्वदेश निर्मित नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड (एनसीएमसी) का शुभारंभ किया। लोगों को देशभर में मेट्रो सेवाओं और टोल टैक्स समेत कई तरह के परिवहन शुल्क का भुगतान करने में सक्षम बनाने के लिए यह सेवा आरंभ की गई है

अलग-अलग परिवहन सेवाओं में इस्तेमाल किए जाने वाले ‘एक राष्ट्र एक कार्ड’ से धारक अपनी बस का किराया, टोल टैक्स, पार्किंग शुल्क, रिटेल खरीददारी कर सकेंगे और यहां तक कि पैसा भी निकाल सकेंगे


वन नेशन, वन कार्ड की विशेषताएं

💳 इस कार्ड का इस्तेमाल मेट्रो, बस, उप नगरीय रेलवे, टोल, पार्किंग, स्मार्ट सिटी और खुदरा दुकानों में भी किया जा सकेगा

💳 पीओएस मशीन पर स्वाइप करने के साथ ही मेट्रो स्टेशनों पर मौजूद एएफसी गेट पर इस्तेमाल किया जा सकता है

💳 इस नई पहल को ऑटोमेटिक फेयर कलेक्शन गेट ' स्वागत' ने डेवलप किया है जहाँ एक ओपन लूप ऑटोमेटिक फेयर कलेक्शन सिस्टम ' स्वीकार' का इस्तेमाल किया गया है

💳 यूजर्स इस दौरान इस कार्ड की मदद से एटीएम पर 5 प्रतिशत और दूसरे आउटलेट्स पर 10 प्रतिशत तक का कैशबैक पा सकते हैं

💳 वन नेशन वन कार्ड बिलकुल रुपे, डेबिट या क्रेडिट कार्ड की तरह ही है जिसे आपका बैंक ही जारी करता है

💳 रुपे वन नेशन कार्ड रेगुलर डेबिट और क्रेडिट कार्ड की तरह कांटैक्टलेस कार्ड होता है जो ठीक मेट्रो रेल स्मार्ट कार्ड की तरह ही है

💳 रुपे कांटैक्टलेस कार्ड नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड सपोर्ट के तहत आएगा। ये कार्ड 25 से ज्यादा बैंकों में उपलब्ध होगा जिसमें एसबीआई और पीएनबी सहित कई बड़े बैंक शामिल हैं

💳 वन नेशन वन कार्ड को पेटीएम पेमेंट्स बैंक से भी जारी किया जाएगा

💳 सिंगापुर, लंदन, पेरिस, सिडनी, पर्थ, मेलबर्न जैसे शहरों में इस तरह के कार्ड का इस्तेमाल हो रहा है


लाभ

यह कार्ड रुपे भुगतान प्रणाली से संचालित है और इससे यात्रा में भुगतान संबंधी सभी दिक्कतें खत्म हो जायेंगी मेट्रो, बस या ट्रेन या टोल और पार्किंग शुल्क देने के लिए नकद में भुगतान करने के लिए कैश की आवश्यकता नहीं होगी एक ही कार्ड से सभी भुगतान किये जा सकते हैं इन सभी सेवाओं के लिए कार्ड के रूप में एक स्वचालित किराया संग्रह प्रणाली लायी गई है। आवास व शहरी विकास मंत्रालय, सीडैक व भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड के सहयोग से ऑटोमेटिक फेयर कलेक्शन सिस्टम बनाया गया है जिसके चलते इसका उपयोग सुरक्षित सुनिश्चित किया गया है

अमेरिका ने भारत को जीएसपी सूची से बाहर करने की घोषणा की


अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 04 मार्च 2019 को ये फैसला लिया है कि वह भारत का नाम उन देशों की सूची से बाहर कर देंगे, जो सामान्य कर-मुक्त प्रावधानों (जीएसपी) कार्यक्रम का लाभ उठा रहे हैं यह लाभ उन उत्पादों पर उठाया जाता है जिनका निर्यात अमेरिका को किया जाता है।

अमेरिका ने भारत पर उचित व्यापारिक सहयोग नहीं करने का आरोप लगाते हुए यह कदम उठाया है। यह घोषणा उन रिपोर्टों के सामने आने के बाद हुई है जिनके मुताबिक राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिकी संसद को पत्र लिख कर अपने इस कदम के बारे में अवगत कराया है


तुर्की का नाम भी इस सूची से बाहर

अमेरिका ने भारत के अलावा तुर्की का नाम भी इस सूची से बाहर कर दिया है इससे पहले बीते साल ट्रंप ने भारत से आयातित 50 उत्पादों पर शुल्क मुक्त की रियायत खत्म कर दी थी


अधिसूचना लागू

अमेरिका के कानून के अनुसार ये बदलाव अधिसूचना जारी होने के दो महीने बाद से लागू हो जाएगा। इस सूची में शामिल देशों को विशेष छूट दी जाती है। इस आदेश को पारित करने के बाद ये राष्ट्रपति अधिसूचना के रूप में लागू किया जाएगा


राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के अनुसार

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का कहना है कि उन्होंने ये फैसला इसलिए लिया है क्योंकि उन्हें भारत से ये आश्वासन नहीं मिल पाया है कि वह अपने बाजार में अमेरिकी उत्पादों को बराबर की छूट देगा उनका कहना है कि भारत में पाबंदियों की वजह से उसे व्यापारिक नुकसान हो रहा है। अमेरिका ने अप्रैल 2018 में जीएसपी के लिए तय शर्तों की समीक्षा शुरू की थी


जीएसपी कार्यक्रम क्या है?

जाएसपी सूची में शामिल देशों के हजारों उत्पादों को अमेरिका में कर-मुक्त छूट की अनुमति देकर आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए लाया गया था। अमेरिका ने जाएसपी की शुरुआत वर्ष 1976 में विकासशील में आर्थिक वृद्धि बढ़ाने के लिए की थी। अभी तक लगभग 129 देशों को करीब 4,800 गुड्स के लिए जाएसपी के तहत फायदा मिला है

जीएसपी को विभिन्न देशों से आने वाले हजारों उत्पादों को शुल्क मुक्त प्रवेश की अनुमति देकर आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए बनाया गया था। बता दें कि वर्ष 2017 में जीएसपी के तहत भारत ने अमेरिका को 5.6 अरब डॉलर से अधिक का कर-मुक्त निर्यात किया था


भारत पर क्या होगा असर?

अमेरिका के जीएसपी कार्यक्रम में शामिल लाभार्थी देशों को उत्पादों पर अमेरिका में कोई आयात शुल्क नहीं देना पड़ता। इस कार्यक्रम के तहत भारत को 5.6 अरब डॉलर (40 हजार करोड़ रुपये) के निर्यात पर छूट मिलती है. कार्यक्रम से बाहर होने के बाद भारत को ये लाभ नहीं मिलेगा

साल 2017 में भारत के साथ अमरीकी सामान और सेवा व्यापार घाटा 27.3 बिलियन डॉलर (2730 करोड़ डॉलर) का था

Saturday, 2 March 2019

भारतीय इकोनॉमिक्स से जुड़े करेंट अफेयर्स 2019


📗 कौन सा देश 18 फरवरी 2019 को अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए) के लिए रूपरेखा समझौते पर हस्ताक्षर करने वाला 72वां देश बन गया? — अर्जेंटीना

📗 बतौर रिपोर्ट्स, कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) ने सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में कर्मचारियों के इलाज के लिए न्यूनतम योगदान की समयसीमा 2 साल से घटाकर कितने महीने कर दी है? — 6 महीने

📗 भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने केंद्र सरकार को कितने हजार करोड़ रुपये का अंतरिम लाभांश देने की घोषणा की है? — 28,000 करोड़ रुपये

📗 कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने 21 फरवरी 2019 को अपने अंशधारकों को वित्त वर्ष 2018-19 के लिए अपनी जमाओं (पीएफ) पर कितने प्रतिशत ब्याज बढ़ोतरी की घोषणा की? — 0.10 प्रतिशत

📗 केंद्र सरकार द्वारा बनाई गई ई-टूरिस्ट (पर्यटक) वीज़ा व्यवस्था, कितने देशों के लिए लागू कर दी गई है? — 166

📗 आरबीआई ने ओपन मार्केट ऑपरेशन (ओएमओ) के जरिए सरकारी प्रतिभूतियां खरीदकर 21 फरवरी 2019 को बाजार में कितने करोड़ रुपये नकदी डालने की घोषणा की है? — 12,500 करोड़

📗 सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (आईओसी) ने वित्त वर्ष 2019-20 में किस देश से रोजाना 60,000 बैरल कच्चा तेल खरीदने के लिए 10,715 करोड़ रुपये के वार्षिक अनुबंध पर हस्ताक्षर किया है? — अमेरिका

📗 जीएसटी परिषद ने निर्माणाधीन परियोजनाओं में मकानों पर जीएसटी की दर 12% से घटाकर कितना करने की घोषणा की है? — 5%

📗 बतौर रिपोर्ट्स, कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) के तहत आश्रितों की न्यूनतम व्यक्तिगत आय को 5,000 रुपये प्रति माह से बढ़ाकर कितने हजार रुपये प्रति माह करने का फैसला किया गया है? — 9,000 रुपये

📗 केंद्र सरकार ने रूफटॉप सोलर परियोजना से किस वर्ष तक 40 हजार मेगावाट की संचयी क्षमता हासिल करने के लिए रूफटॉप सोलर कार्यक्रम के दूसरे चरण को मंजूरी दे दी है? — वर्ष 2022

📗 केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इलेक्ट्रॉनिक्स नीति के तहत 2025 तक कितने अरब डॉलर का इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण पारिस्थतिकी तंत्र विकसित करने का लक्ष्य रखा है? — 400 अरब डॉलर

📗 केंद्र सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों व पेंशनभोगियों के महंगाई भत्ते (डीए) में कितने प्रतिशत की बढ़ोतरी की है जिससे उनका डीए बढ़कर 12 प्रतिशत हो गया है? — 3 प्रतिशत

📗 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत में किस स्थान से प्रधानमंत्री किसान योजना (प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना) का शुभारंभ किया है? — गोरखपुर

📗 किस राज्य ने हाल ही में सुजलाम सुफलाम जल संचय अभियान के दूसरे संस्करण को लॉन्च किया? — गुजरात

📗 दिल्ली सरकार द्वारा वर्ष 2019-20 के बजट के लिए शिक्षा को कितना प्रतिशत राशि आवंटित की गई है? — 26%

📗 दिल्ली सरकार के एंटरप्रेन्योर करिकुलम के तहत राज्य सरकार के बजट भाषण में 11वीं और 12वीं कक्षा के छात्रों को कितनी धनराशि दिए जाने की घोषणा की गई है? — 1,000 रुपये

📗 अफगानिस्तान ने किस देश के चाबहार बंदरगाह के जरिए भारत को निर्यात करना शुरू कर दिया है? — ईरान

📗 भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने केंद्र सरकार को कितने हजार करोड़ रुपये का अंतरिम लाभांश देने की घोषणा की है? — 28,000 करोड़ रुपये

📗 हाल ही में किस रक्षा उपकरण निर्माता कम्पनी ने एयरो इंडिया-2019 में F-21 लड़ाकू विमान के संशोधित रूप को पेश किया है? — लॉकहीड मार्टिन

📗 अस्पतालों और स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं के लिए राष्ट्रीय प्रमाणन बोर्ड एनएबीएच (NABH) ने एंट्री लेवल प्रमाणन प्रक्रिया सरल बनाने के लिए किस नाम से पोर्टल आरंभ किया है? — HOPE

📗 भारत द्वारा पाकिस्तान से 'मोस्ट फेवर्ड नेशन' का दर्जा वापस लेने के बाद अब वहाँ से आयातित सभी वस्तुओं पर कितने प्रतिशत की दर से बेसिक सीमा शुल्क लगेगा? — 200 प्रतिशत

📗 हाल ही में पेश किये गये उत्तराखंड बजट 2019-20 में महिला उद्यमियों को विशेष प्रोत्साहन योजना के तहत कितने करोड़ का प्रावधान किया गया है? — चार करोड़ रुपये

📗 हरियाणा सरकार द्वारा पेश किये गये 2019-20 के बजट में पीएम किसान सम्मान निधि की तरह किसान पेंशन और अन्य योजनाओं के लिए कितनी धनराशि का प्रस्ताव किया गया है? — 1500 करोड़ रुपये

📗 हरियाणा सरकार ने बजट भाषण 2019-20 में सैनिक एवं अर्धसैनिक कल्याण विभाग के बजट में 64% बढ़ोतरी करते हुए कितनी राशि आवंटित की है? — 211 करोड़ 30 लाख रुपये

📗 आरबीआई ने सार्वजनिक क्षेत्र के इलाहाबाद बैंक और किस बैंक को 'त्वरित सुधारात्मक कार्रवाई' (पीसीए) सूची से बाहर कर दिया है? — कॉर्पोरेशन बैंक

📗 केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत हाल ही में कितने घरों के निर्माण को मंजूरी दी है? — पांच लाख

📗 आंध्र प्रदेश सरकार ने 'अन्नदाता सुखीभव:' योजना 2019-20 की घोषणा की है जिसके तहत 5 एकड़ से कम जमीन वाले प्रत्येक किसान को कितने हजार रुपये दिए जाएंगे? — 9,000 रुपये

📗 अर्जेंटीना के राष्ट्रपति का क्या नाम है जिनके साथ भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 10 समझौतों पर हस्ताक्षर किये? — मौरेसियो मैक्री

📗 हाल ही में विश्व बैंक ने किस भारतीय बैंक के साथ मिलकर ग्रामीण महिला उद्यमियों को ऋण प्रदान करने हेतु सामाजिक प्रभाव बॉण्ड शुरू करने की घोषणा की है? — लघु उद्योग विकास बैंक

📗 सरकार ने हाल ही में 12 बैंकों के रिकैपिटलाइजेशन के लिए 48,239 करोड़ रुपए मंजूर किए हैं इसमें किस बैंक के लिए सबसे अधिक राशि मंजूर की गई है? — कॉरपोरेशन बैंक