Tuesday, 29 January 2019

आईसीएआर की गणतंत्र दिवस झांकी 'किसान गांधी' ने पहला पुरस्कार जीता


भारतीय कृषि अनुंसधान परिषद (आईसीएआर) की गणतंत्र दिवस परेड-2019  में प्रस्तुत झांकी ‘किसान गांधी’ को प्रथम पुरस्कार प्राप्त हुआ है रक्षा मंत्री निर्मला सीता रमण ने 28 जनवरी 2019 को नई दिल्ली में आईसीएआर की टीम को पुरस्कार प्रदान किया

आईसीएआर की झांकी में डेयरी फार्मिंग के महत्व, देसी नस्लों का इस्तेमाल और ग्रामीण समृद्धि के लिए पशुधन आधारित जैविक कृषि दिखाई गई थी गौरतलब है कि आईसीएआर गणतंत्र दिवस झांकी-2018 का विषय मिश्रित खेती, खुशियों की खेती था

70वें गणतंत्र दिवस परेड में 22 झांकियां थीं जिनमें से 16 झांकी राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों की और 6 झांकियां विभिन्न केंद्रिय मंत्रालयों और विभागों की थीं


आईसीएआर की झांकी

आईसीएआर की झांकी ‘किसान गांधी’ में ग्रामीण समुदाय की समृद्धि के लिए कृषि और पशुधन सुधारने के गांधी जी के विजन को दिखाया गया गांधी जी 1927 में आईसीएआर-राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान केंद्र, बेंगलुरू में डेयरी फार्मिंग पर 15 दिनों का प्रशिक्षण कार्यक्रम में शामिल हुए थे। उन्होंने 1935  में इंदौर में पौध उद्योग संस्थान में खाद तैयार करने की ‘इंदौर पद्धति’ की सराहना की थी

झांकी में बापू को बकरी और गाय के साथ दिखाया गया है झांकी में जैविक कृषि, कपास तथा दुग्ध उत्पादन में क्रांति और बेहतर स्वास्थ्य के लिए खाद्य सुरक्षा विश्लेषण को दिखाया गया है। कस्तूरबा गांधी को चरखा चलाते हुए और वर्धा आश्रम की बापू कुटी में पशुओं की देखभाल करते हुए दिखाया गया है यह आजीविका आधारित सतत और जलवायु परिवर्तनरोधी कृषि का संकेत देती है


गांधीवादी दर्शन और आईसीएआर

➤ गांधीवादी दर्शन में स्वदेशी नस्लों, जैविक कृषि और बेहतर स्वास्थ्य के लिए बकरी के दूध को प्रोत्साहन देना मुख्य रूप से शामिल है

 गांधी जी के सपनों को साकार करने के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद अथक रूप से भारतीय कृषि को बदलने की दिशा में काम कर रही है ताकि पशुधन सुरक्षा सुनिश्चित हो सके और अन्नदाता किसानों की आय बढ़ सके

 भारत ने अत्याधुनिक विज्ञान और टेक्नालाजी का विकास और उपयोग करके खाद्य आत्मनिर्भरता में सफलता प्राप्त की है और भारत विश्व में दूध और कपास का सबसे बड़ा उत्पादक है