केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल के नेतृत्व में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय ने 05 नवम्बर 2018 को ऑपरेशन ग्रीन के लिए संचालन संबंधी उपायों को अपनी मंजूरी दे दी है।
देशभर में पूरे वर्ष तक मूल्यों में उतार-चढ़ाव के बिना टमाटर, प्याज और आलू की आपूर्ति और उपलब्धता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से सरकार ने 2018-19 के बजट भाषण में 500 करोड़ रूपये की लागत से ऑपरेशन ग्रीन की घोषणा की थी।
मंत्रालय द्वारा किए गए उपायों में निम्नलिखित बिंदु शामिल हैं:-
(I) लघुकालिक मूल्य स्थिरीकरण उपाय
मूल्य स्थिरीकरण उपाय को लागू करने में नेफेड शीर्ष एजेंसी होगा। निम्नलिखित दो घटकों पर खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय 50 प्रतिशत सब्सिडी देगा।
i. उत्पादन से लेकर भंडार तक आलू, प्याज और टमाटर फसलों की ढुलाई;
ii. टमाटर, प्याज और आलू फसलों के लिए समुचित भंडार सुविधाओं का किराया;
(II) दीर्घकालिक समन्वित मूल्य श्रृंखला विकास परियोजना
i. किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) और उनके केंद्रों का क्षमता निर्माण
ii. गुणवत्ता्पूर्ण उत्पादन
iii. फसल पश्चात प्रसंस्करण सुविधा
iv. कृषि उपस्कर
v. विपणन / उपभोग केंद्र
vi. टमाटर, प्याज और आलू फसलों की मांग और आपूर्ति प्रबंधन के लिए ई-प्लेटफॉर्म का निर्माण और प्रबंधन
सभी क्षेत्रों में पात्र परियोजना लागत के 50 प्रतिशत की दर से अनुदान सहायता इस प्रणाली में शामिल होगी, बशर्ते प्रति परियोजना अधिकतम 50 करोड़ रूपये हो। पात्र संगठन में राज्य कृषि और अन्य विपणन परिसंघ, किसान उत्पादक संगठन, सहकारी संगठन, कंपनी, स्व-सहायता समूह, खाद्य प्रसंस्करणकर्ता, उपस्कर ऑपरेटर, सेवाप्रदाता, आपूर्ति श्रृंखला ऑपरेटर, खुदरा और थोक श्रृंखला तथा केंद्रीय और राज्य सरकार तथा उनकी इकाइयां/संगठन शामिल हैं, जो इस कार्यक्रम में भाग लेने के साथ ही वित्तीय सहायता प्राप्त करने के लिए पात्र होंगे।