Tuesday, 24 October 2017

विश्व की सबसे गहरी झील "बैकाल झील" प्यूट्रिड (दुर्गन्धित) शैवाल, प्रदूषण की वजह से संकट की स्थिति में पहुंची


विशेषज्ञों के अनुसार, बैकाल झील वर्तमान समय में इतिहास के अब तक के सबसे बड़े संकट से गुजर रही है, क्योंकि सरकार ने इस झील की सबसे प्रमुख मछलियों के शिकार को अब प्रतिबंधित कर दिया है। यह मछलियां इस झील में सदियों से सुरक्षित जीवन व्यतीत कर रही थीं लेकिन हाल के वर्षों में इन पर संकट के बादल छाए हैं। बैकाल झील दुनिया के बगैर जमे साफ पानी के पांचवें हिस्से को अपने में समाहित करके रखे हुए है। रूस के साइबेरिया में स्थित बैकाल झील "विकासवादी विज्ञान के लिए असाधारण मूल्य" रखने वाला एक प्राकृतिक आश्चर्य है जिसकी वजह से इसे यूनेस्को ने विश्व धरोहर स्थल के रूप में चिन्हित किया है। उच्च जैव विविधता वाली बैकाल झील में 3,600 पौधे और पशु प्रजातियां शामिल हैं, जिनमें से अधिकांश झील के लिए स्थानिक हैं। पिछले कई वर्षों में, यह झील जोकि एक प्रमुख अंतरराष्ट्रीय पर्यटन केंद्र के रूप में प्रसिद्द है, को हानिकारक घटनाओं की एक श्रृंखला ने पंगु बना दिया है, जिनमें से कुछ वैज्ञानिकों के लिए अभी तक एक रहस्य बनी हुयी हैं। इन घटनाओं में ओमुल मछली का गायब होना, प्यूट्रिड (दुर्गन्धित) शैवाल का तीव्र विकास और स्पंज (जलशोषक समुद्री पदार्थ) की स्थानिक प्रजातियों की मृत्यु कुछ प्रमुख घटनाएं हैं। अक्टूबर महीने के प्रारम्भ में, सरकार ने ओमुल मछली को पकड़ने पर कड़े प्रतिबन्ध लगा दिए। ओमुल, सल्मोन (salmon) परिवार की ही एक प्रजाति है जोकि सिर्फ बैकाल में पायी जाती है। 15 साल पहले की तुलना में अब ओमुल का बायोमास (जैव भार) आधे से अधिक कम हो गया है। पहले यह 25 मीट्रिक टन था जोकि अब सिर्फ 10 टन रह गया है। बैकाल झील बैकाल झील दुनिया की सब से प्राचीन और गहरी रिफ्ट झील है। हालाँकि कैस्पियन सागर विश्व की सबसे ज्यादा पानी वाली झील है, बैकाल का स्थान दूसरे नंबर पर आता है। क्योंकि कैस्पियन का पानी खारा है, इसलिए बैकाल दुनिया की सब से बड़ी मीठे पानी की झील है। अगर बर्फ़ में जमे हुए पानी और जमीन के अन्दर बंद हुए पानी को अलग छोड़ दिया जाए, तो दुनिया की सतह पर मौजूद 20% मीठा पानी इसी एक झील में समाया हुआ है। बयकाल झील रूस के साइबेरिया क्षेत्र के दक्षिण भाग में, रूस के दो राज्यों (इरकुत्स्क ओब्लास्त और बुर्यात गणतंत्र) की सीमा पर स्थित है।