अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 04 मार्च 2019 को ये फैसला लिया है कि वह भारत का नाम उन देशों की सूची से बाहर कर देंगे, जो सामान्य कर-मुक्त प्रावधानों (जीएसपी) कार्यक्रम का लाभ उठा रहे हैं। यह लाभ उन उत्पादों पर उठाया जाता है जिनका निर्यात अमेरिका को किया जाता है।
अमेरिका ने भारत पर उचित व्यापारिक सहयोग नहीं करने का आरोप लगाते हुए यह कदम उठाया है। यह घोषणा उन रिपोर्टों के सामने आने के बाद हुई है जिनके मुताबिक राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिकी संसद को पत्र लिख कर अपने इस कदम के बारे में अवगत कराया है।
तुर्की का नाम भी इस सूची से बाहर
अमेरिका ने भारत के अलावा तुर्की का नाम भी इस सूची से बाहर कर दिया है। इससे पहले बीते साल ट्रंप ने भारत से आयातित 50 उत्पादों पर शुल्क मुक्त की रियायत खत्म कर दी थी।
अधिसूचना लागू
अमेरिका के कानून के अनुसार ये बदलाव अधिसूचना जारी होने के दो महीने बाद से लागू हो जाएगा। इस सूची में शामिल देशों को विशेष छूट दी जाती है। इस आदेश को पारित करने के बाद ये राष्ट्रपति अधिसूचना के रूप में लागू किया जाएगा।
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के अनुसार
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का कहना है कि उन्होंने ये फैसला इसलिए लिया है क्योंकि उन्हें भारत से ये आश्वासन नहीं मिल पाया है कि वह अपने बाजार में अमेरिकी उत्पादों को बराबर की छूट देगा। उनका कहना है कि भारत में पाबंदियों की वजह से उसे व्यापारिक नुकसान हो रहा है। अमेरिका ने अप्रैल 2018 में जीएसपी के लिए तय शर्तों की समीक्षा शुरू की थी।
जीएसपी कार्यक्रम क्या है?
जाएसपी सूची में शामिल देशों के हजारों उत्पादों को अमेरिका में कर-मुक्त छूट की अनुमति देकर आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए लाया गया था। अमेरिका ने जाएसपी की शुरुआत वर्ष 1976 में विकासशील में आर्थिक वृद्धि बढ़ाने के लिए की थी। अभी तक लगभग 129 देशों को करीब 4,800 गुड्स के लिए जाएसपी के तहत फायदा मिला है।
जीएसपी को विभिन्न देशों से आने वाले हजारों उत्पादों को शुल्क मुक्त प्रवेश की अनुमति देकर आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए बनाया गया था। बता दें कि वर्ष 2017 में जीएसपी के तहत भारत ने अमेरिका को 5.6 अरब डॉलर से अधिक का कर-मुक्त निर्यात किया था।
भारत पर क्या होगा असर?
अमेरिका के जीएसपी कार्यक्रम में शामिल लाभार्थी देशों को उत्पादों पर अमेरिका में कोई आयात शुल्क नहीं देना पड़ता। इस कार्यक्रम के तहत भारत को 5.6 अरब डॉलर (40 हजार करोड़ रुपये) के निर्यात पर छूट मिलती है. कार्यक्रम से बाहर होने के बाद भारत को ये लाभ नहीं मिलेगा।
साल 2017 में भारत के साथ अमरीकी सामान और सेवा व्यापार घाटा 27.3 बिलियन डॉलर (2730 करोड़ डॉलर) का था।