Monday, 23 January 2017

HISTORY OF BIHAR (BIHAR FACTS, PART-6)

           

                                                                   बिहार का इतिहास
सोलह महाजनपद (छठी शताब्दी ई०पू०)
  • सोलह महाजनपद का प्रारंभिक साहित्यिक उल्लेख - बौद्ध ग्रन्थ, अंगुत्तर निकाय
  •  सोलह महाजनपद का उल्लेख करने वाला जैन ग्रन्थ - भगवतीसुत्र
  • सोलह महाजनपदों में शक्तिशाली जनपद - महाध, कौशल, अवंती, अंग व वज्जी संघ
  • बिहार में स्थित महाजनपद - मगध, अंग, वज्जी संघ
महाजनपद         राजधानी
काशी                वाराणसी
कौसल               इसके उत्तरी भाग की राजधानी श्रावस्ती एवं दक्षिणी भाग की अयोध्या
अंग                   चंपा
मगध                 पहले गिरिव्रिज एवं बाद में पाटलिपुत्र
वज्जी संघ           मिथिला (विदेह), वैशाली (लिच्छवी)
मल्ल                  कुशीनगर
चेदी                   शक्तिमती (सोत्थिवती)
वत्स                   कौशाम्बी
कुरु                   इन्द्रप्रस्थ
पांचाल               इसके उत्तरी भाग की राजधानी अहिच्छत्र एवं दक्षिणी भाग की काम्पिल्य
मत्स्य                 विराट नगरी
शूरसेन               मथुरा
अश्मक             पोतन या पैठन
अवन्ती              उत्तरी भाग की राजधानी उज्जयिनी एवं दक्षिणी भाग की महिष्मती
गंधार                तक्षशिला
कम्बोज             हाटक/राजपुर

हर्यक वंश (544-412 ई०पू०)
  • संस्थापक  -  बिम्बिसार
  • राजधानी  -  पहले गिरिव्रज एवं बाद में पाटलिपुत्र
  • बिम्बिसार  -  544-492 ई०पू०
  • अजातशत्रु  -  492-460 ई०पू०
  • उदयिन  -  460-444 ई०पू०
  • उदयिन के उत्तराधिकारी (अनिरुद्ध, मुंडक तथा नगदशक)  -  444-412 ई०पू०
शिशुनाग वंश (412-344 ई०पू०)
  • संस्थापक  -  शिशुनाग
  • राजधानी  -  पाटलिपुत्र एवं वैशाली
  • शिशुनाग  -  412-395 ई०पू०
  • कालाशोक  -  395-366 ई०पू०
कालाशोक के उत्तराधिकारी (कालाशोक के बाद उसके 10 पुत्रों ने सम्मिलित रूप से मगध पर 22 वर्षों तक शासन किया, उसके पुत्रों में नन्दिवर्द्धन या महानंदीन सबसे महत्त्वपूर्ण एवं इस वंश का अंतिम शासक था)  -  366-344 ई०पू०

नंद वंश (344-322 ई०पू०)
  • संस्थापक  -  महापद्मनंद
  • राजधानी  -  पाटलिपुत्र
  • महापद्मनंद  -  344-324 ई०पू०
  • महापद्मनंद के उत्तराधिकारी (महापद्मनंद के बाद पंडुक, पंडूगति, भूतपाल, राष्ट्रपाल, योविषांक, दशसिद्धक, कैवर्त, घनानंद)
  • घनानंद (अंतिम शासक)  -  324-322 ई०पू०
मौर्य वंश (322-185 ई०पू०)
  • संस्थापक  -  चन्द्रगुप्त मौर्य
  • राजधानी  -  पाटलिपुत्र
  • चन्द्रगुप्त मौर्य  -  322-298 ई०पू०
  • बिन्दुसार  -  298-272 ई०पू०
  • अशोक  -  272-232 ई०पू०
  • दशरथ  -  232-224 इ०पू०
  • सम्प्रति  -  224-215 ई०पू०
  • शालिशुक  -  215-202 ई०पू०
  • देववर्मन  -  202-195 ई०पू०
  • शतधनुष  -  195-187 ई०पू०
  • वृहद्रथ  -  187-185 ई०पू०
ब्राह्मण वंश (185-60 ई०पू०)
  • शुंग वंश  -  185-75 ई०पू०
  • कण्व वंश  -  75-30 ई०पू०
  • सातवाहन वंश  -  60 ई०पू०
शुंग वंश (185-75 ई०पू०)
  • संस्थापक  -  पुष्यमित्र शुंग
  • राजधानी  -  पाटलिपुत्र एवं विदिशा
  • पुष्यमित्र शुंग  -  184-148 ई०पू०
  • अग्निमित्र शुंग  -  148-140 ई०पू०
  • वसुज्येष्ठ या सुज्येष्ठ  -  ई०पू०
  • वसुमित्र   -  ई०पू०
  • वसुमित्र के उत्तराधिकारी (वसुमित्र के बाद आन्ध्रक, पुलिंदक, घोष तथा फिर वज्रमित्र क्रमशः राजा हुए, इस वंश का नौवां शासक भागवत या भागभद्र हुआ)
  • देवभूति (अंतिम शासक)  -  85-75 ई०पू०
कण्व वंश (75-30 ई०पू०)
  • संस्थापक  -  वासुदेव कण्व 
  • वासुदेव कण्व  -  75-66 ई०पू०
  • भूमिमित्र  -  66-52 ई०पू०
  • नारायण  -  52-40 ई०पू०
  • सुशर्मा (अंतिम शासक)  -  40-30 ई०पू
गुप्त वंश (320-550 ई०)
  • संस्थापक  -  चन्द्रगुप्त प्रथम
  • राजधानी  -  संभवतः पाटलिपुत्र
  • चंद्रगुप्त प्रथम -  320-335 ई०
  • समुद्रगुप्त  -  335-375 ई०
  • रामगुप्त   -  375-380 ई०
  • चन्द्रगुप्त द्वितीय (विक्रमादित्य)  -  380-413 ई०
  • कुमारगुप्त महेन्द्रादित्य  -  415-455 ई०
  • स्कंदगुप्त  -  455-467 ई०
  • पुरुगुप्त  -  467-476 ई०
  • कुमारगुप्त द्वितीय  -  467-477 ई०
  • बुद्धगुप्त   -  477-495 ई०
  • नरसिंहगुप्त बालाद्वित्य  -  (नरसिंह गुप्त बालादित्य के समय साम्राज्य तीन भागों क्रमशः मगध, मालवा और बंगाल में बंट गया, मगध में नरसिंहगुप्त, मालवा क्षेत्र में भानुगुप्त और बंगाल क्षेत्र वैन्युगुप्त ने अपने स्वतंत्र शासन स्थापित कर लिया था)
  • कुमारगुप्त तृतीय  -  
  • विष्णुगुप्त (अंतिम शासक)  -  543-550 ई०
परवर्ती गुप्त वंश
  • संस्थापक  -  कृष्णगुप्त
  • कृष्णगुप्त  -  510-525 ई०
  • हर्षगुप्त  -  525-555 ई०
  • जीवितगुप्त  -  525-555 ई०
  • माधवगुप्त  -  650 ई०
  • आदित्यसेन  -  650-675 ई०
  • जीवितगुप्त (अंतिम शासक)  -  725 ई०
पाल वंश
  • संस्थापक - गोपाल
  • राजधानी  -  मुंगेर
  • गोपाल  -  750-770 ई०
  • धर्मपाल  -  770-810 ई०
  • देवपाल  -  810-850 ई०
  • विग्रहपाल  -  850-854 ई०
  • नारायणपाल  -  854-908 ई०
  • गोपाल द्वितीय - 908-988 ई०
  • महिपाल प्रथम (इस वंश का द्वितीय संस्थापक)  -  988-1038 ई०
  • जयपाल  -  1038-1055 ई०
  • विग्रहपाल तृतीय  -  1055-1070 ई०
  • रामपाल (संभवतः अंतिम शासक) - 1120 ई तक
  • रामपाल के उत्तराधिकारी (कुमारपाल, गोपाल तृतीय, मदनपाल)  -  1161 ई० तक
मिथिला के कर्नाट वंश
  1. संस्थापक  -  नन्यदेव
  2. राजधानी  -  सिमराँवगढ
  3. रामसिंह देव  -  1227-1250 ई०
  4. हरिसिंह देव  -  1278-1325 ई०
अन्य राज्य एवं राजवंश
  • चेरो राजवंश  -  शाहाबाद व पलामू
  • उज्जैन वंश  -  भोजपुर
  • नुहानी वंश  -  बिहार
  • शुर वंश  - सासाराम
  • गिद्धौर वंश  -  गिद्धौर
  • दरभंगा वंश  -  मिथिला
  • टेहरी  -  गया
  • हथुआ  -  गोपालगंज
  • बनैली  -  पूर्णिया
  • डुमरांव  -  डुमरांव
  • जगदीशपुर  -  जगदीशपुर
  • गंधवार वंश -  दरभंगा
  • भगवानपुर  -  शाहबाद
  • बरारी  -  बरारी
  • देव  -  औरंगाबाद
  • बाघी  -  मुजफ्फरपुर
  • बेतिया  -  बेतिया
  • शिवहर  -  शिवहर
  • बबलापुर  -  पटना जिला
  • सुरसंड  -  सुरसंड
  • ओइनारा वंश  -  तिरहुत

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