- ऑक्सीजन, धरती का तीसरा सबसे ज्यादा पाया जाने वाला तत्व (element) है। 1st पर हाॅइड्रोजन और 2nd पर हिलियम।
- वातावरण में 21% ऑक्सीजन होना हमारे लिए वरदान से कम नही है। क्योंकि 30 करोड़ साल पहले, जब ऑक्सीजन 35% थी तब छोटे-छोटे कीड़ो का आकार बहुत बड़ा होने लगा था।
- Oxygen gas बिना रंग की, बिना स्वाद की और बिना गंध की होती है। लेकिन liquid और solid oxygen हल्के नीले रंग की होती है।
- हमारे शरीर की 90% एनर्जी ऑक्सीजन की वजह से आती है। भोजन, पानी से तो केवल 10% मिलती है।
- हम दिन में लगभग 23,000 बार साँस लेते है। मतलब, जितना भोजन खाते है उससे 23 गुना ज्यादा हवा और जितना पानी पीते है उससे 8 गुना ज्यादा हवा साँस के रूप में लेते है।
- धरती की पूरी ऑक्सीजन हर 2,000 साल में एक बार renew होती है। मतलब, पुरानी ऑक्सीजन की जगह नई ऑक्सीजन आ जाती है (Oxygen renewed once in every 2,000 years)।
- जीवन के हर 10 साल बाद फेफड़ो की क्षमता 5% घट जाती है। जिससे ऑक्सीजन की खपत्त कम हो जाती है। लगभग सभी कैंसर ऑक्सीजन की कमी के कारण शुरू होती है।
- हमारे फेफड़ो का कुछ हिस्सा ऐसा भी है जो साँस ली गई हवा में से ऑक्सीजन अलग नही कर पाता। इसे मेडिकल की भाषा में ‘डेड स्पेस’ कहते है।
- ऑक्सीजन खुद नहीं जलती, ये केवल दूसरी चीजों को जलने में मदद करती है। अगर ऑक्सीजन खुद जल सकती तो ये संभव होता कि माचिस की एक तीली जलाते ही वातावरण में फैली पूरी ऑक्सीजन में आग लग जाती।
- नाइट्रोजन की तुलना में ऑक्सीजन पानी में 2 गुणा ज्यादा घुलनशील है। अगर ये नाइट्रोजन जितनी ही घुलनशील होती तो समुंद्रो, झीलों और नदियों में बहुत कम ऑक्सीजन मौजूद होती। जिससे जीवों की जिंदगी और अधिक कठिन हो जाती।
- हर जीवित चीज का लगभग 2/3 (more than 55%) वज़न ऑक्सीजन की वजह से होता है। क्योंकि जीवित चीजों में बहुत अधिक पानी होता है और पानी का 88.9% वजन ऑक्सीजन की वजह से होता है।
- पृथ्वी की ऊपरी सत्तह (जिसे हम curst कहते है और जिसकी मोटाई 30 से 50 km तक है) का 90% वजन केवल 5 तत्वों की वजह से है। (जिसमें सबसे ज्यादा आॅक्सीजन (approx. 45%), सिलिकाॅन, ऐल्युमीनियम, लोहा और कैल्शियम है)।
- ऑक्सीजन गैस पैरामैग्नेटिक होती है। मतलब, यह चुंबक की तरफ आकर्षित होती है. लेकिन यह हमेशा ऐसा नही कर पाती। लिक्विड ऑक्सीजन मैग्नेटिक होती है। मतलब, एक पावरफुल चुंबक के साथ यह चारों तरफ घुमाई जा सकती है। यहाँ तक कि एक जगह से उठाई भी जा सकती है।
- तरल ऑक्सीजन से भरा स्विमिंग पुल कैसा होगा? बहुत, बहुत ठंडा होगा. क्योंकि ऑक्सीजन -183°C पर जाकर लिक्विड में चेंज होती है।
- खून में ऑक्सीजन का सबसे कम स्तर 3.28 किलोपास्कल दर्ज किया गया है। ये आंकडा 2009 में पर्वतारोहियों के खून में पाया गया था। वैसे नार्मल आदमी के खून में ऑक्सीजन का स्तर 12 से 14 किलोपास्कल तक रहता है।
- धरती पर पहली बार ऑक्सीजन के लिए ‘Cyanobacteria’ जिम्मेदार है। ये एक ऐसा जीव है जो प्रकाश संश्लेष्ण (photosynthesis) कि मदद से काॅर्बनडाॅइऑक्साइड लेता है और ऑक्सीजन छोड़ता है। बिल्कुल पेड़-पौधों की तरह।
- केकड़े के खून का रंग साफ होता है, लेकिन ऑक्सीजन के संपर्क में आते ही नीला हो जाता है।
- यदि किसी डेड बाॅडी को ठंडे और बिना ऑक्सीजन वाले स्थान पर रख दिया जाए तो यह बाॅडी पिघले हुए मोम की तरह बन जाएगी. जो साबुन की तरह बिल्कुल चिकनी होगी।
- हवाई जहाजों में जो आपातकालीन ऑक्सीजन माॅस्क दिया जाता है उससे आज तक शायद एक भी जीवन नहीं बच पाया है।
- अपनी जिंदगी के आखिरी दिनों में स्टीव जाॅब्स (founder of Apple) ने ऑक्सीजन माॅस्क पहनने से इंकार कर दिया था, क्योंकि उन्हें इसका डिजाइन पसंद नही आया था।
- चूने में ऑक्सीजन और हाइड्रोजन को मिलाने पर यह बहुत तेज रौशनी पैदा करता है। पुराने सिनेमाघरों में किसी एक जगह पर लाइट मारने के लिए इसे ही प्रयोग किया जाता था।
- दनिया में सबसे अच्छी हवा वाला देश है ‘Estonia’। और सबसे खराब हवा वाला देश है ‘Mongolia’.
- जन्म से लेकर जवान होने तक प्रति मिनट साँस लेने की संख्या 66% कम हो जाती है।
➢जन्म से 6 सप्ताह तक: 30-60 साँस प्रति मिनट
➢6 महीने: 25-40 साँस प्रति मिनट
➢3 साल: 20-30 साँस प्रति मिनट
➢6 साल: 18-25 साँस प्रति मिनट
➢10 साल: 15-20 साँस प्रति मिनट
➢वयस्क (जवान): 12-20 साँस प्रति मिनट
यदि ऑक्सीजन आज की तुलना में दोगुनी हो जाये तो क्या होगा ?
- कागज से बने हवाई जहाज ज्यादा देर तक उडेंगे।
- हमारी गाड़ियाँ कम पेट्रोल-डीजल में ज्यादा दूर तक जाने लगेगी।
- हम आज की तुलना में ज्यादा खुश और एक्टिव रहेगे. मतलब, सुस्ती खत्म. खेल-कूद में बने अब तक के सारे रिकाॅर्ड टूट जाएगे।
- कीड़ो का आकार बहुत बड़ा हो जाएगा, क्योंकि कीटों का आकार ऑक्सीजन पर निर्भर करता है।
- हम कम बीमार पडेंगे। क्योंकि इम्यून सिस्टम और ताकतवर हो जाएगा। लेकिन हम बूढ़े जल्दी होने लगेंगे।
25. यदि 5 सेकंड के लिए धरती से ऑक्सीजन गायब हो जाए तो क्या होगा ?
- 5 सेकंड के लिए धरती बहुत, बहुत ठंडी हो जाएगी।
- जितने भी लोग समुद्र किनारे लेटे है उन्हें तुरंत सनबर्न होने लगेगा।
- दिन में भी अंधेरा छा जाएगा।
- हर वह इंजन रूक जाएगा जिनमें आंतरिक दहन होता है। रनवे पर टेक ऑफ कर चुका प्लेन वही क्रैश हो जाएगा।
- धातुओ के टुकड़े बिना वैल्डिंग के ही आपस में जुड़ जाएगे। ऑक्सीजन न होने का यह बहुत रोचक साइड इफेक्ट होगा।
- पूरी दुनिया में सबके कानों के पर्दे फट जाएगे। क्योंकि 21% ऑक्सीजन के अचानक लुप्त होने से हवा का दबाव घट जाएगा। सभी का बहरा होना पक्का है।
- कंक्रीट से बनी हर बिल्डिंग ढेर हो जाएगी।
- हर जीवित कोशिका फूलकर फूट जाएगी। पानी में 88.8% ऑक्सीजन होती है। ऑक्सीजन ना होने पर हाइड्रोजन गैसीय अवस्था में आ जाएगी और इसका वाॅल्यूम बढ़ जाएगा। हमारी साँसे बाद में रूकेगी, हम फूलकर पहले ही फट जाएँगे।
- समुंद्रो का सारा पानी भाप बनकर उड़ जाएगा। क्योंकि बिना ऑक्सीजन पानी हाइड्रोजन गैस में बदल जाएगा और यह सबसे हल्की गैस होती है तो इसका अंतरिक्ष में उड़ना लाजिमी है।
- ऑक्सीजन के अचानक गुम होने से हमारे पैरों तले की जमीन खिसककर 10-15 किलोमीटर नीचे चली जाएगी।