- भारत में कुल कितने उच्च न्यायालय हैं— 24
- भारत के किस उच्च न्यायालय में न्यायाधीशों की संख्या सबसे कम है— सिक्किम उच्च न्यायालय
- भारत के किस न्यायालय में न्यायाधीशों की संख्या सबसे अधिक है— इलाहाबाद उच्च न्यायालय
- भारत का सबसे बड़ा उच्च न्यायालय कौन-सा है— इलाहाबाद उच्च न्यायालय
- पटना उच्च न्यायालय की स्थापना कब हुई— 1916 ई.
- मध्य प्रदेश का उच्च न्यायालय कहाँ स्थित है— जबलपुर
- उच्च न्यायालय के क्षेत्राधिकार को हटाने या बढ़ाने का अधिकार किसको है— भारतीय संसद को
- उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति कौन करता है— राष्ट्रपति
- उच्च न्यायालय का न्यायाधीश कितनी आयु तक अपने पद पर रह सकता है— 62 वर्ष की आयु तक
- उच्च न्यायालय में प्रथम महिला मुख्य न्यायाधीश कौन थीं— श्रीमती लीला सेठ
- किसी न्यायाधीश को एक न्यायालय से दूसरे न्यायालय में भेजने का अधिकार किसको है— राष्ट्रपति को
- भारत का चलित न्यायालय किसका मानसंपुज है— डॉ. ए.पी.जे. कलाम आजाद
- किस उच्च न्यायालय में सबसे अधिक स्थाई/अस्थाई खंडपीठ है— गुवाहटी उच्च न्यायालय में
- केरल का उच्च न्यायालय कहाँ स्थित है— एर्नाकुलम
- उच्च न्यायालय के न्यायाधीश को उसके पद व गोपनीयता की शपथ कौन दिलाता है— राज्यपाल
- संविधान के किस अनुच्छेद के अंतर्गत उच्च न्यायालय द्वारा दिया गया निर्देश परिवर्तित किया जा सकता है— अनुच्छेद-226
- ओड़िशा राज्य का उच्च न्यायालय कहाँ स्थित है— कटक
- किसी राज्य के उच्च न्यायालय के न्यायधीशों के वेतन एवं भत्ते का संबंध किससे होता है— संबंधित राज्य की लोकलेखा निधि से
- केंद्रशासित प्रदेश दिल्ली का उच्च न्यायालय कहाँ स्थित है— दिल्ली में
General Knowledge, Current Affairs, Social Issue, Interesting Facts & More... For- IAS, PCS, SSC, RAILWAY, & OTHER COMPETITIVE EXAMS
Tuesday, 31 October 2017
'भारतीय उच्च न्यायालय' से ऐसे प्रश्न जो बार-बार परीक्षा में पूछे गये (GK Q & A, भाग-109)
'राज्यपाल' से ऐसे प्रश्न जो बार-बार परीक्षा में पूछे गये (GK Q & A, भाग-108)
- किसी राज्य की कार्यपालिका की शक्ति किसमें निहित होती है— राज्यपाल में
- राज्यपाल की नियुक्ति कौन करता है— राष्ट्रपति
- किस व्यक्ति को हटाने का प्रावधान संविधान में नहीं है— राज्यपाल को
- राज्यपाल का कार्यकाल कितना होता है— 5 वर्ष
- राज्यपाल का वेतन-भत्ता किस कोष से आता है— राज्य की संचित निधि द्वारा
- राज्य सरकार का संवैधानिक प्रमुख कौन होता है— राज्यपाल
- राज्यपाल अपना त्यागपत्र किसे देता है— राष्ट्रपति को
- राष्ट्रपति शासन में राज्य का संचालन कौन करता है— राज्यपाल
- कौन व्यक्ति राष्ट्रपति की इच्छानुसार अपने पद पर बना रहता है— राज्यपाल
- राज्यपाल पद हेतु न्यूनतम आयु कितनी होती है— 35 वर्ष
- राज्यपाल विधानसभा में कितने आंग्ल-भारतीयों की नियुक्ति कर सकता है— एक
- भारत की पहली महिला राज्यपाल कौन थी— सरोजनी नायडू
- ‘राज्यपाल सोने के पिंजरे में निवास करने वाली चिड़िया के समान है’ ये शब्द किसके हैं— सरोजनी नायडू
- किसकी अनुमति के बिना राज्य की विधानसभा में कोई धन विधेयक पास नहीं होता है— राज्यपाल
- राज्यपाल द्वारा जारी किया गया अध्यादेश किसके द्वारा मंजूर किया जाता है— विधानमंडल द्वारा
- राज्य सरकार को कौन भंग कर सकता है— राज्यपाल
- राज्य के मुख्यमंत्री की नियुक्ति कौन करता है— राज्यपाल
- राज्यपाल की मुख्य भूमिका क्या है— केंद्र व राय के मध्य की कड़ी
- किसी राज्य के राज्यपाल को शपथ ग्रहण कौन कराता है— उस राज्य का मुख्य न्यायाधीश
- किस राज्य में राष्ट्रपति शासन के अलावा राज्यपाल शासन भी लागू किया जा सकता है— जम्मू-कश्मीर
- भारत के किस राज्य में प्रथम महिला राज्यपाल बनीं— उत्तर प्रदेश
- जम्मू-कश्मीर के संविधान के अनुसार राज्य में अधिकतम कितने समय के लिए राज्यपाल शासन लगाया जा सकता है— 6 माह
- जम्मू-कश्मीर का ‘सदर-ए-रियासत’ पद नाम बदलकर कब राज्यपाल कर दिया गया— 1965 में
- राज्य सरकार को भंग कौन कर सकता है— राज्यपाल की सिफारिश पर राष्ट्रपति
भारत में परिवहन व्यवस्था (सड़क, रेल, वायु, जल) (GK Q & A,भाग-107)
भारत में सड़क परिवहन
- विश्व की सड़कों के आधार पर भारत का विश्व में कौन-सा स्थान है— दूसरा
- भारत में कुल सड़कों की लंबाई कितनी है— 48,65,000 किमी.
- भारत में सड़क परिवहन का योगदान कितना है— 80%
- भारत के किस राज्य में सबसे अधिक पक्की सड़कें हैं— महाराष्ट्र व तमिलनाडु
- भारत के किस राज्य में राष्ट्रीय राजमार्ग सबसे अधिक हैं— उत्तर प्रदेश
- भारत राष्ट्रीय राजमार्ग की कुल लंबाई कितनी है— 70,934 किमी.
- देश में कुल सड़कों की लंबाई में राष्ट्रीय राजमार्ग का योगदान कितना है— 1.7%
- भारत का सबसे लंबा राष्ट्रीय राजमार्ग कौन-सा है— NH-7
- राष्ट्रीय राजमार्ग-7 कितने राज्यों से होकर जाता है— 6
- विश्व में सबसे ऊँचाई पर कौन-सी सड़क है— मनाली-लेह (भारत)
- किन राष्ट्रीय राजमार्गों को मिलाकर ग्रांट ट्रंक रोड कहा जाता है— राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 1 व 2 को
- ग्रांट ट्रंक रोड (GT Road) वर्तमान में किन नगरों के मध्य है— अमृतसर से कोलकाता
- ग्रांट ट्रंक रोड किसने बनवायी थी— शेरशाह सूरी ने
- पहले ग्रांट ट्रंक रोड कहाँ से कहाँ तक थी— कोलकाता से लाहौर
- राष्ट्रीय राजमार्ग किसे जोड़ते हैं— व्यापार केंद्रों और राज्यों की राजधानियों को
- पूर्व-पश्चिम व उत्तर-दक्षिण राजमार्ग एक-दूसरे को किस स्थान पर काटते हैं— झांसी
- स्वार्णिम चतुर्भुज योजना किससे संबंधित है— सड़कों से
- लाहौर-दिल्ली बस सेवा क्या कहलाती है— सदा-ए-सरहद
- भारत के किस राज्य में कच्ची सड़कें सबसे अधिक है— ओड़िशा
- काराकोरम राजमार्ग किसे जोड़ता है— पाकिस्तान और अफगानिस्तान
- राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-1 की लंबाई कितनी है— 1226 किमी
- राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-7 की लंबाई कितनी है— 2369 किमी
- राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-7 कहाँ से कहाँ तक जाता है— वाराणसी से कन्याकुमारी तक
- किस राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या से जवाहर सुरंग स्थित है— राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-1A में
- स्वर्णिम चतुर्भु योजना के अन्तर्गत जिन राष्ट्रीय राजमार्गों द्वारा चार महानगरों को जोड़ा जाता है, उनकी कुल लंबाई कितनी है— 5,846 किमी
- सड़क निर्माण में निजी भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार ने कौन-सी नीति अपनाई है— बनाओं, चलाओं और हस्तांतरित करो
- सीसा सड़क संगठन की स्थापना कब की गई— 1960 में
- भारत का सबसे बड़ा सार्वजनिक उपक्रम कौन-सा है— भारतीय रेल
- भारतीय रेल कितने क्षेंत्रों (जोन) में बाँटी गई है— 17
- भारत में प्रथम रेल कब चली— 16 अप्रैल, 1853 ई.
- भारत की पहली रेल कहाँ चली— मुंबई और थाणे के मध्य
- भारत में सर्वप्रथम रेल का शुभारंभ किसने किया था— लॉर्ड डलहौजी ने
- रेल सेवा आयोग के मुख्यालय कहाँ-कहाँ है— इलाहाबाद, मुंबई, कोलकाता, भोपाल और चेन्नई
- भारतीय रेल नेटवर्क का विश्व में कौन-सा स्थान है— चौथा
- भारतीय रेल नेटवर्क का एशिया में कौन-सा स्थान है— दूसरा
- भारतीय रेलवे बोर्ड की स्थापना कब की गई थी— 1905 में
- विश्व में प्रथम रेल कब चली— 1825 ई., इंग्लैंड
- भारतीय रेल बजट को सामान्य बजट से कब अलग किया गया— 1824 ई.
- भारत में भूमिगत (मेट्रो रेलवे) का शुभारंभ कब और कहाँ हुआ था— 1984-85 ई., कोलकाता
- भारत में सबसे लंबी दूरी तय करने वाली रेलगाड़ी कौन-सी है— विवेक एक्सप्रेस
- भारत में प्रथम विद्युत इंजन का निर्माण कब प्रारंभ हुआ— 1971 ई.
- इंटीग्रल कोच फैक्टरी कहाँ है— पैरंबूर (चेन्नई)
- रेलवे कोच फैक्टरी कहाँ है— हुसैनपुर (कपूरथला)
- रेलवे कोच फैक्टरी की स्थापना कब हुई— 1988 ई.
- भारत और पाकिस्तान के बीच चलने वाली रेलगाड़ी कौन-सी है— समझौता व थार एक्सप्रेस
- भारत में सबसे तेजगति से चलने वाली रेलगाड़ी कौन-सी है— शताब्दी एक्सप्रेस
- भारत का सबसे लंबा प्लेटफॉर्म कौन-सा है— खड़गपुर (पश्चिमी बंगाल)
- भारत के किस राज्य में रेल लाइन सबसे अधिक है— उत्तर प्रदेश
- पूर्वी उत्तर भारत के राज्य में रेलमार्ग नहीं है— मेघालय
- पैलेस ऑन व्हील्स की तर्ज पर नई रेलगाड़ी ‘डेक्कन ओडिसी’ का परिचालन किस राज्य में हो रहा है— महाराष्ट्र
- कोंकण रेलमार्ग किस पर्वत श्रृंखला से होकर गुजरता है— पश्चिमी घाट
- भारतीय रेलमार्ग का कुल कितने % विद्युतीकरण है— 30%
- भारत में कितने प्रकार के रेलमार्ग है— 3 प्रकार
- रेल पथ के ब्रॉड गेज की चौड़ाई कितनी होती है— 1.676 मीटर
- भारत में प्रथम विद्युत रेल कब चली— 1925 ई.
- विद्युत से चलने वाली प्रथम रेलगाड़ी कौन-सी है— डेक्कन क्वीन
- कोयले से चलने वाला देश का सबसे पुराना इंजन कौन-सा है— फेयरी क्वीन
- कुल केंद्रीय कर्मचारियों का कितना % भाग रेलवे में कार्यरत है— 40%
- भारत में कुल रेलमार्ग की लंबाई कितनी है— 63,974 किमी
- भारत में माल परिवहन के लिए किस माध्यम का सबसे ज्यादा उपयोग किया जाता है— भारतीय रेलवे
- ‘व्हील्स एंड एक्सल प्लांट’ कहाँ स्थित है— बैंगालुरू में
- भारत में प्रथम क्रांति रेल कहाँ चली— दिल्ली से बैंगालुरू
- वृंदावन एक्सप्रेस किन स्थानों के मध्य चलती है— चेन्नई और बैंगालुरू
- पूर्वी रेलवे के बँटवारे के बाद हाजीपुर के आंचलिक मुख्यालय का नाम क्या है— पूर्व मध्य रेलवे
- डीजल लोकोमोटिव वक्र्स की स्थापना कब हुई— 1964 ई.
- भारत की पहली रेल ने मुंबई और थाणे के मध्य कितनी दूरी तय की— 34 किमी
- रेल मंत्रालय ने ‘विलेज ऑन वहील्स नामक’ परियोजना किस वर्ष प्रारंभ की— 2004 ई.
- भारतीय रेल का राष्ट्रीयकरण कब हुआ— 1950 में
- कोलकाता में भूमिगत रेलमार्ग दमदम से टॉलीगंज तक लंबाई कितनी है— 16.45 किमी
- देश की सबसे लंबी दूरी के रेलमार्ग की लंबाई कितनी है— 4256 किमी
भारत में वायु परिवहन
- भारत में वायु परिवहन का शुभारम्भ कब हुआ— 1912 ई.
- भारत की प्रथम अंतर्राष्ट्रीय वायु सेवा कहाँ से कहाँ तक प्रारंभ की गई— कराची से चेन्नई के मध्य
- विश्व की प्रथम हवाई डाक सेवा कब प्रारंभ हुई— 1911 ई.
- किस स्थान पर प्रथम हवाई डाक सेवा प्रारंभ की गई थी— इलाहाबाद औन नैनी के मध्य
- भारत में एयर इंडिया की स्थापना कब हुई— 1953 ई.
- भारत में इंडियन एयरलांइस की स्थापना कब हुई— 1953 ई.
- एयर इंडिया और इंडियन एयरलांइस का विलय कब हुआ— 2010 ई.
- इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय उड़ान अकादमी कहाँ है— फुरसतगंज (उत्तर प्रदेश)
- देश का पहला निजी क्षेत्र का अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा कहाँ है— कोलकाता में
- अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा प्राधिकरण की स्थापना कब हुई— जून 1972 ई.
- स्वतंत्रता के पश्चात् प्रथम अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा कौन-सा है— त्रिवेंद्रम
- राष्ट्रीय हवाई अड्डा प्राधिकरण की स्थापना कब हुई— जून 1986 ई.
- पवनहंस हेलिकॉप्टर्स लिमिटेड की स्थापना कब हुई— 15 अक्टूबर, 1985 में
- राजीव गाँधी नेशनल प्लाइंग इंस्टीट्यूट किस राज्य में है— महाराष्ट्र में
भारत में जल परिवहन
- भारत में कुल कितने बंदरगाह है— 13 बड़े व 200 छोटे
- भारत का सबसे बड़ा प्राकृतिक बंदरगाह कहाँ है— मुंबई
- भारत में कुल अंतर्राष्ट्रीय व्यापार का कितने % व्यापार समुद्री मार्ग द्वारा होता है— 95%
- किस बंदरगाह को भारत का प्रवेश द्वार कहा जाता है— मुंबई
- भारत का सबसे गहरा बंदरगाह कौन-सा है— गंगावरम बंदरगाह (आंध्र प्रदेश)
- कौन-सा बंदरगाह मुक्त व्यापार क्षेत्र में है— कांडला
- भारत का कौन-सा बंदरगाह ज्वारीय है— कांडला
- मार्मागाओं पत्तन कहाँ स्थित है— गोवा
- भारत का निगमीकृत बंदरगाह कौन-सा है— ओड़िशा
- डॉल्फिन नोज नामक चट्टान के पीछे कौन-सा बंदरगाह है— विशाखापट्टनम (आंध्र प्रदेश)
- कौन-सा बंदरगाह ‘भारतीय समुद्रिक व्यापार का पूर्वी द्वारा’ कहलाता है— कोलकाता (हल्दिया)
- भारत के पूर्वी तट पर कौन-सा प्राकृतिक बंदरगाह है— विशाखापट्टनम
- बंदरगाह वाला नगर किसे कहा जाता है— मंगलोर
- कौन-सा बंदरगाह जुआरी नदी की एश्चुअरी पर स्थित है— मार्मागाओं बंदरगाह
- नहावाशेवा बंदरगाह कहाँ स्थित है— मुंबई में
- भारत के पूर्वी तट पर सर्वश्रेष्ठ बंदरगाह कौन-सा है— विशाखापट्टनम (आंध्र प्रदेश)
- सेतुसमुद्रम परियोजना किसे जोड़ती है— मन्नार की खाड़ी व पाक जलडमरूमध्य
- हिंदुस्तान शिपयार्ड कहाँ है— विशाखापट्टनम (आंध्र प्रदेश)
Monday, 30 October 2017
हिन्दी साहित्य सम्बन्धी प्रश्नोत्तर
- भारत में सर्वाधिक लोगों द्वारा कौनसी भाषा बोली जाती है?— हिन्दी ( देवनागरी लिपि )
- संविधान के किस अनुच्छेद के अनुसार हिन्दी भारत की राजभाषा है?— अनुच्छेद 343 ( 1 )
- हिन्दी दिवस किस तिथि को मनाया जाता है?— 14 सितम्बर
- मैथिली किस राज्य की भाषा है?— बिहार
- भारत के प्रथम राष्ट्रकवि कौन हैं?— मैथिलीशरण गुप्त
- आधुनिक युग की मीरा किसे कहा जाता है?— महादेवी वर्मा
- हिन्दी विषय पर प्रथम ज्ञानपीठ पुरस्कार पाने वाले कौन थे?— सुमित्रानंदन पंत
- कलम का सिपाही किसे कहा जाता है?— मुंशी प्रेमचंद
- साहित्यकार ‘अज्ञेय’ जी का पूरा नाम क्या है?— सच्चिदानन्द हीरानन्द वात्स्यायन ‘अज्ञेय’
- हिन्दी का प्रथम पात्र कौन सा है?— उदंत मार्तण्ड
- भारत में संस्कृत माँ है, हिन्दी बहूरानी और अंग्रेजी नौकरानी किस महापुरूष के अनमोल वचन है?— डॉ. कामिल बुल्के
- भारत का शेक्सपीयर किसे कहा जाता है?— कालिदास को
- मध्य प्रदेश के किस जिले को देश का प्रथम हिन्दी साक्षर जिला घोषित किया गया है?— नरसिंहपुर को
- रामधारी सिंह ‘दिनकर’ को किस रचना के लिए ज्ञानपीठ पुरस्कार मिला था?— उर्वशी
- देश का पहला राष्ट्रीय हिन्दी संग्रहालय कहाँ स्थापित किया जा रहा है?— आगरा
- विश्व में सर्वाधिक भाषाएं किस देश में बोली जाती है?— भारत
- संविधान की आठवीं अनुसूची के अनुसार कितनी भाषाओं को राजभाषा के रूप में सांविधानिक मान्यता प्राप्त हैं?— 22 भाषाएं
- हिन्दी की वर्णमाला में कितने स्वर व कितने सम स्वर हैं?— 11 स्वर व 33 सम स्वर
- हिन्दी में आशुलिपि के जन्मदाता कौन हैं?— राधेलाल द्विवेदी
- महादेवी वर्मा को किस रचना के लिए ज्ञानपीठ पुरस्कार मिला?— यामा
- आधुनिक युग के चरण हैं?— रामधारी सिंह ‘दिनकर’
- देवताओं की लिपि किसे कहा जाता है?— देवनागरी लिपि
- हिन्दी भाषा का प्रथम महाकाव्य किसे कहा जाता है?— पृथ्वीराज रासो ( चन्दबरदाई की रचना )
- हिन्दी गध के प्रतिष्ठापक ?— आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी
- हिन्दी खड़ी बोली के जन्मदाता?— भारतेन्दु हरिश्चन्द्र
- हिन्दी साहित्य में हालावाद के प्रवर्तक?— हरिवंशराय बच्चन
- हिन्दी साहित्य की प्रथम कहानी?— इन्दुमती
- हिन्दी के प्रथम कवि?— सिद्ध सरहपा ( 9वीं शताब्दी )
- हिन्दी की प्रथम रचना?— श्रावकाचार ग्रंथ ( देवसेन वमत )
- हिन्दी का प्रथम उपन्यास?— परीक्षा गुरू ( श्रीनिवास दास वमत )
Sunday, 29 October 2017
Current Affairs in Hindi (भाग-70)
- इस राज्य के मुख्यमंत्री एन चंद्राबाबू नायडू को लंदन में आयोजित 17 वें लंदन ग्लोबल कन्वेंशन में प्रतिष्ठित गोल्डन पीकॉक अवॉर्ड से सम्मानित किया गया है - आंध्र प्रदेश
- एसएपी ने एशिया प्रशांत जापान (एपीजे) क्षेत्र का पहला एसएपी लियोनार्डो सेंटर इस शहर में शुरू करने की घोषणा की है - बेंगलुरु
- इस कम्पनी के शेयरों में इस वर्ष अब तक 75% से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है जिसके कारण यह कंपनी 6 ट्रिलियन रुपयों के बाजार पूंजीकरण को पार करने वाली पहली भारतीय कंपनी बन गई है - रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड
- इन्होंने ने ‘जम्मू और कश्मीर लोक संपत्ति संशोधन अध्यादेश 2017’ को लागू कर दिया - राज्यपाल एनएन वोहरा
- यह देश दुनिया के सबसे खतरनाक अपराधियों पर मुकदमा चलाने के लिए 15 साल पूर्व स्थापित अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (आईसीसी) को छोड़ने वाला पहला राष्ट्र बन गया है - बुरुंडी
- भारतीय मूल की इस महिला को इस साल ब्रिटेन की सबसे प्रभावशाली अश्वेत व्यक्ति चुना गया - गीना नादिरा सिंह उर्फ गीना मिलर
- एशिया के सबसे बड़े फिल्मोत्सवों में से एक इस अंतर्राष्ट्रीय फिल्मोत्सव जापान की राजधानी तोक्यो में आरम्भ हो गया है - तोक्यो अंतर्राष्ट्रीय फिल्मोत्सव
- किस देश में निजी कंपनियों के विदेशी कर्मचारियों के लिए कार्य वीजा की अवधि घटाकर एक वर्ष कर दी गई है - सऊदी अरब
- भारत के इस खिलाड़ी ने 27 अक्टूबर को आईएसएसफ विश्व कप फाइनल में अपने पदार्पण वर्ष में ही कांस्य पदक जीता - अमनप्रीत सिंह
- फोर्ब्स 40 की दुनिया के सबसे कीमती स्पोर्ट्स ऐथलीट की सूची में यह खिलाड़ी पहले स्थान पर है - रोजर फेडरर
- अमेरिका की सीनेट की एक समिति ने भारत में अगले अमरीकी राजदूत के लिए इनके नाम का अनुमोदन किया - केन जेस्टर
- इन मशहूर लेखक और गीतकार को हृदयनाथ मंगेशकार पुरस्कार 2017 से सम्मानित किया गया है - जावेद अख्तर
- कपड़ा मंत्रालय एवं इस मंत्रालय ने एक नई पहल ‘साथी’ (लघु उद्योगों की सहायता के लिए प्रभावी कपड़ा प्रौद्योगिकियों का टिकाऊ एवं त्वरित अंगीकरण) के लिए हाथ मिलाया है - बिजली मंत्रालय
- तमिलनाडु के मुख्यमंत्री, एडप्पी के पलानीस्वामी ने इस जिले में एक एयरोस्पेस पार्क की नींव रखी जिसे राज्य सरकार द्वारा 245 एकड़ में स्थापित किया जाएगा - कांचीपुरम
- रिलायंस कम्युनिकेशन (आरकॉम) ने सिस्टेमा श्याम टेलीसर्विसेज लि. (एसएसटीए) के साथ विलय के लिए इस विभाग की मंजूरी हासिल कर ली है - दूरसंचार विभाग (डीओटी)
- डिजिटलीकरण को बढ़ावा देने के लिए शुरु की गई पहलों के मामले में यह प्रदेश शीर्ष राज्य बनकर उभरा है - मध्य प्रदेश
- इस राज्य की सरकार ने मवेशियों के लिए पीजी (पेइंग गेस्ट्स) स्थापित करने की घोषणा की है - हरियाणा
- इस राज्य की सरकार मुख्यमंत्री हेल्पलाइन सेवा शुरू करने जा रही है जो 24 घंटे काम करेगी - उत्तर प्रदेश
- इस विषय पर द्वितीय विश्व कांग्रेस चीन के शहर बीजिंग में 5 से 6 मई, 2018 तक आयोजित की जाएगी - मार्क्सवाद
- अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इन दो भारतीय अमेरिकी उद्योगपतियों को अमेरिकी अर्थव्यवस्था में उनके छोटे लेकिन महत्वपूर्ण योगदान के लिए सम्मानित किया है - शरद ठक्कर और करन अरोड़ा
- आईएनएस सुकन्या इंटरनेशनल मैरीटाइम बाॅर्डर लाइन (आईएमबीएल) की समन्वित गश्त (कॉरपेट) के लिए इस देश पहुंचा है - इंडोनेशिया
- जीतू राय और हीना सिद्धू ने आईएसएसएफ निशानेबाजी विश्व कप का यह पदक जीता - स्वर्ण
- फीफा ने अंडर-17 फुटबॉल विश्व कप में ब्राजील और इंग्लैंड के बीच गुवाहाटी में होने वाला सेमीफाइनल मु्काबला इस शहर के युवा भारती क्रीडांगन में स्थानान्तरित कर दिया - कोलकाता
- इन प्रसिद्ध शास्त्रीय गायिका तथा 'ठुमरी की रानी' का निधन हो गया है - गिरिजा देवी
- इस देश की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी ने राष्ट्रपति शी जिनपिंग के पांच साल के दूसरे कार्यकाल को मंजूरी प्रदान की है - चीन
- इस राज्य के पश्चिमी तट पर तटीय क्षरण को रोकने के लिए एशियाई विकास बैंक (एडीबी) और भारत सरकार ने नई दिल्ली में 65.5 मिलियन डॉलर के ऋण पर हस्ताक्षर किए - कर्नाटक
- इस संस्थान को स्पोर्टिंग स्टार्ट-अप के लिए अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) से पुरस्कार प्राप्त हुआ है - भारतीय उद्यमिता विकास संस्थान (ईडीआईआई)
- इस राज्य की सरकार ने 2018 से जनवरी-दिसंबर वित्तीय वर्ष स्वरूप को अपनाने की अपनी योजना रद्द कर दी है - मध्य प्रदेश
- नई दिल्ली में 3 से 5 नवंबर 2017 तक होने वाले अंतरराष्ट्रीय खाद्य कार्यक्रम वर्ल्ड फूड इंडिया (डब्लूएफआई) 2017 में यह राज्य ‘फोकस स्टेट’ होगा - ओडिशा
- ट्रेवल गाइड कंपनी लोनली प्लैनेट ने सर्वश्रेष्ठ दौरे 2018 की सूची में इस देश को पहले स्थान पर रखा है - चिली
- यह देश रोबोट को नागरिकता देने वाला दुनिया का पहला देश बन गया है - सऊदी अरब
- इस देश में दुनिया का पहला 3 डी मुद्रित कंक्रीट पुल शुरू किया गया है, जोकि मुख्य रूप से साइकिल चालकों के उपयोग के लिए बनाया गया है - नीदरलैंड
- इस क्रिकेट एसोसिएशन को प्रशासक समिति (सीओए) ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के सहयोगी सदस्य के रूप में चुना - क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ पुदुच्चेरी (सीएपी)
- यह एनबीए जी-लीग के पक्ष से चयनित अब तक के दूसरे भारतीय-मूल खिलाड़ी हैं - गोकुल नातेसन
- इस देश की सरकार ने भारत में अपने राजदूत दीप कुमार उपाध्याय का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है - नेपाल
- इस राज्य की मुख्यमंत्री ने राजीव महर्षि की पुस्तक ‘इंडिया 2017 ईयरबुक’ लॉन्च की - राजस्थान
- इस भाषा के प्रसिद्ध लोकप्रिय लेखक और उपन्यासकार पुनाथिल कुंजाबदुल्ला का कोझिकोड में निधन हो गया है - मलयालम
- केन्द्रीय सतर्कता आयोग द्वारा इतने संगठनों का एकीकृत सूचकांक बनाया जायेगा – 25
- एलओसी पर ड्यूटी के दौरान गलती से पाकिस्तान की सीमा में चले गये इस भारतीय सैनिक को आर्मी कोर्ट ने दोषी ठहराते हुए कोर्ट मार्शल की सजा सुनाई – चंदू चव्हाण
- भारतीय रेलवे और इस कंपनी के बीच हाल ही में सोशल मीडिया पर डील फाइनल की गयी – अमूल
- हाल ही में इन्हें मैसेडोनिया में भारत के राजदूत के रूप में नियुक्त किया गया – पूजा कपूर
- भारतीय मूल की अश्वेत महिला जिन्हें हाल ही में ब्रिटेन में सबसे प्रभावशाली व्यक्ति के रूप में चयनित किया गया – गिना मिलर
- वह देश जिसने हाल ही में में श्रमिकों के लिए न्यूनतम वेतन की पॉलिसी आरंभ करने की घोषणा की – कतर
- वह देश जिसने हाल ही में संयुक्त राष्ट्र द्वारा हाल ही में सीरिया युद्ध के दौरान रासायनिक हमलों के इस्तेमाल की जांच संबंधी एक प्रस्ताव पर वीटो किया – रूस
- पहली बार भारत में जुरासिक काल के बड़े समुद्री सरीसृप (रेंगने वाला जीव) इचथियोसर के कंकाल का जीवाश्म मिला। इससे पहले इसके जीवाश्म जिन देशों में पाए गए- उत्तर अमेरिका और यूरोप
- एक वैश्विक रैंकिंग के अनुसार दुनिया में जिस देश का पासपोर्ट ‘सबसे शक्तशाली’ है- सिंगापुर
- जिस देश की अदालत ने पूर्व प्रधान मंत्री के खिलाफ जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी किया- पाकिस्तान
- जिस केन्द्रीय मंत्री ने तीसरे ग्लोबल इंवेस्टर्स इंडिया फोरम को संबोधित किया- विद्युत मंत्री
- भारतीय जूनियर हॉकी टीम ने जिस देश की टीम को 22-0 के रिकॉर्ड अंतर से हराकर सातवें सुल्तान जोहोर कप हॉकी टूर्नामेंट में जीत की हैट्रिक पूरी की- अमेरिका
- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हाल ही में नई दिल्ली में उपभोक्ता संरक्षण पर वैश्विक सम्मेलन का उद्घाटन किया, इसमें एशिया के जितने देशों ने भाग लिया- 22
- केन्द्र सरकार ने गैस का पता लगाने और उसके उत्पािदन पर कितने अरब डालर का निवेश करने की घोषणा की- 40 अरब डालर
- दुनिया की पहली बिना पटरी वाली स्मार्ट ट्रेन का शुभारम्भ चीन में किया गया। यह ट्रेन सिस्टम किस तरह की रेल लाइन पर रन करेगा- व्हीकल वर्चुअल रेल लाइन
क्या रोबोटों का राष्ट्रीयकरण होना चाहिये?
इसमें कोई शक नहीं है कि रोबोटिक्स का वैश्विक श्रम बाजार पर व्यापक प्रभाव पड़ने वाला है, लेकिन प्रायः इसके नकारात्मक प्रभावों को लेकर ही चर्चा की जाती है, जैसे रोबोटिक्स से बड़ी संख्या में लोग बेरोजगार हो जाएंगे, यह विकृत उपभोक्तवाद को जन्म दे सकता है, आदि आदि। हालाँकि सच यह भी है कि रोबोटिक्स से श्रम बाजार की तस्वीर बदली जा सकती है। आज श्रम बाजार किस प्रकार से समस्याओं का सामना कर रहा है और क्या रोबोटों का राष्ट्रीयकरण इस समस्या का समाधान प्रस्तुत कर सकता है? इस लेख में हम इन्हीं बिन्दुओं पर चर्चा करेंगे।
वैश्विक श्रम बाजार में बदलाव अमानवीय क्यों?
- प्राचीन रोम में एक गुलाम को प्रतिदिन अधिकतम छह घंटे काम करना होता था, जबकि वर्ष का एक तिहाई हिस्सा उत्सवों आदि मनाने में बीत जाता था। मध्यकालीन युग में यूरोपीय श्रमिकों को भी प्रतिदिन छह घंटे ही कम करना होता था और धार्मिक समारोहों में लगभग 150 दिन खर्च होते थे।
- औद्योगिक क्रांति के बाद उत्पादन के तरीकों में व्यापक बदलाव आया, उपभोक्तावाद को बढ़ावा मिला और पूंजीवादी व्यवस्था के निर्माण को बल मिला। जैसे-जैसे इस औद्योगिक क्रांति का प्रसार हुआ, इसके साथ ही समूचे विश्व में अधिक से अधिक उत्पादन की होड़ मच गई। इन परिस्थितियों में मजदूरों से अमानवीय तरीके से काम लिया गया, जहाँ काम के घंटे निश्चित नहीं थे।
- जब भूमंडलीकरण का व्यापक प्रसार हो रहा था तो उड़ दौरान दुनिया के कई बड़े देशों में लोकतांत्रिक सरकारें थीं और श्रम बाजार का नियमन किया जा रहा था। फिर भी अधिक से अधिक लाभ प्राप्ति के उद्देश्य से स्थापित कंपनियों एवं उद्योगों में काम के घंटे लगातार 10-12 बने रहे और आज भी यही स्थिति बनी हुई है।
क्यों जरूरी है रोबोटों का राष्ट्रीयकरण?
- विदित हो कि रोबोटिक्स के कारण प्राप्त लाभों के समावेशी वितरण और रोबोट्स निर्माण एवं रख-रखाव संबंधी कार्यों के लिये प्रशिक्षण देकर प्रभावितों के एक बड़े समूह की आर्थिक जरूरतों को पूरा कर दिया जाता है।
- दरअसल, रोबोटिक्स अपनी उन्नत अवस्था में पहुँचेगा तो एक ऐसी व्यवस्था का निर्माण होगा, जहाँ मानव भी तकनीक की मदद से स्वयं को रोबोट के बराबर क्षमताओं से युक्त करना चाहेगा और इसका एक उन्नत बाजार तैयार होगा।
- सार यह कि रोबोटिक्स से सभी लाभान्वित होंगे। ऐसे में रोबोट्स को केवल निजी क्षेत्र तक सीमित रखने के बजाय इनका राष्ट्रीयकरण कर प्रत्येक व्यक्ति तक इनका लाभ पहुँचाना चाहिये।
क्यों उचित नहीं है रोबोटों का राष्ट्रीयकरण?
- गौरतलब है कि तकनीकी नवाचार से रोजगार पर नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ता बल्कि रोजगार के प्रकार बदल जाते हैं। ऐसे में जो इस परिवर्तन के हिसाब से खुद को ढाल लेते हैं उन्हें इसका नकारात्मक प्रभाव नहीं झेलना पड़ता।
- लेकिन, वे समूह जो एक निश्चित अवधि के भीतर अपनी क्षमता विकसित नहीं कर पाते उनके लिये सरकार को सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करनी होती है।
- यदि रोबोट्स को सार्वजनिक संपति बना दिया गया तो सरकार के पास फण्ड की कमी हो सकती और आय का वह स्रोत खत्म हो सकता है जिसके जरिये सरकार प्रभावितों की सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित कर सकती है।
निर्णायक साबित हो सकता है रोबोट टैक्स?
- दरअसल, आज समूची दुनिया एक बदलाव के दौर से गुजर रही है जहाँ विनिर्माण में तकनीक और प्रौद्योगिकी की भूमिका बढ़ गई है और रोबोटिक्स इसमें सबसे अहम् है।
- इस संबंध में माइक्रोसॉफ्ट के संस्थापक बिल गेट्स का कहना है कि रोबोट्स अगर इंसानों की तरह नौकरी करते हैं तो उनसे भी कर्मचारियों की ही तरह टैक्स वसूलना चाहिये।
- तकनीकी नवाचार की इस सूनामी में हमारे रहने और कार्य करने के तरीकों में व्यापक बदलाव आएगा। रोबोटिक्स से उत्पादन और निर्माण के तरीकों में क्रांतिकारी परिवर्तन देखने को मिलेगा। एक अध्ययन के मुताबिक अकेले अमेरिका में अगले दो दशकों में डेढ़ लाख रोजगार खत्म हो जाएंगे।
- ध्यातव्य है कि रोजगार प्राप्त एक बड़ा तबका करों का भुगतान करता है, जिसका देश के विकास में उपयोग किया जाता है। अतः जब रोबोट मानवों का स्थान ले रहे हों तो उन्हें कर तो देना ही चाहिये।
- मान लिया जाए कि एक व्यक्ति 50,000 डॉलर की नौकरी एक कारखाने में कर रहा है, तो उसकी कमाई से देश आयकर तो प्राप्त करता ही है साथ में सामाजिक सुरक्षा कर आदि भी मिलता है। यदि उसका काम एक रोबोट करता है, तो उसे भी उसी स्तर पर “रोबोट टैक्स” देना चाहिये।
निष्कर्ष
- रोबोटिक्स एक ऐसी तकनीक है जिसमें मशीनें मानव को विस्थापित कर उसके अधिकतर कार्य करती हैं।
- मानवों का विस्थापन दोहरा अर्थ रखता है। यदि श्रम का विस्थापन हो तो वह मानव जाति के उत्थान में सहायक हो सकता है, जैसे- गहरी खतरनाक खानों में खुदाई करना, समुद्र की तलहटी में कार्य करना इत्यादि।
- लेकिन यदि रोबोटिक्स द्वारा रोज़गारों का ही विस्थापन होने लगे तो यह चिंता की स्थिति है और ऐसा होने की प्रबल संभावना है।
- गौरतलब है कि अमेरिका और पश्चिमी देशों में ‘रोबोटिक्स बनाम रोजगार’ एक व्यापक बहस का मुद्दा है, लेकिन रोबोट के उपयोग के मामले में भारत अभी बहुत पीछे है।
- हालाँकि, जिस तेजी से रोबोट बढ़ रहे हैं, यदि यह रुझान और पाँच-दस साल तक जारी रहा तो इससे भारत में रोजगार पर असर पड़ सकता है और रोबोट की वजह से उद्योग-कारोबार में कुछ नौकरियाँ खत्म हो सकती हैं।
- अतः वर्तमान में भारत को रोबोट्स के राष्ट्रीयकरण जैसी बातों से प्रभावित होने की जरूरत नहीं है। हालाँकि, श्रम बाजार को और मानवीय बनाने में रोबोट्स की भूमिका से इनकार भी नहीं किया जा सकता है।
Saturday, 28 October 2017
'अंतरिक्ष में प्रथम' विशेष सामान्य ज्ञान (GK Q & A,भाग-106)
⇰ अंतरिक्ष मे जाने वाला पहला इंसान (First person to go into space)
- यूरी गागरिन (Yuri Gagarin)
⇰ सर्वप्रथम अंतरिक्ष में उपग्रह भेजने वाला देश (First country to send satellite in space)
- रूस (Russia)
⇰ अंतरिक्ष मे जाने वाला पहला स्पेस डॉग (The first space dog to go into space)
- लाईका (Laika)
⇰ अंतरिक्ष मे जाने वाली पहली महिला (The first woman to go to space)
- वेलेन्टिना तरेश्कोवा (Valentyna Tishchenko)
⇰ अंतरिक्ष मे जाने वाला पहला भारतीय (The first Indian to go to space)
- राकेश शर्मा (Rakesh Sharma)
⇰ चांद पर कदम रखने वाला पहला इंसान (First person to step on the moon)
- नील आर्मस्ट्रॉन्ग (Neil Armstrong)
⇰ चन्द्रमा पर आदमी भेजने वाला पहला देश (The first country to send man on the moon)
- अमेरिका (America)
⇰ मंगल ग्रह पर चालक रहित अंतरिक्षयान भेजने वाला पहला देश (The first country to send helpless spacecraft on Mars)
- अमेरिका (America)
⇰ भारत का प्रथम चालक रहित विमान (India's first unmanned aircraft)
- लक्ष्य (lakshya)
⇰ चन्द्रमा की परिक्रमा करने वाला पहला अंतरिक्ष यान (First spacecraft to orbit the moon)
- लूना-10 (Luna-10)
⇰ मंगल ग्रह पर उतरने वाला पहला अंतरिक्ष यान (First spacecraft to land on Mars)
- वाइकिंग-1 (Viking-1)
⇰ चन्द्रमा पर उतरने वाला पहला चालक युक्त अंतरिक्षयान (First-manned spacecraft to land on the moon)
- ईगल (Eagle)
⇰ चन्द्रमा पर मानव को पहुचाने वाला यान (Moon reaching human on moon)
- अपोलो-11 (Apollo-11)
⇰ अंतरिक्ष मे भेजे जाने वाला प्रथम स्पेस शटल (First space shuttle to be sent in space)
- कोलंबिया (Colombia)
⇰ सबसे अधिक उम्र का अंतरिक्ष यात्री (Oldest astronaut)
- कार्ल जी हैनिजे (Carl Ji Henje)
⇰ सबसे कम उम्र का अंतरिक्ष यात्री (Youngest astronaut)
- गेरेमान तितोब (Geremane Teatoa)
⇰ अंतरिक्ष में जाने वाली प्रथम टीचर (First teacher to go to space)
- शेरिन क्रिस्टा मेकोलिफ - अमरिका (Sherin Krista Maxolif - America)
⇰ अंतरिक्ष में जाने वाली पहली अमेरिकी महिला (First American woman to go into space)
- सैली राइड (Sally Ride)
⇰ अंतरिक्ष में विचरण करने वाली पहली महिला (The first woman to travel in space)
- श्वेतलाना सेवित्स्काया (Shvetlana Sevitskaya)
⇰ प्रथम भारतीय महिला अंतरिक्ष यात्री (First Indian woman astronaut)
- कल्पना चावला (Kalpana Chawla)
⇰ सबसे अधिक दिनों तक अंतरिक्ष मे रहने वाला यात्री (Space traveler)
- वलेरी पोल्याकोव (Valerie Polekov)
⇰ दो बार अंतरिक्ष मे जाने वाला पहला यात्री (The first passenger to travel the space twice)
- कर्नल ब्लादीमीर कोमारोव (Col. Vladimir Komarov)
⇰ अंतरिक्ष यान से बाहर निकलने वाला पहला व्यक्ति (First person to fly out of spacecraft)
- एलैक्सी लियोनोवमेकोलिफ - अमरिका (Elixie Leon Vemicolife - America)
पं. दीन दयाल उपाध्याय विज्ञान ग्राम संकुल परियोजना
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग देश में ग्रामीण क्षेत्रों के उन्नयन और आर्थिक विकास के लिए अनेक पहलों पर अमल कर रहा है। कई उपयुक्त प्रौद्योगिकियां विकसित एवं प्रदर्शित की गई हैं और देश में अनेक संस्थानों पर प्रभावकारी ढंग से उपयोग में लाई गई हैं। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, पृथ्वी विज्ञान और पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने आज ‘पंडित दीनदयाल उपाध्याय विज्ञान ग्राम संकुल परियोजना’ का शुभारंभ किया, जिसके तहत उत्तराखंड में क्लस्टर अवधारणा के जरिये सतत विकास के लिए उपयुक्त विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संबंधी कदमों पर अमल करने का प्रयास किया जाएगा। मंत्री महोदय ने एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि यह परियोजना पंडित दीनदयाल उपाध्याय की सीख एवं आदर्शों से प्रेरित है, जिनकी जन्म शताब्दी इस साल मनाई जा रही है।
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) ने उत्तराखंड में गांवों के कुछ क्लस्टरों को अपनाने और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के साधनों के जरिये समयबद्ध ढंग से उन्हें स्वयं-टिकाऊ क्लस्टरों में तब्दील करने की परिकल्पना की है। इस अवधारणा के तहत मुख्य बात यह है कि स्थानीय संसाधनों के साथ-साथ स्थानीय तौर पर उपलब्ध कौशल का उपयोग किया जाएगा और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करते हुए इन क्लस्टरों को कुछ इस तरह से परिवर्तित किया जाएगा, जिससे कि वहां की स्थानीय उपज और सेवाओं में व्यापक मूल्यवर्धन संभव हो सके। इससे ग्रामीण आबादी को स्थानीय तौर पर ही पर्याप्त कमाई करने में मदद मिलेगी। इसके अलावा, स्थानीय समुदायों को रोजगारों एवं आजीविका की तलाश में अपने मूल निवास स्थानों को छोड़कर कहीं और जाकर बस जाने के लिए विवश नहीं होना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि जब यह अवधारणा कुछ चुनिंदा क्लस्टरों में सही साबित हो जाएगी, तो इसकी पुनरावृत्ति देशभर में अनगिनत ग्रामीण क्लस्टरों में की जा सकती है।
- यह परियोजना उत्तराखंड के गांवों को आत्मनिर्भर बनाने तथा रोजगार की तलाश में हो रहे पलायन को रोकने में मदद करेगी।
- यह परियोजना उत्तराखंड के चार क्लस्टरों गैंडीखाता, बजीरा, भिगुन, कौसानी के 60 गांवों में कार्यान्वित की जाएगी।
- इस परियोजना के कार्यान्वयन की जिम्मेदारी ‘उत्तराखंड स्टेट काउंसिल ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी’ की है।
- इस परियोजना के माध्यम से स्थानीय उत्पाद जैसे-दूध, शहद, मशरूम, हर्बल चाय, वनोत्पाद आदि का प्रसंस्करण करके मूल्य वृद्धि की योजना है।
- परियोजना को पूर्णतया लागू करने के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा तीन वर्ष का समय दिया जाएगा।
- परियोजना के लिए केंद्र सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा 6.3 करोड़ रुपये की सहायता दी जाएगी।
- परियोजना के पायलट चरण का उत्तराखंड में प्रयोग सफल होने पर इसे अन्य पहाड़ी राज्यों में भी लागू करने की योजना है।
Friday, 27 October 2017
“उपेक्षित उष्णकटिबंधीय बीमारियाँ” (Neglected tropical Diseases) कौन सी हैं? जापानी इंसेफलाइटिस की भारत में स्थिति, कारण तथा इसके नियंत्रण के उपाय सुझाएँ।
WHO के अनुसार उपेक्षित उष्णकटिबंधीय बीमारियाँ (NTD), वे बीमारियाँ होती हैं, जो उष्ण व उपोष्ण कटिबंध में स्थित ग्रामीण क्षेत्रों तथा शहरी क्षेत्रों की मलिन बस्तियों में निवास करने वाले गरीब लोगों को प्रभावित करती हैं। जापानी इंसेफलाइटिस, डेंगु बुखार, कुष्ठ रोग, क्लेमाइडिया, बुरुलाई अल्सर, चैगास बीमारी आदि NTD के उदाहरण हैं। राष्ट्रीय व क्षेत्रीय स्तर पर इन बीमारियों का प्रभाव इतना भयंकर होता है कि इन्हें गरीबी के चिरस्थायीकरण के लिये उत्तरदायी माना जाता है।
भारत में जापानी इंसेफलाइटिस-
- जापानी मस्तिष्क ज्वर (इंसेफलाइटिस) एक प्राणघातक संक्रामक बीमारी है, जो फ्लैविवायरस के संक्रमण से होती है। सूअर तथा जंगली पक्षी मस्तिष्क ज्वर के विषाणु के स्रोत होते हैं। क्यूलेक्स मच्छर इस बीमारी का वाहक होता है।
- जापानी इंसेफलाइटिस से प्रभावित क्षेत्रों में भारत के उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखण्ड, ओडिसा, पश्चिम-बंगाल, असम, मेघालय, मणिपुर, त्रिपुरा तथा आंध्र प्रदेश राज्य आते हैं। वर्तमान में पूर्वी उत्तर प्रदेश में यह बीमारी एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या बनी हुई है।
- पूर्वी उत्तर प्रदेश के गोरखपुर तथा कुशीनगर जिले इस बीमारी से सर्वाधिक प्रभावित क्षेत्र हैं। इस बीमारी का प्रकोप जुलाई से नवम्बर माह के अंत तक जारी रहता है। वयस्कों की तुलना में बच्चे इस बीमारी के ज्यादा शिकार होते हैं।
- इस बीमारी के वाहक क्यूलेक्स मच्छर आमतौर पर स्थिर जलाशयों, जैसे- पोखर, तालाब, धान के खेतों में प्रजनन करते हैं।
- हरित क्रांति के फलस्वरूप सिंचाई-सुविधाओं के विस्तार, धान की फसल के क्षेत्रफल में वृद्धि तथा सिंचाई जल के कुप्रबंधन के कारण होने वाले जल-जमाव और जलवायु परिवर्तन के कारण बढ़ती उष्णता इस बीमारी के पूर्वी उत्तर प्रदेश में प्रकोप के कारण हैं।
- इन इलाकों की मानव बस्तियों में होने वाले सूअर-पालन की भी इस बीमारी के विकास और संचार में भूमिका होती है। इन क्षेत्रों में झीलों व दलदली भूमि की बाहुल्यता इसके विषाणुओं से ग्रस्त प्रवासी पक्षियों के आश्रय स्थलों का काम करती हैं।
जापानी इंसेफलाइटिस पर नियंत्रण हेतु सुझाव-
- इस बीमारी के प्रकोप वाले क्षेत्रों में शत-प्रतिशत टीकाकरण सुनिश्चित किया जाए।
- मच्छरों के लार्वा का भक्षण करने वाली इटली से आयातित “गैम्बूसिया एफिनिस” प्रजाति की मछली को झीलों, तालाबों, नहरों, धान के खेतों में वृहद् पैमाने पर छोड़ना चाहिये।
- “पिस्टिया लैंसीओलेटा व साल्विनिया मोलेस्टा” नामक जलीय पौधों की प्रजातियाँ, जो क्यूलेक्स मच्छरों के प्रजनन में सहायक होती हैं, को वर्षा ऋतु के दौरान जलाशयों से निकालकर नष्ट कर देना चाहिये।
- सूअर पालन मानव बस्तियों से दूर किया जाए तथा इन बस्तियों में स्वच्छता का विशेष ध्यान रखा जाए।
- मानव बस्तियों के आसपास जल-जमाव को हर हाल में रोका जाना चाहिये। खेतों में सिंचाई के दौरान जल प्रबंधन व नहरों की गाद की सफाई से जल-जमाव की स्थिति को रोका जा सकता है।
बैंकिंग सामान्य ज्ञान बैंक क्लर्क, पीओ हेतु (Part-1)
- एशियाई विकास बैंक का मुख्यालय कहाँ स्थित है → मनीला (फिलीपींस)
- भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) की स्थापना कब की गई थी → 1988 में
- भारतीय निर्यात-आयात बैंक (एक्जिम बैंक) की स्थापना कब की गई → 1 जनवरी, 1982
- आर्थिक नियोजन किस सूची का विषय है? → समवर्ती सूची का
- प्लास्टिक मनी क्या है? → क्रेडिट कार्ड
- राष्ट्रीय ग्रामीण विकास संस्थान कहां है → हैदराबाद में
- भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर कौन हैं? → रघुराम राजन
- भारत का सबसे पहला बैंक कौन-सा था? → बैंक ऑफ हिंदुस्तान
- योजना में कोर सेक्टर का क्या तात्पर्य है? → चयनित आधारभूत उद्योग
- बंद अर्थव्यवस्था का क्या अर्थ है? → आयात-निर्यात की अनुपस्थिति
- किस राज्य सरकार ने पहली पीढ़ी के उद्यमियों के लिए एंजेल फंड की शुरुआत की है? → असम
- अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष का मुख्यालय कहां है? → वाशिंगटन
- भारत में विदेशी मुद्रा पर किसका नियंत्रण है → रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया
- भारत की राष्ट्रीय आय की गणना की जाती है → केंद्रीय सांख्यिकीय संगठन द्वारा
- विश्व बैंक का मुख्यालय कहाँ स्थित है → वाशिंगटन डी. सी.
- भारत सरकार ने पहली बार बैंकों का (14 बैंकों का) राष्ट्रीयकरण कब किया था? → 19 जुलाई, 1969 को
- पूर्ण रूप से प्रथम भारतीय बैंक कौन-सा था? → पंजाब नेशनल बैंक
- एशियाई विकास बैंक का मुख्यालय कहां स्थित है → मनीला
- स्टैगफ्लेशन क्या है? → मंदी के साथ मुद्रास्फीति
- केंद्रीय राजस्व बोर्ड का विभाजन करके केंद्रीय उत्पाद शुल्क, सीमा शुल्क बोर्ड एवं केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड का गठन किस वर्ष किया गया था → 1963 ई. में
- विश्व बैंक की उदार ऋण प्रदान करने वाली खिड़की किसे कहा जाता है? → अंतरराष्ट्रीय विकास संघ (IDA) को
- भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा परिकल्पित किये गये ‘ऑन टैप लाइसेंसिंग’ का क्या उद्देश्य है? → किसी भी समय पूर्ण सेवा बैंकों को खोलने के लिए केंद्रीय बैंक में आवेदन करने की सुविधा प्रदान करना
- जिस बाजार में स्टॉक जैसी दीर्घावधि प्रतिभूतियां खरीदी और बेची जाती हैं, उसे सामान्यतः कहते हैं → पूंजी बाजार
- भारत में 50 रुपए के करेंसी नोट पर हस्ताक्षर होते हैं → गवर्नर, आरबीआई
- मुख्यतः आवास ऋण का संबंध जिस बैंक से है वह है → HDFC
- बैंकों द्वारा किसानों को फसल ऋण देने के लिए शुरू की गई सुविधा → किसान क्रेडिट कार्ड
- बैंकों में ग्राहक सेवा सुधारने के लिए सुझाव देने के लिए जो समिति गठित की गई थी → गोइपोरिया समिति
- कमजोर बैंकों की पुनर्संरचना हेतु सिफारिश देने के लिए गठित की गई समिति → वर्मा समिति
- RTGS लेन-देन के लिए निर्धारित न्यूनतम और अधिकतम सीमा (रुपयों में) → न्यूनतम सीमा 2 लाख रुपये और अधिकतम सीमा कोई नहीं है।
- लाला लाजपत राय के प्रयासों से शुरू किया गया बैंक → पंजाब नेशनल बैंक
- ‘पिगमी डिपॉजिट स्कीम’ किस बैंक की प्रचलित योजना है? → सिंडिकेट बैंक
- भारत का पहला व्यावसायिक बैंक जिसका स्वामित्व व प्रबंधन पूर्णतः भारतीयों के पास था? → सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया
- भारत का सबसे अधिक शाखाओं वाला बैंक → भारतीय स्टेट बैंक
- पहला भारतीय बैंक, जिसका प्रारंभ पूर्णतया भारतीय पूंजी से हुआ था → पंजाब नेशनल बैंक
- भारत में कार्यरत निजी क्षेत्र का सबसे बड़ा बैंक → आईसीआईसीआई बैंक
- जिस ऋण उत्पाद के लिए बैंकों द्वार टीजर ऋण दिए जाते हैं, वह है → आवास ऋण
- बैंकिंग शब्दावली आई एम पी एस (IMPS) का पूर्ण विस्तार है → इंटरबैंक मोबाइल पेमेंट सर्विस
- भारतीय स्टेट बैंक का पुराना नाम है → इंपीरियल बैंक ऑफ इंडिया
- भारतीय रुपए को नई पहचान प्राप्त हुई → 15 जुलाई, 2010 में
- भारतीय रिजर्व बैंक जिस बैंक के माध्यम से भारत के विदेश व्यापार का वित्त पोषण करने के लिए मदद करता है → एक्जिम बैंक
- निवेश के संदर्भ में A, AA+ और AAA से तात्पर्य है → क्रेडिट रेटिंग
- ‘CORE’ बैंकिंग सर्विसेज में CORE का पूरा नाम है → Centralized Online Real Time Exchange
- विश्व बैंक की ‘उदार ऋण प्रदान करने वाली खिड़की’ कहा जाता है → अंतरराष्ट्रीय विकास संघ (IDA)
- बैंकिंग क्षेत्र जिस क्षेत्र के अंतर्गत आता है, वह है → सेवा क्षेत्र
- भारत का प्रथम आई.एस.ओ. प्रमाण पत्र वाला बैंक है → केनरा बैंक
- प्रथम बैंक जिसने 1946 में भारत से बाहर लंदन में अपनी शाखा खोली → बैंक ऑफ इंडिया
- वर्तमान समय में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की अध्यक्ष → अरूंधती भट्टाचार्या
- अल्पकालिक अवधि के लिए रिजर्व बैंक द्वारा कॉमर्शियल बैंकों से जिस ब्याज दर पर नकदी प्राप्त की जाती है उसे कहते हैं → रिवर्स रेपो रेट
- बैंकों के चेकों के संसाधन के लिए प्रयोग किया जाता है → MICR का
- जिस विदेशी मुद्रा में शीघ्र देशान्तरण की प्रवृत्ति होती है, उसे कहते हैं → गरम मुद्रा (Hot currency)
- राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (NABARD) की स्थापना किस पंचवर्षीय योजना की अवधि में की गई थी? → छठवीं
- विश्व बैंक का मुख्यालय स्थित है → वाशिंगटन
- अल्पकालिक सरकारी प्रतिभूति-पत्र को कहा जाता है → ट्रेजरी बिल
- किस बैंक ने सर्वप्रथम चीन में अपनी शाखा खोली? → एसबीआई
- भारत में FERA का स्थान ले लिया है → FEMA ने
- एशियन डेवलपमेंट बैंक का मुख्यालय स्थित है → मनीला में
- किस बैंक का विलय भारतीय स्टेट बैंक में सर्वप्रथम किया गया? → स्टेट बैंक ऑफ सौराष्ट्र
- SEZ का पूरा नाम है → स्पेशल इकॉनोमिक जोन
- SIDBI शब्द संक्षेप का अर्थ है → स्मॉल इंडस्ट्रीज डेवलपमेंट बैंक ऑफ इंडिया
- यू टी आई बैंक ने जिस नये ब्रांड का नाम चुना है, वह है → ऐक्सिस बैंक
"राज्य सभा"
काउंसिल ऑफ स्टेट्स, जिसे राज्य सभा भी कहा जाता है, एक ऐसा नाम है जिसकी घोषणा सभापीठ द्वारा सभा में 23 अगस्त, 1954 को की गई थी। इसकी अपनी खास विशेषताएं हैं। भारत में द्वितीय सदन का प्रारम्भ 1918 के मोन्टेग-चेम्सफोर्ड प्रतिवेदन से हुआ। भारत सरकार अधिनियम, 1919 में तत्कालीन विधानमंडल के द्वितीय सदन के तौर पर काउंसिल ऑफ स्टेट्स का सृजन करने का उपबंध किया गया जिसका विशेषाधिकार सीमित था और जो वस्तुत: 1921 में अस्तित्व में आया। गवर्नर-जनरल तत्कालीन काउंसिल ऑफ स्टेट्स का पदेन अध्यक्ष होता था। भारत सरकार अधिनियम, 1935 के माध्यम से इसके गठन में शायद ही कोई परिवर्तन किए गए। संविधान सभा, जिसकी पहली बैठक 9 दिसम्बर 1946 को हुई थी, ने भी 1950 तक केन्द्रीय विधानमंडल के रूप में कार्य किया, फिर इसे 'अनंतिम संसद' के रूप में परिवर्तित कर दिया गया। इस अवधि के दौरान, केन्द्रीय विधानमंडल जिसे 'संविधान सभा' (विधायी) और आगे चलकर 'अनंतिम संसद' कहा गया, 1952 में पहले चुनाव कराए जाने तक, एक-सदनी रहा।
स्वतंत्र भारत में द्वितीय सदन की उपयोगिता अथवा अनुपयोगिता के संबंध में संविधान सभा में विस्तृत बहस हुई और अन्तत: स्वतंत्र भारत के लिए एक द्विसदनी विधानमंडल बनाने का निर्णय मुख्य रूप से इसलिए किया गया क्योंकि परिसंघीय प्रणाली को अपार विविधताओं वाले इतने विशाल देश के लिए सर्वाधिक सहज स्वरूप की सरकार माना गया। वस्तुत:, एक प्रत्यक्ष रूप से निर्वाचित एकल सभा को स्वतंत्र भारत के समक्ष आने वाली चुनौतियों का सामना करने के लिए अपर्याप्त समझा गया। अत:, 'काउंसिल ऑफ स्टेट्स' के रूप में ज्ञात एक ऐसे द्वितीय सदन का सृजन किया गया जिसकी संरचना और निर्वाचन पद्धति प्रत्यक्षत: निर्वाचित लोक सभा से पूर्णत: भिन्न थी। इसे एक ऐसा अन्य सदन समझा गया, जिसकी सदस्य संख्या लोक सभा (हाउस ऑफ पीपुल) से कम है। इसका आशय परिसंघीय सदन अर्थात् एक ऐसी सभा से था जिसका निर्वाचन राज्यों और दो संघ राज्य क्षेत्रों की सभाओं के निर्वाचित सदस्यों द्वारा किया गया, जिनमें राज्यों को समान प्रतिनिधित्व नहीं दिया गया। निर्वाचित सदस्यों के अलावा, राष्ट्रपति द्वारा सभा के लिए बारह सदस्यों के नामनिर्देशन का भी उपबंध किया गया। इसकी सदस्यता हेतु न्यूनतम आयु तीस वर्ष नियत की गई जबकि निचले सदन के लिए यह पच्चीस वर्ष है। काउंसिल ऑफ स्टेट्स की सभा में गरिमा और प्रतिष्ठा के अवयव संयोजित किए गए। ऐसा भारत के उपराष्ट्रपति को राज्य सभा का पदेन सभापति बनाकर किया गया, जो इसकी बैठकों का सभापतित्व करते हैं।
राज्य सभा से संबंधित संवैधानिक उपबंध संरचना/संख्या
संविधान के अनुच्छेद 80 में राज्य सभा के सदस्यों की अधिकतम संख्या 250 निर्धारित की गई है, जिनमें से 12 सदस्य राष्ट्रपति द्वारा नामनिर्देशित किए जाते हैं और 238 सदस्य राज्यों के और संघ राज्य क्षेत्रों के प्रतिनिधि होते हैं। तथापि, राज्य सभा के सदस्यों की वर्तमान संख्या 245 है, जिनमें से 233 सदस्य राज्यों और संघ राज्यक्षेत्र दिल्ली तथा पुडुचेरी के प्रतिनिधि हैं और 12 राष्ट्रपति द्वारा नामनिर्देशित हैं। राष्ट्रपति द्वारा नामनिर्देशित किए जाने वाले सदस्य ऐसे व्यक्ति होंगे जिन्हें साहित्य, विज्ञान, कला और समाज सेवा जैसे विषयों के संबंध में विशेष ज्ञान या व्यावहारिक अनुभव है।
स्थानों का आवंटन
संविधान की चौथी अनुसूची में राज्य सभा में राज्यों और संघ राज्य क्षेत्रों को स्थानों के आवंटन का उपबंध है। स्थानों का आवंटन प्रत्येक राज्य की जनसंख्या के आधार पर किया जाता है। राज्यों के पुनर्गठन तथा नए राज्यों के गठन के परिणामस्वरूप, राज्यों और संघ राज्य क्षेत्रों को आवंटित राज्य सभा में निर्वाचित स्थानों की संख्या वर्ष 1952 से लेकर अब तक समय-समय पर बदलती रही है।
पात्रता अर्हताएं
संविधान के अनुच्छेद 84 में संसद की सदस्यता के लिए अर्हताएं निर्धारित की गई हैं। राज्य सभा की सदस्यता के लिए अर्ह होने के लिए किसी व्यक्ति के पास निम्नलिखित अर्हताएं होनी चाहिए:
(क) उसे भारत का नागरिक होना चाहिए और निर्वाचन आयोग द्वारा इस निमित्त प्राधिकृत किसी व्यक्ति के समक्ष तीसरी अनुसूची में इस प्रयोजन के लिए दिए गए प्ररूप के अनुसार शपथ लेना चाहिए या प्रतिज्ञान करना चाहिए और उस पर अपने हस्ताक्षर करने चाहिए;
(ख) उसे कम से कम तीस वर्ष की आयु का होना चाहिए;
(ग) उसके पास ऐसी अन्य अर्हताएं होनी चाहिए जो संसद द्वारा बनाई गई किसी विधि द्वारा या उसके अधीन इस निमित्त विहित की जाएं।
निरर्हताएं
संविधान के अनुच्छेद 102 में यह निर्धारित किया गया है कि कोई व्यक्ति संसद के किसी सदन का सदस्य चुने जाने के लिए और सदस्य होने के लिए निरर्हित होगा-
(क) यदि वह भारत सरकार के या किसी राजय की सरकार के अधीन, ऐसे पद को छोड़कर, जिसको धारण करने वाले का निरर्हित न होना संसद ने विधि द्वारा घोषित किया है, कोई लाभ का पद धारण करता है;
(ख) यदि वह विकृतचित है और सक्षम न्यायालय की ऐसी घोषणा विद्यमान है;
(ग) यदि वह अनुन्मोचित दिवालिया है;
(घ) यदि वह भारत का नागरिक नहीं है या उसने किसी विदेशी राज्य की नागरिकता स्वेच्छा से अर्जित कर ली हे या वह किसी विदेशी राज्य के प्रति निष्ठा या अनुषक्ति को अभिस्वीकार किए हुए है;
(ड.) यदि वह संसद द्वारा बनाई गई किसी विधि द्वारा या उसके अधीन इस प्रकार निरर्हित कर दिया जाता है।
स्पष्टीकरण-
इस खंड के प्रयोजनों के लिए, कोई व्यक्ति केवल इस कारण भारत सरकार के या किसी राज्य की सरकार के अधीन लाभ का पद धारण करने वाला नहीं समझा जाएगा कि वह संघ का या ऐसे राज्य का मंत्री है।
इसके अतिरिक्त, संविधान की दसवीं अनुसूची में दल-परिवर्तन के आधार पर सदस्यों की निरर्हता के बारे में उपबंध किया गया है। दसवीं अनुसूची के उपबंधों के अनुसार, कोई सदस्य एक सदस्य के रूप में उस दशा में निरर्हित होगा, यदि वह स्वेच्छा से अपने राजनीतिक दल की सदस्यता छोड़ देता है; या वह ऐसे राजनीतिक दल द्वारा, जिसका वह सदस्य है, दिए गए किसी निदेश के विरुद्ध सदन में मतदान करता है या मतदान करने से विरत रहता है और ऐसे मतदान या मतदान करने से विरत रहने को उस राजनीतिक दल द्वारा पन्द्रह दिन के भीतर माफ नहीं किया गया है। निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में निर्वाचित सदस्य निरर्हित होगा यदि वह अपने निर्वाचन के पश्चात् किसी राजनीतिक दल में सम्मिलित हो जाता है।
तथापि, राष्ट्रपति द्वारा सदन के किसी नामनिर्देशित सदस्य को किसी राजनीतिक दल में सम्मिलित होने की अनुमति होगी यदि वह सदन में अपना स्थान ग्रहण करने के पहले छह मास के भीतर ऐसा करता/करती है।
किसी सदस्य को इस आधार पर निरर्हित नहीं किया जाएगा यदि वह राज्य सभा का उप-सभापति निर्वाचित होने के पश्चात् अपने राजनीतिक दल की सदस्यता स्वेच्छा से छोड़ देता/देती है।
निर्वाचन/नामनिर्देशन की प्रक्रिया निर्वाचक मंडल
राज्य सभा में राज्यों और संघ राज्य क्षेत्रों के प्रतिनिधियों का निर्वाचन अप्रत्यक्ष निर्वाचन पद्धति द्वारा किया जाता है। प्रत्येक राज्य तथा दो संघ राज्य क्षेत्रों के प्रतिनिधियों का निर्वाचन उस राज्य की विधान सभा के निर्वाचित सदस्यों तथा उस संघ राज्य क्षेत्र के निर्वाचक मंडल के सदस्यों, जैसा भी मामला हो, द्वारा एकल संक्रमणीय मत द्वारा आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली के अनुसार किया जाता है। दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के निर्वाचक मंडल में दिल्ली विधान सभा के निर्वाचित सदस्य और पुडुचेरी संघ राज्य क्षेत्र के निर्वाचक मंडल में पुडुचेरी विधान सभा के निर्वाचित सदस्य शामिल हैं।
द्वि-वार्षिक/उप-चुनाव
राज्य सभा एक स्थायी सदन है और यह भंग नहीं होता। तथापि, प्रत्येक दो वर्ष बाद राज्य सभा के एक-तिहाई सदस्य सेवा-निवृत्त हो जाते हैं। पूर्णकालिक अवधि के लिए निर्वाचित सदस्य छह वर्षों की अवधि के लिए कार्य करता है। किसी सदस्य के कार्यकाल की समाप्ति पर सेवानिवृत्ति को छोड़कर अन्यथा उत्पन्न हुई रिक्ति को भरने के लिए कराया गया निर्वाचन 'उप-चुनाव' कहलाता है।
उप-चुनाव में निर्वाचित कोई सदस्य उस सदस्य की शेष कार्यावधि तक सदस्य बना रह सकता है जिसने त्यागपत्र दे दिया था या जिसकी मृत्यु हो गई थी या जो दसवीं अनुसूची के अधीन सभा का सदस्य होने के लिए निरर्हित हो गया था।
पीठासीन अधिकारीगण-सभापति और उपसभापति
राज्य सभा के पीठासीन अधिकारियों की यह जिम्मेदारी होती है कि वे सभा की कार्यवाही का संचालन करें। भारत के उपराष्ट्रपति राज्य सभा के पदेन सभापति हैं। राज्य सभा अपने सदस्यों में से एक उपसभापति का भी चयन करती है। राज्य सभा में उपसभाध्यक्षों का एक पैनल भी होता है, जिसके सदस्यों का नामनिर्देशन सभापति, राज्य सभा द्वारा किया जाता है। सभापति और उपसभापति की अनुपस्थिति में, उपसभाध्यक्षों के पैनल से एक सदस्य सभा की कार्यवाही का सभापतित्व करता है।
महासचिव
महासचिव की नियुक्ति राज्य सभा के सभापति द्वारा की जाती है और उनका रैंक संघ के सर्वोच्च सिविल सेवक के समतुल्य होता है। महासचिव गुमनाम रह कर कार्य करते हैं और संसदीय मामलों पर सलाह देने के लिए तत्परता से पीठासीन अधिकारियों को उपलब्ध रहते हैं। महासचिव राज्य सभा सचिवालय के प्रशासनिक प्रमुख और सभा के अभिलेखों के संरक्षक भी हैं। वह राज्य सभा के सभापति के निदेश व नियंत्रणाधीन कार्य करते हैं।
दोनों सभाओं के बीच संबंध
संविधान के अनुच्छेद 75 (3) के अधीन, मंत्री परिषद् सामूहिक रूप से लोक सभा के प्रति जिम्मेदार होती है जिसका आशय यह है कि राज्य सभा सरकार को बना या गिरा नहीं सकती है। तथापि, यह सरकार पर नियंत्रण रख सकती है और यह कार्य विशेष रूप से उस समय बहुत महत्त्वपूर्ण हो जाता है जब सरकार को राज्य सभा में बहुमत प्राप्त नहीं होता है।
किसी सामान्य विधान की दशा में, दोनों सभाओं के बीच गतिरोध दूर करने के लिए, संविधान में दोनों सभाओं की संयुक्त बैठक बुलाने का उपबंध है। वस्तुत:, अतीत में ऐसे तीन अवसर आए हैं जब संसद की सभाओं की उनके बीच मतभेदों को सुलझाने के लिए संयुक्त बैठक हुई थी। संयुक्त बैठक में उठाये जाने वाले मुद्दों का निर्णय दोनों सभाओं में उपस्थित और मत देने वाले सदस्यों की कुल संख्या के बहुमत से किया जाता है। संयुक्त बैठक संसद भवन के केन्द्रीय कक्ष में आयोजित की जाती है जिसकी अध्यक्षता लोकसभाध्यक्ष द्वारा की जाती है। तथापि, धन विधेयक की दशा में, संविधान में दोनों सभाओं की संयुक्त बैठक बुलाने का कोई उपबंध नहीं है, क्योंकि लोक सभा को वित्तीय मामलों में राज्य सभा की तुलना में प्रमुखता हासिल है। संविधान संशोधन विधेयक के संबंध में, संविधान में यह उपबंध किया गया है कि ऐसे विधेयक को दोनों सभाओं द्वारा, संविधान के अनुच्छेद 368 के अधीन विहित रूप में, विशिष्ट बहुमत से पारित किया जाना होता है। अत:, संविधान संशोधन विधेयक के संबंध में दोनों सभाओं के बीच गतिरोध को दूर करने का कोई उपबंध नहीं है।
मंत्री संसद की किसी भी सभा से हो सकते हैं। इस संबंध में संविधान सभाओं के बीच कोई भेद नहीं करता है। प्रत्येक मंत्री को किसी भी सभा में बोलने और उसकी कार्यवाही में भाग लेने का अधिकार होता है, लेकिन वह उसी सभा में मत देने का हकदार होता है जिसका वह सदस्य होता है।
इसी प्रकार, संसद की सभाओं, उनके सदस्यों और उनकी समितियों की शक्तियों, विशेषाधिकारों और उन्मुक्तियों के संबंध में, दोनों सभाओं को संविधान द्वारा बिल्कुल समान धरातल पर रखा गया है।
जिन अन्य महत्त्वपूर्ण विषयों के संबंध में दोनों सभाओं को समान शक्तियां प्राप्त हैं वे इस प्रकार हैं:- राष्ट्रपति का निर्वाचन तथा महाभियोग, उपराष्ट्रपति का निर्वाचन, आपातकाल की उद्घोषणा का अनुमोदन, राज्यों में संवैधानिक तंत्र की विफलता से संबंधित उद्घोषणा और वित्तीय आपातकाल। विभिन्न संवैधानिक प्राधिकरणों आदि से प्रतिवेदन तथा पत्र प्राप्त करने के संबंध में, दोनों सभाओं को समान शक्तियां प्राप्त हैं।
इस प्रकार, यह स्पष्ट है कि मंत्री-परिषद् की सामूहिक जिम्मेदारी के मामले और कुछ ऐसे वित्तीय मामले, जो सिर्फ लोक सभा के क्षेत्राधिकार में आते हैं, के सिवाए दोनों सभाओं को समान शक्तियां प्राप्त हैं।
राज्य सभा की विशेष शक्तिया
एक परिसंघीय सदन होने के नाते राज्य सभा को संविधान के अधीन कुछ विशेष शक्तियां प्राप्त हैं। विधान से संबंधित सभी विषयों/क्षेत्रों को तीन सूचियों में विभाजित किया गया है-संघ सूची, राज्य सूची और समवर्ती सूची। संघ और राज्य सूचियां परस्पर अपवर्जित हैं-कोई भी दूसरे के क्षेत्र में रखे गए विषय पर कानून नहीं बना सकता।तथापि, यदि राज्य सभा उपस्थित और मत देने वाले सदस्यों में से कम से कम दो-तिहाई सदस्यों के बहुमत द्वारा यह कहते हुए एक संकल्प पारित करती है कि यह "राष्ट्रीय हित में आवश्यक या समीचीन" है कि संसद, राज्य सूची में प्रमाणित किसी विषय पर विधि बनाए, तो संसद भारत के संपूर्ण राज्य-क्षेत्र या उसके किसी भाग के लिए उस संकल्प में विनिर्दिष्ट विषय पर विधि बनाने हेतु अधिकार-संपन्न हो जाती है। ऐसा संकल्प अधिकतम एक वर्ष की अवधि के लिए प्रवृत्त रहेगा परन्तु यह अवधि इसी प्रकार के संकल्प को पारित करके एक वर्ष के लिए पुन: बढ़ायी जा सकती है।
यदि राज्य सभा उपस्थित और मत देने वाले सदस्यों में से कम से कम दो-तिहाई सदस्यों के बहुमत द्वारा यह घोषित करते हुए एक संकल्प पारित करती है कि संघ और राज्यों के लिए सम्मिलित एक या अधिक अखिल भारतीय सेवाओं का सृजन किया जाना राष्ट्रीय हित में आवश्यक या समीचीन है, तो संसद विधि द्वारा ऐसी सेवाओं का सृजन करने के लिए अधिकार-संपन्न हो जाती है।
संविधान के अधीन, राष्ट्रपति को राष्ट्रीय आपात की स्थिति में, किसी राज्य में संवैधानिक तंत्र के विफल हो जाने की स्थिति में अथवा वित्तीय आपात की स्थिति में उद्घोषणा जारी करने का अधिकार है। ऐसी प्रत्येक उद्घोषणा को संसद की दोनों सभाओं द्वारा नियत अवधि के भीतर अनुमोदित किया जाना अनिवार्य है। तथापि, कतिपय परिस्थितियों में राज्य सभा के पास इस संबंध में विशेष शक्तियाँ हैं। यदि कोई उद्घोषणा उस समय की जाती है जब लोक सभा का विघटन हो गया है अथवा लोक सभा का विघटन इसके अनुमोदन के लिए अनुज्ञात अवधि के भीतर हो जाता है और यदि इसे अनुमोदित करने वाला संकल्प राज्य सभा द्वारा अनुच्छेद 352, 356 और 360 के अधीन संविधान में विनिर्दिष्ट अवधि के भीतर पारित कर दिया जाता है, तब वह उद्घोषणा प्रभावी रहेगी।
वित्तीय मामलों में राज्य सभा
धन विधेयक केवल लोक सभा में पुर:स्थापित किया जा सकता है। इसके उस सभा द्वारा पारित किए जाने के उपरान्त इसे राज्य सभा को उसकी सहमति अथवा सिफारिश के लिए पारेषित किया जाता है। ऐसे विधेयक के संबंध में राज्य सभा की शक्ति सीमित है। राज्य सभा को ऐसे विधेयक की प्राप्ति से चौदह दिन के भीतर उसे लोक सभा को लौटाना पड़ता है। यदि यह उस अवधि के भीतर लोक सभा को नहीं लौटाया जाता है तो विधेयक को उक्त अवधि की समाप्ति पर दोनों सदनों द्वारा उस रूप में पारित किया गया समझा जाएगा जिसमें इसे लोक सभा द्वारा पारित किया गया था। राज्य सभा धन विधेयक में संशोधन भी नहीं कर सकती; यह केवल संशोधनों की सिफारिश कर सकती है और लोक सभा, राज्य सभा की सभी या किन्हीं सिफारिशों को स्वीकार अथवा अस्वीकार कर सकेगी।
धन विधेयक के अलावा, वित्त विधेयकों की कतिपय अन्य श्रेणियों को भी राज्य सभा में पुर:स्थापित नहीं किया जा सकता। तथापि, कुछ अन्य प्रकार के वित्त विधेयक हैं जिनके संबंध में राज्य सभा की शक्तियों पर कोई निर्बंधन नहीं है। ये विधेयक किसी भी सभा में प्रस्तुत किए जा सकते हैं और राज्य सभा को ऐसे वित्त विधेयकों को किसी अन्य विधेयक की तरह ही अस्वीकृत या संशोधित करने का अधिकार है। वस्तुत: ऐसे विधेयक संसद की किसी भी सभा द्वारा तब तक पारित नहीं किए जा सकते, जब तक राष्ट्रपति ने उस पर विचार करने के लिए उस सभा से सिफारिश नहीं की हो।
तथापि, इन सारी बातों से यह निष्कर्ष नहीं निकलता कि राज्य सभा का वित्त संबंधी मामलों से कुछ भी लेना-देना नहीं है। भारत सरकार के बजट को प्रतिवर्ष राज्य सभा के समक्ष भी रखा जाता है और इसके सदस्यगण उस पर चर्चा करते हैं। यद्यपि राज्य सभा विभिन्न मंत्रालयों की अनुदान मांगों पर मतदान नहीं करती - यह मामला अनन्य रूप से लोक सभा के लिए सुरक्षित है फिर भी, भारत की संचित निधि से किसी धन की निकासी तब तक नहीं की जा सकती, जब तक दोनों सभाओं द्वारा विनियोग विधेयक को पारित नहीं कर दिया जाता। इसी प्रकार, वित्त विधेयक को भी राज्य सभा के समक्ष लाया जाता है। इसके अलावा, विभाग-संबंधित संसदीय स्थायी समितियां, जो मंत्रालयों/विभागों की वार्षिक अनुदान मांगों की जांच करती हैं, संयुक्त समितियां हैं जिनमें दस सदस्य राज्य सभा से होते हैं।
सभा के नेता
सभापति और उपसभापति के अलावा, सभा का नेता एक अन्य ऐसा अधिकारी है जो सभा के कुशल और सुचारू संचालन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। राज्य सभा में सभा का नेता सामान्यतया प्रधान मंत्री होता है, यदि वह इसका सदस्य है, अथवा कोई ऐसा मंत्री होता है, जो इस सभा का सदस्य है और जिसे उनके द्वारा इस रूप में कार्य करने के लिए नाम-निर्दिष्ट किया गया हो। उसका प्राथमिक उत्तरदायित्व सभा में सौहार्दपूर्ण और सार्थक वाद-विवाद के लिए सभा के सभी वर्गों के बीच समन्वय बनाए रखना है। इस प्रयोजनार्थ, वह न केवल सरकार के, बल्कि विपक्ष, मंत्रियों और पीठासीन अधिकारी के भी निकट संपर्क में रहता है। वह सभा-कक्ष (चैम्बर) में सभापीठ के दायीं ओर की पहली पंक्ति में पहली सीट पर बैठता है ताकि वह परामर्श हेतु पीठासीन अधिकारी को सहज उपलब्ध रहे। नियमों के तहत, सभापति द्वारा सभा में सरकारी कार्य की व्यवस्था, राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा हेतु दिनों के आवंटन अथवा समय के आवंटन, शुक्रवार के अलावा किसी अन्य दिन को गैर-सरकारी सदस्यों के कार्य, अनियत दिन वाले प्रस्तावों पर चर्चा, अल्पकालिक चर्चा और किसी धन विधेयक पर विचार एवं उसे वापस किये जाने के संबंध में सदन के नेता से परामर्श किया जाता है।
महान व्यक्तित्व, राष्ट्रीय नेता अथवा अन्तर्राष्ट्रीय प्रतिष्ठित व्यक्ति की मृत्यु होने की स्थिति में उस दिन के लिए सभा के स्थगन अथवा अन्यथा के मामले में सभापति उनसे भी परामर्श कर सकते हैं। गठबंधन सरकारों के युग में उनका कार्य और अधिक चुनौतीपूर्ण हो गया है। वह यह सुनिश्चित करते हैं कि सभा के समक्ष लाये गए किसी भी मामले पर सार्थक चर्चा के लिए सभा में हर संभव तथा उचित सुविधा प्रदान की जाए। वह सभा की राय व्यक्त करने और इसे समारोह अथवा औपचारिक अवसरों पर प्रस्तुत करने में सभा के वक्ता के रूप में कार्य करते हैं।
विपक्ष के नेता
विधायिका में विपक्ष के नेता के पद का अत्यधिक सार्वजनिक महत्व है। इसका महत्व संसदीय लोकतंत्र में विपक्ष को दी गई मुख्य भूमिका से उद्भूत होता है। विपक्ष के नेता का कार्य वस्तुत: अत्यधिक कठिन है क्योंकि उन्हें आलोचना करनी पड़ती है, गलती इंगित करनी पड़ती है और ऐसे वैकल्पिक प्रस्तावों/नीतियों को प्रस्तुत करना पड़ता है जिन्हें लागू करने का उन्हें कोई अधिकार नहीं है। इस प्रकार उन्हें संसद और देश के प्रति एक विशेष सामाजिक जिम्मेवारी निभानी होती है।
राज्य सभा में वर्ष 1969 तक वास्तविक अर्थ में विपक्ष का कोई नेता नहीं होता था। उस समय तक सर्वाधिक सदस्यों वाली विपक्षी पार्टी के नेता को बिना किसी औपचारिक मान्यता, दर्जा या विशेषाधिकार दिए विपक्षी नेता मानने की प्रथा थी। विपक्ष के नेता के पद को संसद में विपक्षी नेता वेतन और भत्ता अधिनियम, 1977 द्वारा अधिकारिक मान्यता प्रदान की गई। इस अधिनियम के द्वारा राज्य सभा में विपक्षी नेता, राज्य सभा का एक ऐसा सदस्य होता है जो कुछ समय के लिए राज्य सभा के सभापति द्वारा यथा मान्य सबसे अधिक सदस्यों वाले दल की सरकार के विपक्ष में होता है। इस प्रकार विपक्ष के नेता को तीन शर्तें पूरी करनी होती हैं, क्रमश:-: (i) उसे सभा का सदस्य होना चाहए (ii) सर्वाधिक सदस्यों वाले दल की सरकार के विपक्ष में राज्य सभा का नेता होना चाहिए और (iii) इस आशय से राज्य सभा के सभापति द्वारा उसे मान्यता प्राप्त होनी चाहिए।
हमारी लोकतांत्रिक व्यवस्था में राज्य सभा ने रचनात्मक और प्रभावी भूमिका निभाई है। विधायी क्षेत्र और सरकारी नीतियों को प्रभावित करने के मामले में इसका कार्य-निष्पादन काफी अहम रहा है। वस्तुत: राज्य सभा ने संवैधानिक व्यवस्था के मुताबिक लोक सभा के साथ सहयोग की भावना से कार्य किया है। राज्य सभा ने जल्दबाजी में कानून पारित नहीं किया है और संघीय सिद्धांत का प्रतिनिधित्व करते हुए एक आदर्श सभा की तरह कार्य किया है। संघीय सभा होने के नाते इसने देश की एकता और अखंडता को बनाए रखने का कार्य किया है और संसदीय लोकतंत्र में लोगों की आस्था बढ़ाई है।
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