"Languages and dialects of Bihar" (Author : R. Ranjan)
बिहार की राजभाषा हिन्दी तथा द्वितीय राजभाषा उर्दू है। बिहार में बोली जाने वाली भाषाओं और बोलियों में अंगिका, भोजपुरी, मैथिली, मगही, और वज्जिका, प्रमुख हैं।
अंगिका :- इस भाषा को भागलपुरी भाषा भी कहा जाता है। अंगिका भाषा दुमका, देवधर, गोड्डा, सोहबगंज, मुंगेर, बेगूसराय, खगड़िया आदि जिलों में बोली जाती है। इसके बोलने वालों की संख्या 1.12 करोड़ है।
भोजपुरी :- यह भाषा बिहार के मुख्यतः रोहतास, भोजपुर, बक्सर, कैमूर, सारण, सीवान, गोपलगंज और पश्चिमी चम्पारण में बोली जाती है। बिहार में भोजपुरी बोलने वालों की संख्या करीब 1 करोड़ 10 लाख है। भोजपुरी भाषा में अनेक फिल्मों के निर्माण से इसके प्रचार-प्रसार में वृद्धि हुई है।
मैथिली :- यह भाषा बिहार की भाषाओं में सबसे उन्नत और विकसित है। कवि कोकिल विद्यापति इस भाषा के सर्वोपरि कवि हैं। मैथिली भाषा दरभंगा, मधुबनी, समस्तीपुर, मधेपुरा, सहरसा, सीतामढ़ी व पूर्णिया जिलों में बोली जाती हैं। लिग्इवंस्टिक सर्वे ऑफ इण्डिया के अनुसार मैथिली भाषा को बोलने वालों की संख्या 1 करोड़ है।
मगही :- मगही बोलने वालों की जनसंख्या करीब 75 लाख है। यह भाषा गया, पटना, जहानाबाद, नवादा, मुंगेर, हजारीबाग और पलामू जिलों में बोली जाती है। लेकिन पटना और गया जिले में सबसे अधिक बोली जाती है।
वज्जिका :- वज्जिका वैशाली एवं मुजफ्फरपुर जिले की भाषा है। यह भाषा सम्पूर्ण मुजफ्फरपुर, चम्पारण का पूर्वी क्षेत्र आदि क्षेत्र में बोली जाती हैं। वज्जिका का क्षेत्र करीब चौबालीस सौ वर्ग मील फैला है। वज्जिका भाषा की बोलने वालों की संख्या करीब 62 लाख है।
इनके अतिरिक्त थारु भाषा भी बोली जाती है। पहाड़ी भाषाओं में संथाली, मुंडारी, और उरॉव आदि प्रमुख है।