Thursday, 28 February 2019

स्मृति ईरानी ने ‘तितानवाला म्यूजियम’ का उद्घाटन किया

Smriti Irani inaugurates Titanwala Museum in Rajasthan's Bagru (Author : R. Kumari)


केंद्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी ने 26 फरवरी 2019 को बगरू में हैंडब्लॉक प्रिंटिंग के ‘तितानवाला म्यूजियम‘ का उद्घाटन किया उद्घाटन करने के बाद उन्होंने म्यूजियम की विभिन्न गैलरियों का भी अवलोकन किया 

तितानवाला म्यूजियम में बड़ी संख्या में पारम्परिक वुडन ब्लॉक, कपड़ों की रंगाई व छपाई के काम आने वाले बर्तन व सहायक उपकरण तथा छीपा समुदाय के इतिहास को दर्शाने वाले पुराने फोटोग्राफ प्रदर्शित किए गये हैं

इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ‘तितानवाला म्यूजियम’ ने यह साबित कर दिया है कि कला व संस्कृति को आगे बढ़ाने अथवा संरक्षित करने के लिए सरकार पर निर्भर होने की आवश्यकता नहीं है उन्होंने कहा कि यह म्यूजियम बगरू को पूरे विश्व में पहचान दिलाएगा उन्होंने कहा कि ब्लॉक प्रिंटिंग की विरासत सूरज नारायण तितानवाला जैसे संग्रहकों की पहल के कारण ही संरक्षित है, जो स्वयं छीपा समुदाय से हैं.


बगरू की ब्लॉक प्रिंटिंग कैसे होती है?

🏡 बगरू नामक स्थान की ब्लॉक प्रिंटिंग प्राकृतिक रंग के साथ ब्लॉक प्रिटिंग पारंपरिक तकनीकों में से एक है, जिसका श्रेय राजस्थान के छीपा समुदाय को जाता है

🏡 बगरू की हाथ से की जाने वाली इस ब्लॉक प्रिंटिंग का इतिहास 1,000 वर्षों से भी पुराना है

🏡 इस तकनीक में पहले कपड़े को मुल्तानी मिट्टी में धोया जाता है फिर इसे हल्दी मिले पानी में डुबोया जाता है ताकि यह पीली आभा हासिल कर सके

🏡 इसके बाद डाई किये गये इन कपड़ों पर विभिन्न प्रकार के ब्लॉक्स से छपाई की जाती है यह सारा काम हाथ से किया जाता है.

🏡 सागौन-लकड़ी से बनाये गये लकड़ी के ब्लॉक का उपयोग डिजाइन को प्रिंट करने के लिए किया जाता है 

🏡 इन ब्लॉक्स को उपयोग से पहले रात भर तेल में भिगोया जाता है और फिर उपयोग में लाने से पहले धोया जाता है

🏡 जिस कपड़े पर प्रिंटिंग की जाती है उसे चिकनी मिट्टी में भिगोकर तथा कुछ अन्य केमिकल लगाकर नरम किया जाता है

🏡 कपड़े पर बेहद ध्यान से साफ़-सुथरे तरीके से ब्लॉक प्रिटिंग की जाती है। प्रिटिंग हो जाने के बाद कपड़े को धूप में सूखने के लिए रख दिया जाता है


छीपा समाज के बारे में जानकारी

छीपा समाज के लोग भारत के पुरातन बुनकर समाज के लोग हैं। छीपा शब्द नेपाली भाषा के दो शब्दों “छी’ अर्थात् डाई करना एवं “पा” अर्थात् धूप में सुखाना से मिलकर बना है इस समुदाय के लोग राजस्थान में काफी लंबे समय से ब्लॉक प्रिंटिंग करते हैं इनके ब्लॉक्स पर मिलने वाली बारीक कारीगरी के कारण यह छपाई काफी प्रसिद्ध है