वाक फ्री फाउंडेशन द्वारा जारी ‘वैश्विक दासता सूचकांक 2018’ के अनुसार पूरे विश्व में उत्तर कोरिया में सर्वाधिक आधुनिक दासता (प्रतिशत दृष्टिकोण से) है। उत्तर कोरिया की 26 मिलियन आबादी में से 2.6 मिलियन यानी आबादी का 10 प्रतिशत आधुनिक दासता का शिकार है।
➽ इस सूचकांक में उत्तर कोरिया को सर्वोच्च रैंकिंग प्राप्त हुई है। यहाँ प्रति एक हजार आबादी में 104.6 लोग दासता के शिकार हैं।
➽ इस दासता सूचकांक के अनुसार भारत में एक हजार आबादी पर 6.1 लोग दासता के शिकार हैं। 167 देशों की सूची में भारत की रैंकिंग 53वीं हैं। हालांकि संख्या के हिसाब से देखा जाए तो भारत में आधुनिक दासता के शिकार लोगों की कुल संख्या 80 लाख है जो कि विश्व में सर्वाधिक है। परंतु सूचकांक की रैंकिंग आबादी की प्रतिशतता के दृष्टिकोण से तय की गई है।
➽ भारत सरकार ने इस सूचकांक की रैंकिंग व रिपोर्ट की आलोचना की है। महिला एवं बाल विकास मंत्रलय के अनुसार बलात श्रम की स्पष्ट व्याख्या नहीं है और इसकी विस्तृत व्याख्या की जरूरत है।
➽ इस सूचकांक में जापान को निम्नतम रैंकिंग प्राप्त हुई है जो कि सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन भी है। अर्थात पूरे विश्व में जापान में आधुनिक दासता सबसे कम है। यहां प्रति एक हजार आबादी पर दासता महज 0.3 है।
➽ सूचकांक में चीन की रैंकिंग 111वीं है और वहाँ प्रति एक हजार आबादी में 2.8 लोग दास हैं।
➽ सूचकांक में आधुनिक दासता को बलात श्रम हेतु हिंसा का प्रयोग, धोखा व धमकी का सहारा लेना, यौन उत्पीड़न एवं घरेलू नौकर के साथ बर्तााव के रूप में परिभाषित किया गया है।