Wednesday 4 July 2018

‘सीविजिल’ ऐप: भारत निर्वाचन आयोग ने इस मोबाइल ऐप ‘ को लांच किया


India Election Commission launches mobile app 'Cvigil'

भारत निर्वाचन आयोग ने 03 जुलाई 2018 को चुनाव के दौरान आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन की रिपोर्ट करने में नागरिकों को सक्षम बनाने हेतु ‘सीविजिल’ ऐप लांच किया।    मुख्य निर्वाचन आयुक्त ओ पी रावत, चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा और अशोक लवासा ने एक कार्यक्रम के दौरान इस ऐप को लांच किया।       ‘सीविजिल’ ऐप    ‘सीविजिल’ ऐप यूजर्स सहज और एन्ड्रायड एप्लीकेशन संचालन में आसान है।    यह ऐप उन्हीं स्थानों पर चालू होगा, जहाँ चुनाव की घोषणा की गई है। लेकिन, ऐप का बीटा वर्जन लोगों तथा चुनाव कर्मियों के लिए उपलब्ध होगा, ताकि ये लोग इसकी विशेषताओं से परिचित हो सकें और डमी डाटा भेजने का प्रयास कर सकें।       ऐप का परीक्षण पूरा होने पर    परीक्षण के सफलतापूर्वक पूरा होने पर इसे सार्वजनिक रूप से लोगों द्वारा इस्तेमाल के लिए उपलब्ध कराया जाएगा। यह उपलब्धता छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, मिजोरम तथा राजस्थान के आगामी विधानसभा चुनाव से ही होगी। चार राज्यों के विधानसभा चुनावों के दौरान ऐप का व्यावहारिक उपयोग अगले लोकसभा चुनाव के दौरान व्यापक रूप से करने से पहले पायलट प्रयास के रूप में काम करेगा।       ऐप के लिए इंटरनेट जरूरी    ऐप के लिए कैमरा, इंटरनेट कनेक्शन तथा जीपीएस लैस एन्ड्रायड स्मार्ट फोन जरूरी है। संचालन प्रणाली एन्ड्रायड जेलीबिन तथा उससे ऊपर की होनी चाहिए। एप्लीकेशन सभी नवीनतम एन्ड्रायड स्मार्ट फोनों के साथ कार्य करता है।    ऐप द्वारा आचार संहिता के उल्लंघन की रिपोर्ट  ‘सीविजिल’ चुनाव वाले राज्यों में किसी भी व्यक्ति को आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन की रिपोर्ट करने की अनुमति देता है। यह अनुमति निर्वाचन घोषणा की तिथि से प्रभावी होती है और मतदान की एक दिन बाद तक बनी रहती है। नागरिक इस ऐप का इस्तेमाल करके कदाचार की घटना देखने के मिनट भर में घटना की रिपोर्ट कर सकते हैं और नागरिकों को शिकायत दर्ज कराने के लिए पीठासीन अधिकारी के कार्यालय की दौड़ नहीं लगानी पड़ेगी। जागरूक नागरिक को आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के दृश्य वाली केवल एक तस्वीर क्लिक करनी है या अधिक से अधिक दो मिनट की अवधि की वीडियो रिकॉर्ड करनी है। स्वचालित स्थान मानचित्रण का कार्य ऐप द्वारा भौगोलिक सूचना प्रणाली के उपयोग से किया जाएगा। ऐप के माध्यम से सफलतापूर्वक प्रस्तुति के बाद जागरूक नागरिक को एक यूनिक आईडी प्राप्त होता है, ताकि वह अपने मोबाइल पर आगे की कार्रवाई को जान सके और सूचना प्राप्त कर सके। इस तरह एक नागरिक उल्लंघन की अनेक रिपोर्ट कर सकते हैं और प्रत्येक रिपोर्ट के लिए उन्हें यूनिक आईडी दिया जाएगा। शिकायतकर्ता की पहचान गोपनीय रखी जाएगी।     शिकायत दर्ज होने के बाद  शिकायत दर्ज होने के बाद सूचना जिला नियंत्रण कक्ष को प्राप्त होती है, जहाँ से इसे फील्ड इकाई को सौंपा जाता है। एक फील्ड इकाई में फ्लाइंग स्क्वायड स्टैटिक निगरानी दल, आरक्षित दल होते हैं। प्रत्येक फील्ड इकाई के पास एक जीआईएस आधारित मोबाइल एप्लीकेशन होगा, जिसे ‘सीविजिल डिस्पैचर’ कहा जाता है। यह मोबाइल एप्लीकेशन इकाई को स्थान पर सीधे पहुँचने और कार्रवाई करने की अनुमति देता है। फील्ड इकाई द्वारा कार्रवाई किए जाने के बाद यह ‘कार्रवाई रिपोर्ट’ के रूप में संदेश भेजता है और प्रासंगिक दस्तावेज ‘सीविजिल डिस्पैचर’ के माध्यम से संबंधित पीठासीन अधिकारी को उनके निर्णय और निष्पादन के लिए अपलोड करता है। यदि कदाचार की घटना सही पाई जाती है तो आगे की कार्रवाई के लिए सूचना भारत निर्वाचन आयोग के राष्ट्रीय शिकायत पोर्टल को भेजी जाती है और जागरूक नागरिक को 100 मिनट के अंदर की गई कार्रवाई की सूचना दी जाती है।     ऐप में दुरुपयोग रोकने की अंतरनिहित विशेषताएं  इस ऐप में दुरुपयोग रोकने की अंतरनिहित विशेषताएं हैं. यह ऐप केवल आदर्श आचार संहिता उल्लंघन के बारे में शिकायत प्राप्त करता है। तस्वीर लेने या वीडियो बनाने के बाद यूजर्स को रिपोर्ट करने के लिए पांच मिनट का समय मिलेगा। किसी तरह के दुरुपयोग को रोकने के लिए ऐप पहले से रिपोर्ट किए गए या पहले ली गई तस्वीरों या वीडियो अपलोड करने की अनुमति नहीं देगा। इस ऐप में ‘सीविजिल’ ऐप का इस्तेमाल करते हुए फोटो और रिकॉर्डेड वीडियो को फोटो गैलरी में सेव करने की सुविधा नहीं होगी। यह ऐप चुनाव वाले राज्यों से नागरिक के बाहर निकलते ही निष्क्रिय हो जाएगा।  महत्व    ➤ अभी तक आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन की शिकायतों पर फौरी कार्रवाई नहीं की जा सकी है, जिसके कारण उल्लंघनकर्ता कार्रवाई से बच जाते हैं।    ➤ शिकायत के सत्यापन में तस्वीर या वीडियो के रूप में दस्तावेजी साक्ष्य की कमी भी बाधा थी। मजबूत अनुक्रिया प्रणाली के आभाव में घटना स्थल की त्वरित और सटीक पहचान भौगोलिक स्थान विवरण की सहायता से नहीं की जा सकती थी।    ➤ नया ऐप इन सभी समस्या को दूर करेगा और फास्ट-ट्रैक शिकायत प्राप्ति और समाधान प्रणाली बनाएगा।

भारत निर्वाचन आयोग ने 03 जुलाई 2018 को चुनाव के दौरान आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन की रिपोर्ट करने में नागरिकों को सक्षम बनाने हेतु ‘सीविजिल’ ऐप लांच किया।

मुख्य निर्वाचन आयुक्त ओ पी रावत, चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा और अशोक लवासा ने एक कार्यक्रम के दौरान इस ऐप को लांच किया।


‘सीविजिल’ ऐप

‘सीविजिल’ ऐप यूजर्स सहज और एन्ड्रायड एप्लीकेशन संचालन में आसान है।

यह ऐप उन्हीं स्थानों पर चालू होगा, जहाँ चुनाव की घोषणा की गई है। लेकिन, ऐप का बीटा वर्जन लोगों तथा चुनाव कर्मियों के लिए उपलब्ध होगा, ताकि ये लोग इसकी विशेषताओं से परिचित हो सकें और डमी डाटा भेजने का प्रयास कर सकें।


ऐप का परीक्षण पूरा होने पर

परीक्षण के सफलतापूर्वक पूरा होने पर इसे सार्वजनिक रूप से लोगों द्वारा इस्तेमाल के लिए उपलब्ध कराया जाएगा। यह उपलब्धता छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, मिजोरम तथा राजस्थान के आगामी विधानसभा चुनाव से ही होगी। चार राज्यों के विधानसभा चुनावों के दौरान ऐप का व्यावहारिक उपयोग अगले लोकसभा चुनाव के दौरान व्यापक रूप से करने से पहले पायलट प्रयास के रूप में काम करेगा।


ऐप के लिए इंटरनेट जरूरी

ऐप के लिए कैमरा, इंटरनेट कनेक्शन तथा जीपीएस लैस एन्ड्रायड स्मार्ट फोन जरूरी है। संचालन प्रणाली एन्ड्रायड जेलीबिन तथा उससे ऊपर की होनी चाहिए। एप्लीकेशन सभी नवीनतम एन्ड्रायड स्मार्ट फोनों के साथ कार्य करता है।

ऐप द्वारा आचार संहिता के उल्लंघन की रिपोर्ट
  • ‘सीविजिल’ चुनाव वाले राज्यों में किसी भी व्यक्ति को आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन की रिपोर्ट करने की अनुमति देता है।
  • यह अनुमति निर्वाचन घोषणा की तिथि से प्रभावी होती है और मतदान की एक दिन बाद तक बनी रहती है।
  • नागरिक इस ऐप का इस्तेमाल करके कदाचार की घटना देखने के मिनट भर में घटना की रिपोर्ट कर सकते हैं और नागरिकों को शिकायत दर्ज कराने के लिए पीठासीन अधिकारी के कार्यालय की दौड़ नहीं लगानी पड़ेगी।
  • जागरूक नागरिक को आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के दृश्य वाली केवल एक तस्वीर क्लिक करनी है या अधिक से अधिक दो मिनट की अवधि की वीडियो रिकॉर्ड करनी है।
  • स्वचालित स्थान मानचित्रण का कार्य ऐप द्वारा भौगोलिक सूचना प्रणाली के उपयोग से किया जाएगा।
  • ऐप के माध्यम से सफलतापूर्वक प्रस्तुति के बाद जागरूक नागरिक को एक यूनिक आईडी प्राप्त होता है, ताकि वह अपने मोबाइल पर आगे की कार्रवाई को जान सके और सूचना प्राप्त कर सके।
  • इस तरह एक नागरिक उल्लंघन की अनेक रिपोर्ट कर सकते हैं और प्रत्येक रिपोर्ट के लिए उन्हें यूनिक आईडी दिया जाएगा। शिकायतकर्ता की पहचान गोपनीय रखी जाएगी।

शिकायत दर्ज होने के बाद
  • शिकायत दर्ज होने के बाद सूचना जिला नियंत्रण कक्ष को प्राप्त होती है, जहाँ से इसे फील्ड इकाई को सौंपा जाता है। एक फील्ड इकाई में फ्लाइंग स्क्वायड स्टैटिक निगरानी दल, आरक्षित दल होते हैं।
  • प्रत्येक फील्ड इकाई के पास एक जीआईएस आधारित मोबाइल एप्लीकेशन होगा, जिसे ‘सीविजिल डिस्पैचर’ कहा जाता है। यह मोबाइल एप्लीकेशन इकाई को स्थान पर सीधे पहुँचने और कार्रवाई करने की अनुमति देता है।
  • फील्ड इकाई द्वारा कार्रवाई किए जाने के बाद यह ‘कार्रवाई रिपोर्ट’ के रूप में संदेश भेजता है और प्रासंगिक दस्तावेज ‘सीविजिल डिस्पैचर’ के माध्यम से संबंधित पीठासीन अधिकारी को उनके निर्णय और निष्पादन के लिए अपलोड करता है।
  • यदि कदाचार की घटना सही पाई जाती है तो आगे की कार्रवाई के लिए सूचना भारत निर्वाचन आयोग के राष्ट्रीय शिकायत पोर्टल को भेजी जाती है और जागरूक नागरिक को 100 मिनट के अंदर की गई कार्रवाई की सूचना दी जाती है।

ऐप में दुरुपयोग रोकने की अंतरनिहित विशेषताएं
  • इस ऐप में दुरुपयोग रोकने की अंतरनिहित विशेषताएं हैं. यह ऐप केवल आदर्श आचार संहिता उल्लंघन के बारे में शिकायत प्राप्त करता है।
  • तस्वीर लेने या वीडियो बनाने के बाद यूजर्स को रिपोर्ट करने के लिए पांच मिनट का समय मिलेगा।
  • किसी तरह के दुरुपयोग को रोकने के लिए ऐप पहले से रिपोर्ट किए गए या पहले ली गई तस्वीरों या वीडियो अपलोड करने की अनुमति नहीं देगा।
  • इस ऐप में ‘सीविजिल’ ऐप का इस्तेमाल करते हुए फोटो और रिकॉर्डेड वीडियो को फोटो गैलरी में सेव करने की सुविधा नहीं होगी। यह ऐप चुनाव वाले राज्यों से नागरिक के बाहर निकलते ही निष्क्रिय हो जाएगा।
महत्व

➤ अभी तक आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन की शिकायतों पर फौरी कार्रवाई नहीं की जा सकी है, जिसके कारण उल्लंघनकर्ता कार्रवाई से बच जाते हैं।

➤ शिकायत के सत्यापन में तस्वीर या वीडियो के रूप में दस्तावेजी साक्ष्य की कमी भी बाधा थी। मजबूत अनुक्रिया प्रणाली के आभाव में घटना स्थल की त्वरित और सटीक पहचान भौगोलिक स्थान विवरण की सहायता से नहीं की जा सकती थी।

➤ नया ऐप इन सभी समस्या को दूर करेगा और फास्ट-ट्रैक शिकायत प्राप्ति और समाधान प्रणाली बनाएगा।