संयुक्त राष्ट्र ने 21 मार्च 2019 को अंतरराष्ट्रीय वन दिवस के रूप में मनाया। यह दिवस पर्यावरणीय स्थिरता और खाद्य सुरक्षा में वनों के महत्व और महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए प्रतिवर्ष 21 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय वन दिवस मनाया जाता है।
विश्व वन दिवस का मुख्य उद्देश्य वन संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाना तथा वर्तमान और भावी पीढ़ियों के लाभ के लिए सभी तरह के वनों के टिकाऊ प्रबंध, संरक्षण और टिकाऊ विकास को सुदृढ़ बनाना है। इसका लक्ष्य लोगों को यह अवसर उपलब्ध कराना भी है कि वनों का प्रबंध कैसे किया जाए तथा अनेक उद्देश्यों के लिए टिकाऊ रूप से उनका कैसे सदुपयोग किया जाए।
अंतर्राष्ट्रीय वन दिवस का विषय
वर्ष 2019 के अंतर्राष्ट्रीय वन दिवस का विषय ‘वन और शिक्षा' (Forest and Education) है। इस विषय के जरिए लोगों को जंगलों की एहमियत और इसके प्रति शिक्षित करने की कोशिश की जा रही है, क्योंकि आधुनिकीकरण और औद्योगिकीकरण के कारण पेड़ों की निरंतर कटाई की जा रही है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2016 में कुल 7.3 करोड़ एकड़ वन क्षेत्रों का सफाया हुआ है।
पेड़-पौधों की दुर्लभ प्रजातियां विलुप्त
विश्व भर में तेजी से हो रही जंगलों की सफाई के कारण पेड़-पौधों की दुर्लभ प्रजातियां और जीव-जंतुओं की दुर्लभ प्रजातियां तेजी से विलुप्त हो रही हैं। इसके अतिरिक्त पेड़ों की निरंतर घटती संख्या से एक ओर जहाँ ग्लोबल वार्मिंग की समस्या तेजी से बढ़ रही है तो वहीं पर्यावरण और प्रकृति का संतुलन भी बिगड़ रहा है।
नदियां गर्मियों में सूखने लगी हैं और बारिश में कई जगहों पर बाढ़ की नौबत आ जाती है। कभी बेमौसम बारिश तो कभी भीषण अकाल का सामना करना पड़ रहा है। पेड़ों के कम होने और उद्योगों के बढ़ने के चलते प्रदुषण का स्तर कंट्रोल से बाहर हो रहा है।
पृष्ठभूमि
➦ संयुक्त राष्ट्र महासभा 21 दिसंबर 2012 को वनों और जंगलों के पेड़ के सभी प्रकार के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए 21 मार्च को वैश्विक उत्सव के रूप में मनाया गया।
➦ हर साल अंतर्राष्ट्रीय वन दिवस जो जंगलों और पेड़ों को सुरक्षित रखने के लिए मनाया जाता है।
➦ धरती का एक तिहाई भू भाग (विश्व का करीब 31 प्रतिशत भू भाग) वनों से आच्छादित है, जो दुनिया के चारों ओर महत्वपूर्ण कार्य करता है। ये वन क्षेत्र 80 प्रतिशत से ज्यादा पशुओं की प्रजाति, पौधों और कीटों के लिए एक घर है।
➦ लगभग 1.6 बिलियन लोग, जिसमें लगभग 2000 सभ्यताएं शामिल हैं, वे अपने जीवन के लिए वनों पर निर्भर हैं। वन क्षेत्र आश्रय, रोजगार और इन पर निर्भर रहने वाले समुदायों को सुरक्षा प्रदान करते हैं।