वस्तु एवं सेवा कर परिषद् (जीएसटी काउंसिल) ने 22 दिसम्बर 2018 को आम लोगों को राहत देते हुए टीवी स्क्रीन, सिनेमा के टिकट और पावर बैंक सहित विभिन्न प्रकार की 23 वस्तुओं पर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की दरों में कमी की घोषणा की। कर दर में संशोधन का यह निर्णय 01 जनवरी 2019 से प्रभावी होगा।
वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में दिल्ली में हुई बैठक में जीएसटी दरों दरों से संबंधित कई अहम फैसले लिए गए हैं। विभिन्न प्रकार की वस्तुओं पर जीएसटी दरें कम करने से सालाना राजस्व में 5,500 करोड़ रुपये का असर पड़ेगा।
परिषद् ने जीएसटी की 28 प्रतिशत की सर्वोच्च कर के दायरे में आने वाली वस्तुओं में से सात को निम्न दर वाले स्लैब में डाल दिया है। इसके साथ ही 28 प्रतिशत के स्लैब में अब केवल 28 वस्तुएं बची हैं। सिनेमा के 100 रुपये तक के टिकटों पर अब 18 प्रतिशत की बजाय 12 प्रतिशत की दर से और 100 रुपये से ऊपर के टिकट पर 28 प्रतिशत की बजाय 18 फीसदी की जीएसटी लगेगा इसी तरह 32 इंच तक के मॉनिटर और टीवी स्क्रीन पर अब 28 प्रतिशत की बजाय 18 प्रतिशत की दर से जीएसटी लगेगा।
जीएसटी दर में कमी
28 प्रतिशत से 18 प्रतिशत :- टीवी-मॉनिटर स्क्रीन (32 इंच तक के), पुली, ट्रांसमिशन सॉफ्ट और क्रैंक, गियर बॉक्स, पुराने एवं रिट्रीडेड रिपीट रिट्रीडेड टायर, लिथियम आयन की बैटरियों वाले पावर बैंक, डिजिटल कैमरे, वीडियो कैमरा रिकॉर्डर, वीडियो गेम।
28 प्रतिशत से 5 प्रतिशत :- दिव्यांगजनों के लिए कैरेज के पार्ट्स एवं एसेसरीज
18 प्रतिशत से 12 प्रतिशत :- मोटे स्क्वायर्ड या डीबैग्ड कॉर्क, प्राकृतिक कॉर्क की वस्तुएं, एग्जोमेरेटिड कॉर्क
18 प्रतिशत से 5 प्रतिशत :- मार्बल रबल
12 प्रतिशत से 5 प्रतिशत :- प्राकृतिक कॉर्क, वॉकिंग स्टिक, फ्लाई एश ब्लॉक
12 प्रतिशत से शून्य :- म्यूजिक बॉक्स
5 प्रतिशत से शून्य :- सब्जियां (बिना पकाई हुई या भाप में पकाई गई या पानी में उबाली गई), प्रशीतित, ब्रांडेड और एक यूनिट कंटेनर में रखी हुई, अस्थायी रूप से संरक्षित (उदाहरण के लिए सल्फर डाई ऑक्साइड गैस द्वारा, ब्राइन में, सल्फर जल में या अन्य संरक्षित घोलों में), लेकिन उस स्थिति में तत्काल उपभोग के लिए अनुपयुक्त।
आपको बता दें कि अभी तक 39 वस्तुओं पर 28 फीसदी टैक्स लगता था, जिसे अब घटाकर 34 कर दिया गया है, यानि 5 अन्य उत्पादों को 28 फीसदी की अधिकतम जीएसटी दर से बाहर किया गया है। गौरतलब है कि इससे पहले करीब दो साल में 30 बार हुई जीएसटी परिषद् की मीटिंग में 979 फैसले लिए गए हैं। जीएसटी परिषद् में राज्यों के वित्त मंत्री और केंद्रीय मंत्री शामिल होते हैं।
जीएसटी परिषद्
वस्तु एवं सेवा कर परिषद् (जीएसटी काउंसिल) का गठन 15 सितंबर 2016 को किया गया था। यह परिषद् देश में जीएसटी कर निर्धारण से सम्बंधित प्रमुख नीति-निर्माता संगठन है। यह परिषद् जीएसटी कर दर, कर छूट, कर नियम तथा कर डेडलाइन इत्यादि का निर्धारण करती है।
जीएसटी परिषद् के अध्यक्ष केंद्रीय वित्त मंत्री हैं। इसके सदस्य के रूप में वित्त राज्य मंत्री के साथ साथ राज्यों व दो केंद्र शासित प्रदेशों के वित्त मंत्री या प्रतिनिधि शामिल हैं। केंद्र का इसमें एक-तिहाई मत है जबकि राज्यों का इसमें दो-तिहाई दखल रखा गया है। जीएसटी परिषद् में किसी प्रस्ताव के स्वीकृत होने के लिए तीन-चौथाई बहुमत जरूरी है। जीएसटी परिषद् की अधिसूचना जारी होने के बाद से परिषद् की पहली बैठक 22-23 सितंबर 2016 को हुई।