केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने 06 जनवरी 2019 को कहा कि सरकार जल्द ड्राइविंग लाइसेंस को आधार से जोड़ने को अनिवार्य करेगी।
पंजाब के फगवाड़ा में लवली प्रोफेशनल विश्वविद्यालय में 106वीं भारतीय विज्ञान कांग्रेस में अपने अध्यक्षीय संबोधन में कानून एवं इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि हम जल्द एक कानून लाने जा रहे हैं, जिसके बाद ड्राइविंग लाइसेंस को आधार से जोड़ना अनिवार्य होगा।
आधार को ड्राइविंग लाइसेंस से जोड़ने की आवश्यकता क्यों है?
➽ वर्तमान में, दुर्घटना करने वाला कसूरवार व्यक्ति मौके से भाग जाता है और डुप्लीकेट लाइसेंस हासिल कर लेता है। यह उसको सजा से बचने में मदद करता है।
➽ आधार से जोड़ने के बाद, आप भले ही अपना नाम बदल लें लेकिन आप बॉयोमीट्रिक्स नहीं बदल सकते हैं। आप न आंख की पुतली को बदल सकते हैं और न ही उंगलियों के निशान को।
➽ आप जब भी डुप्लीकेट लाइसेंस के लिए जाएंगे तो प्रणाली कहेगी कि इस व्यक्ति के पास पहले से ड्राइविंग लाइसेंस है और इसे नया लाइसेंस नहीं दिया जाना चाहिए।
➽ इसलिए, आधार को ड्राइविंग लाइसेंस से जोड़ने से कसूरवार व्यक्तियों को दुर्घटना के दृश्य से बचने और फिर डुप्लीकेट लाइसेंस प्राप्त करने से रोका जा सकेगा।
➽ मोटर वाहन लाइसेंस के साथ आधार को लिंक करना अनिवार्य कर दिया जाएगा। आधार अनिवार्य होने से फर्जी लाइसेंस के जारी किए जाने पर रोक लगाई जा सकती है।
➽ इसके अलावा वाहन चालक द्वारा सुरक्षा नियम तोड़ने पर काटे गए चालान का भी रिकॉर्ड रखा जाएगा। जिससे बिना चालान दिए वाहन चलाना कठिन होगा।
पृष्ठभूमि
ड्राइविंग लाइसेंस भारत सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त एक महत्वपूर्ण और वैध पहचान प्रमाण है। भारत में ड्राइविंग लाइसेंस पाने की प्रक्रिया बहुत अव्यवस्थित है, ऐसे में इसे बेहतर बनाने का काम सरकार द्वारा किया जा रहा है। सरकार बेहतर ड्राइवर ट्रेनिंग स्कूल भी शुरू कर रही है जिसके द्वारा ड्राइवर्स को अच्छे से ड्राइविंग सिखाई जा सके।
भारत में वर्तमान में 123 करोड़ आधार कार्ड जारी किए गए, 121 करोड़ मोबाइल फोन हैं, 44.6 करोड़ स्मार्ट फोन हैं, इंटरनेट के 56 करोड़ उपयोगकर्ता हैं। इसके अलावा ई कॉमर्स में 31 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। वर्ष 2017-18 में देश में डिजिटल तरीके से भुगतान करने में कई गुना इजाफा हुआ है।