स्वच्छता ही सेवा अभियान के अंतिम दिन 1 अक्टूबर, 2018 को नई दिल्ली में किफायती परिवहन की दिशा में सतत वैकल्पिक (स्टैट) पहल लॉन्च किया गया। कंपनियों के साथ पहल शुरू करने के साथ ही संभावित उद्यमियों से संपीड़ित जैव गैस (सीबीजी) उत्पादन संयंत्र स्थापित करने के लिए ब्याज की अभिव्यक्ति (ईओआई) आमंत्रित करेंगे और मोटर वाहन ईंधन में उपयोग के लिए बाजार में बायोगैस उपलब्ध कराएंगे।
लक्ष्य
पेट्रोलियम मंत्रालय की ओर से जारी जानकारी के अनुसार कुल 5000 कॉम्प्रेस्ड बायोगैस स्टेशनों से सालाना लगभग 1.5 करोड़ टन गैस मिलेगी जो मौजूदा समय में इस्तेमाल हो रही सीएनजी का लगभग 40 प्रतिशत हिस्सा है। देश में मौजूदा समय में सालाना लगभग 4.4 करोड़ टन सीएनजी का इस्तेमाल वाहन ईंधन के तौर पर होता है। इस योजना में सरकार लगभग 1.7 लाख करोड़ रुपये निवेश करेगी और इससे लगभग 75,000 लोगों को रोजगार प्राप्त होगा।
योजना के लाभ
➤ यह उम्मीद लगाई जा रही है कि इस कदम से किफायती परिवहन ईंधन की उपलब्धता को बढ़ावा मिलेगा तथा राज्य में अपशिष्ट पदार्थों के निपटान में भी सहायता मिलेगी।
➤ इस योजना के जरिए शहरी और ग्रामीण इलाकों में क्षमतावान कॉम्प्रेस्ड बायोगैस प्लांट लगाने के लिए आमंत्रित किया जाएगा।
➤ इन प्लांट्स में तैयार होने वाली कॉम्प्रेस्ड बायोगैस को सरकार खरीदेगी और उसका इस्तेमाल वाहनों के ईंधन के तौर पर करेगी।
➤ इस योजना के जरिए सरकार सस्ता वाहन ईंधन तो मुहैया कराएगी ही साथ में कृषि अवषेशों का सही इस्तेमाल होगा और पशु मल तथा शहरी कचरे का इस्तेमाल भी हो सकेगा।
➤ इससे किसानों की आय बढ़ाने के लिए एक और स्रोत मिलेगा।
मौजूदा और आगामी बाजारों में घरेलू और खुदरा उपयोगकर्ताओं को आपूर्ति को बढ़ावा देने के लिए संपीड़ित जैव-गैस नेटवर्क को सिटी गैस वितरण (सीजीडी) नेटवर्क के साथ एकीकृत किया जा सकता है। ओएमसी ईंधन स्टेशनों से खुदरा बिक्री के अलावा, संपीड़ित जैव-गैस को बाद में तारीख को सीजीडी पाइपलाइनों में कुशल वितरण और क्लीनर और अधिक किफायती ईंधन की अनुकूलित पहुँच के लिए इंजेक्शन दिया जा सकता है।