Friday, 16 November 2018

सभी पूर्वोत्तर राज्यों द्वारा दिसम्बर 2018 तक खुले में शौच से मुक्ति की घोषणा

पूर्वोत्तर राज्यों की समीक्षा बैठक 14 नवंबर 2018 को गुवाहाटी, असम में आयोजित की गई। इस कार्यशाला में खुले में शौच से मुक्ति की स्थिति, ठोस और तरल कचरा प्रबंधन तथा ग्रामीण जलापूर्ति की स्थिति पर चर्चा की गई। हिमाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नगालैंड, त्रिपुरा और सिक्किम की टीमों ने समीक्षा में हिस्सा लिया खुले में शौच से मुक्त राज्यों की टीमों ने अपने प्रयासों के बारे में बताया। सिक्किम देश का पहला खुले में शौच से मुक्त राज्य है राज्य की टीम ने ठोस और तरल कचरा प्रबंधन पहलों की जानकारी दी जो राज्य खुले में शौच से मुक्त नहीं हैं, उन्होंने प्रतिबद्धता जाहिर की कि वे दिसम्बर 2018 तक खुले में शौच से मुक्त हो जाएंगे

असम के उपायुक्तों ने वीडियो कॉन्फेंसिंग के जरिए केन्द्रीय टीम से बातचीत की बैठक के बाद पूरे पूर्वोत्तर के प्रतिष्ठित मीडिया कर्मियों और मीडिया घरानों के साथ वार्ता की गई


सिक्किम पहला ओडीएफ राज्य

सिक्किम भारत का पहला राज्य है, जो खुले में शौच से मुक्त हो चुका है सिक्किम स्वच्छ भारत अभियान के शुरु होने के 6 वर्ष पूर्व अर्थात 2006 में ही ओडीएफ हो चुका है यहाँ शौचालयों के निर्माण के लिए राज्य में मौजूद स्थानीय सामग्रीयों का उपयोग किया गया जैसे बांस से बनी संरचनाएं, जिन्हें स्थानीय भाषा में ‘इकरा’ कहा जाता है, का उपयोग किया गया. इसके अलावा लकड़ी व पत्थरों से भी शौचालयों का निर्माण किया गया


ओडीएफ की परिभाषा

भारत सरकार के पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय ने खुले में शौच से मुक्त (ओडीएफ) की सार्वभौमिक परिभाषा तय की है इसके तहत ओडीएफ तभी माना जाएगा जब गांव में-पर्यावरण में खुले में मानव मल नहीं दिखे तथा हर घरेलू, सार्वजनिक व सामुदायिक स्तर पर सुरक्षित ढंग से मल निष्पादन हो। मंत्रालय द्वारा स्पष्ट किया गया है कि मल निष्पादन की सुरक्षित तकनीक से आशय ऐसी तकनीक से है जिससे सतह की मिट्टी, भूजल या सतही पानी प्रदूषित न हो। मल मक्खियों या जानवरों की पहुँच से दूर हो, बदबू व अप्रिय स्थितियां न हों

साथ ही यह भी बताया गया है कि ओडीएफ का लक्ष्य केवल व्यक्तिगत शौचालयों पर जोर देकर हासिल नहीं किया जा सकता इसके लिए गांव वालों के बर्ताव में बदलाव ज्यादा अहम है


भारत में ओडीएफ राज्य/जिलों की जानकारी

🚽 स्वच्छ भारत मिशन के तहत अब तक 4.30 लाख गांव, 444 जिले और 19 राज्य और केंद्र शासित प्रदेश खुले में शौच से मुक्त घोषित किए जा चुके हैं

🚽 वर्ष 2017 में भारतीय गुणवत्ता परिषद और वर्ष 2016 में राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण संगठन द्वारा किए गए दो स्वतंत्र सर्वेक्षणों से इन शौचालयों का क्रमशः 91 प्रतिशत तथा 95 प्रतिशत उपयोग किए जाने के तथ्य सामने आये हैं

🚽 इन आंकड़ों के ही परिणामस्वरूप 19 राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों को ओडीएफ घोषित किया गया है. इनमें प्रमुख रूप से शामिल हैं - सिक्किम, हिमाचल प्रदेश, केरल, हरियाणा, उत्तराखंड, गुजरात, अरुणाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़, चंडीगढ़ और दमन एवं दीव

🚽 अभियान का लक्ष्य 2 अक्टूबर 2019 यानि गांधी जी की 150वीं जयंती तक पूरे भारत को खुले में शौच से मुक्त करना है. अब तक इस अभियान के तहत 8 करोड़ से भी ज्यादा घरों में शौचालय बनाए जा चुके हैं

🚽 गौरतलब है कि यूनिसेफ भी यह अनुमान व्यक्त कर चुका है कि स्वच्छता का अभाव हर साल भारत में 1,00,000 से भी अधिक बच्चों की मौत के लिए उत्तरदायी है