Tuesday, 12 March 2019

भारत विश्व में दूसरा सबसे बड़ा हथियार आयातक देश


स्वीडन के थिंक टैंक स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टिट्यूट (SIPRI) ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट में कहा है कि भारत हथियार आयात करने वाले देशों में दूसरे स्थान पर आता है।  SIPRI द्वारा प्रकाशित इस रिपोर्ट को Trends in International Arms Transfers-2018 शीर्षक के तहत प्रकाशित किया गया। 

रिपोर्ट में वर्ष 2014 से 2018 का अध्ययन किया गया है तथा इसी आधार पर रिपोर्ट जारी की गई है।  रिपोर्ट में कहा गया है कि इन वर्षों के दौरान सऊदी अरब विश्व का सबसे बड़ा हथियार आयातक देश बन कर उभरा है जबकि भारत दूसरे स्थान पर रहा. लगभग 10 वर्षों तक भारत इस सूची में प्रथम स्थान पर रहा था। 


रिपोर्ट के मुख्य बिंदु

➽ रिपोर्ट में कहा गया है कि इस अवधि में सऊदी अरब ने वैश्विक स्तर पर खरीदे गए हथियारों का 12 फीसदी हिस्सा अपने नाम किया। 

 भारत 9.5 फीसदी के साथ इस लिस्ट में दूसरे स्थान पर काबिज रहा। 

 हथियारों पर देश की निर्भरता को कम करने की कोशिशों के कारण 2009-2013 और 2014-2018 के बीच भारत के हथियारों के आयात में भारी कमी आई है। 

 भारत के आयात में इस गिरावट का एक कारण आंशिक रूप से विदेशी निर्यातकों से लाइसेंस प्राप्त हथियारों की डिलीवरी में देरी भी रही। 

 इस सूची में 4.2% हथियारों के आयात के साथ चीन विश्व का छठा सबसे बड़ा हथियार आयातक है। 


रूस से घटा आयात

 सीपरी की रिपोर्ट के अनुसार 2009-13 के बीच भारत के कुल हथियार आयात में रूस से आयातित हथियारों का हिस्सा 76 फीसदी था जो 2014-18 में घटकर 58 फीसदी रह गया। 

 रिपोर्ट के अनुसार 2009-13 के मुकाबले 2014-18 में देश में हथियारों का कुल आयात 24 प्रतिशत घटा है। 

 हथियारों की देर से होने वाली डिलीवरी इसका सबसे बड़ा कारण है. रिपोर्ट में कहा गया है कि 2001 में रूस से लड़ाकू विमान और 2008 में फ्रांस से पनडुब्बी खरीदने का समझौता हुआ था, लेकिन अभी तक इनकी डिलीवरी नहीं हुई है। 


अन्य तथ्य

 वर्ष 2014-18 में दुनिया के सबसे बड़े हथियार निर्यातकों में अमेरिका, रूस, फ्रांस, जर्मनी और चीन रहे जबकि सऊदी अरब, भारत, मिस्र, ऑस्ट्रेलिया और अलजीरिया सबसे बड़े आयातकों में शामिल रहे। 

 वर्ष 2009 से 2018 के बीच हथियारों के वैश्विक निर्यात में अमेरिका की हिस्सेदारी 30% से बढ़कर 36% हो गई।  

 इस मामले में रूस से तुलना की जाए तो 2009-13 के दौरान हथियार बेचने में अमेरिका उससे 12% आगे रहा। जबकि, 2014-18 में यह अंतर 75% रहा। 

 वर्ष 2009-13 और वर्ष 2014-18 की अवधि के दौरान पाकिस्तान में हथियारों का आयात 39% तक घटा है। 

 इसका कारण अमेरिका द्वारा पाक को हथियार बेचने में आनाकानी करना है. रिपोर्ट के अनुसार अमेरिकी हथियारों का पाक में निर्यात 81% तक कम हुआ है।