हरियाणा को स्वच्छता के क्षेत्र में उत्कृष्ट उपलब्धियों के लिए ‘स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण-2018’ के तहत 02 अक्टूबर 2018 को सर्वोच्च राज्य का पुरस्कार मिला है। नई दिल्ली में राष्ट्रपति भवन के सांस्कृतिक केंद्र में पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय द्वारा आयोजित पुरस्कार वितरण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से यह पुरस्कार मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने ग्रहण किया।
‘स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण-2018’ के तहत स्वच्छता के क्षेत्र में देश में सर्वोच्च स्थान के पुरस्कार प्राप्त करने वाले देश के छह जिलों में हरियाणा के तीन जिले गुरूग्राम, करनाल और रेवाडी भी शामिल हैं. केंद्रीय पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री उमा भारती ने हरियाणा के उक्त तीन जिलों को सर्वोच्च जिला श्रेणी के पुरस्कार प्रदान किया।
हरियाणा को स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण 2018 क्यों?
➤ स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत हरियाणा राज्य के सभी ग्रामीण क्षेत्र जून 2017 तक खुले में शौचमुक्त हो चुके हैं।
➤ राज्य के सभी शहरी क्षेत्र भी अक्टूबर 2017 तक खुले में शौचमुक्त हो चुके हैं।
➤ वर्ष 2019 तक हरियाणा के सभी गावों में ठोस व तरल कचरा प्रबंधन इकाइयां स्थापित किए जाने का लक्ष्य निर्धारित किया हुआ है।
➤ हरियाणा में 1360 गांवों के लिए स्वीकृत की गई ठोस व तरल कचरा प्रबंधन इकाई परियोजनाओं में से कुल 631 ठोस कचरा प्रबंधन इकाई परियोजनाएं और कुल 414 तरल कचरा प्रबंधन इकाई परियोजनाएं पूर्ण की जा चुकी हैं।
➤ हरियाणा की शहरी ठोस कचरा प्रबंधन योजनाओं के तहत प्रदेश की सभी शहरी स्थानीय निकायों को 14 कलस्टरों में विभाजित किया गया है।
स्वच्छ सर्वेक्षण 2018 के अन्य पुरस्कार
➤ महाराष्ट्र के सतारा जिले को कुल 97.90 अंक मिले है और यह जिला देश में पहले स्थान पर रहा है।
➤ रेवाड़ी जिले को 97.62 अंक प्राप्त हुए तथा यह दूसरे स्थान पर रहा। इसके अतिरिक्त हरियाणा के गुरुग्राम और करनाल को भी टॉप छह जिलों में स्थान हासिल हुआ।
➤ स्वच्छ कैंपस रैंकिंग 2018 में पुणे के सिंबॉयसिस विश्वविद्यालय को प्रथम स्थान मिला है।
➤ पुरस्कार प्राप्त शैक्षणिक संस्थानों को कैंपस में कचरा संग्रहण व सफाई प्रणाली, कैंपस में हरियाली और वर्षा जल संचयन, शौचालयों की पर्याप्तता और सौर उर्जा प्रणाली व अन्य सुविधाओं को देखकर रैंकिंग दी गई है।
स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण के विभिन्नो अवयवों को भारांक निम्नलिखित रूप से दिया गया
➤ सार्वजनिक स्थानों में स्वच्छता का प्रत्यक्ष अवलोकन : 30 प्रतिशत
➤ स्व्च्छता के पैमानों पर नागरिकों से प्राप्त फीडबैक : 35 प्रतिशत
➤ एसबीएमजी-एमआईएस के अनुसार देश में स्वच्छता में सुधार पर सेवा स्तरीय प्रगति : 33 प्रतिशत