Friday, 8 March 2019

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर नारी सम्मान में कुछ विशेष

Something special about women's honor on International Women's Day (Author : R. Kumari)


✍️ नारी आप आस्था हो आप प्यार, विश्वास हो, टूटी हुयी उम्मीदों की एक मात्र आस हो, अपने परिवार के हर जीवन का आप आधार हो, इस बेमानी से भरी दुनिया में एक आप ही एक मात्र प्यार हो, चलें उठिये इस दुनिया में अपने अस्तित्व को संभालिये, सिर्फ एक दिन ही नहीं, बल्कि हर दिन नारी दिवस मनाईये।


कौन कहता है.....

कौन कहता है की, नारी कमजोर होती है। आज भी उनके हाथ में, अपने सारे घर को चलाने की डोर होती है। वो तो दफ्तर भी जाती हैं, और अपने घर परिवार को भी संभालती हैं। एक बार नारी की जिंदगी जीके तो देखिये, अपने मर्द होने के घमंड यूँ ही उतर जायेगा। अब हौसला बनिए आप उस नारी का, जिसने जुल्म सहके भी आपका साथ दिया। आपकी जिम्मेदारियों का बोझ भी, खूशी से अपने संग बाट लिया। चाहती तो वो भी कह देती, मुझसे नहीं होता। उसके ऐसे कहने पर, फिर आप ही अपने बोझ के तले रोना रोते।


क्योंकि नारी महान होती है...

मन ही मन में रोती फिर भी बाहर से हँसती हैं। बार-बार बिखरे बालों को सवारती हैं। शादी होते ही उसका सब कुछ पीछे छुट जाता है। सखी – सहेली, आजादी, मायका छुट जाता है। अपनी फटी हुई एड़ियों को साड़ी से ढँकती हैं। स्वयं से ज्यादा वो परिवार वालों का ख्याल रखती हैं। सब उस पर अपना अधिकार जमाते वो सबसे डरती हैं।

शादी होकर लड़की जब ससुराल में जाती हैं। भूलकर वो मायका घर अपना बसाती हैं। जब वो घर में आती हैं तब घर आँगन खुशियो से भर जाते है। सारे परिवार को खाना खिलाकर फिर खुद खाती हैं। जो नारी घर संभाले तो सबकी जिंदगी सम्भल जाती है। बिटिया शादी के बाद कितनी बदल जाती है।


आखिर नारी क्यों डर-डर के बोलती हैं, गुलामी की आवाज में?

गुलामी में जागती हैं, गुलामी में सोती हैं। दहेज की वजह से हत्याएँ जिनकी होती हैं। जीना उसका चार दीवारो में उसी में वो मरती हैं। जिस दिन सीख जायेगी वो हक की आवाज उठाना, उस दिन मिल जायेगा उसके सपनो का ठिकाना। खुद बदलिए समाज बदलेगा वो दिन भी आएगा, जब पूरा ससुराल आपके साथ बैठकर खाना खायेगा। लेकिन आजादी का मतलब भी आप भूल मत जाना। आजादी समानता है ना की शासन चलाना। रूढ़िवादी घर की नारी आज भी गुलाम है। दिन भर मशीन की तरह पड़ता उस पर काम है। दुःखों के पहाड़ से वो झरने की तरह झरती हैं। क्योंकि नारी महान होती है।


नारी ईश्वर का चमत्कार

नारी सरस्वती का रूप हो आप। नारी लक्ष्मी का स्वरुप हो आप। बढ़ जाये जब अत्याचारी, नारी दुर्गा-काली का रूप हो तुम। नारी खुशियों का संसार हो आप। नारी प्रेम का आगार हो आप। जो घर आँगन को रोशन करती, नारी सूरज की सुनहरी किरण हो आप। नारी ममता का सम्मान हो आप। नारी संस्कारों की जान हो आप। स्नेह, प्यार और त्याग की नारी इकलौती पहचान हो आप। नारी कभी कोमल फूल गुलाब हो आप। नारी कभी शक्ति के अवतार हो आप। आपके रूप अनेक, नारी ईश्वर प्रकृति का चमत्कार हो आप।


गर्व है मुझे मैं नारी हूँ....

तोड़ के हर पिंजरा जाने कब मैं उड़ जाऊँगी। चाहे लाख बिछा लो बंदिशे, फिर भी दूर आसमान मैं अपनी जगह बनाऊंगी मैं। हाँ गर्व है मुझे मैं नारी हूँ। भले ही परम्परावादी जंजीरों से बांधे है दुनिया के लोगों ने पैर मेरे फिर भी उस जंजीरों को तोड़ जाऊँगी। मैं किसी से कम नहीं सारी दुनिया को दिखाऊंगी। हाँ गर्व है मुझे मैं नारी हूँ। हाँ गर्व है मैं R. Kumari हूँ

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस  विशेष अवसर पर की R. Kumari की ओर से सभी सम्मानीय माता और बहनों को हार्दिक शुभकामनाएं

R. Kumari