"Hunger in the land of the angels" (Author: Rajeev Ranjan)
वेनेजुएला परियों का देश है, जो इसी दुनिया में बसता है, यहाँ की सुंदरियों ने 21 बार दुनिया भर की सुंदरियों को पछाड़ा है। दुनिया को सबसे अधिक ब्यूटी सुंदरियां देने वाला देश रहा है वेनेजुएला, जिसमें 6 मिस वल्र्ड, 7 मिस यूनिवर्स शामिल है।
अब आप सोचते होंगे दुनिया भर में यह कौन सा स्वर्ग लोक जैसा देश हैं, जहाँ अप्सराएं पैदा होती है। लेटिन अमेरिका की धरती पर जहाँ की लड़कियों की सबसे पहली पसंद है, ब्यूटी क्वीन बनना, और इस देश का नाम है वेनेजुएला इस पोस्ट को लिखने का मकसद यहां की सुंदरियों की तारीफ करना नहीं है।
आज के दौर मे यह देश कुछ और वजह से भी सुर्खियां बटोर रहा है,भारत में लोग महंगाई बढ़ने की दुहाई देते नजर आते हैं ,और कम कमाई की बात करते हैं!लेकिन वेनेजुएला एक ऐसा देश है। जहाँ महंगाई दर जिस तेजी से बढ़ रही है। वहाँ के लोगों को एक वक्त की रोटी के भी लाले पड़े हुए हैं।
लेकिन दुनिया के समृद्ध देशों में शुमार वेनेजुएला की आर्थिक स्थिति इन दिनों आर्थिक बद से बदतर होती जा रही है आलम यह है कि यहाँ पर ₹50000 महिने का कमाने वाला भी अपने बच्चों को खाना नहीं खिला पा रहा।
मजबूरी में यहाँ के लोगों को पलायन करना पड़ रहा है, यहाँ की महिलाएं ब्राजील जैसे देशों में जाकर वेश्यावृत्ति कर रही हैं। अपना शरीर बेचने को मजबूर हैं, वेनेजुएला में महंगाई आप की तरह बढ़ गई है। इंटरनेशनल मोनेटरी फंड के आंकड़ों के अनुसार अगर माना जाए तो इस साल के अंत तक यहां की महंगाई दर दस लाख प्रतिशत तक पहुँचने की संभावना है।
अगर ऐसा हुआ तो यह आधुनिक इतिहास में सबसे ज्यादा महंगाई दर होगी वेनेजुएला के वर्तमान जो हालात हैं, वह 1923 में जर्मनी के थे, और 2000 में जिंबाब्वे के थे, वेनेजुएला के निर्यात में 96% हिस्सेदारी तेल की है।
तेल प्रतिबंध के चलते जो तमाम देशों ने वेनेजुएला से तेल लेना बंद कर दिया जिसके कारण वहाँ की इकोनामी एकदम बैठ गई!
4 साल पहले तेल की कीमत पिछले 30 साल के सबसे निचले स्तर पर आ गई थी 2014 में लगातार तेल की कीमतें गिरने के बाद अर्थव्यवस्था कमजोर होती जा रही थी!इससे निपटने के लिए यहां की सरकार यहाँ की सरकार धड़ाधड़ नोट छपती जा रही थी। मार्केट में बजट पूरा हो सके ज्यादा नोट छापने के कारण इतने नोट मार्केट में हो गए है, कि अब इन नोटों की कीमत खत्म हो गई नोटों की कीमत कितनी कम हो गई है।
इस बात का अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं, कि यहाँ के यूनिवर्सिटी प्रोफेसर जोश इबारा को अपना पुराना जूता रिपेयर करवाने के लिए अपनी 4 महीने की तनख्वाह 20 अरब बोलीवर यानी कि 40 लाख भारतीय रुपए देने पड़े। कभी इस देश की जीडीपी ग्रीस ,स्पेन और इजराइल से भी मजबूत थी।
इस देश के लोगों के पास अरबों रुपया है, लेकिन उस रुपए की कीमत ना रहने की वजह से, वह अपने बच्चों को एक वक्त का खाना भी नहीं खिला सकते। अगर डॉलर से वेनेजुएला की करंसी की तुलना करें तो $1 डालर 36 बोलीवर के बराबर पहुँच गया।
यहाँ लोग एक लाख बोलीवर से कम की रकम नहीं ले रहे यहाँ के ज्यादातर लोगों ने सामान का लेनदेन शुरू कर दिया है!क्योंकि करंसी की हालत बहुत ज्यादा खराब है, यहाँ के नाई बाल काटने के लिए अंडे और केले लेते हैं। सिगरेट के 1 पैकेट से बस मोटर गाड़ी में सवारी कर सकते हैं!रेस्टोरेंट खाना खिलाने के बदले में पेपर नैपकिन और कपड़े ले रहा है।
अनाज दूध और बिजली का घोर अभाव है इस देश के बिगड़ते हालात के कारण यहां बेरोजगारी बढ़ती जा रही है और अपराध भी खाने की कमी स्वास्थ्य बिजली पानी की सुविधाओं की कमी होने के कारण यहां के लोग पड़ोसी देशों की ओर पलायन कर रहे हैं।
यहाँ के लोग सीमा पार करके कोलंबिया ब्राजील और अन्य पड़ोसी देशों की ओर पलायन कर रहे हैं, सोचने वाली बात यह है, अगर ऐसी स्थिति हमारे देश में भी हो की हर 18 दिन बाद महंगाई दुगनी हो जाए क्या हो अगर बोरी भरकर नोट ले जाने पर भी खरीदना सके।
अब ये कुछ दुसरे देशो मदद से आर्थिक संकट से निकलने का रास्ता तलाश रहा है। वेनजुएला का सेंट्रल बैंक प्रतिबंधों के चलते स्विटजरलैंड की बजाए तुर्की को अपना सोना एक्सपोर्ट कर रहा है। वेनेजुएला ने 2018 में 779 मिलियन गोल्ड तुर्की को एक्सपोर्ट किया है।
साल 1923 में कर्ज के भारी बोझ तले दबा जमर्नी जब प्रथम विश्वयुद्ध (1914-18) की आपदा से मुक्ति पाने के लिए छटपटा रहा था, तभी वहाँ के बैंक नोट (मार्क) की लगभग कोई कीमत ही नहीं रही थी। देखते ही देखते एक ब्रेड की कीमत अरबों मार्क की हो गई. जर्मनी में आई इस आपदा को दुनिया 'वाइमर रिपब्लिक का 1923 का संकट' के नाम से जानती है।
दिसंबर 1922 में एक डॉलर का मूल्य 2,000 जर्मन मार्क्स के बराबर था जो मई 1923 में 20,000 मार्क्स और अगस्त में 10 लाख से भी ज्यादा मार्क्स के बराबर का हो गया! इसका दुष्परिणाम यह हुआ कि जर्मनी में जन्मदर घट गई। मृत्यदर में इजाफा हो गया। तब शिशु मृत्यु दर में 21% की बढ़ोतरी दर्ज की गई। जर्मनी में कैश वजन करके बिकने लगे थे।
यही हालत अब वेनेजुएला देश की भी हो गई है, यहाँ लोगों को अपने वेतन की रकम सूटकेसेज में लाने पड़ते है। एक व्यक्ति ने नोटों से भरा सूटकेस यूं ही छोड़ दिया. चोर नोट छोड़कर सूटकेस ले गया! वेनेजुएला से जुड़ी एक महिला मित्र ने मुझे यह पोस्ट लिखने को कहा है।
उनका मुझसे अनुरोध था कि कृपया वेनेजुएला हालतों पर पोस्ट जरूर लिखिए! ताकि भारत के लोग इस देश के हालातों के बारे में जान सके Indira Mujica जोकि वेनेजुएला से हें! इन से बात होने पर इस देश के हालातों के बारे में पता चला।
विश्व सुंदरी का ख्वाब देखने वाली इस देश की हर लड़की हर स्त्री वेश्यावृत्ति करने पर मजबूर हो चुकी है पास में अरबों रुपए होते हुए भी लोग खाना नहीं खरीद कर खा पा रहे हैं। एक वक्त का खाना यहां के लोगों को नसीब नहीं हो पा रहा, और इनके पास अरबों रुपए भी है! पैसे को गधे भी नहीं खाते- यह कहावत यहाँ पर चरितार्थ हो रही है। ऐसा पैसा भी किस काम का जो काम ही ना आए, पैसे की कीमत कब कौड़ियों में तब्दील हो जाए कोई पता नहीं चलता।