Wednesday 30 August 2017

हिन्दी प्रश्नोत्तर (GK Q & A, भाग-87)



  • भक्तिकाल का एक कवि अवतारवाद और मूर्तिपूजा के विरोधी हैं। इसके बावजूद वे हिन्दुओं के जन्म-मृत्यु सम्बन्धी सिद्धांत को मानते हैं, ऐसे रचनाकार हैं→कबीर
  • प्रथम सूफी प्रेमाख्यानक काव्य के रचयिता हैं→मुल्ला दाऊद
  • भक्तिकालीन कवियों में एक ऐसा ख्यातिलब्ध रचनाकार है जो अपने काव्य में लोकव्यापी प्रभाव वाले कर्म और लोकव्यापिनी दशाओं के वर्णन में माहिर है। ऐसे रचनाकार का नाम है→तुलसीदास
  • 'जायसी -ग्रंथावली' के सम्पादक का नाम है→रामचन्द्र शुक्ल
  • दोहा छन्द में श्रृंगारी रचना प्रस्तुत करने वालों में हिन्दी के सर्वाधिक ख्यातिलब्ध कवि हैं→बिहारी
  • 'कंचन तन धन बरन बर रहयौ रंग मिलि रंग। जानी जाति सुबास ही केसरि लाई अंग॥' उपर्युक्त पंक्तियाँ किसकी हैं?→ बिहारी
  • जलप्लावन भारतीय इतिहास की ऐसी प्राचीन घटना है जिसको आधार बनाकर छायावादी युग में एक महाकाव्य लिखा गया है। उसका नाम है→कामायनी
  • शब्दार्थों सहित काव्यम् यहउक्ति किसकी है→भामह
  • ढ़ाई आखर प्रेम के, पढ़ै सो पंडित होय॥ प्रस्तुत पंक्ति केरचयिता हैं→कबीर दास
  • चौपाई के प्रत्येक चरण में मात्राएँ होती हैं→16
  • 'संदेश रासक' के रचयिता हैं→अब्दुल रहमान
  • 'साखी' के रचयिता हैं→कबीरदास
  • लोगहिं लागि कवित्त बनावत, मोहिं तौ मेरे कवित्त बनावत॥ प्रस्तुत पंक्ति के रचयिता हैं→घनानन्द
  • बैर क्रोध का अचार या मुरब्बा है, यह कथन किसका है→रामचन्द्र शुक्ल
  • रामभक्त कवि नहीं हैं→नरोत्तमदास
  • जीवन में हास्य का महत्त्व इसलिए है कि, वह जीवन को→सरस बनाता है
  • श्रृंगार रस का स्थायी भाव है→रति
  • रहीम द्वारा लिखित इन पंक्तियों में 'बड़े' शब्द का प्रयोग जिस रूप में हुआ है, वह है- बड़े बड़ाई ना करें, बड़े न बोलें बोल।
  • रहिमन हीरा कब कहै, लाख टका मेरो मोल॥→ संज्ञा
  • किस रस का संचारी भाव उग्रता, गर्व, हर्ष आदि है→वीर
  • कबीरदास की भाषा थी→सधुक्कड़ी
  • "रहिमन पानी राखिए बिन पानी सब सून" में कौन-सा अलंकार है→श्लेष
  • 'कितने पाकिस्तान' नामक उपन्यास के लेखक हैं→कमलेश्वर
  • राजेन्द्र कुमार द्वारा सम्पादित पुस्तक 'आलोचना का विवेक' किस विधा से संबंधित है→आलोचना
  • 'भ्रमरगीत' के रचयिता हैं→सूरदास
  • 'ईदगाह' कहानी के रचनाकार हैं→प्रेमचंद
  • कवि कालिदास की 'अभिज्ञान शाकुंतलम' का हिन्दी अनुवाद किसने किया→राजा लक्ष्मण सिंह
  • 'यह काम मैं आप कर लूँगा', पंक्तियों में 'आप' है→निजवाचक सर्वनाम
  • 'तरनि तनूजा तट तमाल तरुवर बहु छाए' में कौन-सा अलंकार है→अनुप्रास अलंकार
  • मुगल काल में किस भाषा को रेख्यां कहा गया है→उर्दू
  • मुगल काल की राजकीय भाषा थी→उर्दू
  • हिन्दी भाषा बोलने वाले भारतीयों का प्रतिशत लगभग है→40 प्रतिशत
  • दक्षिण भारत में हिन्दी भाषा के क्षेत्र में किसने प्रचार-प्रसार किया→सी. राजगोपालाचारी
  • हिन्दी के पश्चात भारत की दूसरी सर्वाधिक बोली जाने वालीभाषा है→बांग्ला
  • दक्षिण भारत की सर्वाधिक प्राचीन भाषा है→तमिल
  • भारत की किस भाषा को 'इटालियन ऑफ द ईस्ट' कहा जाता है→तेलुगु
  • गंगा छवि वर्णन' कविता के रचनाकार हैं→भारतेन्दु हरिश्चन्द्र
  • 'अनामदास का पौधा' उपन्यास के रचयिता हैं→हजारी प्रसाद द्विवेदी
  • 'वही मनुष्य है जो मनुष्य के लिए मरे' के रचयिता हैं→मैथिलीशरण गुप्त
  • कौन-सी भाषा देवभाषा है→संस्कृत
  • चोल शासकों की भाषा क्या थी→तमिल
  • भारत की तीसरी सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषा है→तेलुगु
  • आचार्य विश्वनाथ प्रसाद मिश्र ने रीतिकाल को 'श्रृंगारकाल' नाम दिया, लेकिन उन्होंने इस पर जो ग्रंथ लिखा, उसका नाम 'हिन्दी का श्रृंगारकाल' नहीं है, बल्कि उसका नाम है→हिन्दी साहित्य का अतीत, भाग -2
  • 'भारत मित्र' पत्र (जो कलकत्ता से सन् 1934 में प्रकाशित हुआ था) के एक सम्पादकथे→रुद्रदत्त शर्मा
  • 'मेवाड़ की पन्ना' नामक धाय के अलौकिक त्याग का ऐतिहासिक वृत्त लेकर 'राजमुकुट' नाटक की रचना की गई थी, इस नाटक के लेखक का नाम है→गोविंद बल्लभ पंत
  • डॉ. कृष्ण शंकर शुक्ल ने आचार्य केशवदास पर एक समीक्षात्मक पुस्तक लिखी थी, उस पुस्तक का नाम है?→ केशव की काव्यकला
  • 'आत्मनिर्भरता' निबंध के रचनाकार हैं→बालकृष्ण भट्ट
  • 'समांतर कहानी' के प्रवर्तक कौन थे→कमलेश्वर
  • 'श्रद्धा' किस कृति की नायिका हैं→कामायनी
  • 'तरुवर फल नहिं खात है, सरवर पियहिं न पान'। इस पंक्ति के रचयिता हैं→रहीम