निर्मल गंगा की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम बढ़ाते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बिहार में 17 फरवरी 2019 को पटना, बाढ़, सुल्तान गंज और नौगछिया में सीवेज से जुड़ी आधारभूत संरचनाओं की आधारशिला रखेंगे। प्रधानमंत्री पटना में गंगा नदी के मुहाने पर बनाई गई विभिन्न सेवाओं का शिलान्यास करेंगे।
पटना में नई सुविधाएं
➦ पटना रिवर फ्रंट पर 16 नए घाट, एक विद्युत शवदागृह, 50.9 किलोमीटर लंबा सैर करने का स्थान, सामुदायिक सह संस्कृति केंद्र, दृश्य-श्रव्य सभागार और एक पर्यावरण केंद्र भी स्थानीय लोगों को समर्पित करेंगे।
➦ इनके निर्माण पर 243.27 करोड़ रुपये खर्च हुए है. मुख्य समारोह बेगुसराय में आयोजित किया जाएगा।
➦ प्रधानमंत्री जिन सीवेज आधारभूत संरचना परियोजनाओं की आधारशिला रखेंगे उनमें पटना में कर्मालिचक में 96.54 किलोमीटर लंबे सीवेज नेटवर्क और सीवेज पम्पिंग स्टेशन, 11 एमएलटी जलमल शोधन क्षमता वाला संयंत्र, बाढ़ में मलजल प्रवाहित करने वाले तीन बड़े नालों का पानी नदी में गिरने से रोकने और उनके बहाव का मार्ग बदलने के लिए तीन एसपीएस शामिल हैं।
➦ सुल्तानगंज में 10 एमएलडी क्षमता वाला मलजल शोधन संयंत्र , 4 एसपीएस और पांच गंदे नालों को बंद करने और उनके बहाव का रास्ताक बदलने तथा नऊ गुचिया में 9 एमएलडी क्षमता वाले जलमल शोधन संयंत्र, 6 एसपीएस और 9 गंदे नालों को नदी में बहने से रोकने और उनका बहाव बदलने की परियोजनाएं शामिल हैं।
➦ इन परियोजनाओं पर 452.24 करोड़ रुपये का खर्च आएग। इनके बन जाने से 6.7 करोड़ लीटर गंदा पानी गंगा नदी में गिरने से रोका जा सकेगा।
रिवर फ्रंट किसे कहते हैं?
एक रिवरफ्रंट एक नदी के साथ का एक क्षेत्र होता है. अक्सर बड़े शहरों में जो एक नदी के किनारे बसे होते हैं उन स्थलों को सजावटी आकृतियों, डॉक्स, पार्क, पेड़ या मामूली आकर्षण के साथ पंक्तिबद्ध किया जाता है। आज कई रिवरफ्रंट आधुनिकतावाद और शहर के सौंदर्यीकरण का केंद्र हैं। भारत में ऐसे 20 से अधिक रिवर फ्रंट हैं जिनमें मुंबई का मरीन ड्राइव और वोर्ली सी फेस, कोलकाता का हुगली रिवरफ्रंट, अहमदाबाद का साबरमती रिवर फ्रंट, पुडुचेरी का सी साइड प्रोमिनेड आदि प्रमुख रूप से प्रसिद्ध हैं।