India's First Engine-Less Train Set To Hit Tracks On Oct 29 (Author: Rajeev Ranjan)
भारतीय रेलवे देश की पहली इंजन रहित हाई स्पीड ट्रेन तैयार की गई। रेल मंत्रालय द्वारा हाल ही में इस ट्रेन की जानकारी जारी की गई। इस ट्रेन का नाम ट्रेन-18 रखा गया है. इसे 29 अक्टूबर को लॉन्च किया जायेगा।
यह ट्रेन पूरी तरह से तैयार है और इसका पहला ट्रायल रन 29 अक्टूबर को तय किया गया है. इस विशेष ट्रेन की रफ्तार 160 किमी/घंटे होगी। इसे ट्रेन-18 इसलिए नाम दिया गया है क्योंकि इसे 2018 में लॉन्च किया जा रहा है। इसी तरह की खास तकनीक का इस्तेमाल करते हुए "ट्रेन 20" नामक एक और ट्रेन का निर्माण किया गया है. यह ट्रेन 2020 से पटरी पर दौड़ेगी।
ट्रेन-18 की विशेषताएं
🚆 चेन्नई की रेल कोच फैक्ट्री में इन दोनों ट्रेनों का निर्माण "मेक इन इंडिया" अभियान के तहत किया जा रहा है।
🚆 इनके निर्माण की लागत विदेशों से आयात ट्रेनों की कीमत से आधी होगी।
🚆 इस ट्रेन में लोकोमोटिव इंजन नहीं होगा. इसकी जगह ट्रेन के हर कोच में ट्रेक्शन मोटर्स लगी होंगी, जिनकी मदद से सभी कोच पटरियों पर दौड़ेंगे।
🚆 रेल मंत्रालय का दावा है कि इस ट्रेन से सामान्य ट्रेन के मुकाबले यात्रा समय 20 फीसदी तक कम हो जाएगा।
🚆 ड्राइवर केबिन में मैनेजमेंट सिस्टम होगा, जिससे पायलट ब्रेक और ऑटोमैटिक डोर कंट्रोल को नियंत्रण कर सकेगा।
🚆 ट्रेन के कोच चेन्नई की इंटिग्रल कोच फैक्ट्री में तैयार हो चुके हैं। इसमें 14 नॉन एग्जीक्यूटिव कोच होंगे।
🚆 ट्रेन 18 में प्रति कोच में 78 यात्री बैठ सकेंगे। जबकि 2 नॉन एग्जीक्यूटिव कोच होंगे, इसमें प्रति कोच 56 यात्री बैठ सकेंगे।
भारत की पहली इंजन रहित रेल ट्रेन-18
भारतीय रेलवे देश की पहली इंजन रहित हाई स्पीड ट्रेन तैयार की गई. रेल मंत्रालय द्वारा हाल ही में इस ट्रेन की जानकारी जारी की गई। इस ट्रेन का नाम ट्रेन-18 रखा गया है. इसे 29 अक्टूबर को लॉन्च किया जायेगा।
यह ट्रेन पूरी तरह से तैयार है और इसका पहला ट्रायल रन 29 अक्टूबर को तय किया गया है। इस विशेष ट्रेन की रफ्तार 160 किमी/घंटे होगी। इसे ट्रेन-18 इसलिए नाम दिया गया है क्योंकि इसे 2018 में लॉन्च किया जा रहा है। इसी तरह की खास तकनीक का इस्तेमाल करते हुए "ट्रेन 20" नामक एक और ट्रेन का निर्माण किया गया है। यह ट्रेन 2020 से पटरी पर दौड़ेगी।
भारतीय रेलवे
भारतीय रेलवे दुनिया के सबसे बड़े रेल नेटवर्कों में से एक है, जो उत्तर से दक्षिण तक देश को पार करती है। यह 9,000 से अधिक ट्रेनों का संचालन करती है और प्रतिदिन 23 मिलियन यात्री इन ट्रेनों में सफर करते हैं। भारत में भारतीय रेल का सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए महत्वपूर्ण स्थान है। सुस्थापित रेल प्रणाली देश के दूरतम स्थासनों से लोगों को एक साथ मिलाती है और व्यापार करना, दृश्य दर्शन, तीर्थ और शिक्षा संभव बनाती है।