आंध्र प्रदेश तथा तेलंगाना को 01 जनवरी 2019 को अपना अलग-अलग उच्च न्यायालय दिया गया है। आंध्र प्रदेश को विभाजित कर तेलंगाना राज्य गठित किये जाने के चार वर्ष से अधिक समय बाद यह कदम उठाया गया है। आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय भारत का 25वां उच्च न्यायालय है।
न्यायमूर्ति थोट्टाथिल बी. राधाकृष्णन ने हैदराबाद में तेलंगाना उच्च न्यायालय के पहले मुख्य न्यायाधीश के तौर पर कार्यभार संभाल लिया। जबकि, सी. प्रवीण कुमार ने विजयवाड़ा में आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ग्रहण की।
आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय
➽ राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा जारी आदेश के अनुसार 01 जनवरी 2019 से आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय अमरावती से कामकाज शुरू करेगा।
➽ राज्यों के विभाजन के उपरांत अमरावती राज्य की नई राजधानी बनाई गई है इसलिए यहीं पर उच्च न्यायालय स्थापित किया गया है।
➽ न्यायाधीश सी. प्रवीण कुमार की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा संविधान के अनुच्छेद 223 के तहत की गयी है।
➽ उनकी नियुक्ति 16 न्यायधीशों के पूल में से की गयी है। न्यायाधीश प्रवीण कुमार आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय के सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश हैं।
पृष्ठभूमि
गौरतलब है कि जून 2014 में आंध्र प्रदेश के विभाजन के उपरांत तेलंगाना राज्य का निर्माण किया गया था उस समय से ही हैदराबाद स्थित उच्च न्यायालय दोनों राज्यों के लिए एक ही उच्च न्यायालय के तौर पर काम कर रहा था। दिसंबर 2018 में केंद्र सरकार ने दोनों राज्यों के बीच उच्च न्यायालय के विभाजन के लिए एक अधिसूचना जारी की थी जिस पर अमल करते हुए दोनों राज्यों के लिए पृथक उच्च न्यायालयों की स्थापना की गई है।
तेलंगाना उच्च न्यायालय
➽ न्यायमूर्ति थोट्टाथिल बी. राधाकृष्णन ने 01 जनवरी 2019 को तेलंगाना उच्च न्यायालय के पहले मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ग्रहण की।
➽ तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के राज्यपाल ई.एस.एल नरसिम्हन ने राजभवन में आयोजित समारोह में उन्हें शपथ दिलाई।
➽ न्यायमूर्ति राधाकृष्णन पिछले साल जुलाई से तेलंगाना और आंध्र प्रदेश दोनों राज्यों के लिए हैदराबाद में न्यायपालिका के उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में अपनी सेवा दे रहे थे।