Tuesday, 11 December 2018

एक्स एवियइंद्रा 2018: भारत और रूस के बीच संयुक्त युद्धाभ्यास जोधपुर में शुरू


भारत और रूस की वायुसेनाएं सैन्‍य सहयोग को बढ़ावा देने के लिए संयुक्‍त सैन्‍य अभ्‍यास ‘एक्स एवियइंद्रा-2018’ का आयोजन जोधपुर में शुरू हो चूका हैं। इसका मकसद ऑपरेशन स्किल बढ़ाना है।

एक्स एवियइंद्रा भारतीय वायु सेना एवं रशियन फेडेरेशन एयरोस्पेस फोर्स (आरएफएसएफ) के बीच एक सेना विशिष्ट अभ्यास है। इस अभ्यास का संचालन 10 दिसंबर  से 21 दिसंबर 2018 के बीच वायु सेना केंद्र जोधपुर से किया जा रहा है।


उद्देश्य

भारत और रूस की वायुसेनाएं अभियान संबंधी समन्वय बढाने के उद्देश्य से यह युद्धाभ्यास किया जा रहा है।


संयुक्त युद्धाभ्यास से संबंधित मुख्य तथ्य

➤ इस संयुक्त युद्धाभ्यास में रूस की वायुसेना अपना साजोसामान लेकर नहीं आएगी और वह इस युद्धाभ्यास में भारतीय उपकरणों का इस्तेमाल करेगी।

➤ भारतीय वायुसेना द्वारा इस्तेमाल होने वाले ज्यादातर लड़ाकू विमान रूसी मूल के ही हैं और दोनों देशों की वायुसेनाएं आपसी तालमेल के महत्वपूर्ण स्तरों को छू चुकी हैं।

➤ भारत में 'रशियन फेडरेशन ऐयरोस्पेस फोर्स' के पायलट भारतीय वायुसेना के विमानों में भारतीय पायलटों के साथ उड़ान भरेंगे जो दोनों वायुसेनाओं में समान हैं।


एक्स एवियइंद्रा के बारे में

एक्स एवियइंद्रा 2018 एक्स एवियइंद्रा भारतीय वायु सेना एवं रशियन फेडेरेशन एयरोस्पेस फोर्स के बीच द्विपक्षीय संयुक्त अभ्यास की श्रृंखला में दूसरा अभ्यास है। इस अभ्यास की योजना दो चरणों में बनाई गई है।

यह एक अनूठा अभ्यास है जिसमें विदेशी प्रतिभागी अपनी वायु परिसंपत्तियां नहीं लाता। यह अभ्यास दोनों वायु सेना बलों के लिए समान है। आरंभिक भारतीय वायु सेना और रशियन फेडेरेशन एयरोस्पेस फोर्स (आरएफएसएफ) एक्स एवियइंद्रा का संचालन वर्ष 2014 में किया गया था।


पृष्ठभूमि

रूस रक्षा क्षेत्र में भारत का महत्वपूर्ण साथी रहा है और दोनों के बीच सहयोग में बहुत बढोत्तरी हुई है। अक्टूबर 2017 में, भारत और रूस ने दस दिन के युद्धाभ्यास में भाग लिया था जिसमें उनकी थलसेनाएं, नौसेनाएं और वायुसेनाएं शामिल हुई थीं। इससे पहले दोनों देशों की तीनों सेनाओं ने रूस में युद्धाभ्यास 'इंडर' में भाग लिया था।


अन्य जानकारी

भारत ने रूस के साथ 09 दिसंबर 2018 को विशाखापट्टनम में नौसेना का अभ्यास भी शुरू किया। इसमें रूस की नौसेना के जहाज वरयाग, पैंटेलेयेव और बोरिस बुटोमा शामिल हुए। दोनों देशों की नौसेना का यह दसवां संयुक्त सैन्य अभ्यास है।

इसका मकसद दोनों देशों में सांस्कृतिक और खेलों के लिए बेहतर तालमेल बनाना है।


भारत-रूस सम्बन्ध

भारत की आजादी के बाद से ही भारत और रूस के सम्बन्ध बहुत अच्छे रहे हैं शीत युद्ध के समय भारत और सोवियत संघ में मजबूत रणनीतिक, सैनिक, आर्थिक, एवं राजनयिक सम्बन्ध रहे हैं। सोवियत संघ के विघटन के बाद भी दोनों के सम्बन्ध पूर्ववत बने रहे।