Friday, 5 October 2018

रसायन विज्ञान का नोबेल पुरस्कार 2018: फ्रांसेस अर्नोल्ड, जॉर्ज पी स्मिथ, ग्रेगोरी विंटर

The Nobel Prize in Chemistry 2018 (Author: Rajeev Ranjan)


नोबेल पुरस्कार चयन समिति ने 03 अक्टूबर 2018 को तीन वैज्ञानिकों को रसायन विज्ञान श्रेणी में पुरस्कृत किये जाने की घोषणा की। इन वैज्ञानिकों में अमेरिकी वैज्ञानिक फ्रांसेस अर्नोल्ड (Frances H Arnold), जॉर्ज पी स्मिथ (George P Smith) और ब्रिटिश अनुसंधानकर्ता ग्रेगोरी विंटर (Gregory P Winter)  शामिल हैं

रसायन विज्ञान श्रेणी के नोबेल पुरस्कार विजेताओं में एक महिला और दो पुरुष वैज्ञानिक हैं रॉयल स्वीडिश अकैडमी ऑफ साइंसेज ने कहा कि इस साल जिन तीन हस्तियों को रासायन के क्षेत्र में नोबेल प्राइज के लिए चुना गया है उन्होंने एंजाइम्स और ऐंटीबॉडीज को विकसित करने के लिए क्रमिक विकास की शक्ति का इस्तेमाल किया है जिससे नए फार्मास्युटिकल और बायोफ्युल का निर्माण हुआ है


रसायन विज्ञान श्रेणी में नोबेल पुरस्कार 2018

➤ चयन मंडल ने कहा कि क्रम विकास के सिद्धांतों का उपयोग कर जैव ईंधन से ले कर औषधि तक, हर चीज बनाने में इस्तेमाल होने वाले एंजाइम का विकास करने के सिलसिले में तीनों वैज्ञानिकों को रसायन विज्ञान के क्षेत्र में प्रतिष्ठित नोबेल पुरस्कार के लिए चुना गया

 अर्नोल्ड रसायन विज्ञान के क्षेत्र में नोबेल (Nobel Prize 2018) जीतने वाली पांचवीं महिला हैं

 उन्हें पुरस्कार राशि 90 लाख स्वीडिश क्रोनोर (करीब 10.1 लाख डॉलर या 870,000 यूरो) की आधी रकम दी जाएगी शेष आधी रकम स्मिथ और विंटर के बीच बंटेगी

 तीनों वैज्ञानिकों ने विभिन्न क्षेत्रों में प्रोटीन के इस्तेमाल के लिए क्रम विकास के उसी सिद्धांत का इस्तेमाल किया जिसके जरिए आनुवंशिक बदलाव और चयन किया जाता है


क्या है विशेष?

चयन अकादमी की नोबेल कैमेस्ट्री कमेटी के प्रमुख क्लेस गुस्तफसन ने जानकारी देते हुए कहा कि 2018 के नोबेल विजेताओं ने डार्विन के सिद्धांत को परखनली में उतारा इन वैज्ञानिकों ने आण्विक स्तर पर क्रमविकास की प्रक्रियाओं की समझ का उपयोग किया और अपनी प्रयोगशाला में उसे मूर्त रूप दिया उन्होंने कहा कि इसके तहत क्रम विकास की गति हजारों गुणा तेज की गई और इसे नये प्रोटीन के निर्माण के लिए इस्तेमाल किया गया

यूनिवर्सिटी ऑफ मिसूरी के जॉर्ज पी स्मिथ और कैंब्रिज यूनिवर्सिटी में एमआरसी लेबोरेटरी ऑफ मॉलीक्यूलर बॉयोलॉजी के ग्रेगोरी विंटर  ने ‘फेज डिसप्ले’ नामक अनूठा तरीका विकसित किया इसके जरिए बैक्टीरिया को संक्रमित करने वाले वायरस- बैक्टेरियोफेज का इस्तेमाल नये प्रोटीन के इस्तेमाल हो सकता है उनके अध्ययन से अर्थराइटिस, सोराइसिस और आंत की सूजन जैसी बीमारी के लिए औषधि के साथ ही विषाक्त पदार्थों की काट के लिए एंटी बॉडीज (प्रतिरोधक) तथा कैंसर के इलाज में भी फायदा होगा

फ्रांसेस एच. अर्नोल्ड का जन्म वर्ष 1956 में अमेरिका स्थित पिट्सबर्ग में हुआ। उन्होंने वर्ष 1985 में यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया से पीएचडी की उपाधि हासिल की वे वर्तमान में कैलिफ़ोर्निया इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में केमिकल इंजीनियरिंग, बायोइंजीनियरिंग एवं बायोकेमिस्ट्री के प्रोफेसर हैं

जॉर्ज पी स्मिथ का जन्म 1941 को नॉरवॉक, अमेरिका में हुआ उन्होंने 1970 में हार्वर्ड यूनिवर्सिटी, अमेरिका से पीएचडी की डिग्री हासिल की वे वर्तमान में यूनिवर्सिटी ऑफ मिसूरी, कोलंबिया, अमेरिका में बायोलॉजिकल साइंसेज विभाग में प्रोफेसर हैं

ग्रेगोरी पी विंटर का जन्म 1951 लिसिस्टर, इंग्लैंड में हुआ। उन्होंने वर्ष 1976 में पीएचडी की डिग्री हासिल कीवे कैंब्रिज यूनिवर्सिटी, इंग्लैंड में एमआरसी लेबोरेटरी के अनुसंधान प्रमुख हैं