आईयूसीएन पर्यावरण संरक्षण की दिशा में काम करने वाला विश्व का सबसे पुराना और सबसे बड़ा संगठन है। आईयूसीएन की स्थापना 5 अक्तूबर, 1948 को फ्राँस में हुई थी। इसकी पहली बैठक में दुनिया के 18 देशों के सरकारी प्रतिनिधियों, 7 अंतर्राष्ट्रीय संगठनों और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में काम करने वाले 107 राष्ट्रीय संगठनों ने भाग लिया था। इसका मुख्यालय स्विट्जरलैंड के ग्लांड शहर में अवस्थित है।
लक्ष्य
- इसका मूल लक्ष्य एक ऐसे विश्व का निर्माण करना है, जहाँ मूल्यों और प्रकृति का संरक्षण हो सके। इसी उद्देश्य की प्राप्ति के लिये आईयूसीएन प्रकृति की अखंडता और विविधता को अक्षुण्ण बनाए रखने के लिये वैश्विक समाज को प्रोत्साहित करता है।
- साथ ही, यह प्राकृतिक संसाधनों के न्यायसंगत उपयोग और पारिस्थितीकीय संरचना को बेहतर बनाने की दिशा में भी सक्रिय है।
रेड लिस्ट
- रेड लिस्ट इसी प्रक्रिया का हिस्सा है, जिसकी शुरुआत वर्ष 1963 में की गई थी। इसके अतिरिक्त, जैव विविधता, सतत् ऊर्जा, हरित अर्थव्यवस्था आदि भी इसके महत्त्वपूर्ण कार्यक्षेत्र हैं।
- आईयूसीएन हर चौथे वर्ष पृथ्वी पर उपस्थित उन सभी प्रजातियों की सूची प्रकाशित करता है जो संकट में हैं। इस सूची को ‘आईयूसीएन रेड लिस्ट ऑफ थ्रेटेंड स्पीसीज’ (IUCN Red List of Threatened Species) कहा जाता है।
- गौरतलब है कि रेड लिस्ट दुनिया भर में फैले हजारों वैज्ञानिकों की रिपोर्ट के आधार पर तैयार की जाती है, इसलिये दुनिया में जैव विविधता पर इसे सबसे प्रामाणिक और विश्वसनीय सूची माना जाता है।
- आईयूसीएन द्वारा जारी की जाने वाली इसी रेड लिस्ट के अंतर्गत भारत में उड़ने वाली गिलहरी, एशियाई सिंह, काले हिरण, गेंडे, गंगा डॉल्फिन, बर्फीले तेंदुए सहित अनेक जीवों को संकटग्रस्त करार दिया गया है।