Thursday 12 October 2017

रसायन विज्ञान ( सामान्य विज्ञान, भाग-17)


  • वायुमण्डल में उपस्थित नाइट्रोजन एवं आॅक्सीजन बिजली की चमक के दौरान "नाइट्रोजन आॅक्साइड (Nitrogen Oxide : NO2)" में परिवर्तित हो जाती है।
  • अस्पतालों में कृत्रिम साँस के लिये प्रयुक्त सिलेण्डरों में आॅक्सीजन एवं हीलियम का मिश्रण होता है।
  • यदि क्लोरोफार्म (Chloroform : CHCl3) को सूर्य के प्रकाश में वायुमण्डल में खुला छोड़ दिया जाए, तो वह विषैली गैस "फाॅस्जीन (Phosphine Gus : PH3)" में बदल जाती है।
  • पेट्रोलियम प्रायः प्राकृतिक गैस के नीचे पाया जाता है। कच्चे पेट्रोलियम को "प्रभाजी आसवन (Destructive Distillation)" के द्वारा शुद्ध किया जाता है। पेट्रोलियम परिशोधन (Petroleum Refining) का उपोत्पाद "पैराफिन (Paraffin : CnH2n+2)" होता है।
  • ठोस कार्बन डाइआॅक्साइड अर्थात् शुष्क बर्फ (Dry Ice : CO2) को गरम करने पर वह सीधे गैस में परिवर्तित हो जाती है।
  • क्रीम एक प्रकार का दूध होता है, जिसमें वसा की मात्रा बढ़ जाती है तथा पानी की मात्रा कम हो जाती है।
  • यदि दूध से क्रीम को अलग कर दिया जाए, तो दूध का घनत्व बढ़ जाता है।
  • "नाइट्रस आॅक्साइड (N2O " को हँसाने वाली गैस (Laughing Gus) कहते है।
  • सौर सेलों में सीजियम प्रयुक्त होता है।
  • खाना बनाते समय सर्वाधिक मात्रा में विटामिन नष्ट होते हैं ।
  • सबसे प्रबल उपचायक (Oxidizing) है - फ्लोरिन (F)
  • पोलोनियम (PO) के सर्वाधिक समस्थानिक की संख्या होते हैं - 27
  • सोना का घनत्व पारा के घनत्व से ज्यादा होता है तथा पारा का घनत्व इस्पात से अधिक होता है, इसलिए सोना पारा में डूब जाता है तथा इस्पात तैरता रहता है।
  • वर्तमान में कम्प्यूटर चिप (Computer Chips) में "गैलियम आर्सेनाइड (Gallium Arsenide)" का प्रयोग किया जाता है जबकि पहले सिलिका का प्रयोग किया जाता था।
  • सोडियम को मिट्टी के तेल में डूबो के रखा जाता है, क्योंकि यह बहुत ही जल्द वायु से क्रिया करता है।
  • खाद्य पदार्थो के संरक्षण हेतु "सोडियम बेन्जोएट (Sodium Benzoate)" का उपयोग किया जाता है।
  • पैकेटों में नमी से बचाव के लिये "सिलिका जैल (Silica Gel :Si O 2)" का उपयोग किया जाता है।
  • चीनी को साफ अथवा रंगविहीन करने के लिये जानवरों की हड्डी के चूर्ण अर्थात् जन्तु चारकोल का प्रयोग करते है।
  • अण्डा मृदु जल में डुब जाता है, परन्तु नमक के घोल पर अण्डा तैरता है क्योंकि नमक के घोल का घनत्व अण्डे से अधिक होता है।
  • स्थानीय स्तर पर निर्मित एल्कोहलिक पेय (कच्ची शराब) में "मेथिल एल्कोहल" के कारण मृत्यु हो जाती है।
  • एथिलीन गैस का प्रयोग कच्चे फलों को पकाने के लिये किया जाता है।
  • "ओजोन गैस (O3)" में सड़ी मछली की तरह गंध आती है।
  • शुद्ध जल में थोड़ी मात्रा में अम्ल मिला देने पर यह विद्युत का "सुचालक (Conductive)" को जाता है।
  • ठोस कार्बन डाई आक्साइड को "शुष्क बर्फ (Dry Ice : CO2)" कहा जाता है। शुष्क बर्फ का प्रयोग रेफ्रिजरेशन में किया जाता है।
  • कृत्रिम सुगन्धित पदार्थ बनाने में "एथिल एसीटेट (C4H8O2 " का प्रयोग किया जाता है।
  • मानव शरीर में ताँबा की मात्रा में वृद्धि होने पर "विल्सन रोग (Wilson's Disease)" हो जाता है।
  • किसी गैस का अणुभार (Molar Mass) उसके वाष्प दाब का दुगुना होता है।
  • सड़कों पर लगे पीले लैम्प में सोडियम वाष्प तथा श्वेत लैम्प में पारे की वाष्प का प्रयोग होता है। श्वेत लैम्प की तुलना में सोडियम वाष्प लैम्प अधिक रोशनी देता है।
  • "सल्फर डाइआक्साइड गैस (Sulfur Dioxide)" ज्वालामुखी पर्वतों से निकलती है। "सोडियम सल्फेट (CuSO 4.10H 2O )" को " ग्लोबर साल्ट (Glauber's Salt :Na 2SO 410H 2O)" कहते है।
  • "हाइड्रोजन पेरोक्साइड (Hydrogen Peroxide)" का प्रयोग पुराने तेल चित्रों के रंगों को पुनः उभारने में किया जाता है।
  • समान आवेश एक-दूसरे को "प्रतिकर्षित (Repulsion)" करते है, जबकि विपरीत आवेश एक-दूसरे को "आकर्षित (Attraction)" करते हैं।
  • हड्डियों व दांतों में कैल्सियम पाया जाता है।
  • पेड़-पौधे रात के समय कार्बन डाइआक्साइड गैस निकालते है।
  • दिया सलाइयों में "लाल फास्फोरस (Red Phosphorus)" का प्रयोग किया जाता है।
  • मनुष्य की लार में "फाइऐलिम एन्जाइम" पाया जाता है।
  • शहद का प्रमुख घटक ग्लूकोज होता है।
  • एसीटिलीन का प्रयोग प्रकाश उत्पन्न करने में किया जाता है।
  • जलयोजित "काॅपर सल्फेट " का रंग नीला तथा निर्जलीय काॅपर सल्फेट का रंग सफेद होता है।
  • "ग्रीन हाउस प्रभाव (Greenhouse Effect)" में प्रमुख उत्तरदायी गैस कार्बन डाई-आक्साइड है।
  • कुछ पदार्थ सूर्य के प्रकाश में रखने के बाद प्रकाश में हटाए जाने पर भी प्रकाश निकालते रहते हैं। इस घटना को "स्फुरन" कहते हैं। यह गुण कैल्शियम सल्फाइड में पाया जाता है।
  • परम शून्य तापमान पर गैसों का आयतन शून्य हो जाता है अथवा अणुओं के सभी प्रकार की गति शून्य हो जाती है।
  • बैल्डिंग में "जिंक सल्फेट (ZnSO4)" का प्रयोग किया जाता है।