Thursday, 8 June 2017

कलामसैट : विश्व का सबसे छोटा उपग्रह


अमेरिका की अंतरिक्ष संस्था ‘नासा’ (NASA) और ‘आई डूडल लर्निंग (I Doodle Learning) संगठन द्वारा ‘क्यूब्स इन स्पेस’ (Cubes in Space) प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। प्रतियोगिता में 57 देशों की टीमों द्वारा उपग्रहों की 86 हजार डिजाइनें प्रस्तुत की गईं। भारतीय छात्र रिफाथ शारूक (Rifath Sharook) द्वारा निर्मित उपग्रह ‘कलामसैट’ का चयन किया गया। इससे संबंधित प्रमुख तथ्य निम्नलिखित हैं।
  • 21 जून, 2017 को नासा के ‘वालोप्स अंतरिक्ष केंद्र’ (Wallops Space Centre) से एसआर-4 रॉकेट के माध्यम से ‘कलामसैट’ (Kalamsat) उपग्रह का प्रक्षेपण किया जाएगा।
  • इस उपग्रह का निर्माण भारत के तमिलनाडु (करूर जिले के पल्लापट्टी के) राज्य के 18 वर्षीय छात्र रिफाथ शारूक द्वारा किया गया है।
  • ‘कलामसैट’ उपग्रह का नामकरण विश्व प्रसिद्ध वैज्ञानिक एवं पूर्व राष्ट्रपति डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम के नाम पर किया गया है।
  • चार सेंटीमीटर क्यूब सैटेलाइट ‘कलामसैट’ का वजन 64 ग्राम है जो विश्व का सबसे हल्का एवं सबसे छोटा उपग्रह है।
  • कलामसैट का प्रक्षेपण एक उप-कक्षीय (Sub-Orbital) उड़ान होगी एवं प्रक्षेपण के पश्चात मिशन अवधि 240 मिनट की होगी।
  • इस उपग्रह का संचालन ‘अंतरिक्ष के सूक्ष्म गुरुत्वाकर्षण वातावरण’ (Micro-Gravity Environment of Space) में किया जाएगा।
  • उपग्रह की मुख्य भूमिका 3डी प्रिंटेड कार्बन फाइबर के कार्य का प्रदर्शन करना है।
  • यह उपग्रह प्रबलित (Reinforced) कार्बन फाइबर का उपयोग कर बनाया गया है।
  • कलामसैट उपग्रह में तापमान और रेडिएशन स्तर के मापन के लिए सेंसर लगे हैं।