Anna Burns wins 2018 Booker Prize for ‘Milkman’ (Author: Rajeev Ranjan)
उत्तरी आयरलैंड की लेखिका एना बर्न्स को वर्ष 2018 के मैन बुकर प्राइज से सम्मानित किया गया है। उन्हें उनके उपन्यास ‘मिल्कमैन’ के लिए यह सम्मान दिया गया है। इस घोषणा के साथ ही एना बर्न्स इस पुरस्कार को जीतने वाली पहली नॉर्दन आईरिश लेखिका बन गई हैं। यह उनका तीसरा उपन्यास था।
बर्न्स को इस पुरस्कार के साथ 50 हजार पाउंड भी दिए जाएंगे। बर्न्स की किताब को लेकर जजों ने कहा कि मिल्कमैन अद्भुत किताब है। साथ ही उन्होंने कहा कि इस किताब में उस युवती के दर्द का बखूबी अहसास कराया गया है।
‘मिल्कमैन’ के बारे में
बर्न्स द्वारा लिखित 'मिल्कमैन' उपन्यास एक महिला के शादीशुदा शख्स के साथ अफेयर की कहानी है। साथ ही यह महिला एक ऐसे शख्स का सामना कर रही थी, जो यौन उत्पीड़न के लिए पारिवारिक रिश्तों, सामाजिक दबाव और राजनीतिक निष्ठा जैसे हथियारों का इस्तेमाल कर रहा था।
मैन बुकर पुरस्कार
➤ मैन बुकर पुरस्कार या बुकर पुरस्कार कॉमनवैल्थ या आयरलैंड के नागरिक द्वारा लिखे गए मौलिक अंग्रेजी उपन्यास के लिए हर वर्ष दिया जाता है।
➤ वर्ष 2008 का पुरस्कार भारतीय लेखक अरविन्द अडिगा को दिया गया था।
➤ अडिगा सहित कुल 5 बार यह पुरस्कार भारतीय मूल के लेखकों को मिला है। अन्य लेखक हैं, वी एस नाइपॉल, अरुंधति राय, सलमान रश्दी और किरण देसाई।
➤ बुकर पुरस्कार की स्थापना सन् 1969 में इंगलैंड की बुकर मैकोनल कंपनी द्वारा की गई थी।
➤ इसमें 50 हजार पाउण्ड की राशि विजेता लेखक को दी जाती है।
➤ इस पुरस्कार के लिए पहले उपन्यासों की एक लंबी सूची तैयार की जाती है और फिर पुरस्कार वाले दिन की शाम के भोज में पुरस्कार विजेता की घोषणा की जाती है।
➤ पहला बुकर पुरस्कार अलबानिया के उपन्यासकार इस्माइल कादरे को दिया गया था।
एना बर्न्स के बारे में
एना बर्न्स 56 वर्षीय आइरिश लेखिका हैं। वह 1987 में लंदन में रहने लगी थीं. उनकी पहली किताब 'नो बोंस' थी। उनके बाकी उपन्यासों में 'लिटिल कंस्ट्रक्शंस' और 'मोस्टली हीरोज' हैं। पाठकों के बीच वह अपनी अद्भुत लेखन शैली के लिए जानी जाती हैं। यह पुरस्कार जीतने वाली वह पहली उत्तरी आइरिश लेखिका हैं।