धानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 फरवरी 2019 को देश की सबसे तेज़ ट्रेन 'वंदे भारत' एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाकर नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से रवाना किया। इसमें रेल मंत्री पीयूष गोयल व रेलवे बोर्ड के सदस्य सफर कर रहे हैं।
ट्रेन 18 (Train 18) के नाम से मशहूर इस ट्रेन का बहुत बड़े स्तर पर उद्घाटन होना था लेकिन जम्मू कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी 2019 को सैनिकों पर हुए आतंकी हमले के मद्देनजर एक बहुत ही साधारण कार्यक्रम में मोदी ने ट्रेन को चलाने की घोषणा की। प्रधानमंत्री ने वंदे भारत एक्सप्रेस के लॉन्च मौके पर पुलवामा आतंकी हमले में शहीद सीआरपीएफ जवानों के लिए दो मिनट का मौन रख श्रद्धांजलि दी।
भारत की पहली सेमी हाई स्पीड ट्रेन:
वंदे भारत एक्सप्रेस भारत की पहली सेमी हाई स्पीड ट्रेन है। यह ट्रेन अधिकतम 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल सकती है।
टिकट की बुकिंग शुरू:
वंदे भारत एक्सप्रेस से 17 फरवरी से यात्रा के लिए टिकटों की बुकिंग 14 फरवरी 2019 से शुरू हो गई। यह ट्रेन दिल्ली और वाराणसी के बीच चलेगी। यह ट्रेन दिल्ली से वाराणसी तक 795 किलोमीटर का सफर मात्र आठ घंटे में तय करेगी। इस बीच सिर्फ दो स्टेशन कानपुर और प्रयागराज पर रुकेगी। ट्रेन सुबह छह बजे दिल्ली से रवाना होगी और दोपहर दो बजे वाराणसी पहुंचेगी। उसी दिन यह ट्रेन वाराणसी से तीन बजे चलेगी और रात 11 बजे दिल्ली पहुंचेगी। सोमवार और गुरुवार को छोड़कर ट्रेन सप्ताह में पांचों दिन चलेगी।
‘ट्रेन 18’ का नाम वंदे भारत एक्सप्रेस:
गौरतलब है कि रेल मंत्री पीयूष गोयल ने हाल ही में ‘ट्रेन 18’ का नाम वंदे भारत एक्सप्रेस करने की घोषणा की थी। वंदे भारत एक्सप्रेस का निर्माण ‘मेक इन इंडिया’ पहल के तहत चेन्नई में इंटिग्रल कोच फैक्टरी (आईसीएफ) में किया गया है। इसका उद्देश्य यात्रियों को बिल्कुल नया यात्रा अनुभव प्रदान करना है।
वंदे भारत एक्सप्रेस का टिकट:
नई दिल्ली से वाराणसी जाने वालों का एसी कोच का किराया 1850 से घटाकर 1760 रुपये कर दिया हैं। एक्जीक्यूटिव क्लास का किराया 3520 रुपये से घटाकर 3310 रुपये कर दिया गया है। नई दिल्ली से कानपुर के एग्जीक्यूटिव क्लास का किराया 2105 रुपये और नान-एग्जीक्यूटिव क्लास का किराया 1090 रुपये लिया जाएगा। कानपुर से प्रयागराज का एग्जीक्यूटिव किराया 1170 रुपये और नान-एग्जीक्यूटिव क्लास का किराया 595 रुपये है। वहीं प्रयागराज से वाराणसी का किराया 905 और चेयर क्लास में 460 रुपये होगा। जिसमें कैटरिंग और कर चार्ज भी शामिल है।
वंदे भारत एक्सप्रेस की खासियत
➦ वंदे भारत को ट्रेन 18 के नाम से भी जाना जाता है. इसे चेन्नई की इंटिग्रल कोच फैक्ट्री में 100 करोड़ रु. की लागत से 18 महीने में तैयार कर लिया गया।
➦ इन कोच में दिव्यांग जनों के लिए विशेष रूप से दो बाथरूम और बेबी केयर के लिए विशेष स्थान दिया गया है।
➦ इस ट्रेन की पूरी बॉडी ख़ास एल्यूमिनियम की बनी है यानी यह ट्रेन वजन में हल्की भी होगी।
➦ इसे तुरंत ही ब्रेक लगाकर रोकना आसान है और इसके तुरंत ही तेज गति भी दी जा सकती है।
➦ ट्रेन के कोच में स्पेन से मंगाई गई विशेष सीट लगी है, जिन्हें जरूरत पर 360 डिग्री तक घुमाया जा सकता है।
➦ इस ट्रेन में यात्रियों के लिए दूसरे आम ट्रेनों के मुकाबले ज्यादा सुविधायें मिलेंगी. जिसमें आपको तेज गति, बेहतर सुविधा और सुरक्षा शामिल है।
➦ हर कोच में छह सीसीटीवी कैमरा लगाए गए हैं। ड्राइवर के कोच में एक सीसीटीवी इंस्टॉल किया गया है, जहाँ से यात्रियों पर नजर रखी जा सकती है।
➦ हर कोच में दो इमर्जेंसी स्विच लगाए गए हैं। आपात स्थिति में इसे दबाकर मदद ली जा सकती है।
➦ वंदे भारत के दरवाजे मेट्रो ट्रेनों की तरह स्वचालित होंगे। यानी, प्लैटफॉर्म पर ही खुलेंगे और बंद हो जाएंगे।
➦ बाहरी शोर से बचाने के लिए ट्रेन को काफी हद तक साउंड प्रूफ बनाया गया है।
➦ इस ट्रेन की एक अन्य खास बात इसकी रीजनरेटिव ब्रेकिंग प्रणाली है जिससे 30 प्रतिशत बिजली की बचत होती है।
➦ इंटीग्रल कोच फैक्ट्री में निर्मित इस ट्रेन के ऐसे ही सौ और सेट तैयार करने की योजना है।
➦ ट्रेन में 16 कोच मिलेगें जिसमें दो एग्जीक्यूटिव और 14 नॉन एग्जीक्यूटिव कोच दिए गए हैं।
➦ एग्जीक्यूटिव कोच में 56 यात्रियों की बैठने की क्षमता दी गई है। वही नॉन एग्जीक्यूटिव प्रत्येक कोच में 78 लोगों के बैठने की सुविधा दी गई है।
➦ इस ट्रेन में वाई-फाई के साथ हर कोच में टीवी स्क्रीन भी मिलेगा। जिससे यात्री मनोरंजन का भरपूर आनंद ले सकते है।
➦ इसमें सीट के साथ आपको टेबल भी मिलेगी और दरवाजे भी ऑटोमैटिक होगें। ट्रेन की सीट शानदार तरीके से डिजाइन की गई है।
भारतीय रेलवे
भारतीय रेलवे दुनिया के सबसे बड़े रेल नेटवर्कों में से एक है, जो उत्तर से दक्षिण तक देश को पार करती है। यह 9,000 से अधिक ट्रेनों का संचालन करती है और प्रतिदिन 23 मिलियन यात्री इन ट्रेनों में सफर करते हैं। भारत में भारतीय रेल का सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए महत्वपूर्ण स्थान है। सुस्थापित रेल प्रणाली देश के दूरतम स्थासनों से लोगों को एक साथ मिलाती है और व्यापार करना, दृश्य दर्शन, तीर्थ और शिक्षा संभव बनाती है।