भारत और इंडोनेशिया के मध्य पहला दिवपक्षीय नौसौनिक अभ्यास ‘समुद्र शक्ति’ इंडोनेशिया के द्वीप सुराबाया पर आरंभ किया गया। यह नौसेनिक अभ्यास 12 नवम्बर 2018 से शुरू हुआ है जो 18 नवम्बर तक चलेगा।
यह माना जा रहा है कि इस संयुक्त अभ्यास से भारत और इंडोनेशिया के बीच नौसैनिक सहयोग का एक नया दौर शुरु होगा। इस संयुक्त अभ्यास का उद्देश्य आपसी रिश्तों को विस्तार देना, समुद्री सहयोग को गहरा करना और एक-दूसरे की श्रेष्ठ प्रथाओं को अपनाना है।
समुद्र शक्ति संयुक्त अभ्यास के मुख्य बिंदु
➽ अभ्यास का हार्बर फेज 12 से 15 नवम्बर तक चलेगा। इस दौरान दोनों देशों के नौसैनिक एक-दूसरे के युद्धपोतों का दौरा करेंगे और आपसी वार्ता करेंगे।
➽ इसके बाद 15 से 18 नवम्बर तक सी- फेज चलेगा।
➽ इस दौरान पनडुब्बी नाशक अभ्यास, हेलीकाप्टर आपरेशन, सतही युद्ध अभ्यास औऱ समुद्री डाकाजनी के खिलाफ कार्रवाई आदि के अभ्यास होंगे।
➽ इस अभ्यास में भाग लेने के लिए भारतीय नौसेना का युद्धपोत आईएनएस राणा इंडोनेशिया के समुद्र तट पर पहुंच चुका है।
➽ यह युद्धपोत इन दिनों दक्षिण पूर्व एशिया के समु्द्री इलाके के दौरे पर है।
➽ आईएनएस राणा विशाखापतनम स्थित पूर्वी नौसैनिक अड्डे का युद्धपोत है।
गौरतलब है कि पिछले वर्ष प्रधानमंत्री मोदी के इंडोनेशिया दौरे में दोनों देशों के बीच सामरिक साझेदारी के रिश्तों को समग्र सामरिक साझेदारी का दर्जा दिया गया था। इंडोनेशिया के लिये भारतीय युद्धपोत का दौरा इंडोनेशिया के इलाके में समुद्री व्यवस्था को प्रोत्साहन देना है।
भारत – इंडोनेशिया संबंध
भारत के पहले प्रधान मंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू तथा इंडोनेशिया के पहले राष्ट्रपति सुकर्णो के बीच मैत्री के कारण दोनों देशों के बीच सौहार्दपूर्ण संबंधों का बीज बोया गया था। जिस समय इंडोनेशिया डच साम्राज्यवाद को समाप्त करने के लिए संघर्ष कर रहा था उस समय पंडित जवाहरलाल नेहरू ने इंडोनेशिया के उद्देश्य का भरपूर समर्थन किया था। वर्तमान समय में भारत और इंडोनेशिया के मध्य रक्षा और सुरक्षा सहयोग सुदृढ़ हुए हैं। व्यापारिक एवं आर्थिक क्षेत्र में भारतीय कम्पनियों ने इंडोनेशिया में अवसंरचना, विद्युत, कपड़ा, इस्पालत, ऑटोमोटिव, खनन, बैंकिंग तथा एफएमजीसी क्षेत्रों में निवेश किया है।