Monday, 11 March 2019

चुनाव आयोग ने तत्काल प्रभाव से देश में आचार संहिता लागू की

Election Commission has implemented the code of conduct in the country with immediate effect (Author : R. Ranjan)


चुनाव आयोग ने हाल ही में लोकसभा चुनाव 2019 के लिए तारीखों की घोषणा कर दी है साथ ही चुनाव आयोग ने तत्काल प्रभाव से देशभर में आदर्श आचार संहिता भी लागू कर दी है। चुनाव आयोग के द्वारा की गई घोषणा के अनुसार देशभर में कुल 7 चरणों में लोकसभा चुनाव कराए जायेंगे। चुनाव के पहले चरण का मतदान 11 अप्रैल को होगा जबकि मतगणना 23 मई को होगी

आचार संहिता के दौरान किसी व्यक्ति, पार्टी या संगठन के लिए कुछ सामाजिक व्यवहार, नियम एवं उत्तरदायित्वों को निर्धारित किया जाता है और इन्हीं सब को आचरण संहिता अथवा आचार संहिता अथवा code of conduct  कहा जाता है. आइये जानते हैं आचार संहिता के बारे में अधिक जानकारी। 


क्या है आचार संहिता

➤ देश में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए चुनाव आयोग के बनाए गए नियमों को ही आचार संहिता कहते हैं। संविधान के अनुच्छेद 324 के तहत निष्पक्ष और निर्विवाद चुनाव संपन्न कराना इसका मुख्य मकसद होता है 

 आचार संहिता लागू होते ही शासन और प्रशासन में कई अहम बदलाव हो जाते हैं

 राज्यों और केंद्र सरकार के कर्मचारी चुनावी प्रक्रिया पूरी होने तक चुनाव आयोग के कर्मचारी की तरह काम करते हैं

 आचार संहिता लागू होने के बाद सार्वजनिक धन का इस्तेमाल किसी ऐसे आयोजन में नहीं किया जा सकता जिससे किसी विशेष दल को फ़ायदा पहुंचता हों

 सरकारी गाड़ी, सरकारी विमान या सरकारी बंगला का इस्तेमाल चुनाव प्रचार के लिए नहीं किया जा सकता है

 आचार संहिता लगने के बाद सभी तरह की सरकारी घोषणाएं, लोकार्पण, शिलान्यास या भूमिपूजन के कार्यक्रम नहीं किए जा सकते हैं

 किसी भी पार्टी, प्रत्याशी या समर्थकों को रैली या जुलूस निकालने या चुनावी सभा करने की पूर्व अनुमति पुलिस से लेना अनिवार्य होता है

 राजनीतिक कार्यक्रमों पर नजर रखने के लिए चुनाव आयोग पर्यवेक्षक भी नियुक्त करता है

 कोई भी राजनीतिक दल जाति या धर्म के आधार पर मतदाताओं से वोट नहीं मांग सकता है

 ऐसा करने पर चुनाव आयोग दंडात्मक कार्रवाई भी कर सकता है


आचार संहिता के उल्लंघन पर चुनाव आयोग क्या कर सकता है?

 यदि कोई प्रत्याशी या राजनीतिक दल आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करता है तो चुनाव आयोग नियमानुसार कार्रवाई कर सकता है

 उम्मीदवार को चुनाव लड़ने से रोका जा सकता है जरूरी होने पर आपराधिक मुकदमा भी दर्ज कराया जा सकता है

 आचार संहिता के उल्लंघन में जेल जाने तक के प्रावधान भी है।


सामान्य आचार संहिता (general code)-

राजनीतिक पार्टियों को अपने प्रतिद्वंदी पार्टियों की उनके पिछले रिकॉर्ड के आधार पर ही आलोचना करनी होगी। वोटरों को लुभाने के लिए जाति और सांप्रदायिक लाभ उठाने से बचना होगा। झूठी जानकारी के आधार पर उम्मीदवारों की आलोचना नहीं करनी होगी। वोटरों को किसी तरह का रिश्वत नहीं देना होगा। प्रदर्शन और अनशन भी प्रतिबंधित होगा।


मीटिंग (meetings)- 

पार्टियों को अगर कोई बैठक या सभा करनी होगी तो उन्हें उस इलाके के स्थानीय पुलिस को इसकी पूरी जानकारी देनी होगी ताकि वे सुरक्षा व्यवस्था का पुख्ता इंतजाम कर सकें।


चुनाव प्रचार (processions)-

अगर दो या दो से अधिक पार्टियां एक ही रुट में चुनाव प्रचार के लिए निकली हैं तो आयोजनकर्ताओं को आपस में संपर्क कर ये तय करना होगा ताकि वे आपस में क्लैश ना हो जाएं। एक दूसरे के विरोध में हिंसा का प्रयोग बिल्कुल भी प्रतिबंधित होगा।


पोलिंग डे (polling day)- 

सभी पार्टी कार्यकर्ताओं को एक पहचान पत्र रखना होगा। इसमें किसी पार्टी का नाम नहीं होगा ना ही चुनाव चिन्ह और ना ही किसी चुनावी उम्मीदवार का नाम होगा।


पोलिंग बूथ (polling booths)-

केवल मतदाता जिनके पास चुनाव आयोग के द्वारा मान्य पास होगा वे ही पोलिंग बूथ के अंदर जा सकते हैं।


निरीक्षक (observers)-

चुनाव आयोग हर पोलिंग बूथ के बाहर एक निरीक्षक तैनात करेगा ताकि अगर आचार संहिता का कोई उल्लंघन कर रहा है तो उसकी शिकायत उनके पास की जा सके।


सत्ताधारी पार्टी (the party in power)- 

इस दौरान सत्ताधारी पार्टी के मंत्रियों को किसी भी तरह की आधिकारिक दौरे की मनाही होगी, ताकि ये सुनिश्चित किया जा सके कि वे अपनी आधिकारिक दौरे पर चुनावी प्रचार ना करें। उन्हें किसी तरह के लोक लुभावने वादे नहीं करने होंगे। सार्वजनिक स्थानों पर किसी तरह का एकाधिकार नहीं होगा।


चुनावी घोषणापत्र (election manifestos)- 

2013 में जारी किए गए नए गाइडलाइन के मुताबिक इस नियम में ये कहा गया है कि चुनावी घोषणापत्र में बताए गए वादों को पूरा करना होगा। 


सामान्य नियम : 

 कोई भी दल ऐसा काम न करे, जिससे जातियों और धार्मिक या भाषाई समुदायों के बीच मतभेद बढ़े या घृणा फैले। 

 राजनीतिक दलों की आलोचना कार्यक्रम व नीतियों तक सीमित हो, न ही व्यक्तिगत। 

 धार्मिक स्थानों का उपयोग चुनाव प्रचार के मंच के रूप में नहीं किया जाना चाहिए। 

 मत पाने के लिए भ्रष्ट आचरण का उपयोग न करें। जैसे-रिश्वत देना, मतदाताओं को परेशान करना आदि। 

 किसी की अनुमति के बिना उसकी दीवार, अहाते या भूमि का उपयोग न करें। 

 किसी दल की सभा या जुलूस में बाधा न डालें। 

 राजनीतिक दल ऐसी कोई भी अपील जारी नहीं करेंगे, जिससे किसी की धार्मिक या जातीय भावनाएं आहत होती हों। 


राजनीतिक सभाओं से जुड़े नियम

  सभा के स्थान व समय की पूर्व सूचना पुलिस अधिकारियों को दी जाए। 

 दल या अभ्यर्थी पहले ही सुनिश्चित कर लें कि जो स्थान उन्होंने चुना है, वहॉं निषेधाज्ञा तो लागू नहीं है। 

 सभा स्थल में लाउडस्पीकर के उपयोग की अनुमति पहले प्राप्त करें। 

 सभा के आयोजक विघ्न डालने वालों से निपटने के लिए पुलिस की सहायता करें। 


जुलूस संबंधी नियम

 जुलूस का समय, शुरू होने का स्थान, मार्ग और समाप्ति का समय तय कर सूचना पुलिस को दें। 

 जुलूस का इंतजाम ऐसा हो, जिससे यातायात प्रभावित न हो। 

 राजनीतिक दलों का एक ही दिन, एक ही रास्ते से जुलूस निकालने का प्रस्ताव हो तो समय को लेकर पहले बात कर लें। 

 जुलूस सड़क के दायीं ओर से निकाला जाए। 

 जुलूस में ऐसी चीजों का प्रयोग न करें, जिनका दुरुपयोग उत्तेजना के क्षणों में हो सके। 


मतदान के दिन संबंधी नियम : 

 अधिकृत कार्यकर्ताओं को बिल्ले या पहचान पत्र दें। 

 मतदाताओं को दी जाने वाली पर्ची सादे कागज पर हो और उसमें प्रतीक चिह्न, अभ्यर्थी या दल का नाम न हो। 

 मतदान के दिन और इसके 24 घंटे पहले किसी को शराब वितरित न की जाए। 

 मतदान केन्द्र के पास लगाए जाने वाले कैम्पों में भीड़ न लगाएं। 

 कैम्प साधारण होने चाहिए। 

 मतदान के दिन वाहन चलाने पर उसका परमिट प्राप्त करें। 


सत्ताधारी दल के लिए नियम 

 कार्यकलापों में शिकायत का मौका न दें। 

 मंत्री शासकीय दौरों के दौरान चुनाव प्रचार के कार्य न करें। 

 इस काम में शासकीय मशीनरी तथा कर्मचारियों का इस्तेमाल न करें। 

 सरकारी विमान और गाड़ियों का प्रयोग दल के हितों को बढ़ावा देने के लिए न हो। 

 हेलीपेड पर एकाधिकार न जताएं। 

 विश्रामगृह, डाक-बंगले या सरकारी आवासों पर एकाधिकार नहीं हो। 

 इन स्थानों का प्रयोग प्रचार कार्यालय के लिए नहीं होगा। 

 सरकारी धन पर विज्ञापनों के जरिये उपलब्धियां नहीं गिनवाएंगे। 

 मंत्रियों के शासकीय भ्रमण पर उस स्थिति में गार्ड लगाई जाएगी जब वे सर्किट हाउस में ठहरे हों। 

 कैबिनेट की बैठक नहीं करेंगे। 

 स्थानांतरण तथा पदस्थापना के प्रकरण आयोग का पूर्व अनुमोदन जरूरी। 


ये काम नहीं करेंगे मुख्यमंत्री-मंत्री : 

 शासकीय दौरा (अपवाद को छोड़कर) 

 विवेकाधीन निधि से अनुदान या स्वीकृति 

 परियोजना या योजना की आधारशिला 

 सड़क निर्माण या पीने के पानी की सुविधा उपलब्ध कराने का आश्वासन 


अधिकारियों के लिए नियम

 शासकीय सेवक किसी भी अभ्यर्थी के निर्वाचन, मतदाता या गणना एजेंट नहीं बनेंगे। 

 मंत्री यदि दौरे के समय निजी आवास पर ठहरते हैं तो अधिकारी बुलाने पर भी वहॉं नहीं जाएंगे। 

 चुनाव कार्य से जाने वाले मंत्रियों के साथ नहीं जाएंगे। 

 जिनकी ड्यूटी लगाई गई है, उन्हें छोड़कर सभा या अन्य राजनीतिक आयोजन में शामिल नहीं होंगे। 

 राजनीतिक दलों को सभा के लिए स्थान देते समय भेदभाव नहीं करेंगे। 


लाउडस्पीकर के प्रयोग पर प्रतिबंध : चुनाव की घोषणा हो जाने से परिणामों की घोषणा तक सभाओं और वाहनों में लगने वाले लाउडस्पीकर के उपयोग के लिए दिशा-निर्देश तैयार किए गए हैं। इसके मुताबिक ग्रामीण क्षेत्र में सुबह 6 से रात 11 बजे तक और शहरी क्षेत्र में सुबह 6 से रात 10 बजे तक इनके उपयोग की अनुमति होगी। 


आचार संहिता में मतदान के दिन संबंधी नियम

 राजनीतिक दलों द्वारा अधिकृत कार्यकर्ताओं को बिल्ले या पहचान पत्र दिए जाने चाहिए

 मतदाताओं को पोलिंग बूथ से पहले दी जाने वाली पर्ची सादे कागज पर होनी चाहिए तथा उस पर पार्टी का प्रतीक चिह्न, अभ्यर्थी या दल का नाम आदि लिखा नहीं होना चाहिए

 मतदान के दिन अथवा इससे 24 घंटे पूर्व राजनीतिक दलों द्वारा किसी को शराब वितरित नहीं की जानी चाहिए

 मतदान केन्द्रों के पास किसी प्रकार की सभा लाउडस्पीकर या भीड़ नहीं लगाए जाने चाहिए