रेटिंग एजेंसी क्रिसिल द्वारा 17 राज्यों की रैकिंग (ग्रॉस स्टेट डोमेस्टिक प्रॉडक्ट यानी जीएसडीपी) जारी की गई है, इसमें वर्ष 2017-18 के लिए बिहार की विकास दर सबसे बेहतर बताई गई है। रिपोर्ट के अनुसार बिहार वित्त वर्ष 2017-18 में राज्यों के विकास दर के मामले में टॉप पर रहा।
क्रिसिल द्वारा जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि इस दौरान बिहार का सकल राज्य घरेलू उत्पाद (ग्रॉस स्टेट डोमेस्टिक प्रॉडक्ट यानी जीएसडीपी) 11.3% की दर से बढ़ा है। रेटिंग्स एजेंसी क्रिसिल ने उन 17 राज्यों की रैकिंग जारी की जो केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय के आंकड़ों (सेंट्रल स्टैटिस्टिक्स डेटा) पर आधारित विभिन्न मापदंडों के अनुसार विशेष श्रेणी में नहीं आते हैं। एजेंसी ने छोटा राज्य होने के कारण गोवा को रैंकिंग में शामिल नहीं किया।
क्रिसिल रिपोर्ट के मुख्य बिंदु
💗 क्रिसिल की रिपोर्ट के मुताबिक, जीएसडीपी के मामले में आंध्र प्रदेश और गुजरात क्रमशः दूसरे एवं तीसरे स्थान पर रहे।
💗 वित्त वर्ष 2018 में गुजरात और कर्नाटक विकास, महंगाई और वित्तीय घाटे की रैंकिंग्स में बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले शीर्ष तीन राज्यों में शामिल रहे।
💗 वित्त वर्ष 207-18 में देश की जीडीपी ग्रोथ में सुस्ती का ट्रेंड दिखा, लेकिन इन 17 में 12 राज्यों की विकास दर पिछले पांच सालों के मुकाबले ज्यादा रही।
💗 रिपोर्ट के अनुसार कम आय वाले राज्यों में ऊँची विकास दर लंबे वक्त तक बरकरार नहीं रह पाई जिस कारण वे प्रति व्यक्ति आय के मामले में राज्य ऊँची आय वाले राज्यों के साथ अपनी खाई पाट नहीं सके, बल्कि यह खाई बढ़ी है।
💗 रिपोर्ट में कहा गया कि 11 राज्यों में निर्माण, व्यापार, होटल, विनिर्माण, परिवहन और संचार सेवाओं जैसे रोजगार केंद्रित क्षेत्रों में राष्ट्रीय दर की तुलना में कम रफ्तार से वृद्धि हुई है।
💗 रिपोर्ट के अनुसार, गुजरात, बिहार और हरियाणा में रोजगारोन्मुख क्षेत्रों की वृद्धि सबसे तेज रही. वहीं, राजस्थान, झारखंड और मध्य प्रदेश में इनकी वृद्धि दर सबसे कम रही।
💗 रिपोर्ट के अनुसार गुजरात और कर्नाटक में उत्पादन ने विकास दर को बढ़ाया, मध्यप्रदेश में कृषि इसके पीछे का मुख्य कारण रही। इसके अलावा पश्चिम बंगाल के पिछड़ने का कारण खनन और झारखंड के पिछड़ेपन का कारण बिजली और अन्य सुविधाएं रहीं।