विश्व जल दिवस 22 मार्च 2019 को दुनिया भर में मनाया गया। इसका उद्देश्य विश्व के सभी विकसित देशों में स्वच्छ एवं सुरक्षित जल की उपलब्धता सुनिश्चित करवाना है। यह जल संरक्षण के महत्व पर भी ध्यान केंद्रित करता है।
आम लोगो के मध्य पानी की महत्वता एवं संरक्षण को लेकर जागरूकता फैलाने हेतु प्रति वर्ष विश्व जल दिवस का आयोजन किया जाता है। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य लोगों के बीच में जल संरक्षण का महत्व साफ पीने योग्य जल का महत्व आदि बताना है।
विश्व जल दिवस का विषय
वर्ष 2019 के विश्व जल दिवस का विषय ‘किसी को पीछे नहीं छोड़ना’ (Leaving no one behind) है। इस विषय के जरिए यह संदेश दिया जा रहा है कि साफ और स्वच्छ जल सभी का अधिकार है, इससे कोई भी वंचित नहीं रहना चाहिए। प्रत्येक वर्ष विश्व जल दिवस मनाने के लिए एक अलग विषय तय किया जाता है।
विश्व जल दिवस के बारे में
➦ स्वच्छ जल के महत्व के प्रति ध्यानाकर्षण और स्वच्छ जल के स्रोतों के सतत प्रबंधन की हिमायत करने हेतु हर वर्ष 22 मार्च को संयुक्त राष्ट्र विश्व जल दिवस मनाता है।
➦ साल 1992 में पर्यावरण और विकास पर संयुक्त राष्ट्र के सम्मेलन (यूएनसीईडी) में स्वच्छ जल पर अंतरराष्ट्रीय दिवस मनाने की सिफारिश की गई थी।
➦ संयुक्त राष्ट्र महासभा ने यूएनसीईडी की सिफारिश को स्वीकर किया और पहला विश्व जल दिवस 22 मार्च 1993 को मनाया गया।
पृथ्वी पर जल
पृथ्वी का लगभग 71 प्रतिशत भाग जल से घिरा हुआ है, जबकि 29 प्रतिशत भाग पर स्थल है जहाँ मनुष्य और दूसरे प्राणी रहते हैं। पृथ्वी की सतह में सबसे ज्यादा पानी समुद्र में फैला हुआ है। पृथ्वी पर कुल पानी का लगभग 97 प्रतिशत पानी समुद्र में पाया जाता है, लेकिन खारा होने के वजह इस पानी को पीने के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता।
हालांकि पृथ्वी पर तीन प्रतिशत हिस्से में मौजूद पानी पीने के लायक है जो नदी, तालाबों और ग्लेशियर में पाया जाता है. हालांकि, इस तीन प्रतिशत पानी में भी 2.4 प्रतिशत हिस्सा ग्लेशियर, दक्षिणी ध्रुव पर जमा है, जबकि बचा हुआ 0.6 प्रतिशत पानी नदी, तालाबों, झीलों और कुओं में मौजूद है।