Sunday, 17 March 2019

लीलाधर जगूड़ी व्यास सम्मान हेतु चयनित


हिंदी के प्रसिद्ध साहित्यकार लीलाधर जगूड़ी को उनके काव्य संग्रह ‘जितने लोग उतने प्रेम’ के लिए व्यास सम्मान दिया जाएगा यह सम्मान प्रत्येक साल भारतीय भाषाओं के लेखक और कवि को दिया जाता है

डॉ. विश्वनाथ प्रसाद तिवारी की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय चयन समिति ने व्यास सम्मान हेतु लीलाधर जगूड़ी का चयन किया समिति के सदस्यों में प्रोफेसर पाण्डेय शशिभूषण सितांशु, प्रोफेसर रामजी तिवारी, प्रोफेसर राजेन्द्र गौतम, अरुणा गुप्ता और सुरेश ऋतुपर्ण शामिल है

यह सम्मान वर्ष 2013 में प्रकाशित उनके कविता संग्रह 'जितने लोग उतने प्रेम' के लिए दिया जा रहा है लीलाधर जगूड़ी को साल 2018 के लिए व्यास सम्मान दिया जायेगा


व्यास सम्मान

व्यास सम्मान भारतीय साहित्य में किये गये योगदान हेतु दिया जाने वाला ज्ञानपीठ पुरस्कार के बाद दूसरा सबसे बड़ा साहित्य-सम्मान है इस पुरस्कार को साल 1991 में के. के. बिड़ला फाउंडेशन ने शुरू किया था। पहला व्यास सम्मान साल 1991 में रामविलास शर्मा की कृति 'भारत के प्राचीन भाषा परिवार और हिन्दी' के लिए दिया गया था

व्यास सम्मान पिछले दस वर्षों में प्रकाशित कृति पर लेखक को दिया जाता है. साल 2017 का व्यास सम्मान हिंदी की प्रसिद्ध लेखिका ममता कालिया को दिया गया था हिंदी साहित्य और काव्यजगत ने लीलाधर जगूड़ी को यह सम्मान मिलने पर प्रसन्नता जाहिर की है


लीलाधर जगूड़ी के बारे में

➦ लीलाधर जगूड़ी का जन्म 01 जुलाई 1940 को उत्तराखंड के टिहरी गढ़वाल के एक गांव में हुआ था उन्होंने अध्यापक की नौकरी की और उसके बाद उत्तर प्रदेश सूचना विभाग में अधिकारी रहे

 लीलाधर जगूड़ी हिंदी के वरिष्ठ कवियों में से एक हैं

 लीलाधर जगूड़ी के अभी तक 15 काव्य संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं

 उन्होंने साल 1960 से लेखन कार्य शुरू किया और लगभग 59 सालों से निरंतर लेखन कार्य करते आ रहे हैंउनका सबसे पहला काव्य संग्रह साल 1964 में प्रकाशित हुआ था

 उन्हें अबतक कई सम्मान और पुरस्कार मिल चुके हैं उन्हें वर्ष 2004 में पद्मश्री सम्मान से सम्मानित किया जा चुका है

 उन्हें इसके अलावा 'अनुभव के आकाश में चांद' के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार भी मिल चुका है

 वे उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान के सम्मान, रघुवीर सहाय सम्मान, उत्तराखंड गौरव सम्मान, भारतीय भाषा परिषद् शतदल सम्मान, आकाशवाणी पुरस्कार, नमित पुरस्कार आदि से सम्मनित हो चुके हैं