विश्वभर में 10 दिसंबर 2018 को मानवाधिकार दिवस मनाया गया। इस दिवस का उद्देश्य मानव अधिकारों के प्रति लोगों को जागरुक करना तथा मानवाधिकारों के हनन को रोकना है। मानवाधिकारों में मुख्य रूप से आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक अधिकार और अंतर्राष्ट्रीय नागरिक और राजनीतिक अधिकारों पर अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धता शामिल हैं।
पूरी दुनिया में मानवता के खिलाफ हो रहे अत्याचार को रोकने के लिए इस दिवस की महत्वपूर्ण भूमिका है। इस दिवस पर ‘दूसरों के अधिकारों के लिए कदम उठाना’ विशेष उद्देश्य के रूप में शामिल किया गया है।
मानव अधिकार क्या है?
किसी भी इंसान की जिंदगी, आजादी, बराबरी और सम्मान का अधिकार ही मानवाधिकार है। भारतीय संविधान इस अधिकार की न सिर्फ गारंटी देता है, बल्कि इसे तोड़ने वाले को अदालत सजा देती है।
थीम
मानवाधिकार दिवस 2018 की थीम "मानवाधिकार के लिए खड़े हों (Stand Up For Human Rights)" है।
भारत में मानव अधिकार कानून
भारत में 28 सितंबर 1993 से मानव अधिकार कानून अमल में आया।भारत सरकार ने 12 अक्टूबर 1993 को राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग का गठन किया। आयोग के कार्यक्षेत्र में नागरिक और राजनीतिक के साथ आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक अधिकार भी आते हैं।
पृष्ठभूमि
➤ संयुक्त राष्ट्र द्वारा 1948 में मानव अधिकारों की सार्वभौम घोषणा को अपनाये जाने वाले दिन से ही इस दिवस को मनाया जा रहा है।
➤ पहली बार 48 देशों ने संयुक्त राष्ट्र जनरल असेंबली के साथ इस दिन को मनाया था।
➤ वर्ष 1950 में महासभा द्वारा प्रस्ताव 423 (v) पारित करके सभी देशों एवं संस्थाओं को इसे अपनाये जाने के लिए आग्रह किया गया।
➤ यूएनजीए ने दिसंबर 1993 में इसे प्रतिवर्ष मनाये जाने के लिए घोषणा की गयी।