Sunday 13 August 2017

मृत्यु पंजीकरण के लिए ‘आधार’ संख्या अनिवार्य

मृत्यु पंजीकरण के लिए 1 अक्टूबर, 2017 से ‘आधार’ संख्या अनिवार्य होगी किसी व्यक्ति की मृत्यु के बाद मृतक पंजीकरण के लिए 01 अक्टूबर, 2017 से आधार संख्या की जरूरत होगी। भारत के महापंजीयक ने एक अधिसूचना में कहा है कि मृत्यु प्रमाण पत्र के आवेदन के समय आधार के प्रयोग से मृतक के बारे में उनके परिजनों से सटीक जानकारी मिल सकेगी। इससे पहचान संबंधी धोखाधड़ी पर लगाम लगेगी। आधार संख्या मृतक की पहचान से जुड़ी जानकारियों को प्राप्त करने में भी मददगार साबित होगी। साथ ही मृतक की पहचान के लिए कई दस्तावेजों को पेश करने की अनिवार्यता से भी छुटकारा मिलेगा।
  • गृह मंत्रालय के अधीन भारत के महापंजीयक ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के संबंधित विभागों को जन्म और मृत्यु का पंजीकरण सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं और इस बारे में 01 सितंबर, 2017 तक इस बारे में उठाए गए कदमों के बारे में जानकारी देने को कहा है।
  • जम्मू-कश्मीर, असम और मेघालय के लिए उपरोक्त प्रावधान लागू होने की दिनांक अलग से घोषित की जाएगी। बाकी सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में ये प्रावधान 01 अक्टूबर, 2017 से तत्काल प्रभाव से लागू होंगे।
  • मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए आवेदन करने वाले आवेदकों को मृतक की आधार कार्ड संख्या बतानी होगी। 
  • इससे पहचान संबंधी धोखाधड़ी पर लगाम लगेगी।
  • आधार संख्या मृतक की पहचान से जुड़ी जानकारियों को प्राप्त करने में भी मददगार साबित होगी।
  • साथ ही मृतक की पहचान के लिए कई दस्तावेजों को पेश करने की अनिवार्यता से भी छुटकारा मिलेगा।
  • अगर किसी आवेदक के पास मृतक की आधार या पंजीकरण संख्या नहीं है तो उसे मृतक की आधार संख्या ज्ञात न होने का एक शपथ पत्र देना होगा। अगर आवेदक गलत जानकारी देता है तो उस पर आधार अधिनियम, 2016 और जन्म एवं मृत्यु अधिनियम 1969 के तहत कार्रवाई होगी।