Thursday, 28 February 2019

जेनेवा समझौता क्या है और यह युद्धबंदियों को क्या अधिकार देता है?

What is the Geneva Convention and what powers it pays to the prisoners (Author : R. Kumari)



जेनेवा समझौता क्या है और यह युद्धबंदियों को क्या अधिकार देता है?

भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध की तनातनी की स्थिति में 27 फरवरी को भारत का एक जेट विमान जब क्रेश हो गया तो उसमें सवार विंग कमांडर ‘अभिनंदन वर्तमान’ ने पैराशूट से छलांग लगा दी और पाकिस्तान की सीमा में पकडे गए ऐसी हालत में कई लोगों के दिमाग में यह प्रश्न उठ रहा है कि अब पाकिस्तान जैसा क्रूर देश उनके साथ किस तरह का बर्ताव करेगा


आइये इस बारे में विस्तार से जानते हैं:-

युद्धबंधियों के मानव अधिकारों की रक्षा के लिए जेनेवा समझौते में चार संधियां हुई हैं जो कि यह नियम बतातीं हैं कि युद्ध में पकडे गए सैनिकों के साथ किस तरह का व्यवहार किया जाना चाहिए


जेनेवा समझौता क्या है?


जेनेवा समझौता मुख्य रूप से युद्धबंदियों के मानवाधिकारों को बनाये रखने के लिए बनाया था ताकि युद्ध के दौरान शत्रु देश द्वारा बंदी बनाये गये सैनिकों के साथ मानवीय व्यवहार किया जाये

दरअसल युद्धबंदियों (Prisoner of war) के अधिकारों को बरकरार रखने के जेनेवा समझौते (Geneva Convention) में कई नियम दिए गए हैं

जेनेवा समझौते में चार संधियां और तीन अतिरिक्त प्रोटोकॉल (मसौदे) शामिल हैं। यह संधि युद्ध बंदियों के मानवाधिकारों का संरक्षण करती है। मानवता को बरकरार रखने के लिए पहली संधि 1864 में हुई थी। इसके बाद दूसरी संधि 1906 में और तीसरी संधि 1929 में हुई थी। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद 1949 में 194 देशों ने मिलकर चौथी संधि की थी जो कि अब तक लागू है

जिनेवा संधि के तहत युद्धबंदियों को किसी भी तरह से डराया-धमकाया या उनका अपमान नहीं किया जा सकता है। पकड़े जाने पर युद्धबंदियों को अपना नाम, सैन्य पद और नंबर बताने का प्रावधान किया गया है और युद्धबंदी की जाति, धर्म, जन्‍म आदि बातों के बारे में नहीं पूछा जाता है

युद्धबंदियों पर या तो मुकदमा चलाया जा सकता है या युद्ध के बाद उन्हें उनके देश को लौटा दिया जाता है

हालांकि कुछ देशों ने जिनेवा संधि का उल्लंघन किया है पूर्व एयर चीफ मार्शल अरुप राहा ने कहा है पाकिस्तान हर समय जिनेवा संधि का पालन नहीं करता है, हालाँकि ऐसे समय में जब पूरे विश्व का पाकिस्तान के ऊपर दबाव है तो पाकिस्तान एक और इंटरनेशनल ट्रीटी का उल्लंघन नहीं करना चाहेगा। अगर पाकिस्तान ऐसा करता है तो उसे इसका खामियाजा भुगतना होगा


जेनेवा संधि के मुख्य नियम इस प्रकार हैं;

➦ युद्धबंदियों से उनका नाम, सैन्य पद और नंबर पूछा जा सकता है और युद्धबंदी की जाति, धर्म, जन्‍म आदि बातों के बारे में नहीं पूछा जा सकता है साथ ही उसे डराया धमकाया या  मारा पीटा नहीं जा सकता है

 घायल सैनिक की उचित देखरेख की जाती है यदि कोई घाव या चोट लगी है तो उसका उपचार भी किया जाता है

 युद्धबंदियों को  खाना पीना और जरूरत की सभी चीजें दी जाती है

 किसी भी युद्धबंदी के साथ अमानवीय बर्ताव नहीं किया जा सकता है

 किसी देश का सैनिक (स्त्री या पुरुष) जैसे ही पकड़ा जाता है उस पर ये संधि लागू होती है

 युद्धबंदी के साथ अमानवीय बर्ताव नहीं किया जा सकता है

पाकिस्तान ने जिस तरह के वीडियो सोशल मीडिया पर डाले हैं उससे तो यह बात स्पष्ट हो जाती है कि उसने जेनेवा संधि का उल्लंघन कर दिया है क्योंकि अभिनंदन वर्तमान को जनता ने पीटा है और उनके मुंह और चेहरे से खून भी निकलता दिख रहा है

हालाँकि भारत सरकार ने साफ कर दिया है कि उसके सैनिक को किसी प्रकार का नुकसान नहीं पहुँचाया जाना चाहिए यदि ऐसा हुआ तो अंजाम भुगतने के लिए भी पाकिस्तान तैयार रहे

अंत में एक भारतीय के रूप में हम सभी कामना करते हैं कि पाकिस्तान को सद्बुद्धि आये और वह जेनेवा संधि का पालन करते हुए अभिनंदन वर्तमान को सही सलामत भारत सरकार को सौंपे


वर्ष 1947 से अब तक भारत के कितने पायलटों को पाकिस्तान ने पकड़ा कैसा हुआ सलूक

ये पहला मौका नहीं है जब युद्ध के दौरान किसी भारतीय पायलट को पाकिस्तानी सेना ने बंदी बनाया हो. करीब सभी भारत-पाकिस्तान युद्ध में भारतीय पायलटों को पाकिस्तानी सेना ने बंदी बनाया है। 


भारत पाक युद्ध 1965 एयर मार्शल (रिटा.) बृजपाल सिंह सिकंद

भारत-पाक युद्ध 1965 के दौरान तत्कालीन स्क्वाड्रन लीडर बृजपाल सिंह सिकंद को पाक सीमा में पकड़ लिया गया। युद्ध के दौरान वो एक जीनाट विमान उड़ा रहे थे। हवा में अपना पूरा कर वो सुरक्षित जमीन पर उतर चुके थे। लेकिन विमान उतारने के बाद उन्हें एहसास हुआ कि उन्होंने गलती से दुश्मन देश की सीमा के पसरूर में विमान उतार दिया

जब उन्होंने उड़ान भरनी चाहिए तब तक रनवे पर पाकिस्तानी सेना की जीप पहुँच गई, जिसने उड़ान में बाधा पहुँचाई। उन्हें घेरकर विमान से नीचे उतरने पर मजबूर कर दिया गया

हालांकि बाद में जेनेवा संधि के तहत उन्हें पाकिस्तान ने रिहा कर दिया वे एयर मार्शल के पद से रिटायर हुए

उन्होंने साल 1950 में एक फाइटर पायलट के पद से इंडियन एयरफोर्स में शुरुआत की थी। बृजपाल सिंह सिकंद के अनुसार, तब उन्हें पाकिस्तानी सेना ने प्रताड़ित किया था


भारत पाक युद्ध 1971 एयर वाइस मार्शल (रिटा.) आदित्य विक्रम पेठिया

भोपाल में रह रहे वायुसेना के रिटायर्ड एयर वाइस मार्शल आदित्य विक्रम पेठिया 1971 में युद्ध के दौरान पाकिस्तान में युद्ध बंदी रह चुके हैं

रिटायर्ड एयर वाइस मार्शल आदित्य विक्रम पेठिया भारतीय वायुसेना की उस कमान में शामिल थे, जिसने 1971 के भारत-पाक युद्ध के दौरान पाकिस्तान पर एयर अटैक किया। आदित्य विक्रम पेठिया पाकिस्तान की सीमा में युध्द बंदी बना लिए गए वो पांच महीने वहाँ युद्ध बंदी रहे। उन्हें जो यातनाएं दी गयीं, उसे बयां करते हुए आज भी उनकी आंखों में गुस्सा उतर आता है। जिनेवा संधि के ज़रिए पांच महीने बाद उनकी रिहाई हुई


भारत पाक युद्ध 1971 विंग कमांडर हरसरन सिंह गिल

भारत-पाक युद्ध 1971 के दौरान 3 दिसंबर से 13 दिसंबर तक विंग कमांडर हरसरन सिंह ने वेस्‍टर्न विंग का नेतृत्व किया। वे एक जांबाज सेनानी थे। उन्होंने कई दुश्मन विमानों को धूल चटाई। 13 दिसंबर को हवा में युद्ध के दौरान उन्होंने चार दुश्मन विमानों के छक्के छुड़ा दिए। लेकिन जब चारों दुश्मन जहाज वापस भागने लगे तो उन्होंने अकेले ही अपने मिग 21 विमान से चारों को खदेड़ लिया

लेकिन इसी दौरान पाकिस्तान ने जमीन से हमला कर उनके विमान को गिरा दिया। इसमें वे शहीद हो गए. उनके इस असाधारण वीरता के लिए उन्हें वीर चक्र से नवाजा गया


कारगिल युद्ध 1999 लेफ्टिनेंट नचिकेता

कारगिल ऑपरेशन के दौरान सीमाई इलाके में पहाड़ियों पर बैठे घुसपैठियों को भगाने की कार्रवाई में एक मिग दुर्घटना का शिकार हो गया था। पायलट के विमान को छोड़ने के दौरान पैराशूट अनियंत्रित हो गया, जिसकी वजह से पायलट फ्लाइट लेफ्टिनेंट नचिकेता को पाकिस्तान के इलाके में उतरना पड़ा। ये जानकारी होते ही भारत ने रेडक्रॉस और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नचिकेता को छुड़ाने की कोशिशें तेज कर दी थीं

विंग कमांडर रिटायर्ड एके सिंह से बात की तो उन्होंने बताया, “27 मई 1999 के दिन, नचिकेता अपने मिग-27 विमान से दुश्मनों के ठिकानों पर हमला कर रहे थे। उन्होंने जैसे ही एक ठिकाने को निशाना बनाकर उसपर 30 एमएम की एक मिसाइल चलाई, उनके मिग-27 विमान का इंजन बंद हो गया इंजन से चिंगारी और धुआं निकलने लगा। एक कुशल पायलट की तरह उन्होंने हवा में ही विमान के इंजन को फिर से चालू करने की कोशिश की, लेकिन इंजन शुरू नहीं हुआ। विमान से निकलकर वह पैराशूट द्वारा जिस जगह पर उतरे वह बर्फ से ढका दुश्मन का पहाड़ी इलाका था

नचिकेता को पाकिस्तानी सेना ने पकड़ लिया। उन्हें रावलपिंडी की कालकोठरी में बंद कर दिया गया। भारतीय कोशिश, रेडक्रॉस और अंतरराष्ट्रीय समुदाय के दखल के चलते पाकिस्तान को झुकना उसे नचिकेता को रिहा करने पर मजबूर होना पड़ा

नचिकेता को आठ दिन बाद 3 जून 1999 को पाकिस्तान ने रिहा कर दिया था नचिकेता 26 मई से पाकिस्तानी हिरासत में थे। हालांकि नचिकेता भारत लौटने के तीन साल बाद तक इलाज चलता रहा वे दोबारा साल 2003 में फिर से उड़ान भरने के काबिल हुए। इसकी वजह उन्होंने खुद ही भारत लौटने के बाद कई मीडिया संस्‍थानों को दिए अपने इंटरव्यू में बताई है


कारगिल युद्ध 1999 स्क्वाड्रन लीडर अजय आहूजा

कारगिल युद्ध में जिस दिन लेफ्टिनेंट के नचिकेता पाकिस्तानी चपेट में आए थे, ठीक उसी दिन अजय आहूजा भी एक मिग-21 में हवा में मोर्चा संभाले हुए थे। युद्ध के दौरान एक पाकिस्तानी मिसाइल उनके विमान से आ टकराई उनका विमान गिर गया लेकिन इसमें उनकी जान नहीं गई

एक रिपोर्ट के अनुसार जब स्क्वाड्रन लीडर अजय आहूजा पाकिस्तान में गिरे तो वे जिंदा थे लेकिन वहाँ गिरने के बाद उन्हें गोली मार दी गई। भारत के एयर वाइस-मार्शल एसके मलिक के अनुसार, "आहूजा की हत्या की गई थी। उनके सिर और सीने में गोली लगने के पुख्ता सबूत थे" भारत ने तब पाकिस्तान पर जेनेवा संधि के उल्लंघन का आरोप भी लगाया था

अजय आहूजा राजस्‍थान के कोटा के रहने वाले थे साल 1985 में उनका चयन फाइटर पायलट के तौर पर भारतीय वायुसेना में हुआ था

भारतीय सेना का पराक्रम, पाकिस्तान पर दूसरी सर्जिकल स्ट्राइक, जानें विस्तार से

The Pulwama Revenge (Author : R. Kumari)


भारत ने जम्‍मू एवं कश्‍मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आतंकी हमले के बाद बड़ी कार्रवाई की है भारतीय वायुसेना (IAF) ने नियंत्रण रेखा (LoC) के पार जाकर दूसरा सर्जिकल स्‍ट्राइक करते हुए आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्‍मद के ठिकाने ध्‍वस्‍त कर दिए हैं, जिसने पुलवामा हमले की जिम्‍मेदारी ली है

जम्‍मू एवं कश्‍मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर आतंकियों ने 14 फरवरी 2019 को हमला कर दिया था, जिसमें 44 जवान शहीद हो गए थे भारत ने साफ कर दिया था कि वह चुप नहीं बैठेगा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कहा था कि इस बार 'हिसाब बराबर' होगा


मुख्य बिंदु


➽ IAF सूत्रों के अनुसार, भारत ने एलओसी के पार आतंकियों के ठिकानों पर करीब 1000 किलोग्राम बम बरसाए, जिसमें आतंकी मसूद अजहर की अगुवाई वाले आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्‍मद के कई ठिकाने ध्‍वस्‍त हो गए

 बताया जाता है कि एक साथ 12 मिराज-2000 इंडियन फाइटर जेट के जरिये एलओसी पार आतंकियों के ठिकानों पर निशाना बनाया गया

 मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, भारत ने बालाकोट, मुजफ्फराबाद और चकोटी के रास्‍ते ये हमले किए

 रिपोर्ट के अनुसार, अभी तक की सूचना के मुताबिक लगभग दो से तीन सौ आतंकियों के मारे जाने की सूचना है

 पाकिस्‍तानी सेना के प्रवक्‍ता मेजर जनरल आसिफ गफूर ने ट्विट किया है कि 'भारतीय वायु सेना के विमानों ने नियंत्रण रेखा का उल्लंघन करते हुए मुजफ्फराबाद सेक्‍टर में घुस आए

 समाचार एजेंसी एएनआई ने भारतीय वायु सेना के सूत्रों के अनुसार खबर दी है कि भारत ने 26 फरवरी को सुबह साढ़े तीन बजे हमला किया

 पाकिस्तान ने भारतीय वायुसेना पर एयर स्पेस के उल्लंघन का आरोप लगाया है

 हमले के बाद विमान भारतीय सीमा में सुरक्षित लौट आए बता दें कि पुलवामा आतंकी हमले के बाद भारत ने अपने सुरक्षाबलों को कार्रवाई के लिए खुली छूट दे दी थी


विदेश मंत्रालय ने प्रेस कॉंन्फ्रेंस की

भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान पर बहुत बड़ी कार्रवाई की है भारतीय वायुसेना के 12 मिराज विमानों ने जैश के ठिकानों को तबाह किया है इस कार्रवाई को लेकर विदेश मंत्रालय ने प्रेस कॉंन्फ्रेंस की जिसमें विदेश सचिव विजय गोखले ने कहा कि 14 फरवरी को पुलवामा में जैश-ए-मोहम्मद ने हमला किया जिसमें हमारे 44 जवान शहीद हो गये। 20 साल से पाकिस्तान में जैश सक्रिय है जैश के कैंप पर भारत ने कार्रवाई की। विश्वसनीय सूचना मिली थी कि जैश-ए-मोहम्मद देश के दूसरे हिस्सों में आत्मघाती हमले की तैयारी कर रहा था और इसके लिए फिदायीन जिहादियों को प्रशिक्षण दिए जा रहे थे

इस अभियान में जैश के चरमपंथियों, प्रशिक्षकों, वरिष्ठ कमांडरों और वहाँ प्रशिक्षण ले रहे जिहादियों को खत्म कर दिया गया। बालाकोट के इस कैंप का मुखिया मौलाना यूसुफ अजहर उर्फ उस्ताद गौरी था जो कि जैश प्रमुख मसूद अजहर का संबंधी है इस संगठन ने कई हमलों को अंजाम दिया है, जिसमें भारतीय संसद, पठानकोट का हमला शामिल है


मिराज जेट के अलावा सुखोई से भी हुआ हमला

सूत्रों ने बताया कि मिराज जेट के अलावा भारतीय वायु सेना के सुखोई जेट का भी हवाई हमले में इस्तेमाल किया गया था


पाकिस्तान ने बुलाई इमरजेंसी मीटिंग

पाकिस्तान विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी इस्लामाबाद में इमरजेंसी मीटिंग बुलाई यह मीटिंग सुरक्षा को लेकर होगी


पीएम मोदी ने भी बुलाई इमरजेंसी मीटिंग

पीएम मोदी ने सुरक्षा मामलों की समिति (CCS) की इमरजेंसी मीटिंग की इस मीटिंग में वित्त मंत्री अरुण जेटली, रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण, गृह मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार शामिल थे


मिराज 2000 विमान की खासियत


मिराज विमान एक फ्रांसिसी लड़ाकू विमान हैं। इसे दसॉ नामक विमान कंपनी ने बनाया है इसी कंपनी ने राफेल ‍विमान भी बनाएं हैं डसॉल्ट मिराज 2000 हवा से सतह पर मिसाइल और हथियार से हमला करने के साथ-साथ लेजर गाइडेड बम (LGB) दागने में भी सक्षम है

डसॉल्ट मिराज 2000 लड़ाकू विमान 29 जून 1985 में भारतीय वायुसेना की नंबर- 7 स्क्वाड्रन में औपचारिक रूप से शामिल किया गया था मिराज 2000 लड़ाकू विमान 1999 के कारगिल युद्ध में भी दुश्मनों के दांत खट्टे कर चुका है

मिराज द्वारा दागे गए लेजर गाइडेड बम ने दुश्मन के अहम बंकरों को ध्वस्त कर दिया था मिराज 2000 में हथियारों को ले जाने के लिए नौ हार्डपॉइंट दिए गए हैं जिसमें पांच प्लेन के नीचे और दो दोनों तरफ के पंखों पर दिया गया है सिंगल-सीट संस्करण भी दो आंतरिक हैवी फायरिंग करने वाली 30 मिमी बंदूखों से लैस है. कारगिल युद्ध के बाद मिराज विमानों का अपग्रेडेशन भी किया गया


पाकिस्तान के हमले को लेकर हाई अलर्ट जारी

भारतीय वायु सेना ने पाकिस्तान वायु सेना द्वारा किसी भी संभावित कार्रवाई का जवाब देने के लिए अंतरराष्ट्रीय सीमा और एलओसी के साथ-साथ सभी वायु रक्षा प्रणालियों को हाई अलर्ट किया है मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक दिल्ली के समीप हिंडन एयरबेस को भी अलर्ट कर दिया गया है


भारत और पाकिस्‍तान के बीच तनाव


पुलवामा आतंकी हमले के बाद से भारत और पाकिस्‍तान के बीच तनाव बढ़ गया है पुलवामा का बदला लेने के लिए भारतीय वायु सेना ने एयर स्‍ट्राइक को अंजाम दिया है। बताया जा रहा है कि भारतीय वायु सेना ने पाकिस्‍तान में आतंकियों पर सबसे बड़ा आतंकी हमला किया है वायुसेना ने चार से पांच जैश के लॉन्‍चिंग पैड तबाह कर दिए हैं

उरी के बाद दूसरा सर्जिकल स्ट्राइक


बता दें कि 18 सितंबर 2016 को उरी में सेना कैंप पर हमले के 11 दिनों बाद भारतीय सेना ने पीओके में सर्जिकल स्ट्राइक किया था भारतीय सेना की इस कार्रवाई में आतंकियों के करीब सात लॉन्च पैड्स तबाह किए गए


1971 की जंग के बाद पहली बार भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तानी वायुसीमा में किया प्रवेश


26 फरवरी 2019 को एलओसी के पार की गई एयर स्ट्राइक में 1971 की भारत-पाकिस्तान जंग के बाद पहला मौका रहा जब भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान की वायुसीमा में प्रवेश किया हो वर्ष 1999 के करगिल संघर्ष के दौरान तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने वायुसेना के इस्तेमाल को एलओसी के भारतीय हिस्से तक सीमित रखने का फैसला किया था

Indian Railway ने नई वेबसाइट रेल दृष्टि लॉन्च की


केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल ने 25 फरवरी 2019 को यात्रियों के लिए एक डैशबोर्ड लॉन्च किया, जिसे वे ट्रेन के आने-जाने के समय पर निगरानी के साथ-साथ देश में कहीं भी ट्रेन से जुड़ी जानकारी हासिल कर सकेंगे

डैशबोर्ड को लॉन्च करते हुए पीयूष गोयल ने कहा कि अब लोग कहीं भी जाते वक्त मात्र एक स्वाइप पर भारतीय रेलवे से संबंधित किसी भी प्रकार की जानकारी को हासिल कर सकते हैं। यह डैशबोर्ड यात्रियों, रेलवे के अधिकारियों व स्टाफ के लिए बहुत मददगार साबित होगा इसके जरिए यात्री रेलवे से जुड़ी हर तरह की जानकारी अब एक स्वाइप से प्राप्त कर सकेंगे


मुख्य बिंदु

🚈 'रेल-दृष्टि' डैशबोर्ड को रेलवे सूचना प्रणाली केन्द्र (सीआरआईएस) द्वारा विकसित किया गया है और इस पर https://raildrishti.cris.org.in के जरिए पहुँचा जा सकता है

🚈 इस वेबसाइट की मदद से रेल मंत्री मालगाड़ी और यात्री ट्रेनों से होने वाली कमाई, मालगाड़ियों में सामान की लदाई और उसे उतारने, ट्रेनों के समय पर पहुँचने, बड़ी परियोजनाओं, शिकायतों, ट्रेनों का लाइव स्टेटस, स्टेशनों की जानकारी और अन्य तमाम चीजें देख सकेंगे

🚈 ट्रेनों में परोसे जाने वाले खाने की गुणवत्ता से संबंधित लगातार शिकायतों के संबंध में डैशबोर्ड को भारतीय रेल खानपान एवं पर्यटन निगम (आईआरसीटीसी) के बेस रसोईघरों से भी जोड़ दिया गया है, जिससे लाइव वीडियो के जरिए आईआरसीटीसी रसोईघरों में क्या चल रहा है, उसकी निगरानी की जा सकेगी

🚈 डैशबोर्ड के लिए भारतीय रेलवे की संपूर्ण उपलब्धियों और विभिन्न राज्यों में रेलवे की उपलब्धियों को देखा जा सकता है

🚈 यह भारतीय रेलवे नेटवर्क पर यात्रियों के अनुभव बेहतर बनाने के लिए शुरू की गई कुछ प्रमुख पहलों की प्रगति की निगरानी करता है यह काम से पहले और काम के बाद नेटवर्क में विभिन्न क्षेत्रों की छवि को दर्शाता है

🚈 भारतीय रेलवे के मालभाड़ा व्यवसाय के बारे में जानकारी तक पहुँच प्रदान करता है यह ग्राहकों को अपने खेप पर नजर रखने में मदद करती है यह विभिन्न टर्मिनलों और संबद्ध शीर्ष अधिकारियों, मांगपत्र स्थिति, वर्तमान मालभाड़ा दरों, रेक आवंटन योजना, लागू प्रतिबंधों आदि के बारे में जानकारी प्रदान करता है


यात्रियों का लाइव स्टेटस

डैशबोर्ड ट्रेनों में यात्रा कर रहे आरक्षित एवं अनारक्षित यात्रियों का लाइव स्टेटस भी मुहैया कराएगा। इसके साथ यह सुविधा किसी भी वक्त ट्रेनों की सटीक स्थिति भी मुहैया कराएगी इस ई-दृष्टि का लक्ष्य रेलवे को अधिक पारदर्शी बनाना है. साथ ही यात्री रेल सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए सुझाव भी दे सकेंगे


रेल सेवाओं को और बेहतर बनाने के मांगे सुझाव

रेल मंत्री ने कहा कि ‘ई-दृष्टि’ का लक्ष्य है कि भारतीय रेलवे को और अधिक पारदर्शी बनाया जाए उन्होंने लोगों से रेल सेवाओं को बेहतर बनाने हेतु सुझाव भी मांगे हैं। इसे कंप्यूटर, मोबाइल और लैपटॉप किसी भी चीज से और कहीं से भी एक्सेस किया जा सकता है इसकी मदद भारतीय रेल के कई विभागों के कार्यों की स्थिति की रियल टाइम बेसिस पर जानकारी मिल सकेगी


यात्रियों को होगा फायदा

‘ई-दृष्टि’ के तहत ट्रेन में मिलने वाले हर खाने के पैकेट पर बार कोर्ड और फोन नंबर लिखा होगा। उस बार कोड के जरिये आप लाइव देख सकते हैं कि खाना किस तरह के किचन में तैयार किया गया है और वहाँ कितनी साफ सफाई है। अगर आप उस किचन से संतुष्ट नहीं हैं तो raildrishti.org.in पर शिकायत कर सकते हैं

इस कार्यक्रम में कहा गया कि रेल लैंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (Rail Land development Authority) और धारावी डेवलपमेंट अथॉरिटी (Dharavi development Authority)के बीच में समझौता हुआ है। समझौते के तहत रेलवे के अतिरिक्त 45 एकड़ जमीन धारावी डेवलपमेंट अथॉरिटी को दिए जाएंगे धारावी डेवलपमेंट अथॉरिटी इस जमीन पर री-डेवलपमेंट का काम करेगी

आईसीसी की टेस्ट रैंकिंग जारी, न्यूजीलैंड पहली बार दूसरे स्थान पर


अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने 25 फरवरी 2019 को ताजा टेस्ट रैंकिंग जारी की श्रीलंका द्वारा 0-2 से हार से दक्षिण अफ्रीका को टेस्ट रैंकिंग में नुकसान हुआ है और उसके नुकसान से न्यूजीलैंड को फायदा हुआ है

टेस्ट सीरीज में हार के बाद दक्षिण अफ्रीका आईसीसी की ताजा टेस्ट टीम रैंकिंग में दूसरे स्थान से खिसकर तीसरे स्थान पर आ गया है इससे न्यूजीलैंड को फायदा हुआ है और अब वह दूसरे स्थान पर आ गया है जो टेस्ट में उसकी अब तक की सर्वश्रेष्ठ रैंकिंग है


मुख्य बिंदु

➦ दक्षिण अफ्रीका को उसके घर में हरा इतिहास रचने वाली श्रीलंका को हालांकि कोई फायदा नहीं हुआ है वह इस रैंकिंग में छठे स्थान पर ही कायम है. उसके हिस्से में बस चार अंकों का ही इजाफा हुआ है

 भारत टेस्ट रैंकिंग में 116 अंकों के साथ शीर्ष पर ही कायम है न्यूजीलैंड 107 अंक के साथ दूसरे स्थान पर है

 आस्ट्रेलिया इस रैंकिंग में 104 अंको के साथ चौथे स्थान पर है तो वहीं इंग्लैंड पांचवें पर स्थान कायम है


बल्लेबाजी रैंकिंग

 बल्लेबाजी रैंकिंग में श्रीलंका के कुशल मेंडिस और ओशाडा फर्नाडो को फायदा हुआ है मेंडिस आगे बढ़ते हुए 18वें स्थान पर आ गए हैं तो वहीं फर्नाडो को 35 स्थान का फायदा हुआ है और वे 65वें स्थान पर आ गए हैं

 निरोशन डिकवेला को भी बल्लेबाजी रैंकिंग में फायदा हुआ है और वे अब आठ स्थान आगे बढ़ते हुए 37वें स्थान पर आ गए हैं

 बल्लेबाजी में हालांकि शीर्ष 10 में एक ही बदलाव हुआ है। दक्षिण अफ्रीका के क्विंटन डी कॉक एक स्थान नीचे खिसक कर नौवें स्थान पर आ गए हैं भारतीय कप्तान विराट कोहली पहले स्थान पर कायम हैं


गेंदबाजी रैंकिंग

 गेंदबाजी रैंकिंग में दक्षिण अफ्रीका को फायदा हुआ है उसके युवा तेज गेंदबाज डुआने ओलीवर तीन स्थान आगे बढ़ते हुए 19वें स्थान पर आ गए हैं उनके हमवतन कागिसो रबादा तीसरे और वार्नोन फिलेंडर चौथे स्थान पर बने हुए हैं

 श्रीलंका के सुरंगा लकमल तीन स्थान आगे बढ़ते हुए 30वें और विश्वा फर्नाडो छह स्थान की छलांग के साथ 43वें स्थान पर आ गए हैं। कासुन रजिथा को आठ स्थान का फायदा हुआ है और अब वे 51वें स्थान पर पहुँच गए हैं

 ऑस्ट्रेलिया के पैट कमिंस पहले स्थान पर कायम है भारत के रवींद्र जडेजा पांचवें नंबर पर ही हैं। रविचंद्रन अश्विन 10वें स्थान पर ही हैं

स्मृति ईरानी ने ‘तितानवाला म्यूजियम’ का उद्घाटन किया

Smriti Irani inaugurates Titanwala Museum in Rajasthan's Bagru (Author : R. Kumari)


केंद्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी ने 26 फरवरी 2019 को बगरू में हैंडब्लॉक प्रिंटिंग के ‘तितानवाला म्यूजियम‘ का उद्घाटन किया उद्घाटन करने के बाद उन्होंने म्यूजियम की विभिन्न गैलरियों का भी अवलोकन किया 

तितानवाला म्यूजियम में बड़ी संख्या में पारम्परिक वुडन ब्लॉक, कपड़ों की रंगाई व छपाई के काम आने वाले बर्तन व सहायक उपकरण तथा छीपा समुदाय के इतिहास को दर्शाने वाले पुराने फोटोग्राफ प्रदर्शित किए गये हैं

इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ‘तितानवाला म्यूजियम’ ने यह साबित कर दिया है कि कला व संस्कृति को आगे बढ़ाने अथवा संरक्षित करने के लिए सरकार पर निर्भर होने की आवश्यकता नहीं है उन्होंने कहा कि यह म्यूजियम बगरू को पूरे विश्व में पहचान दिलाएगा उन्होंने कहा कि ब्लॉक प्रिंटिंग की विरासत सूरज नारायण तितानवाला जैसे संग्रहकों की पहल के कारण ही संरक्षित है, जो स्वयं छीपा समुदाय से हैं.


बगरू की ब्लॉक प्रिंटिंग कैसे होती है?

🏡 बगरू नामक स्थान की ब्लॉक प्रिंटिंग प्राकृतिक रंग के साथ ब्लॉक प्रिटिंग पारंपरिक तकनीकों में से एक है, जिसका श्रेय राजस्थान के छीपा समुदाय को जाता है

🏡 बगरू की हाथ से की जाने वाली इस ब्लॉक प्रिंटिंग का इतिहास 1,000 वर्षों से भी पुराना है

🏡 इस तकनीक में पहले कपड़े को मुल्तानी मिट्टी में धोया जाता है फिर इसे हल्दी मिले पानी में डुबोया जाता है ताकि यह पीली आभा हासिल कर सके

🏡 इसके बाद डाई किये गये इन कपड़ों पर विभिन्न प्रकार के ब्लॉक्स से छपाई की जाती है यह सारा काम हाथ से किया जाता है.

🏡 सागौन-लकड़ी से बनाये गये लकड़ी के ब्लॉक का उपयोग डिजाइन को प्रिंट करने के लिए किया जाता है 

🏡 इन ब्लॉक्स को उपयोग से पहले रात भर तेल में भिगोया जाता है और फिर उपयोग में लाने से पहले धोया जाता है

🏡 जिस कपड़े पर प्रिंटिंग की जाती है उसे चिकनी मिट्टी में भिगोकर तथा कुछ अन्य केमिकल लगाकर नरम किया जाता है

🏡 कपड़े पर बेहद ध्यान से साफ़-सुथरे तरीके से ब्लॉक प्रिटिंग की जाती है। प्रिटिंग हो जाने के बाद कपड़े को धूप में सूखने के लिए रख दिया जाता है


छीपा समाज के बारे में जानकारी

छीपा समाज के लोग भारत के पुरातन बुनकर समाज के लोग हैं। छीपा शब्द नेपाली भाषा के दो शब्दों “छी’ अर्थात् डाई करना एवं “पा” अर्थात् धूप में सुखाना से मिलकर बना है इस समुदाय के लोग राजस्थान में काफी लंबे समय से ब्लॉक प्रिंटिंग करते हैं इनके ब्लॉक्स पर मिलने वाली बारीक कारीगरी के कारण यह छपाई काफी प्रसिद्ध है

Wednesday, 27 February 2019

प्रधानमंत्री मोदी ने विश्व की सबसे बड़ी भगवद गीता का उद्घाटन किया


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 26 फरवरी 2019 को दिल्ली के ईस्ट ऑफ कैलाश स्थित इस्कॉन मंदिर में विश्व की सबसे बड़ी भगवद गीता का उद्घाटन किया यहाँ उन्होंने विश्व की सबसे बड़ी श्रीमद्भागवत गीता का विमोचन किया

इस अवसर पर उन्होंने 800 किलो की 670 पृष्ठों वाली विशाल गीता का विमोचन किया तथा लोगों को संबोधित भी किया। सर्जिकल स्ट्राइक के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि मानवता के दुश्मनों से धरती को बचाने के लिए प्रभू की शक्ति हमेशा हमारे साथ रहती है यही संदेश हम पूरी प्रमाणिकता के साथ दुष्ट आत्माओं, असुरों को देने का प्रयास कर रहे हैं


सबसे बड़ी भगवद गीता की विशेषताएं

📖 इस्कॉन संस्था द्वारा तैयार की गई विश्व की सबसे बड़ी गीता इटली के मिलान शहर में बनाई गई है

📖 इस महाग्रंथ का वजन 800 किलोग्राम है और इसे बनाने में डेढ़ करोड़ रुपये की लागत आई है

📖 करीब ढाई साल में इसकी छपाई हुई है, इसका कुल वजन 800 किलोग्राम है तथा इसमें 670 पृष्ठ हैं

📖 इस्कॉन के संस्थापक स्वामी प्रभुपाद की ओर से गीता प्रचार के 50 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में यह प्रकाशित कराई गई है. संस्था से जुड़े वेदांत बुक ट्रस्ट ने इसकी छपाई की है

📖 इस गीता में 670 पृष्ठ हैं, जिनका साइज़ 2.84 गुणा 2.0 मीटर है. प्रत्येक पृष्ठ को पलटने के लिए तीन से चार व्यक्तियों की जरूरत पड़ती है

📖 यह सिंथेटिक के मजबूत कागज से तैयार की गई हैं. माना जा रहा है कि इन पर कई प्रकार की धातु लगाई गई हैं, जिनमें प्लेटिनम, सोना और चांदी मुख्य हैं

📖 इसके कवर पृष्ठ को स्वर्णिम धातु से तैयार किया गया है

इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि लोकमान्य तिलक ने जेल में रहकर भी गीता लिखी थी तिलक ने लिखा था कि इसके संदेश का प्रभाव सिर्फ दार्शनिक या विद्वान लोगों के लिए ही नहीं बल्कि आम लोगों के लिए भी है प्रधानमंत्री ने कहा कि गीता की एक प्रति मैंने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा को भी दी थी