Friday 3 August 2018

वह बीस साल तक पुरुष रहा, पर अब डॉक्टरों ने उसे स्त्री बना दिया है

एक रोचक चर्चा के दौरान एक मित्र ने कहा कि पुराने चिकित्सक जड़ी बूटी की दवा देकर गर्भस्थ भ्रूण का लिंग परिवर्तित कर देते थे, हमने प्रतिवाद किया कि ऐसा सम्भव नहीं क्योंकि भ्रूण का लिंग निषेचन के समय ही निर्धारित हो जाता है, इस पर एक मित्र बोले कि "नहीं, अब तो वयस्क होने पर भी लिंग परिवर्तन किया जा सकता है"... तब सोचा कि इस विषय पर लिखा जाये।    Gender Identity Disorder (Gender Dysphoria) -     बहुत ही साधारण भाषा में Gender Dysphoria का अर्थ है किसी व्यक्ति का जन्म के समय उसे मिले लिंग को स्वीकार न करना तथा विपरीत लिंग का होने व विपरीत लिंग के जननांग तथा सामाजिक रोल निभाने की अदम्य चाह रखना, यह चाह इतनी अधिक होती है कि उसके चलते व्यक्ति का सामाजिक जीवन प्रभावित होने लगता है।    कंजर्वेटिव एस्टिमेट्स के अनुसार प्रत्येक 10 से 20 हजार में एक पुरुष व 33 हजार से 50 हजार में एक स्त्री Gender Dysphoria से प्रभावित होती है।    इलाज मुख्यतः कॉउंसलिंग और साइकोथेरेपी है, परन्तु जिन मामलों में यह प्रभावी नहीं रहता, उन मामलों में Gender Reassignment Surgery अथवा Sex Reassignment Surgery (SRS) की जाती है।    आपको यह जानकर आश्चर्य नहीं होगा कि भारत SRS के लिये विश्व का महत्वपूर्ण मेडिकल टूरिज्म केंद्र है, हमारे कई डॉक्टर्स व केंद्र पिछले एक दशक में हजारों ऐसी सर्जरी सफलता पूर्वक कर चुके हैं।    SRS के लिये मरीज को लेने से पहले एक कड़ी प्रक्रिया है, सर्वप्रथम तो दो वरिष्ठ मनोरोग चिकित्सकों का यह आकलन होना चाहिये कि यह व्यक्ति Gender Dysphoria से प्रभावित है और SRS के बिना वह उपयोगी जीवन नहीं जी सकता, दूसरा उस व्यक्ति को Reassign किये जाने वाले Gender रोल में कम से कम एक वर्ष सफलतापूर्वक रहना होता है जिसमें कम से कम छह माह उसे Assigned Gender के हॉर्मोन्स भी दिये जाते हैं, तीसरा उसे एक अदालती शपथपत्र देना होता है यह बताते हुए कि वह इस सर्ज़री को अपनी इच्छा से करवा रहा है, उसे पता है कि यह रिवर्सिबल नहीं है व इसकी सीमाओं को जानता है।    Male to Female SRS :-    इस सर्जरी में सबसे महत्वपूर्ण है शिश्न व वृषणों को हटा कर योनि व क्लाइटोरिस का निर्माण, जो पहले चित्र में वर्णित है।  इसके अतिरिक्त व्यक्ति की मांग के अनुसार स्तनों व नितंबों की augmentation सर्जरी, चेहरे को स्त्री सा बनाने के लिये Facial Feminization सर्जरी, परमानेंट हेयर रिमूवल तथा Voice Feminization सर्जरी आदि भी की जाती है।    Female to Male SRS :-    इसमें मुख्यतः तीन प्रमुख सर्जरी होती हैं। पहला Breast Removal, दूसरा गर्भाशय व दोनों फेलोपियन ट्यूब्स तथा अंडाशयों का Removal तथा सर्वाधिक जटिल कार्य है, स्त्री वाह्य जननांग तथा शरीर के अन्य अंगों से ग्राफ्ट लेकर तथा Prosthesis की सहायता से एक Erect होने योग्य शिश्न का निर्माण, बहुधा इसके साथ ही Prosthetic Testes भी होते हैं। दूसरे चित्र में वर्णित।    यहाँ पर यह भी ध्यान देने की बात है कि SRS के पश्चात भी chromosomal स्तर पर उस व्यक्ति का लिंग वही रहेगा जो निषेचन के समय था, तथा SRS से स्त्री बना पुरुष गर्भधारण नहीं कर सकता, ठीक इसी प्रकार SRS से पुरुष बनी स्त्री वीर्य उत्पादित न कर सकने के कारण किसी बच्चे की बायोलॉजिकल पिता नहीं बन सकती।

एक रोचक चर्चा के दौरान एक मित्र ने कहा कि पुराने चिकित्सक जड़ी बूटी की दवा देकर गर्भस्थ भ्रूण का लिंग परिवर्तित कर देते थे, हमने प्रतिवाद किया कि ऐसा सम्भव नहीं क्योंकि भ्रूण का लिंग निषेचन के समय ही निर्धारित हो जाता है, इस पर एक मित्र बोले कि "नहीं, अब तो वयस्क होने पर भी लिंग परिवर्तन किया जा सकता है"... तब सोचा कि इस विषय पर लिखा जाये।

Gender Identity Disorder (Gender Dysphoria) - 

बहुत ही साधारण भाषा में Gender Dysphoria का अर्थ है किसी व्यक्ति का जन्म के समय उसे मिले लिंग को स्वीकार न करना तथा विपरीत लिंग का होने व विपरीत लिंग के जननांग तथा सामाजिक रोल निभाने की अदम्य चाह रखना, यह चाह इतनी अधिक होती है कि उसके चलते व्यक्ति का सामाजिक जीवन प्रभावित होने लगता है।

कंजर्वेटिव एस्टिमेट्स के अनुसार प्रत्येक 10 से 20 हजार में एक पुरुष व 33 हजार से 50 हजार में एक स्त्री Gender Dysphoria से प्रभावित होती है।

इलाज मुख्यतः कॉउंसलिंग और साइकोथेरेपी है, परन्तु जिन मामलों में यह प्रभावी नहीं रहता, उन मामलों में Gender Reassignment Surgery अथवा Sex Reassignment Surgery (SRS) की जाती है।

आपको यह जानकर आश्चर्य नहीं होगा कि भारत SRS के लिये विश्व का महत्वपूर्ण मेडिकल टूरिज्म केंद्र है, हमारे कई डॉक्टर्स व केंद्र पिछले एक दशक में हजारों ऐसी सर्जरी सफलता पूर्वक कर चुके हैं।

SRS के लिये मरीज को लेने से पहले एक कड़ी प्रक्रिया है, सर्वप्रथम तो दो वरिष्ठ मनोरोग चिकित्सकों का यह आकलन होना चाहिये कि यह व्यक्ति Gender Dysphoria से प्रभावित है और SRS के बिना वह उपयोगी जीवन नहीं जी सकता, दूसरा उस व्यक्ति को Reassign किये जाने वाले Gender रोल में कम से कम एक वर्ष सफलतापूर्वक रहना होता है जिसमें कम से कम छह माह उसे Assigned Gender के हॉर्मोन्स भी दिये जाते हैं, तीसरा उसे एक अदालती शपथपत्र देना होता है यह बताते हुए कि वह इस सर्ज़री को अपनी इच्छा से करवा रहा है, उसे पता है कि यह रिवर्सिबल नहीं है व इसकी सीमाओं को जानता है।

Male to Female SRS :-

इस सर्जरी में सबसे महत्वपूर्ण है शिश्न व वृषणों को हटा कर योनि व क्लाइटोरिस का निर्माण, जो पहले चित्र में वर्णित है।

इसके अतिरिक्त व्यक्ति की मांग के अनुसार स्तनों व नितंबों की augmentation सर्जरी, चेहरे को स्त्री सा बनाने के लिये Facial Feminization सर्जरी, परमानेंट हेयर रिमूवल तथा Voice Feminization सर्जरी आदि भी की जाती है।

Female to Male SRS :-

इसमें मुख्यतः तीन प्रमुख सर्जरी होती हैं। पहला Breast Removal, दूसरा गर्भाशय व दोनों फेलोपियन ट्यूब्स तथा अंडाशयों का Removal तथा सर्वाधिक जटिल कार्य है, स्त्री वाह्य जननांग तथा शरीर के अन्य अंगों से ग्राफ्ट लेकर तथा Prosthesis की सहायता से एक Erect होने योग्य शिश्न का निर्माण, बहुधा इसके साथ ही Prosthetic Testes भी होते हैं। दूसरे चित्र में वर्णित।

यहाँ पर यह भी ध्यान देने की बात है कि SRS के पश्चात भी chromosomal स्तर पर उस व्यक्ति का लिंग वही रहेगा जो निषेचन के समय था, तथा SRS से स्त्री बना पुरुष गर्भधारण नहीं कर सकता, ठीक इसी प्रकार SRS से पुरुष बनी स्त्री वीर्य उत्पादित न कर सकने के कारण किसी बच्चे की बायोलॉजिकल पिता नहीं बन सकती।